जीजू ने रसोई में खड़े-खड़े मेरी चुदाई की-4

जीजू जोर-जोर के धक्के मारने लगे, जिससे मेरी गांड हिल रही थी। जब जीजू का लंड मेरी चूत के दाने को रगड़ता हुआ अंदर-बाहर होने लगा, तो मुझे और भी जोश आ गया और मेरी सिसकारियां बढ़ गई।

मेरी सिसकारियों से जीजू को भी जोश आ गया, और वो तेजी के साथ कस-कस कर चुदाई करते हुए लंड को मेरी चिकनी चूत में अंदर-बाहर करने लगे। अब जीजू ने अपने दोनों हाथों से मेरी चूंचियों को पकड़ कर जोर-जोर से धक्के मारने शुरू कर दिए थे। मैं अपनी चूत को सिकोड़-सिकोड़ कर जीजू का लंड अन्दर ले रही थी।

जोर-जोर से मेरी सिसकारी निकल रही थी: आह आह आह धीरे-धीरे करो जीजू।

जीजू बोले: साली साहिबा, आज बहुत दिनों बाद आपकी टाईट चूत चोदने को मिली है। आज तो भोसड़ा बना दूंगा मैं आपकी चूत का।

थोड़ी देर में मुझे बहुत मजा आने लगा था। मैं भी अपने चूतड़ हिलाने लगी। जीजू अपने लंड को जल्दी-जल्दी अंदर-बाहर करने लगे और कहने लगे-

जीजू: आह अस्मिना, तुम तो एक-दम सेक्सी माल हो यार। तुमको में बहुत दिनों से चोदना चाहता था आह। आज तुम्हारी चूत को मेरे लंड से फाड़ दूंगा, आह जान।

फिर जीजू ने मेरी कमीज निकालने को बोला, तो मैंने खुद ही दोनों हाथ ऊपर कर दिए, और जीजू ने मेरी कमीज निकाल दी। अब ब्रा में कैद मेरी दोनों चूचियां जीजू के सामने तनी हुई थी। फिर जीजू ने ब्रा के ऊपर से ही मेरी चूंचियों को धीमे-धीमे सहलाया। मुझे बहुत ही मजा आ रहा था। फिर जीजू ने मेरी ब्रा का हुक खोल कर ब्रा मेरे शरीर से अलग की, तो दोनों चूचियां फड़फड़ा कर जीजू के सामने लहराने लगी।

जीजू बोले: जान तुम्हारी गोरी-गोरी चूचियों पर हल्के भूरे रंग के निप्पल गज़ब ढा रहे है यार।

जीजू मेरे निप्पलों को अपने हाथ से मसलने लगे। मैं सिसकारियां भरने लगी। फिर जीजू ने मेरी नंगी चूचियां अपने हाथों में भर ली। ये सब हम खड़े-खड़े ही कर रहे थे।

अब जीजू मेरी चूचियों को मसलते हुए जोर-जोर से धक्के देने लगे। मेरी चूत गीली हो गयी थी, इसलिए जीजू का गर्म लंड अंदर-बाहर आराम से हो रहा था। जीजू जोर-जोर से धक्के दे रहे थे। मैं पागल हो रही थी। मेरी सिसकारियां निकल रही थी मैं आह ओह जीजू कर रही थी।

जीजू बार-बार अपना लंड बाहर निकाल रहे थे, और फिर से अंदर मेरी चूत में डाल रहे थे। जीजू ने पहले मेरी सलवार उतारी, फिर पेन्टी उतारी, फिर कमीज़, और उसके बाद मेरी ब्रा भी उतार दी थी। अब मैं जीजू के सामने पूरी नंगी थी।

जीजू ने मुझे आगे की तरफ झुका रखा था, और पीछे से जोर-जोर से मेरी चूत मार रहे थे। मेरे मुंह से सिसकारियां निकल रही थी। मैं अपनी गांड पीछे करती हुई जीजू के लंड से चुद रही थी। जीजू मेरी गांड पर थप्पड़ मार-मार कर मुझे चोद रहे थे। रसोई में मेरी कामुक सिसकियां गूंज रही थी। जीजू ने अपनी स्पीड बढ़ा दी, और तेज़-तेज़ मेरी चूत में अपने गर्म लंड को पेलने लगे।

मेरी चूत गीली होने से जीजू का लंड आसानी से पुच-पुच की आवाजें करता हुआ मेरी चूत में अंदर-बाहर हो रहा था। पूरी रसोई में मेरी चुदाई की आवाजें गूंजने लगी। उसके बाद जीजू ने मेरा एक पैर उपर करके आटे की टंकी पर रखा, और एक ही झटके में पूरा लंड मेरी चिकनी चूत में उतार दिया, और मुझे चोदने लगे। मैं अपने दोनो हाथों को पट्टी पर रख कर एक पैर आटे की टंकी पर रख कर आधी घोड़ी बनी हुई थी।

जीजू खड़े-खड़े अपना गर्म लंड मेरी नाजुक चिकनी चूत में सटासट अन्दर-बाहर करके झटके दे रहे थे। जीजू मुझे मेरे बाल पकड़ कर चोद रहे थे। चुदाई के झटकों के कारण मेरी लटकी हुई चूचियां हवा में झूल रही थी, और धक्कों की वजह से आगे-पीछे हो रही थी। हम दोनों तेज तेज सांसें ले रहे थे। जीजू रगड़-रगड़ कर धक्के लगा रहे थे। मेरी चूत से पानी निकल रहा था। पूरी रसोई में  फच-फच की आवाज आ रही थी।

अब मैंने हाथ पीछे करके जीजू को कस कर पकड़ लिया तो शायद जीजू समझ गये कि अब मुझे भी चूत चुदाई का मजा आने लगा था। तो जीजू और जोर से मेरी चूत में लंड अन्दर-बाहर करने लगे। मेरी चूत लंड को मजे से अन्दर-बाहर लेने लगी थी। जीजू मेरी चूत के परखच्चे उड़ाने में लगे हुए थे।

हम अपनी हवस में डूब कर दनादन जोर-जोर से चुदाई का आनंद ले रहे थे। हम दोनों चुदाई के नशे में थे, और चुदाई का मजा ले रहे थे। जीजू मुझे घपा-घप चोदे जा रहे थे। हमारे अन्दर हवस का ज्वालामुखी फूट गया था। मेरी चुदाई की आग भी बढ़ती जा रही थी। फिर जीजू ने अपना लंड मेरी चूत से निकाला, और हाथ से हिला कर वापिस मेरी चूत में घुसा दिया, और फिर से चोदने लगे।

मैं मस्त होकर जीजू का साथ दे रही थी। जीजू अपने लंड को बाहर निकाल कर लंड का टोपा मेरी चूत की दीवारों पर घिसने रगड़ने लगे। मैं सिसकार रही थी। आह आह ओह की आवाज मेरे मुंह से निकल रही थी।

जीजू मेरे नंगे गोरे सपाट चिकने पेट को सहला रहे थे। साथ ही मेरी नंगी चूचियों को भी बेदर्दी से मसल रहे थे। मेरी सांसें तेज हो रही थी, और मेरी सांसों के साथ मेरी चूचियां भी ऊपर-नीचे हो रही थी।

मैं अपना सीना ऊपर उठा-उठा कर लंड को अन्दर गहराई तक ले रही थी। जीजू जोर-जोर से मेरी चूचियां दबा रहे थे। मैं बहुत ही ज्यादा चुदासी हो गयी थी।

जीजू: आहहह अस्मिना आपकी चूत तो बहुत ही ज्यादा टाइट है।

मैं: अपनी साली की चूत अच्छी लगी क्या जीजू आपको?

जीजू: बहुत ही प्यारी और कसी हुई चूत है साली साहिबा आपकी। लंड डालने में बहुत मज़ा आ रहा है।

मैं: तभी ज़ोर-ज़ोर से धक्के मार रहे हो जीजू।

जीजू: हां अस्मिना, आज तो मैं फाड़ ही डालूंगा आपकी रसीली चूत को। इस दिन का तो मैं बेसब्री से इंतजार कर रहा था मेरी जान आआअहहह आअआहहह।

जीजू ज़ोर-ज़ोर से धक्के मार रहे थे, और मैं मजे से जीजू के लंड के धक्के खा रही थी।

मैं: आहहहहा फाड़ डालो आज अपनी साली की चूत को आअहहहहह आआहहहह आहहह।

जीजू: आपके बिना समय कैसे कटा ये मैं ही जानता हूं। जान अब मुझसे सब्र नहीं हो रहा था, तो मैं यहां आ गया जान।

मैं: हां मेरे जीजू, आज तो मैं पूरी की पूरी आपकी हूं, जो करना है कर लो।

जीजू: अस्मिना आप सलवार कमीज में कयामत लगती हो यार। मन करता है तुम्हारे कपड़े फाड़ दूं, और दबा कर चोद दूं तुमको।

मैं: ऐसी बात है क्या जीजू? इतना बड़ा तो लंड है आपका, और वो भी पूरा मेरी चूत में घुसा देते हो। मैं कहीं भागी थोड़ी ना जा रही हूं।

जीजू: अरे भागोगी तो पीछे से पकड़ के पीछे ही घुसा दूंगा लंड को।

मैं: अच्छा जी, पीछे से कहां घुसा दोगे जीजू?

जीजू: तुम्हारी मखमली गांड में घुसा दूंगा जान।

मैं: नहीं जीजू मेरी चूत में ही ठीक है। मेरी गांड में तो कभी नहीं घुसेगा आपका लंड।

जीजू: आज बड़े अच्छे मूड में हो जान। बड़ा चूत लंड गांड कर रही हो आप तो।

मैं: अब क्या करूं जीजू, मुझे आपका इतना बड़ा लंड जो चोद रहा है।

जीजू: चिंता मत करो आज आपको मज़े ले-ले के आराम से चोदूंगा।

अब तो पूरी रसोई में केवल कामुकता भरी आवाजें गूंज रही थी। मैं जीजू के लंड पर उछल-उछल कर चुद रही थी। जीजू मेरे बालों को पकड़क्षकर चोद रहे थे।

जीजू: इसलिए ही तो मैं तुम्हारे पास आ गया। बहुत अच्छी खुशबू आ रही है तुम्हारे बदन से।

मैं: आप क्या कर रहे हो जीजू ये बताओ।

जीजू: मैं तुम्हारी चुदाई कर रहा हूं, जान तुम्हारी चिकनी चूत में अपना लंड आह अन्दर-बाहर कर रहा हूं।

मैं: और किसी को पता चल गया तो?

जीजू: नहीं जान, किसी को पता नहीं चलेगा।

आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी मुझे मेल करके जरूर बताएं। आप सब के प्रत्युत्तर से ही मैं आगे और कहानी लिखूंगी।

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