ट्रेन में मिली बुर्के वाली भाभी की होटल में चुदाई

हॉट भाभी पोर्न कहानी में मुंबई की लोकल ट्रेन में मेरी दोस्ती पर्दे वाली एक भाभी से हुई. हमने होटल में मिलकर चुदाई का मजा लेने का प्रोग्राम बनाया.

आप सभी को मेरा नमस्कार.
मैं जतिन हूँ मुंबई से!

मेरे साथ कुछ दिन पहले की हुई सच्ची घटना है यह!
मैं उम्मीद करता हूं कि आपको बहुत पसंद आएगी.

मैं एक 5 फीट 8 इंच का नौजवान हूँ. मेरी उम्र 25 साल है.
दिखने में भी मैं काफी अच्छा हूँ.
मेरा लंड 7 इंच से ज्यादा बड़ा है और ये करीब 3 इंच मोटा है.

अब लड़के, लड़कियां, मर्द, औरतें और ख़ास कर भाभियां अभी से अपनी अंडरवियर में हाथ डाल लें.

यह करीब 3 महीने पहले की बात है.
मैं और मेरा एक दोस्त हम दोनों मुंबई के बस स्टैन्ड से लौट रहे थे.

करीब रात के एक बजे का समय था.

दादर से हम दोनों ने कल्याण के लिए लोकल ट्रेन से सफर करना शुरू किया.
कुछ देर बाद कुर्ला स्टेशन आया और एक खूबसूरत सी भाभी ने ट्रेन में अपना कदम रखा.

वह बुर्का पहन कर चढ़ी ही थी कि उसकी नजरें मेरी नजरों से टकरा गईं क्योंकि उसने अपना नकाब हटाया हुआ था.

उसी पल मैंने एक क्यूट सी स्माइल पास करते हुए उन्हें सीट ऑफर की.
रात में ट्रेन में इतनी भीड़ नहीं थी.

वे मेरे करीब ही बैठ गईं.
वे एकदम चुप थीं.

पर उनसे ज्यादा देर चुप नहीं रहा गया.
उन्होंने मुझसे बात करनी शुरू करते हुए हैलो कहा.

मैंने भी उन्हें हैलो कहा.
उन्होंने पूछा- किधर जा रहे हो?

मैंने लंबी सांस भरते हुए कहा- जहां नसीब ले जाए!
वे हंस दीं और बोली- हुंअ … इंटरेस्टिंग पर्सन … क्या नाम है तुम्हारा!

मैंने बताते हुए कहा- आप को क्या लगता है कि मुझे देख कर आपको क्या नाम अच्छा लगेगा?
वे बोलीं- मतलब?

मैंने कहा- बंदे को आप जो भी नाम देना चाहें … मैं उसी को रख लूँगा.
भाभी फिर से हंस दीं.

फिर उन्होंने मुझसे मेरी पढ़ाई के बारे में पूछ लिया और इस तरह से हमारे बीच बातचीत होना शुरू हो गई.

बातों ही बातों में उन्होंने मुझे जॉब के लिए पूछ लिया.
मैंने कहां- हाँ करता तो हूँ, पर अभी मैं और अच्छी जॉब देख रहा हूँ.

उस पर उन्होंने मुझसे कहा- तुम अपना रेज़्यूमे मुझे मेल कर दो, मैं कुछ देखती हूँ.
यह कहते हुए भाभी ने अपनी मेल आईडी मुझे बता दी.

मैंने उसी वक्त उन्हें मेल सेंड करके अपना रेज़्यूमे भेज दिया.
फिर हमारा स्टेशन आया तो हम सब उतर गए.

फिर करीब एक घंटा बाद मैं अपने फ्रेंड को बस में बैठा कर अपने घर जा रहा था.
तभी एक अंजान नंबर से मुझे व्हाट्सैप पर मैसेज आया ‘हाय सन्नो हियर, अभी थोड़ी देर पहले मैंने तुम्हारा रेज़्यूमे देखा!’

यह पढ़ते ही मैं खुश हो गया कि भाभी ने अपना नाम बताते हुए मैसेज किया है.
मैं उनसे मैसेज पर ही बात करने लगा.

अब हम दोनों के बीच मस्ती की बातें होने लगीं.
मैंने उनका नंबर सेव कर लिया और हमारी बातें परवान चढ़ने लगीं.

कुछ दिन में ही हम दोनों एक दूसरे के प्रति आकर्षित होने लगे.
फोन पर भी हमारी बात होने लगी थी.

कभी कभी मिल भी लेते और मूवी आदि भी देखने चले जाते.
इस तरह से हमारे बीच थोड़ा थोड़ा रोमांस भी होने लगा था.

अब जल्दी ही हमारे बीच कुछ इस तरह की आग लग गई थी कि सिर्फ मिलने से नहीं बुझ रही थी.
इस बात को हम दोनों ही महसूस करने लगे थे.

एक रात छत पर भाभी और मैं फोन पर बात कर रहे थे.
हम दोनों ने मिलने का प्लान किया.
हमारे बीच यह तय हुआ कि हम दोनों किसी होटल में जाएंगे.

उसी रात हम दोनों आपस में बातें करने लगे कि कमरे में जाकर क्या करना है.

अब इस बात पर न तो भाभी ही कुछ कह रही थीं और न ही मैं कुछ कह रहा था कि कमरे में जाकर करना क्या है.
जबकि हम दोनों ही समझ रहे थे कि उधर हम दोनों को चुदाई करने का खुल कर मौका मिलेगा.

भाभी मेरी तरफ देख कर हंसने लगीं और मेरे मजे लेने लगीं- तो बताओ न उधर जाकर क्या करना है?
मैंने कहा- उधर आपको मैं जीवन में आनन्द प्राप्त करने का एक गूढ़ रहस्य बताऊंगा.

भाभी बोलीं- तो वह रहस्य तो तुम इधर फोन पर भी बता सकते हो?
मैंने कहा- नहीं, वह अकेले और एकांत वाली जगह में ही बताया जाता है!

भाभी ने फिर से चुटकी ली- तो इधर भी तो हम दोनों अकेले में ही हैं और इधर एकांत भी है!

मैंने दिमाग लगाया कि भाभी मेरी ले रही हैं. अब कुछ ऐसा करना पड़ेगा … जिससे भाभी खुल जाएं.
तो मैंने कहा- ओके … तो क्या आप उस रहस्य को जाने के लिए अभी तैयार हैं?
भाभी मुस्कुराईं और बोलीं- हाँ मगर पहले बताओ तो!

मैंने कहा- आपको उस रहस्य को जाने के लिए एक अनुष्ठान करना है और उस अनुष्ठान में आपको अपने सारे कपड़े उतारने पड़ेंगे … तो बताइए भाभी जी क्या आप अभी तैयार हैं?
भाभी हंस पड़ीं और बोलीं- तुम सच में बहुत चालू पुर्जा हो. चलो मैं समझ गई कि तुमको मेरे साथ क्या करना है!

अब मैंने डोर पकड़ ली और कहा- अच्छा तो बताइए कि आपको क्या समझ में आ गया है?
भाभी छूटते ही बोलीं- तुमको मुझे चोदना है … सीधे सीधे बोलो न यार!

मैंने उनके मुँह से चोदना शब्द सुना तो मैंने कहा- या यूं कहें कि आपको मेरे साथ चुदवाना है!

वे हो हो करके हंसने लगीं और हम दोनों के बीच सेक्स की बातें होने लगीं.
कुछ ही देर में हमारे बीच इतनी ज्यादा बेचैनी हो गई थी कि क्या ही बताऊं.

उनमें से एक बात यह भी भाभी ने कही थी कि उन्हें हार्डकोर सेक्स बहुत पसंद है.

जब मैंने उनसे उसकी डिटेल में जानना चाहा तो उन्होंने वही सब बताया कि कोई शहद लगा कर चाटे या बेल्ट से मारे या मोम टपकाते हुए दूध चूसे. यह सब जानकर मैं मन ही मन प्लान बनाने लगा था कि भाभी को कैसे चोदना है.

फिर हम दोनों अलग हुए और सोने लगे.
मगर मुझे तो समझो नींद ही नहीं आ रही थी.
जैसे तैसे वह रात कटी और सवेरा हुआ.

मैंने अपने बैग में एक मोमबत्ती और लाइटर के साथ कुछ कंडोम के पैकेट रखे. फिर याद आया तो साथ में हनी और श्रीखंड भी ले लिया.
अब मैं स्टेशन पर पहुंच गया और भाभी के आने का इंतज़ार करने लगा.

कुछ ही देर में भाभी मस्त लाल रंग के चूड़ीदार सलवार कमीज में आती दिखाई दीं.
उन्होंने अपने बाल खुले रखे हुए थे.
होंठों पर लाल लिपस्टिक, हाथ में लेडी बैग टांग कर पेन्सिल हील्स पहने हुई आईं और मुस्कुराने लगीं.

मेरी तो उनके ऊपर से नजर ही नहीं हट रही थी.
कसम से भाभी आज कयामत लग रही थीं और आस पास खड़े सब लोग उन्हें ही घूरे जा रहे थे.

उनकी उठी हुई गोल गोल चूचियां और गांड ठुमकाने वाली उनकी कॅट वॉक पर तो मेरा दिल ही घायल हो गया था.

एक मन तो किया कि इन्हें अभी ही गोद में उठा कर शुरू हो जाऊं.
पर स्टेशन था, काफ़ी लोग थे. वैसा किया नहीं जा सकता था.

तभी हम हम दोनों होटल में पहुंचे और कमरे में जाते ही हम एक दूसरे पर भूखे जानवरों की तरह टूट पड़े.

मैं भाभी के खुले बालों में हाथ डाल कर लिप्स टू लिप्स किस करते हुए मजा लेने लगा.
भाभी के चूचों को मैं उनकी कमीज के ऊपर से ही सहला रहा था.

तभी अचानक से भाभी मुझसे अलग होकर बोलीं- एक मिनट रुको यार, मुझे कपड़ों में मजा नहीं आ रहा.
उन्होंने यह कहा तो मैंने उन्हें अपनी बांहों में खींचा और उनकी कमीज के पीछे लगे हुए हुक्स खोल दिए.

साथ ही भाभी की गर्दन पर किस करते हुए मैंने उनकी ड्रेस को खोलना चालू कर दिया था.
भाभी मेरे साथ रमण सुख का आनन्द लिए जा रही थीं.

मैंने उनके एक कान में अपनी नाक से गर्म सांस छोड़ते हुए उन्हें घुमाया और अपने सामने की ओर कर दिया.

आह भाभी के बड़े बड़े एकदम टाइट गुब्बारे उनकी पिंक कलर की ब्रा में कसे हुए दिखने लगे थे.
भाभी एकदम माल लग रही थीं.

तभी मैंने अपने हाथ उनके पीछे ले जाकर उनकी ब्रा का हुक भी खोल कर उसे निकाल दिया और उनके खड़े हो चुके कड़क गुलाबी चूचुक को किस करने लगा.
वे मानो एकदम से बिफर उठीं और अगले ही पल वे मेरी शर्ट के बटन्स खोलने लगीं.

हम दोनों किस भी किए जा रहे थे.
तब हम दोनों इतने जोश में थे कि कब मेरी छाती उनकी नंगी चूचियों से रगड़ने लगी, कुछ पता ही नहीं चला.

मैं भाभी की कमर पर किस करते हुए उनकी सलवार के नाड़े की तरफ बढ़ा और जल्दी से उनके नाड़े को ढीला करके उसे भी उतार दिया.
अब भाभी मेरे सामने एक नेट वाली पतली सी पैंटी में थीं और मैं भी अंडरवियर में रह गया था.

हम दोनों एक दूसरे हर अंग को पागलों की तरह चाट और चूस रहे थे.
हमारी कामुक सिसकारियां कमरे में एक मधुर संगीत बिखेर रही थीं.

‘आह … उउह …’

भाभी भी पूरी गर्म हो चुकी थीं और बार बार कह रही थीं- अब बस देर न करो … मुझे चोद दो जल्दी से आह!
मैंने झट से भाभी की पैंटी को खींच कर निकाला और उन्हें नंगी कर दिया.

आह क्या चिकनी गोरी चूत थी उनकी, ऐसी लग रही थी जैसे आज सुबह ही झांटों की सफाई की हो.
मैंने उनकी पैंटी को किस किया और उसको लंबी सांस लेकर सूंघ कर साइड में फेंक दिया.

फिर झट से अपने बैग से मधु निकाल कर उन्हें चटाया और उनकी चूत पर शहद की बोतल उड़ेल कर खूब सारा शहद चूत पर टपका दिया.

भाभी अपनी चूत पर ठंडे शहद का स्पर्श पाकर अचकचा उठीं और जब तक वे संभल पातीं कि मैंने उनकी चूत पर अपनी जीभ फेर दी.

भाभी एकदम से सिहर गईं और उनके कंठ से एक मीठी सी ‘आह मर गई’ निकल पड़ा.
मैं लगा रहा और उनकी चूत को चाटने लगा.
कभी चूत को चुम्मी करता, तो कभी चाट लेता.

उसी दौरान मैंने अपने हाथ में पकड़ी हुई शहद की शीशी को उनके एक दूध के निप्पल पर टपका दिया.
वे अब शहद का मजा समझ गई थीं तो अपनी उंगली से अपने निप्पल पर शहद मलने लगीं और मेरे हाथ से शहद की शीशी लेकर अपने दूसरे दूध के निप्पल पर लगाने लगीं.

फिर उन्होंने मेरे बाल पकड़ कर मुझे दूध चूसने का इशारा किया.
तो मैं भाभी के मम्मों पर आ गया.

अब कभी मैं उनके एक दूध के निप्पल पर लगा शहद चूसता, तो कभी दूसरे को चूसने लगता.

यूं ही खेल चलता रहा. चूत और चूचियों को मैंने छक कर चूसा.

मेरे ऐसे करने से भाभी अब तक दो बार झड़ चुकी थीं और वे पागलों की तरह मेरे लंड से चुदने के लिए मचल रही थीं- आह … अब चोद भी दो … प्लीज चोद दो!

मैं उन्हें तड़फाए जा रहा था क्योंकि प्यास जितनी गहरी हो, बुझाने में उतना मजा ज्यादा आता है.

फिर मैंने उनके दुप्पटे से उनके हाथ पैर बांध कर उन्हें बेड पर सीधा लिटा दिया.
इसके बाद मैंने अपने रूमाल से उनकी आंखों को बंद कर दिया.

अब मैं मोमबत्ती जला कर तैयार हो गया.
मैं अपने एक हाथ में जली हुई मोमबत्ती और एक हाथ में बेल्ट लेकर आगे आया.

फिर जैसे ही मैंने उनके दूध पर मोम टपकाई … भाभी चीख उठीं.
उनकी इस चीख ने मुझे बड़ा सुकून दिया था.

दोस्तो, यह एक ऐसा सेक्स है, जिसे करें से जो सुख मिलता है वह चुदाई के सुख को दोगुना कर देता है.

अब मैं कभी उन्हें मोमबत्ती के मोम टपका कर मजा लेता तो कभी उनकी उसी जगह को चूम कर चूस लेता और किस कर देता, तो कभी उसी जगह पर बेल्ट से मारता.

भाभी का अंग अंग एकदम लाल टमाटर की तरह हो गया था और वे चुदने के लिए एकदम बेताब हो गई थीं.

अब मैंने जरा सा श्रीखंड अपने लंड पर लगाया और उनके मुँह में देकर लंड चुसवाया व चटवाया.
भाभी भी खूब मज़े से लंड को ऐसे चाटे जा रही थीं जैसे बरसों बाद कोई लंड मिला हो.

उन्होंने मेरे लौड़े को चूस चूस कर एकदम लाल कर दिया था.
मेरा लंबा और मोटा लंड अब चूत के लिए बेताब हो उठा था.

मैंने अब भाभी के हाथ पैर खोल कर उन्हें खड़ा कर दिया और दीवार से टिका दिया.

फिर भाभी की चूत की दरार में अपने लंड को धीरे से रगड़ने लगा.
भाभी भी अपनी चूत आगे को बढ़ा कर मेरे लंड को अपनी चूत में अन्दर लेने की कोशिश कर रही थीं.
पर लंड आसानी से कहां घुसने वाला था.

तभी मैंने अपने बैग से एक कंडोम निकाल कर लंड पर चढ़ा दिया.
फिर भाभी को किस करते हुए मैंने उनकी चूत पर लंड का सुपारा सैट कर दिया और ताक़त लगा कर पहला झटका देते हुए उनके होंठों को अपने होंठों से दबा लिया.

पहले तो कुछ पल के लिए उनकी आवाज अटक गई.

फिर जैसे ही लंड का टोपा चूत को चीरता हुआ अन्दर घुसा, उनके पसीने छूट गए.
वे चिल्लाने की … और मेरी पकड़ से छूटने की कोशिश करने लगीं, छटपटाने लगीं.

पर मैंने उन्हें नहीं छूटने दिया, बल्कि अपनी पकड़ और मजबूत करते हुए थोड़ा ठहर गया.

फिर कुछ पल बाद जब भाभी को आराम हुआ तो वे अभी थोड़ी सामान्य हुई ही थीं कि मैंने एक और जोर का झटका मार दिया.
तभी उनकी दर्द भरी कामुक आवाज निकल गई- उईई मांआ मर गईइइ … भोसड़ी के मां चोद दी तूने मेरी चूत की … निकाल अपने लवड़े को … आह … साले ने चूत ही फाड़ दी!

उधर वे चिल्ला रही थीं और इधर में भी कहां कुछ मानने वाला था.
इसी बीच मैं एक जोर का झटका देते हुए अपना पूरा लंड भाभी की चूत में डाल दिया.

वे एकदम से ‘आआवव … मांआह … र गई …’ की आवाज करती हुई चीखीं.
तभी मैंने लंड थोड़ा सा बाहर को निकाल लिया.

फिर देखा तो मेरे लंड पर खून लगा था.
इसका मतलब भाभी की चूत फट गई थी, तभी उनको थोड़ा दर्द हुआ था.

मैं बड़े प्यार से उन्हें किस करते हुए चोदने लगा.
कुछ ही देर में भाभी को भी मज़ा आने लगा और वे भी अपनी चूत आगे पीछे करने लगीं.

मैं उन्हें और तेज़ गति से चोदने लगा.
भाभी ‘उई … एयेए … उई अम्म्म!’ किये जा रही थीं.

इसी तरह करीब लगभग 15 मिनट की चुदाई में भाभी दो बार और झड़ चुकी थीं.

अब मेरा भी होने ही वाला था, तभी मैंने भाभी से कहा- सन्नो मैं आ रहा हूँ!

वे अपनी चूत से लंड निकाल कर नीचे बैठ गईं और लंड से कंडोम को निकाल कर सामने बैठ गईं.
मैंने अपने लंड की पिचकारी भाभी के चेहरे पर दे मारी.
कुछ बूँदें उकी गोरी गुलाबी चूचियों पर भी जा गिरीं.

मैं एकदम से निढाल हो गया था, तो मैंने भाभी को पकड़ा और उन्होंने मुझे पकड़ लिया.
हम दोनों एक दूसरे को पकड़ कर वहीं बेड पर गिर कर सो गए.

कुछ देर बाद उठे तो फिर से सहवास शुरू हो गया.

उस दिन मैंने 3 बार अलग अलग पोज़िशन में भाभी की चुदाई का मजा लिया.

अभी भी जब भी मौका मिलता है, तो हम दोनों चुदाई कर लेते हैं.

आगे की सेक्स कहानी को मैं फिर लिखूंगा कि कैसे मैंने सन्नो जान की गांड मारी और उन्हें चोद कर खुश किया.

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