टू गर्ल्स Xx Xxx स्टोरी में मैंने अपने भाई की दोस्त लड़की को चोद चुका था. तभी उसकी सहेली आ गयी और हमें चुदाई करते देख लिया. हमने उसको भी अपने सेक्स खेल में शामिल कर लिया.
दोस्तो, मैं राहुल आपको अपनी जवानी की शुरुआत में हुई एक ऐसी सेक्स कहानी से रूबरू करवा रहा हूँ जिसकी कच्ची मिट्टी सी सौंधी महक आपके लंड चुत को पुरानी यादें ताजा करवा देगी.
कहानी के पहले भाग
भाई की दोस्त की सील तोड़ चुदाई
में अब तक आपने पढ़ा था कि पल्लवी को चोद लेने के बाद उसकी सहेली रानी मुझसे चुदने को राजी हो गई थी.
अब आगे टू गर्ल्स Xx Xxx स्टोरी:
रानी ने अपने सारे कपड़े बिना शर्म के उतार फेंके.
वाह … क्या मोटे मोटे रसीले आम लटक रहे थे और उसके अंगूर के जैसे निप्पल देख कर मेरे मुँह में पानी आ गया.
उसने कहा- तुम दोनों भाई सीधे लेट जाओ.
हम दोनों लेट गए.
मेरा लंड तो अब खड़ा नहीं हो रहा था, काफी चुदाई जो कर चुका था और वही हाल भाई का था.
फिर रानी और पल्लवी ने एक दूसरे को देख कर आंख मार दी.
रानी मेरे लंड को अपनी जीभ से चाटने लगी.
पल्लवी ने भाई के लंड को चूसा.
भाई बोला- मुझे और शादी शादी नहीं खेलना है.
वह उठ कर चुपचाप चला गया.
पल्लवी ने बड़ी दुखी होकर रानी की तरफ देखा और बोली- मैं भी थोड़ी थक गयी हूँ, मैं क्या करूं!
रानी ने पल्लवी को जम कर किस किया और उसे मेरे बगल में लिटा दिया.
हम दोनों रानी को देखते रहे, जैसा वह कहती … हम करते.
रानी अब मेरे और पल्लवी के होंठों को चूमते हुए मेरे सीने की एक घुंडी को चूमने लगी.
वह साथ ही पल्लवी के दूध भी मसल रही थी.
इससे हम दोनों गर्म होने लगे और काम की ऊर्जा वापस आने लगी.
रानी उठी और अब वह कभी मेरे लंड को चूसती, तो कभी पल्लवी की चूत को चूमती.
पल्लवी बोली- मुझे भी तुम्हारी कुँवारी चूत का रस पीना है.
रानी ने हंस कर अपनी पोजीशन चेंज कर दी और अपने मुँह को मेरे लंड पर सैट कर दिया.
उसने अपनी कुँवारी गर्म चूत को पल्लवी के मुँह पर रख दिया और लेट गयी.
उसकी जीभ मेरे लंड के चारों तरफ चलने लगी.
मेरा लंड एकदम से टाईट खड़ा हो कर पूरे सात इंच का हो गया.
मोटा लंबा लंड देख कर रानी हैरान हो गयी और उसे प्यार से सहलाने लगी.
क्या सुकून आ रहा था.
पल्लवी भी बड़ी समझ से कभी रानी की चूत के किनारों को चाटती तो कभी उसके ऊपरी दाने को दबाती.
कभी वह उसके छोटे से छेद को खोलने की कोशिश करती.
रानी पूरी तरह से ‘मम्मी आह … आह …’ करके कामुक सिसकारियां भरने लगी.
वह अपने एक हाथ से अपने आमों के उभारों को दबाती तो कभी उन्हें खींचने लगती.
मैंने भी अपना एक हाथ बड़ा करके उसके चूची के अंगूरों को मसल दिया.
रानी पूरी पागलों के जैसे ‘आं उम्म …’ करती हुई हमारे ऊपर रेंगती रही.
रानी का रस निकलने वाला था.
वह उठी और अपनी कोमल चूत को मेरे मुँह में दबा डाला और मम्मी मम्मी करके रगड़ती जा रही थी.
वह बीस साल की जवान लड़की होकर भी एक कमसिन लड़की के जैसी हरकतें कर रही थी.
‘उफ़ उफ़ मम्मी मम्मी’ करती करती वह जोर जोर से ‘ओह मां’ करके अपना जूस का खट्टा रस किसी नदी के सैलाव की तरह मेरे मुँह में बहाने लगी.
फिर वह ठंडी होकर गिर पड़ी.
अब मुझसे रहा नहीं गया.
मैंने पल्लवी से कहा- अब इसकी और नहीं सुनेंगे, ये हमारी बीवी नहीं बल्कि रखैल बनेगी.
पल्लवी भी यह सुनकर खुश हो गयी और बोली- हां, हर बार ये कुतिया रानी अपनी अपनी चलाती है. आज हम इसकी वही हालत करेंगे कि साली शादी के बारे में कभी सोचेगी भी नहीं.
रानी ने कहा- मुझे फिर ये खेल नहीं खेलना.
पर अब ये खेल नहीं बल्कि हमारे स्वाभिमान की बात थी.
मैंने रानी के दोनों पैरों को पूरी ताकत से पकड़ कर चौड़ा कर दिया.
उसकी झांटों के बालों को दांतों से खींचने लगा.
रानी चीखी और उसने भी मेरे बालों को पकड़ कर खींचा.
उधर पल्लवी उठी. उसने रानी के दोनों हाथों को पकड़ कर चौड़ा कर दिया और अपने दांतों से रानी की नाजुक अंगूरी रस से लबरेज चूची को काटने लगी.
रानी शरीर से हम दोनों के मुकाबले कमजोर थी इसलिए वह खुद को छुड़ा न सकी.
उसके पास अब चीखने के सिवाए कोई और रास्ता नहीं था.
पल्लवी ने अपनी झांटों वाली चूत को रानी के मुँह में दबा दिया.
इस वजह से रानी अब खुलकर चीख भी नहीं सकती थी.
मैंने भी उसकी कुँवारी चूत के छोटे से छेद में अपनी विशाल जुबान डालने की पूरी कोशिश की.
कभी उसकी चूत थोड़ी खुलती, कभी बंद हो जाती.
उसकी चूत से अभी भी मधुर रस टपक रहा था और खुशबू भी बहुत बढ़ने लगी थी.
मुझसे अब रहा नहीं गया और मैंने अपने दोनों हाथ के अँगूठों से उसकी चूत की फाँकों को अलग किया और एक साथ दो उंगलियां उसके नन्हें से छेद में डाल कर चुत चौड़ी कर दी.
जैसे ही उसका छेद थोड़ा सा खुला, मैंने तुरंत अपनी जुबान पूरी तरह से घुसेड़ दी.
आह … उसकी रस भरी चुत की गहराई में जाते ही मुझे जन्नत का स्वाद मिल गया.
अन्दर से बहुत ही नर्म … चाहे बाहर कितनी भी टाईट हो, चुत के अन्दर गर्म लावा भरा था.
रानी की आंखें लाल हो गईं और उसके बहते हुए आंसू धार बन कर पल्लवी की गांड में गुदगुदी कर रहे थे.
पल्लवी जोश में आकर रानी पर पूरा दबाव डाल रही थी और उसकी दोनों चूचियों के काले अंगूरों को निचोड़ कर लाल कर दिया था.
अब रानी दूसरे आसमान की सैर कर रही थी.
पल्लवी अपनी पिचकारी रानी के मुँह में मार कर उठ गयी.
तभी मैंने भी उसकी पिचकारी निकाल दी और उठ गया.
रानी सुन्न ही पड़ी रही और थोड़ी राहत की सांस लेने लगी.
लेकिन हमें उस पर बिल्कुल दया नहीं आई.
हमने रानी को पकड़ कर उल्टा लेटा दिया.
मैंने पल्लवी से कहा- जैसी हालत मैंने इसकी नादान चूत की की है, वैसी ही हालत इसकी मासूम गांड की भी होनी चाहिए.
पल्लवी ने रानी के दोनों पैरों को पकड़ कर मोड़ दिया.
इससे उसकी गांड के पुट्ठे दब गए थे, इसलिए पल्लवी ने उसे ताकत से चौड़ा कर दिया.
रानी की गांड का छोटा सा नाजुक छेद दिखने लगा था.
रानी अपनी गांड को अन्दर दबा रही थी इसलिए उसका छेद थोड़ा खुलता … फिर बंद हो जाता.
पल्लवी ने अपनी छोटी पर नुकीली जुबान से उसकी गांड के छेद में दबाव लगाया.
रानी मचल कर बोली- आह … जाने दो यार … अब मैं कभी अपनी अपनी नहीं चलाऊंगी.
लेकिन उसकी बात पर ध्यान न देते हुए मैंने रानी के बालों को खींच कर उसका चेहरा ऊपर उठाया.
इससे रानी के उभार जमीन पर दबने लगे.
उसका मासूम सा मुँह चोदने के लिए मेरे लंड ने फिर से ताव दिया.
रानी समझ गयी और बोली- आज मैं तेरे लंड को अपने दांतों से काट कर आधा कर दूंगी.
उस वक्त वह पागल शेरनी बन गयी थी.
मैं भी डर गया कि कहीं साली ने लौड़े को काट लिया तो लफड़ा हो जाएगा.
तब भी मैंने हिम्मत करके उसके मुँह को ऐसे पकड़ा ताकि वह दांत नहीं चला सके.
फिर मैंने अपने लंड को उसके होंठों को रगड़ता हुआ मुँह में डाला.
उसी वक्त पल्लवी उसकी गांड के छोटे से छेद को भेद ही नहीं पा रही थी इसलिए उसने अपनी दो उंगलियों को रानी की गांड में घुसेड़ दिया.
रानी एकदम से कराह उठी ‘उम् उम् मर गई आह … आह.’
उसने भी अपनी पूरी ताकत से अपने दांत मेरे लंड पर दे मारे.
मुझे भी दर्द हुआ और मैं गुस्से से पागल हो गया.
मैंने लंड को रानी के मुँह से निकाला और ताकत से उसकी नाक पर दे मारा.
उसे तो कुछ समझ नहीं आया.
इतने में पल्लवी, रानी की गांड के छेद को चौड़ा करने में सफल हो गयी और अपनी जुबान को नुकीला करके उसकी गांड में उतार दी.
रानी का चेहरा लाल हो गया.
पर मैंने अपने लंड की टोपी उसकी नाक के छेद में सटा दी.
मेरे लंड की खुशबू से रानी को मजा आने लगा.
पर जब मैंने प्रेशर दिया तो वह समझ गयी कि नाक के छेद को चोदने की कोशिश हो रही है.
‘हट जा नहीं तो मैं काट लूँगी!’
पर मैं नहीं रुका.
उसकी नाक लाल हो गयी.
थोड़ी खींचा-तानी के बाद उसकी नुकीली तोते जैसी नाक पकौड़े के जैसी हो गयी.
लेकिन लंड अन्दर नहीं गया.
वहीं पल्लवी अपनी पूरी जुबान अन्दर घुसेड़ चुकी थी.
रानी अब कुछ नहीं कर पा रही थी, उसने समर्पण कर दिया.
अब मैंने आसानी से उसकी नाक में लंड की थोड़ी सी टोपी को घुसा दिया.
मुझे बहुत जोश आया कि मैं जीत गया और मेरे लंड ने फुल स्पीड से दनादन पिचकारी मारना सुरू कर दीं.
पहली धार रानी की नाक के एक छेद में गयी, दूसरी उसकी नाक के दूसरे छेद में गयी.
तीसरी उसके मुँह में गयी और आखिरी उसके पूरे चेहरे पर फैल गयी.
वह रोने लगी और बाद में हंसने लगी.
सच में रानी को भी बड़ा मजा आया, पर वह हम दोनों से हार गयी, इसलिए रो रही थी.
पल्लवी पीछे से हटी तो रानी को थोड़ी राहत मिली.
पल्लवी ने कहा- क्या हाल किया है मेरी फ्रेंड का … चलो इसका मुँह धो देना चाहिए.
मैंने कहा- नहीं, रहने दो … ये इसी लायक है.
रानी को क्या पता कि उसकी फ्रेंड एकदम से अच्छी कैसे हो गयी.
लेकिन उसे हैरानी हुई और दुख भी हुआ, जैसे ही उसने देखा कि पल्लवी ने आकर उसका चेहरा पकड़ा और अपनी चूत की सुसु वाली छेद से उसकी नाक, मुँह, गर्दन, माथे पर आरती करने के अंदाज में तेज रफ्तार की मूत्र धार से उसे धो दिया.
मैंने जब ये सीन देखा तो मुझे हैरानी भी हुई और हंसी भी आई.
मेरे मुँह से निकला- वाह पल्लवी, क्या फेसवॉश किया है इसका!
पल्लवी ने अपनी जीत की खुशी में मुझे चूम लिया.
मैंने भी नीचे बैठकर पल्लवी की सुसु वाले छेद को चाटा. उसने उफ़ करके मुझे धन्यवाद दिया.
मैंने पल्लवी से कहा कि अब इस रानी का क्या करें?
रानी ने जोर से चीख कर कहा- अब मेरा ये हाल किया है तो मुझे चोद चोद कर रंडी भी बना दो.
वह वाकयी में रंडी बनने को उतावली हो रही थी.
मैंने कहा- रुक, मैं जरा अपने छोटे भाई को ले आता हूँ.
वह दूसरे कमरे में टीवी देख रहा था और मुठ मार रहा था.
मैं उसे अपने साथ ले आया.
मैंने उससे कहा- जैसा मैं कहता हूँ, वैसा करना.
उसने हां में सिर हिला दिया.
मैंने रानी को घोड़ी बना दिया और उसके एक पुट्ठे पर तीन चांटे जड़ दिए.
वह आह करके तन कर तैयार हो गयी.
मैं उसके नीचे लेट गया और मेरा लंड उसकी चूत के छेद को छूने लगा.
अब मैंने अपने भैया के पतले लंबे लंड को पल्लवी के हाथ में पकड़ा दिया और पल्लवी से कहा कि इसे भी पीछे से रानी की चूत पर सैट कर दे.
वह समझ गयी और हंसने लगी.
रानी कुछ समझी नहीं.
वह अपनी आंखें बंद किए कुतिया के पोज में बैठी थी.
उसे क्या पता था कि एक साथ दो लंड उसकी नाजुक जवानी की मां चोदने वाले हैं. जो छेद अभी पल्लवी की जुबान से थोड़ा खुल गया था, उसका क्या हाल होने वाला है.
मैंने पल्लवी से कहा- आल सैट … वन टू थ्री … अटैक!
उसी वक्त एक जोरदार झटका लगा और दोनों लंड आपस में रगड़ते हुए उसकी गहराई में घुस गए. चुत की झिल्ली को फाड़ कर ठहर गए.
रानी की आंखें फट कर खुल गईं और पूरी बाहर को आ गईं.
उसके मुँह से ऐसी चीख निकली कि इसके पहले उसने कभी नहीं निकाली थी.
पल्लवी ने उसका मुँह दबा कर बंद कर दिया.
उसकी चूत से खून की बूंदें टपकने लगीं.
पल्लवी बोली- हां, अब ये सच में रंडी बन चुकी है.
अब हमारा लंड आगे पीछे होने लगा.
कुछ मिनट में रानी की कामुक आवाजें निकलने लगीं.
वह उम्म उम्म की आवाजें निकालने लगी, उसे मजा आने लगा.
पल्लवी रानी के नीचे लेट कर हमारे तने हुए लंड को फूलों जैसी चूत में अन्दर बाहर होता देख रही थी. वह अपनी चूचियां मसलने लगी.
कुछ ही पलों बाद एक तेज धार रानी की चूत से बहकर पल्लवी के चेहरे पर गिरी.
रानी के भारी स्खलन की तेज धार ने हमारे लंड को भिगो दिया और हमारी भी तेज धारें फूट पड़ीं.
सारा रस तेज सैलाब की तरह बाहर आ गया और नीचे सोई पल्लवी के मुँह में भर गया.
पल्लवी उठ गई. उसने रानी के आनन्द को देखा तो उसका बदन पसीने पसीने हो गया था.
अब बारी थी उसकी गांड में दो लंड घुसाने की, पर ये काम आसान नहीं था.
पल्लवी ने कहा- थोड़ा आराम करो फिर इसकी गांड का गेम बजाएंगे.
रानी ने सुन लिया, उसने अपने हाथ जोड़ कर घुटनों के बल होकर कहा- मुझे छोड़ दो, यह मैं नहीं सह पाऊंगी. मैं स्वीकार करती हूँ कि मैं रंडी हूँ.
फिर मैंने कहा कि ठीक है, तू दोनों लंड एक साथ चूस!
उसने जैसे ही अपना मुँह खोला, हम दोनों के सिकुड़े हुए लौड़े उसके मुँह में जाते ही खड़े हो गए.
वह एक साथ दो लंड नहीं चूस पायी और अपना मुँह और चेहरा हाथों से ढक दिया.
मैंने कहा- हमें तो छेद चाहिए.
मैंने अपना लंड उसके कान में घुसेड़ दिया.
हम दोनों को जोरदार सुसु लगी थी और हमने रानी के कान में ही मूत दिया.
रानी फिर से रोने लगी और बोली- ऐसा तो कोई रंडी को भी नहीं पेलता है.
पल्लवी बोली- समय नहीं है, कुछ सोचो इसकी गांड में दो लंड कैसे घुसेंगे!
मैंने कहा- पहले तो इसकी गांड की तेल मालिश करनी पड़ेगी.
हमने ढेर सारा तेल उसकी गांड में पेल दिया. वह चिकनी हो गयी.
अब हम दोनों ने हमारे लौड़ों की तेल मालिश की.
रानी ने अपना मुँह खुद से बंद कर दिया. मैंने उसकी जांघों को कसकर पकड़ा, तो रानी के पुट्ठे कंपकंपाने लगे. पर पहले मैंने अपना लौड़ा घुसाया, उसकी आंखें लाल हो गईं.
फिर मैंने थोड़ी जगह भाई को दी. उसने भी अपनी लुल्ली को टिका दिया, पर अन्दर जाने का रास्ता जाम था.
मैंने साइड में एक छोटी उंगली डाल कर उसकी गांड के छेद को और ढीला किया.
वह बंद मुँह से भी चीख रही थी.
मैंने एक उंगली और डाल कर जगह बनाई.
भाई ने सीधा लंड टिका दिया और ताकत लगा कर झटका दे मारा.
हालांकि मेरे भाई में ताकत नहीं थी कि वह रानी की गांड फाड़ सके.
मैंने अपना लंड बाहर निकाला और भाई का लंड उसकी गांड में डाल दिया.
भाई का पतला लंड आसानी से घुस गया और साइड में मेरी उंगली भी चली गयी. मुझे थोड़ी जगह ज्यादा चाहिए थी. इसलिए मैंने चार उंगलियां इस्तेमाल की.
दो को ऊपर खींचा और दो को नीचे खींचा. रानी की गांड अपने आप मेरे लिए खुलती गयी.
रानी भी ज्यादा इंतजार नहीं कर सकती थी. मैंने पूरी ताकत से उंगलियों से जगह बनाई और लंड उसकी गांड में घुसा दिया. पता नहीं न जाने कैसे उसकी गांड से पेशाब निकलने लगा.
उसकी आंखें रोने लगीं.
पल्लवी को अब दया आने लगी. उसने थोड़े से तेल की बूंदें हमारे लंड पर टपका दीं तो हम दोनों तेजी से रानी की गांड चोदने लगे.
थोड़ी देर में रानी भी अपनी गांड उचकाने लगी और अपनी चूत को मसलने लगी.
पल्लवी ने रानी को किस किया.
मेरा लंड टू गर्ल्स Xx Xxx करके अब थक गया और जल्दी झड़ गया.
हम दोनों का लंड रबर के जैसे पच करके बाहर आ गया.
रानी थक कर सीधी लेट गयी और हम तीनों भी उसकी छाती पर सिर रख कर गिर गए.
फिर मैं कुछ न बोला, सब मुस्कुरा कर अपने कपड़े पहन कर अपने घर चले गए.
अब हम सब छुट्टियों में शादी शादी खेलते हैं और नए दोस्तों से रिश्ते बनाते हैं.
आपको यह टू गर्ल्स Xx Xxx स्टोरी कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.