सेक्स टीचर आंटी ने मुझे बायो सब्जेक्ट में मानव में प्रजनन वाले चैप्टर की थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों करवाए. असल में आंटी ने मेरे बड़े लंड का मजा लिया और मैंने अपनी पहली चुदाई की.
कहानी के पहले भाग
सेक्सी आंटी ने मंगाया चुदाई का सामान
में आपने पढ़ा कि किस तरह पूनम ऑन्टी के छूने भर से मेरे लन्ड ने पिचकारी मार दी और पूनम ऑन्टी की चुदाई एक दिन को टल गई। अगले दिन मैं ऑन्टी के मम्मे देख चुका था. मुझे पूनम ऑन्टी के विशालकाय मम्मों के रसपान का मौका मिला.
सिर्फ बाकी था प्रजनन!
अब आगे सेक्स टीचर आंटी की कहानी:
मैं पूनम ऑन्टी के दुदु पीने में इतना खो गया कि पीते पीते मैंने दुदु पे काट लिया.
पूनम ऑन्टी की चीख निकल गयी।
वे बोली- छोड़ कमीने … उई माँ … मैं मर गई!
उनके मुंह से गाली सुनकर मैं होश में आया और उनको सॉरी बोला।
पूनम ऑन्टी- बस कर पगले … सारा ज़ोर दूदू पे लगा देगा तो आगे क्या करेगा?
मैंने उत्सुकतावश पूछा- आगे क्या करना है? जल्दी बताइये ना?
पूनम ऑन्टी- आगे पढ़ना है. चल किताब खोल!
मेरे अरमानो पर पानी फिर गया, मैं उदास सा बोला- जी ऑन्टी!
सेक्स टीचर आंटी- चल अब मादा प्रजनन अंग वाला पेज निकाल!
मैंने मादा प्रजनन अंग वाला पन्ना खोल दिया.
ऑन्टी पहले से सिर्फ पैंटी में बैठी थी।
पूनम ऑन्टी- देखो, ये मादा प्रजनन अंग है योनि … और देसी भाषा में क्या कहते हैं?
मैं तुरंत बोल पड़ा- ऑन्टी चूत!
पूनम ऑन्टी- शाबाश … सीख गया लड़का! अच्छा तुझे चित्र देखकर तो समझ आएगा नहीं! क्यों सही कहा ना?
मैं कातिल हँसी के साथ- नहीं ऑन्टी!
पूनम ऑन्टी- ठहर!
और इतना कहकर उन्होंने अपनी पैंटी भी नीचे सरका दी।
अब मेरी सामने थी काम की देवी पूनम की गोरी चमड़ी वाली गुलाबी चूत!
चूत पर बालों का नामो निशान नहीं था।
आंटी की चूत के होंठों से टपकता पसीना उन्हें और खूबसूरत बना रहा था।
अब मैं किताब में बनी चूत और ऑन्टी की चूत का मिलान करने लगा।
मेरी उत्सुकता देख पूनम ऑन्टी बोली- अच्छा जी, बड़ी जल्दी है सब कुछ याद करने की? इससे पहले कि हम चूत के बारे में जानें … यह बता लो कल तुझे क्या सिखाया था?
मैंने कहा- कल हमने लन्ड के बारे में पढ़ा था ऑन्टी!
पूनम ऑन्टी- तो खोल उसे!
मैंने नर लिंग यानि लन्ड वाला पन्ना खोल दिया.
पूनम ऑन्टी- गधे … चित्र वाला नहीं, असली वाला खोल! नर मादा दोनों अंग सामने होंगे तो समझ जल्दी आएगा।
मैं जैसे इंतजार में था … मैंने झट से लोवर नीचे सरका दी.
आज मैं अंडरवियर नहीं पहन कर आया था।
पूनम ऑन्टी- वाह बेटा, चड्डी पहली ही उतार कर आये हो। चल टीशर्ट भी निकाल दे।
वे आगे बोली- अब सुन ध्यान से … ये चूत के पंख, होंठ जो भी बोलना चाहे … इनकी जैसे ही हटाते हैं, ये जो छेद है नीचे की तरफ … यही है चूत का प्रवेश द्वार! और लन्ड यहीं से अंदर जाकर अपने बीज या शुक्राणु डालता है और बच्चा होता है. और यही मानव प्रजनन है।
आंटी आगे बोली- ये तो हुई थ्योरी! अब प्रैक्टिकल!
मैं बड़े ध्यान से ऑन्टी की बात सुन रहा था और उनकी योनि देख रहा था।
पूनम ऑन्टी- योनि या चूत में लन्ड ऐसी ही नहीं चला जाता. उसके लिए क्या चाहिए उत्ते …
मैं तपाक से बोला- उत्तेजना! और उसके लिए दूदू पीना होता है, मुझे पता है।
पूनम ऑन्टी- नहीं … सिर्फ दूदू पीना काफी नहीं है!
और इतना कह कर उन्होंने अपनी चूत के पंखों को किनारे करके एक दाने जैसा कुछ दिखाया, बोली- देख ऋषि, ये चूत का दाना … इसे क्लाइटोरिस कहते हैं. इस पर जीभ फिराने से औरत उत्तेजित हो जाती है और उसकी चूत चिपचिपा रस छोड़ने लगती है जिससे लन्ड आसानी से चूत में चला जाता है।
वे आगे बोली- अब ऐसा कर … मेरी चूत के क्लाइटोरिस को चाट … जिससे काम रस निकलने लगे। फिर आगे का प्रैक्टिकल करेंगे।
मैं नीचे झुक कर ऑन्टी की गुलाबी चूत चाटने लगा।
शुरुआत में थोड़ा अजीब लगा … पर बाद में मजा आने लगा।
मैं किसी कुत्ते की तरह अपनी जीभ ऑन्टी की चूत पे चला रहा था।
इतना अच्छा चाटने की उम्मीद शायद पूनम ऑन्टी को नहीं थी।
उन्होंने मेरा सर अपनी चूत पर दबा दिया।
मैंने छूटना चाहा … पर चूत की आग शायद औरत को ताकतवर बना देती है।
ऑन्टी ने पूरी ताकत से मेरा सर चूत में घुसाया हुआ था।
और अचानक एक पानी के फव्वारे जैसे कुछ पूनम ऑन्टी की चूत से निकला और मेरा चेहरा सफेद पानी से सन गया।
चूत के पानी की आखरी बूंद भी ऑन्टी ने मेरे चेहरे पर ही गिराई।
इसके बाद वे बोली- कल तूने मुझे गन्दा किया, आज मैंने हिसाब बराबर कर दिया।
जब पूनम ऑन्टी की चूत का सारा पानी निकल गया और वे कुछ शांत हुई, पता नहीं उन्हें क्या सूझा, उन्होंने अपनी नाइटी फिर से पहन ली और मुझे भी कपड़े पहनने को कहा और बुदबुदाती हुई बोली- हे भगवान, ये मैं क्या कर रही थी।
मेरी तरफ देखकर बोली- जा अपने रूम में! हो गया चैप्टर खत्म। मुझे नींद आ रही है।
मुझे भी आप लोगों की तरह ही कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या वाकयी चैप्टर खत्म हो गया?
अगली रात मैं ऑन्टी के कमरे में नहीं गया और दिन भर ऑन्टी ने मुझसे बात भी नहीं की.
पर चूत की आग चटवाने से न कभी बुझी है न बुझेगी।
ऑन्टी की बरसों से प्यासी चूत फिर से मचल उठी और ऑन्टी ने मुझे आवाज दी।
रात के करीब 10:30 हुए होंगे कि पूनम ऑन्टी की आवाज आई- क्यों रे ऋषि, सो गया क्या? या पढ़ रहा है? सुन न ज़रा!
मैं दौड़ कर ऑन्टी के पास पहुंचा- नहीं ऑन्टी, अभी नहीं सोया. क्यों कुछ काम था? बोलिये न!
पूनम ऑन्टी- अरे नहीं रे … वो तेरे मानव प्रजनन वाला प्रैक्टिकल अधूरा रह गया था न!
मैं- आप तो कह रही थी चैप्टर खत्म!
पूनम ऑन्टी- वो मैं थक गई थी न … और नींद भी आ रही थी. इसलिए बोल दिया था. अभी तो मैं प्रैक्टिकल बाकी है. अगर सीखना है तो आ जा फटाफट!
मैं- ऑन्टी नेकी और पूछ पूछ … अभी किताबें लाता हूँ।
पूनम ऑन्टी- किताबों का क्या करना … थ्योरी तो मैंने तुझे बता दी थी न. आज बस आखरी प्रैक्टिकल। मैं तैयारी करती हूं, तू आ जा! और सुन … कपड़े उतार कर ही आना।
मैंने फटाफट कपड़े उतारे और ऑन्टी के यहां पहुंच गया बाहर वाले कमरे में जहां हम पढ़ते थे.
ऑन्टी वहां नहीं थी।
मैंने आवाज दी.
तो ऑन्टी ने कहा- यहां हूँ बेडरूम में … आ जा!
बेडरूम का नजारा होश उड़ा देने वाला था।
कमरे में धीमी रोशनी, चारों तरफ फूल ही फूल और बिस्तर भी फूलों से सजा था।
और लाल साड़ी में पूरी दुल्हन की तरह सजी खड़ी थी और हाथ में दूध का गिलास था।
मैंने कहा- ऑन्टी ऐसे प्रैक्टिकल करते हैं क्या? और ये दूध किसलिए? अच्छा आपके दूदू से नहीं निकलता इसलिए!
ऑन्टी जोर जोर से हंसने लगी, बोली- तू बहुत भोला है ऋषि!
और दूध का गिलास मेरी तरफ बढ़ा कर कहा- चल जल्दी से पी जा … फिर प्रैक्टिकल शुरू करें।
दूध में आंटी ने गोली मिलाई थी जो उन्होंने मुझे बाद में बताया था।
मैंने झट से सारा दूध पी लिया।
पूनम ऑन्टी- आज तक मैंने तुझे जो भी सिखाया है, वो तुझे करके दिखाना है। वो कर लेगा न?
मैं- जी ऑन्टी!
पूनम ऑन्टी- तो प्रजनन से पहले औरत को क्या करना होता है? उत्ते …
मैं जोर से- उत्तेजित!
पूनम ऑन्टी- तो कर मुझे!
“पर आपने कपड़े तो उतारे नहीं?”
पूनम ऑन्टी- तो तू उतार दे ना!
मैंने सबसे पहले ऑन्टी की साड़ी को उनके जिस्म से अलग किया।
अंदर ऑन्टी ने लाल ब्लाउज और लाल ही पेटीकोट पहनी थी।
मैं ऑन्टी के स्तनों पर हाथ फिराते हुए ब्लाउज को खोलने की जगह देखने लगा।
ऑन्टी ने हुक खोलने में मेरी मदद की, ब्लाउज की अंदर अभी ब्रा बाकी थी।
मुझे गुस्सा आ रहा था कि ऑन्टी ने कितने कपड़े पहन रखे हैं. कल तो एक बार में नंगी हो गयी थी।
ऑन्टी को मेरी तड़प में मज़ा आ रहा था।
उन्होंने कहा- ब्रा का हुक पीछे है, हाथ डाल कर खोल!
मैं ब्रा का हुक खोलने के लिए ऑन्टी के बिल्कुल करीब आ गया।
हमारी सांसें टकराने लगी। परफ्यूम की खुशबू मुझे मदहोश कर रही थी।
ब्रा का हुक खुलते ही पूनम के कबूतर आजाद हो गये और तन कर खड़े उसके निप्पल मुझे चुनौती दे रहे थे कि चूस न साले।
अब पूनम ऑन्टी ऊपर से बिल्कुल नंगी थी।
उनकी तड़प शायद बढ़ गई थी तो पेटीकोट और पैंटी उन्होंने खुद उतार फैंकी।
अब मैं और पूनम ऑन्टी एकदम नंगे एक दूसरे के सामने थे।
अचानक ऑन्टी ने मुझे चूमना शुरू कर दिया।
मुझे ये सब नहीं आता था और न ऑन्टी ने सिखाया।
थोड़ी देर बाद वे रुककर बोली- जैसे मैं करूँ, तू भी कर!
अब पूनम ऑन्टी कभी मेरे होंठ चूमती कभी चूसती कभी काटती.
और मैं भी बदले में उनके होंठ चूसता चाटता।
सेक्स की गोली और चुंबन ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया और मेरा लन्ड खड़ा होने लगा।
पूनम ऑन्टी को जैसे ही मेरा लन्ड नीचे चुभने लगा, वे समझ गयी कि असली खेल का टाइम आ गया है।
उन्होंने मुझे बिस्तर पर चलने को कहा।
पूनम ऑन्टी- सुन ऋषि, अब हम एक साथ एक दूसरे को उत्तेजित करेंगे जिससे प्रैक्टिकल जल्दी हो पाए।
मैं- पर ऑन्टी, ये कैसे होगा?
पूनम ऑन्टी- 69 पोजीशन से तू अपना मुंह मेरी चूत तरफ कर ले, मैं मुंह तेरे लन्ड तरफ करूँगी।
ऑन्टी ने मुझे चित लेटने को कहा।
मैंने वैसा ही किया।
पूनम ऑन्टी ने अपनी टांगें मेरे मुंह की तरफ की और मेरे ऊपर आ गईं।
उन्होंने अपनी चूत ठीक मेरे मुंह के सामने कर दी और उनका मुंह मेरे लन्ड से सामने था।
सेक्स टीचर आंटी ने कहा- जैसे कल सिखाया था, मेरी चूत चाट!
मैं चुपचाप ऑन्टी की चूत चाटने लगा और पूनम ऑन्टी मेरा लन्ड चूसने लगी।
अगले 15 मिनट ये चूत चटाई और लन्ड चुसाई चलती रही।
फिर ऑन्टी मेरे ऊपर से उठी और बोली- अब होगा सबसे जरूरी प्रैक्टिकल … लन्ड चूत का मिलन!
इतना कह कर वे पीठ के लेट गई और अपनी टांगें खोल कर चूत मेरे सामने कर दी, बोली- ऋषि, कल जो छेद मैंने बताया था, उसमें अपना लन्ड घुसा!
मैं छेद ढूढ कर लन्ड घुसाने की कोशिश करने लगा.
पर मुझे छेद नहीं मिल रहा था।
पूनम की तड़प बढ़ती जा रही थी।
आखिर में ऑन्टी ने लन्ड पकड़ कर चूत के छेद पर रखा और मुझे जोर लगाने के लिए कहा।
मैंने जोर लगाया तो 2 इंच लन्ड चुत में गया होगा, उनकी चीख निकल गयी।
कई सालों बाद उनकी चूत में लन्ड घुसा था इसलिए दर्द तो होना ही था।
ऑन्टी ने हाथ लगा कर देखा कि कितना लन्ड अंदर गया है।
उन्हें लगा अभी तो सारा ही बाकी है।
ऑन्टी बोली- सुन ऋषि, अपनी पूरी ताकत लगा के लन्ड पूरा अंदर कर दे। मैं कितनी भी चीखूं, चिल्लाऊं … तू रुकना नहीं।
मैं बोला- जी ऑन्टी!
मैंने पूरी ताकत से झटका मारा।
आंटी की चूत को चीरता हुआ 5 इंच लौड़ा अंदर घुस गया।
उनकी आंखों से आंसू बहने लगे।
मैंने सोचा कि ऑन्टी मेरे लिए कितनी तकलीफ झेल रही हैं।
तब ऑन्टी ने तकिया का सहारा लिया और कहा- मार दे एक जोरदार झटका!
मैंने पूरी ताकत से झटका मारा और मेरा पूरा लन्ड पूनम ऑन्टी की चूत की गहराई में खो गया।
पूनम के चेहरे पर संतुष्टि के भाव थे।
सेक्स टीचर आंटी की योजना कामयाब हो चुकी थी।
थोड़ी देर रोकने के बाद पूनम ऑन्टी ने कहा- ऋषि, अब लन्ड को अंदर बाहर करना है चूत में। थोड़ा बाहर खींच और फिर घुसा दे। चल कर!
मैं लन्ड को अंदर बाहर करने लगा।
इस समय मैं किसी स्वर्ग में था … ऐसा सुख ऐसा अहसास हो रहा था … आह आह!
थोड़ी देर बाद मेरी स्पीड अपने आप बढ़ गई.
ऑन्टी अपनी 44 इंच गांड उठा उठा कर मेरे हर झटके का जवाब दे रही थी और बड़बड़ा रही थी- ऐसे ही … ऐसे ही … ओह ओह ऋषि … मेरी जान कहाँ था तू … इतना प्यारा लन्ड बगल में था और मैं प्यासी थी। मिटा दे इस कुतिया चूत की प्यास! जोर जोर से … जोर लगा ऋषि! ओह आह … ओह आह … यस फ़क मी फ़क मी!
और फिर अचानक से मेरा लावा फूट पड़ा और मैंने कामरस से पूनम ऑन्टी की चूत भर दी।
ऑन्टी बोली- ले बेटा हो गया मानव प्रजनन! यहां एक ऋषि नर ने मादा पूनम की योनि में लिंग घुसा दिया कैसे लगा?
मैंने कहा- ऑन्टी, मानव प्रजनन इतना मज़ेदार है! काश सारी किताब में यही होता!
पूनम ऑन्टी- जानता है मानव प्रजनन को देसी भाषा में क्या कहते हैं? चुदाई … बोल क्या कहते हैं?
मैं- चुदाई।
पूनम ऑन्टी- तो जब तक तेरी परीक्षा नहीं हो जाती, रोज प्रैक्टिकल करेंगे। और तू रोज मेरे पास सोयेगा। और मैं पूनम ऑन्टी दिन में … इस कमरे में सिर्फ पूनम!
मैं- जी ऑन्टी … सॉरी पूनम!
तो यह थी पूनम और मेरी पढ़ाई वाली चुदाई।