देसी आंटी Xxx हार्डकोर सेक्स का मजा मेरे पड़ोस में रहने वाली आंटी ने दिया. आंटी बहुत सेक्सी थी, सारे लंड आंटी की चूत में घुसने को लालायित रहते थे. मौक़ा मिला मुझे!
मैं राजकुमार इंदौर मध्य प्रदेश से हूँ.
मेरी उम्र 27 साल है.
मैं काफी हट्टा-कट्टा हूँ.
चूंकि मैं जिम जाता हूं, जिससे मेरी बॉडी काफी मजबूत बन गई है और सब महिलाओं को बड़ी पसंद आती है.
मेरा लंड 7 इंच से कुछ अधिक लंबा और काफी मोटा है. यह महिलाओं और लड़कियों के लिए हमेशा रेडी रहता है.
यह देसी आंटी Xxx हार्डकोर सेक्स के मजे की बात 2021 की तब की है जब मैं पढ़ाई खत्म करके अपने घर आया था.
बात पड़ोस वाली नीतू आंटी की है.
उनकी उम्र 40 साल की है. वे अक्सर हमारे घर आती जाती रहती हैं.
आंटी अपने घर में अकेली ही रहती हैं.
उनके हसबैंड शहर से दूर जॉब करते हैं तो वे कम ही आते हैं.
और उनका बेटा दिल्ली में रहकर पढ़ाई कर रहा है.
आंटी का 34-30-36 का साइज बहुत ही कमाल का है.
उनको देखकर कोई भी सोचे कि काश इनकी ले सकता.
जब वे चलती हैं, तो उनकी गांड बहुत मस्त हिलती है.
वे अक्सर मुझे किसी न किस बहाने से बुला लेती थीं.
मैं भी उनकी हेल्प करने उनके घर चला जाया करता था.
चूंकि आंटी सेक्स के लिए बहुत भूखी थीं इसलिए उन्हें मेरे अन्दर एक मर्द की संभावना नजर आती थी.
आंटी की उम्र जरूर 40 साल की थी, पर वे लगती थीं कोई 30 साल की.
उनकी मॉडर्न टाइप के कपड़े पहनने की आदत के चलते वे और ज्यादा सेक्सी लगती थीं.
आंटी जब भी मुझे अपने पास बुलातीं, मैं उनके पास चला जाता और उनका बताया हर काम झट से कर देता था.
वे जब भी मेरे घर आतीं तो मुझे टच करने का बहाना करतीं.
एक बार तो आंटी ने मुझे चेंज करते भी देख लिया था.
उस वक्त वे हॉल में बैठी थीं और मेरे कमरे की खुली खिड़की से मुझे कपड़े बदलते हुए देख रही थीं.
मैं भी कुछ कुछ समझने लगा था कि शायद आंटी मुझ पर हाथ साफ करने की सोच रही हैं.
अब जब वे खुद मुझ पर हाथ साफ करना चाह रही थीं, तो मैं भी अनजान बना, उन्हें समझने की कोशिश करता रहता कि वे क्या चाहती हैं!
एक बार मेरा पूरा परिवार किसी शादी में बाहर जा रहा था.
शहर से बाहर किसी रिश्तेदार के यहां कार्यक्रम था.
वहां अनजान लोगों के बीच मुझे बड़ा बोरिंग सा लगता था तो मैंने जाने से मना कर दिया था.
मम्मी ने आंटी से कहा दिया था कि वे मेरा ख्याल रखें और मेरे लिए खाना आदि बना दें!
यह सुनकर मानो आंटी की तो कोई दबी हुई मनोकामना पूरी हो गई थी.
मम्मी के जाते ही आंटी मेरे घर आ गईं और उस वक्त वे बहुत ही सेक्सी सी ड्रेस पहन कर आई थीं.
लग भी ऐसी रही थीं, मानो अप्सरा धरती पर आ गई हो.
आंटी ने बहुत ही मस्त काली नेट की साड़ी पहनी हुई थी और स्लीवलैस ब्लाउज डाला हुआ था.
उनका यह ब्लाउज भी हाहाकारी था.
आधे से ज्यादा दूध उनके ब्लाउज से बाहर निकल कर भागने की फिराक में दिख रहे थे और पीछे से ब्लाउज की एक इंच चौड़ी पट्टी के चलते उनकी पूरी पीठ नंगी दिख रही थी.
उनकी नेट की साड़ी और टू बाई टू का पतला सा ब्लाउज, उनकी लेस वाली ब्रा को भी साफ साफ नुमाया कर रहा था.
सच कह रहा हूँ दोस्तो, आंटी बड़ी गजब की माल लग रही थीं.
उनकी कातिल जवानी पर लट्टू हो सकने के लिए मुहल्ले का हर मर्द राजी था, पर पता नहीं वे मुझे ही क्यों बहुत पसंद करती थीं.
खैर … यह क्या मामला था, वह तो मुझे बाद में मालूम हुआ था.
आंटी को पसंद तो मैं भी करता था पर मेरी गांड फटती थी कि कहीं पासा उल्टा पड़ गया तो इज्जत का फ़ालूदा हो जाएगा और वे मेरे बारे में मेरे घर में बोल देंगी तो मार कुटाई का लफड़ा अलग से होगा.
इसी लिए मैं उनकी तरफ से पहल होने का इंतजार कर रहा था.
उस दिन आंटी जैसे ही मेरे घर के मेन गेट पर आईं, मैंने उन्हें देखा और बोल दिया- आंटी जी, आज तो आप बहुत ही ज्यादा खूबसूरत लग रही हो, ऐसे तैयार होकर कहां जा रही हो?
वे बोलीं- कहीं नहीं बेटा, अब घर के घर में ही रहती हूँ, क्या करूं कहीं जाने का मौका ही नहीं मिलता है तो यहीं ट्राई कर लेती हूँ. आज मन हुआ तो पहन ली.
मैंने कहा- हां इसमें भी क्या बुराई है!
वे बोलीं- वैसे तू क्या कह रहा था … क्या सच मैं इतनी खूबसूरत लग रही हूँ तुझे!
मैंने कहा- हां यार आंटी जी, आज आप बहुत ही ज्यादा खूबसूरत लग रही हैं. आज तो सच में कोई भी आपको प्रपोज कर देगा!
वे हंसती हुई बोलीं- चल झूठा!
मैंने कहा- नहीं सच में आंटी!
वे मुस्कुरा दीं.
मैं- अच्छा पहले यह बताओ कि आज खाने में क्या बनाया है आपने?
वे डबल मीनिंग में बोलीं- अभी बनाया नहीं है, पर तुझे जो चाहिए, आज मैं वह खिला दूंगी.
मैंने कहा- तो फिर ऐसा करते हैं कि कहीं बाहर खाना खाने चलते हैं!
उन्होंने कहा- तूने तो मेरे मन की बात कर दी. मेरा भी बहुत दिन से मन था … चल चलते हैं.
मैंने कहा- बस मैं तैयार हो जाता हूँ!
मैं मन में सोच रहा था कि पहले तो इसे चोद दूं, पर मैं मजबूर था.
आंटी ने मेरे लोअर में खड़ा लंड देख लिया था और अब वे अपने होंठों को काट रही थीं.
मैं अन्दर गया तो आंटी मेरे पीछे पीछे अन्दर आ गईं.
उस समय मैं अंडरवियर में था और मेरा लंड भी खड़ा था.
ये देखकर आंटी बोलीं- बड़ा हो गया है राज तू अब … तेरी कोई गर्लफ्रेंड तो होगी ही!
मैंने कहा- नहीं आंटी, मैं बस पढ़ाई में ध्यान देता हूँ.
मैं भी समझ गया था कि आज आंटी की चुदाई पक्के में होने वाली है.
बस मैं बहाने कर रहा था कि इनके साथ खेल में थोड़ी देरी करूं.
आंटी बोलीं- जीएफ बना ले अब!
मैंने कहा- आप ही बन जाओ, मैं अब लड़की और कहां देखूंगा. आप किसी लड़की से वैसे भी कम नहीं लग रही हो!
वे बोलीं- चल हट, पागल सा … कुछ भी बोलता है.
मैं भी जल्दी नहीं करना चाहता था.
फिर हम दोनों बाहर रेस्टोरेंट में खाना खाने गए.
सब लोग आंटी की खूबसूरती को ही देख रहे थे.
मैं आंटी के बहुत पास में बैठा था. खाना खाते खाते मैं उनकी बहुत तारीफ कर रहा था और उन्हें टच भी करने की पूरी कोशिश कर रहा था.
मैं आंटी की जांघ पर हाथ लगा कर सहला भी दे रहा था.
आंटी भी मेरी हरकत को भांप गई थीं, पर उन्हें भी तो लंड चाहिए था.
वे बस मुस्कुरा रही थीं.
हम दोनों ने खाना खाया और घर वापस आ गए.
आंटी बोलीं- मेरे घर ही चल, यहां बोर हो जाएगा.
मैंने भी कहा- हां चलो.
मैं जानबूझ कर लोअर नहीं लाया.
आंटी बोलीं- तू टीवी देख, मैं चेंज करके आती हूँ.
मैंने कहा- क्यों चेंज करना, ऐसे ही रहने दो … आप तो ऐसी ही अच्छी लग रही हैं!
वे मुस्कुरा कर बोलीं- नहीं, मैं बस अभी आई.
मैं आंटी को चेंज करते हुए चुपके से देखने लगा.
क्या मस्त माल लग रही थीं. उनकी सेक्सी सी ब्रा पैंटी मुझे पागल कर रही थी.
आंटी के बड़े बड़े बूब्स और बड़ी गांड देख कर मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था.
मैं उन्हें वापस आते देख बैठकर टीवी देखने लगा.
आंटी ने बहुत टाइट टी-शर्ट और सेक्सी सी चिपकी हुई लैगी पहन ली थी.
मैं फिर से मौका देख कर बोला- आप तो सच में 30 साल की कुड़ी लग रही हो!
वे बोलीं- तू मजाक अच्छा कर लेता है!
मैंने कहा- सच में!
तो आंटी बोलीं- मैं तुझे कुड़ी लग रही हूँ, तो फिर जीएफ बना ले मुझे!
मैंने कहा- हां हां क्यों नहीं, मैं तो कब से चाह रहा था.
मैंने इतना कहा था कि आंटी झट से मेरे पर टूट पड़ीं.
वे मेरी बांहों में समाती हुई बोलीं- कब से तो तुझे इशारे कर रही थी, तुम ही नहीं समझ रहे थे!
मैंने कहा- मैं डरता था कि कहीं आपको अच्छा नहीं लगा, तो आप मम्मी को बता दोगी.
आंटी बोलीं- इसलिए तो तेरे घर आती रहती थी ताकि तुझे देख सकूं … तू जब से वापस आया है न … उसी दिन से तुझे पसंद करने लगी हूँ.
मैंने कहा- आंटी मैं भी आपका दीवाना हो गया था, जब से मैं वापस घर आया था, तभी से आपकी सेक्सी बॉडी देख कर मैं रोज आपके नाम की मुठ मारता था.
आंटी वासना से मुझे चूम कर बोलीं- अब से तुझे उसकी जरूरत नहीं पड़ेगी, अब मैं हूँ न तेरी प्यास बुझाने के लिए!
इतना सुनते ही मैं आंटी पर टूट पड़ा.
आंटी मुझे अपनी बांहों में कसती हुई बोलीं- कब से तुझे सिग्नल दे रही थी, तू है कि समझता ही नहीं. पर अब समझ गया … वही काफी है.
मैंने कहा- तो अब क्या करना है?
‘अब बस जल्दी से दे दे अपने जवान लंड से अपनी नीतू को मजा … कब से मैं भूखी हूँ!’
मैंने आव देखा ना ताव, सीधा टूट पड़ा आंटी पर, उन्हें धकेल कर लिटा दिया और उनके ऊपर चढ़ गया.
आंटी बोलीं- आज मैं तुझसे पूरा सुख चाहती हूँ … बस तू मुझे आज ठंडी कर दे.
मैंने आंटी की टी-शर्ट को ऊपर उठाते हुए गले से निकालते हुए उतारा और देखा कि आंटी ने ब्रा नहीं पहनी थी.
मैंने पूछा, तो बोलीं- आज तेरे लिए ही नहीं पहनी मेरी जान!
मैं एक बच्चे की तरह आंटी के दूध मसलने लगा और उनके दोनों दूध को बारी बारी से मुँह में लेकर चूसने लगा.
कसम से इतना मजा कभी नहीं आया, जितना आज आ रहा था.
आंटी खुद अपने हाथ से अपने दूध पकड़ कर मेरे मुँह में दे रही थीं और दूसरे हाथ से मेरे सर को अपने मम्मों पर दबा रही थीं.
फिर मैंने आंटी के होंठों को चूसना चालू कर दिया.
हम दोनों एक दूसरे में समां गए और वे भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं.
मैं आंटी के होंठ चूस रहा था और उनके मुँह में अपनी जीभ दे रहा था.
आंटी बोलीं- आज तो पूरी तरह मुझे मजा दे दे जानू … कब से प्यासी तड़फ रही हूँ!
मैंने आंटी के होंठ चूसते चूसते उनके निप्पलों को मसलने लगा.
आंटी बोलीं- आह्हह आराम से कर … आज मैं तेरी ही हूँ!
वे अपने हाथ से मेरे लंड को सहलाने लगीं।
मुझे एक महिला से अपने लौड़े को सहलवाने में बहुत मजा आ रहा था.
फिर आंटी ने मेरी जींस को खोल दिया और मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से सहलाने लगीं.
वे बोली- वाओ यार … तेरा लंड तो बहुत ही बड़ा और मस्त है!
मैंने कहा- बाहर निकाल कर प्यार करो न उसे!
वे लंड बाहर निकालने की कोशिश करने लगीं।
उन्हें देर लग रही थी तो मैं नीतू आंटी को लिटा कर उनकी बॉडी को चूमने लगा.
पहले गर्दन, फिर बगल को भी चाटा … उससे आंटी को और मजा आने लगा.
वे बोलती जा रही थीं- आआह्ह बेबी … कितना मजा दे रहा है तू!
मैंने कहा- आंटी आज बस मजे करो, अभी तो शुरुआत है. जब लंड आपकी चूत के अन्दर घुस कर तबाही मचाएगा, तब बताना कि कैसा लग रहा है!
अब मैं उनकी नाभि के छेद में जुबान डाल कर घुमाने लगा.
इससे आंटी बहुत ज्यादा गर्म हो गईं और कराहती हुई बोलीं- उम्म उफ्फ़ राज … अब लंड डाल दे … और मत तड़पा जान आह.
पूरे घर में हम दोनों की कामुक आवाजें गूंज रही थीं.
क्या मस्त माहौल था.
मैं आंटी की लैगी के ऊपर से उनकी चूत को सूंघने लगा, बहुत मादक खुशबू आ रही थी.
मेरे से रहा नहीं गया और मैंने तुरंत लैगी उतार दी.
फिर झपटते हुए मैंने आंटी की पैंटी के ऊपर जुबान लगा दी और चाटने लगा.
आआ ह्हह … क्या मस्त टेस्टी थी आंटी की चूत … आज तक ऐसा टेस्ट नहीं मिला था मुझे … उम्म.
मैंने फिर धीरे से आंटी की पैंटी उतार दी और पैर फैला कर उनकी चूत चाटने लगा.
कसम से इतना अच्छा नमकीन स्वाद कहीं नहीं मिला था और इस उम्र में भी उनकी चूत किसी जवान लड़की से कम नहीं लग रही थी.
आज ही आंटी ने चूत की साफ सफाई की थी.
उनकी चूत फूली हुई कचौड़ी से भी मस्त लग रही थी.
मैं अब सब भूलकर अपनी पूरी जुबान अन्दर तक डाल कर चूत चाटने में लगा हुआ था.
इधर आंटी का बुरा हाल हो रहा था.
वे बार बार बोल रही थीं- आह बस कर … अब डाल दे लंड!
पर मैंने उनकी एक नहीं सुनी.
मैं उनकी चूत चाटने में तल्लीन हो गया था; चूत के छेद को चौड़ा करके मैं अन्दर तक जुबान डाल रहा था.
आंटी बोलीं- आह राज मैं झड़ने वाली हूं … आह्ह!
इसी आवाज के साथ मेरे मुँह में ही आंटी झड़ गईं.
मैंने भी चूत का सारा पानी चाट चाट कर साफ कर दिया और उसके बाद भी मैं चूत चाटने में लगा रहा.
कुछ देर में ही आंटी फिर से गर्म हो गईं.
फिर आंटी में मुझे अपने ऊपर से हटा दिया और मेरी अंडरवियर खोल कर मेरे लंड को निकाल कर अपने दोनों हाथों से सहलाने लगीं.
वे बोलीं- वाओ यार राज क्या लंड है तेरा … आज तो तू मेरी चूत का भोसड़ा बना देगा!
यह कहकर आंटी ने पूरा लंड मुँह में ले लिया और मस्त चूसने लगीं.
‘आआह्ह्ह आंटी मेरी जान … कितना मस्त लंड चूस रही हो आआह.’
आंटी लंड चूसने में बहुत माहिर रांड सी लग रही थीं, वे पूरे लौड़े को मुँह में अन्दर बाहर कर करके अपने गले तक ले रही थीं.
जब आंटी लंड चूस रही थीं तो उनके मुँह से ‘आह ऊउम्म आह्ह’ की आवाज निकल रही थी.
वे मेरे आंडों के साथ खेल रही थीं और बोलती जा रही थीं- राज, आज तूने मेरा सालों का सपना पूरा कर दिया … जाने कबसे जवान लौंडे के लंड से चुदने का मन था … आआह्ह उम्म!
मैं भी जोश में बोला- आह चूस ना नीतू रानी … तू साली कितना मस्त चूस रही है!
वे बोलीं- तेरे मुँह से नीतू सुनकर बड़ा अच्छा लगा राज … आज से तू मुझे नीतू ही बोलना … आंटी मत बोलना!
मैंने कहा- हां मेरी नीतू रानी … आज से तू ही मेरी नीतू रण्डी है.
अपने लिए रंडी शब्द सुन कर नीतू आंटी और अच्छे से लंड चूसने लगीं.
कुछ देर में मेरा पानी आने को हुआ.
मैं बोला- आआह नीतू रानी … मेरा काम तमाम होने वाला है.
वे बोलीं- मुँह में ही निकाल दे डार्लिंग … मुझे आज सारा पानी पीना है, एक बूंद भी बाहर नहीं जाना चाहिए!
मैं पूरे जोश के साथ नीतू आंटी के मुँह में झड़ गया.
‘आआह नीतू रानी … आज तो तुमने मजा बांध दिया!’
आंटी ने मेरे लौड़े को चूस कर साफ कर दिया और मुझे लेटा छोड़ कर वे किचन में चली गईं.
उधर से आंटी हम दोनों के लिए दूध लेकर आईं.
एक गिलास मेरी तरफ बढ़ाती हुई आंटी बोलीं- पी ले राज, अभी बहुत लड़ाई बाकी है.
दूध पीते हुए ही हम दोनों ने एक दूसरे को अपने मुँह से दूध भर कर पिलाया और पिया.
फिर हम दोनों ने लिप किस करना चालू कर दिया.
मुझे तो ऐसा लग रहा था मानो मैं किसी जवान लौंडिया के साथ हूँ.
बहुत मजा आ रहा था आंटी के साथ.
आंटी मेरा लंड सहलाने लगीं तो मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
नीतू आंटी ने एक बार फिर से मेरा लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगीं.
मैंने उनके एक दूध को मसलते हुए कहा- आज तो तुम रुकने का नाम नहीं ले रही हो नीतू रानी … ऐसी क्या बात है?
वे बोलीं- ऐसा टाइम अब न जाने कब मिले, बस मुझे आज अपने मन की कर लेने दे!
नीतू आंटी ने फिर से मेरा लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगीं.
उनकी ‘उऊम्मम उफ.’ की आवाज आने लगी.
मैंने कहा- मुझे भी चूत चाटने दो.
हम दोनों ने 69 में चालू कर दिया.
‘आआह सच में नीतू क्या चूत है तेरी … साली रंडी बड़ा रस छोड़ रही है बहन की लौड़ी!’
मैंने गाली दी तो आंटी भी रांडपन पर उतर आईं और कहने लगीं- साले भोसड़ी के … चूत चाट मां के लौड़े!
अब हम दोनों चुदाई में गाली का आदान प्रदान करने लगे थे.
उधर नीतू आंटी पूरे जोश में मेरा लंड चूसने में मगन थीं.
फिर मैं उठा और नीतू आंटी के सामने आ गया. मैंने अपना लंड आंटी की चूत में लगा दिया.
चूत गीली होने की वजह से लंड फिसल रहा था, पर बहुत दिन से नहीं चुदने की वजह से अन्दर बहुत टाइट जा रहा था.
नीतू आंटी कराह कर बोलीं- आह साले … आराम से पेल काफी दिन से ड्रिलिंग नहीं हुई है इसकी!
मैंने एक ही झटके में अपना पूरा लंड नीतू आंटी की चूत में डाल दिया और गाली दे दी- तो एक बार में ले ले कुतिया … एक बार का दर्द अच्छा है बार बार के दर्द से आह ले भैन की लौड़ी छिनाल साली, जवान लौंडे का लंड खा हरामन.
‘आआह्ह्ह मादरचोद फाड़ दी बहन के लवड़े ने आह ऊऊ मर गई.’
सच में क्या चूत थी यार … एकदम गर्म गर्म.
आंटी कराहती हुई कह रही थी- बहन के लौड़े ने मार डाला … आह साले धीरे से नहीं डाल सकता था क्या मार ही डाला कमीन ने आह साले!
मैंने कहा- साली कुतिया अब तू मजे ले.
मैं लगातार झटके मारता रहा.
उधर नीतू आंटी के आंसू निकल रहे थे.
मैंने उनके होंठ चूसना चालू कर दिए और इधर झटके पे झटके देता जा रहा था.
उनका पूरा घर चुदाई की आवाजों से गूंज रहा था.
कुछ देर बाद आंटी को भी मजा आने लगा.
वे भी अपनी कमर हिला हिला कर साथ दे रही थीं और एक बार फिर से उनकी चूत से लावा फूट गया.
नीतू झड़ गईं जबकि मैं उन्हें लगातार चोद रहा था.
थोड़ी देर बाद मैंने आंटी को घोड़ी बनने को बोला, वे झट से घोड़ी बन गईं.
मैंने वापस थोड़ी देर उनकी चूत चाटी और अपना लौड़ा चूत में डाल दिया.
आंटी की ‘आआह्हह ऊऊहह … मर गई’ की आवाज निकल गई.
मुझे उनकी कमर पकड़ कर चोदने में मजा आ गया.
कुछ ही झटकों के बाद अब आंटी को भी भरपूर मजा आने लगा और वे अपनी गांड को लंड के साथ लयबद्ध तरीके से आगे पीछे करने लगीं.
साथ ही उनकी आआह उम्म उफ्फ की मादक आवाज मेरे लंड को संगीत जैसा साथ दे रही थी.
मैं उनकी पीठ पर लद गया और अपने दोनों हाथों से उनकी दोनों चूचियों को मसलता हुआ चूत में लंड चलाने का मजा लेने लगा.
वे भी मस्ती के साथ चूत चुदवा रही थीं और चूत चुदाई का मजा ले रही थीं.
थोड़ी देर चूत चोदने के बाद मेरा भी लावा फूट पड़ा और मैंने अपने लौड़े का सारा पानी आंटी की चूत में ही टपका दिया.
नीतू आंटी ठंडी आह भरती हुई बोलीं- आह्हह राज डार्लिंग … कितना सारा पानी डाला … अन्दर तक फील हो रहा है.
सच में हम दोनों ने उस दिन बहुत मजे किए और चुदाई के बाद एक साथ में बाथरूम में गए.
देसी आंटी Xxx हार्डकोर सेक्स का मजा लेने के बाद वहां मैंने नीतू आंटी के ऊपर ही सुसु की.
मेरे मूत से नहा कर नीतू आंटी को बहुत मजा आया.
फिर हम दोनों ने साथ में फव्वारे के नीचे खड़े होकर नहाना शुरू किया.
नहाते हुए ही मैंने आंटी की चूत के अन्दर फिर से लंड डालकर चुदाई का मजा लिया, सच में बहुत मजा आया.
फिर मैंने वहीं बैठकर आंटी की चूत चाटना शुरू की.
इस बार आंटी ने मुझे अपना मूत पिलाया.
हम दोनों ने वापस से एक और राउंड वहीं शुरू कर दिया.
वहां नीतू आंटी मेरे लौड़े पर बैठकर उछल उछल कर चुदीं.
नहाने के बाद हम दोनों बाहर आ गए और कुछ देर आराम करने के बाद फिर से चुदाई की.
इस तरह सुबह के 8 बजे तक आंटी मेरे लौड़े से बार बार चुदती रहीं.
दो दिन तक आंटी के घर में हम दोनों पूरे नंगे ही रहे और घर के हर कोने में हम दोनों ने सेक्स का मजा लिया.
अब मैं जब भी नीतू आंटी के घर जाता हूँ, तो बिना उनकी चुदाई किए वापस नहीं आता हूँ.
आगे की सेक्स कहानी में आपको बताऊंगा कि मैंने उनकी सहेली को भी चोदा और उन दोनों के साथ एक साथ सेक्स का मजा लिया.