शादी में मिली अनजान लड़की से दोस्ती और सेक्स

स्वीट गर्ल किसिंग स्टोरी में मैं अपने गाँव में शादी में गया तो वहां एक लड़की से मेरी सेटिंग हुई. हमारी किसिंग भी हुई मगर वह लड़की चूत देने को तैयार नहीं थी.

नमस्कार दोस्तो,
कैसे हैं आप सब लोग?
उम्मीद करता हूं आप सभी कुशल मंगल में होंगे.

मैं आपका पुराना दोस्त अजय चौधरी!
मेरी उम्र 25 साल है. मैं लखनऊ का रहने वाला हूं.

मैं अभी पढ़ाई भी कर रहा हूं और साथ ही साथ आपने पापा के बिजनेस में भी साथ देता हूं.

जिन लोगों ने मेरी पिछली कहानी
पहली गर्लफ्रेंड से दूसरी मुलाक़ात
नहीं पड़ी है वे लोग मेरी पहले कहानी को पढ़ें और उस का आनंद लें.

आज फिर से एक नई कहानी लेकर आप सबके बीच उपस्थित हुआ हूं
उम्मीद करता हूं जैसा प्यार आप लोगों ने मेरी पिछली कहानी को दिया था वैसा ही प्यार मेरी इस कहानी को भी मिलेगा।

यह मेरे जीवन की दूसरी सत्य घटना पर आधारित स्वीट गर्ल किसिंग स्टोरी है

यह कहानी आज से कुछ साल पहले की है जब मैं ग्रेजुएशन के सेकंड ईयर में था.

तब मैं अपने पापा के साथ उनके ऑफिस को भी संभालता था और साथ ही साथ मैं ग्रेजुएशन की तैयारी भी करता था.

एक दिन की बात है मैं घर पर बैठा था तो घर की घंटी बजी.

घर पर पापा और मम्मी दोनों थे.
पापा अपने ऑफिस का कुछ काम कर रहे थे और मम्मी रसोई में हम लोगों के लिए चाय नाश्ता बना रही थी.

मैंने दरवाजा खोला.
तो देखा कि गांव के एक भैय्या सामने खड़े थे.
वह पापा के खानदान के ही थे, उनका नाम अतुल था.

पापा बोले- कौन है दरवाजे पर?
तो मैंने कहा- गांव से अतुल भैय्या आए हैं.

पापा बोले- उन्हें दरवाजे पर क्यों खड़ा किए हो, अंदर बुलाओ.
तो मैं उन्हें अंदर लेकर आया और सोफ़े पर बैठने को बोला.

अतुल भैय्या बैठ गए और पापा अपना काम छोड़ कर तुरंत अतुल के पास आए और उनसे मिले और मुझसे बोले- जाओ अजय, अपने भैय्या के लिए कुछ नाश्ता पानी लाओ.
मैं रसोई में गया मम्मी से बोला- बाहर गांव से अतुल भैया आए हैं. उनके लिए कुछ चाय नाश्ता दो.

मम्मी ने हम सभी के लिए चाय नाश्ता लगाया.
मैं चाय नाश्ता लेकर बाहर गया.
हम सब ने चाय नाश्ता किया और साथ ही मम्मी पापा ने अतुल भैया से गांव के हाल-चाल पूछे और वहां का माहौल जाना.

फिर उनका यहां आने का कारण पूछा.
तो अतुल भैया ने बताया- उनकी छोटी बहन की शादी तय हुई है। 2 हफ्ते बाद की शादी है.

तब हम लोगों को पता चला कि शादी का निमंत्रण कार्ड देने अतुल भैया हमारे घर आए हैं.

उनकी छोटी बहन मुझसे बड़ी है, उसका नाम शिवानी है.
शिवानी दीदी मुझसे उम्र में कई साल बड़ी है.

मैं जब भी गांव जाता था तो बड़े प्यार से मुझे अपने छोटे भाई की तरह प्यार करती थी.

भैया ने हमें निमंत्रण कार्ड दिया और बताया- यहां लखनऊ में मेरे कुछ और रिश्तेदार हैं, जान पहचान वाले हैं, जिन्हें निमंत्रण देना है. घर का पता उनका है मेरे पास … लेकिन रास्ता मुझे नहीं मालूम है.
तब मेरे पापा ने बताया- आप एक काम करो, अजय को अपने साथ लेकर जाओ. वह आपका यह काम करने में मदद करेगा.

तब मुझसे भैया ने पूछा- अजय, तुम मेरे साथ चलोगे?
मैंने अपनी मम्मी की तरफ देखा और मम्मी ने मुझे इशारा किया तो मैंने भी बोल दिया- ठीक है. जैसा आप कहें!

उसके बाद चाय नाश्ता करके हम लोग घर से निकले.
दिन भर लग गया उनके निमंत्रण कार्ड बांटने में.

शाम को फिर हम घर पहुंचे चाय नाश्ता किया और पापा ने हालचाल पूछा.
और भैया से पूछा- तुम्हारा काम हो गया?
अतुल ने बताया- हां जी चाचा जी, काम हो गया है। अब मुझे आज्ञा दें, मुझे भी गांव के लिए निकलना होगा. काम बहुत है और समय बहुत कम है.

अतुल भैया के बारे में आपको बता देता हूं.
भैया हमारे गांव के हमारे पापा के खानदानी है.
उनके पापा की मृत्यु हो गई है और उनकी माता जी हैं.

भैया ही अपने घर का खर्चा चलाते हैं.
अभी उनकी शादी नहीं हुई है लेकिन उनकी छोटी बहन जो शादी के लायक हो गई है उन्होंने उसकी शादी पहले करने को सोचा, बाद में खुद की!
भैया के घर में सिर्फ उनके मम्मी और उनकी बहन ही है।

भैया जाते-जाते मेरे पापा से बोले- चाचा जी, आपको पता है कि हमारे घर पर बड़े बुजुर्गों कोई है नहीं देखभाल करने वाला … इसलिए आपसे मैं विनम्र निवेदन करता हूं कि आप कुछ दिन पहले ही शादी में आयें और शादी का देखभाल और कामकाज संभालें.

तो मेरे पापा ने कहा- बेटा, मैं आ जाऊंगा लेकिन मैं ज्यादा समय पहले तो नहीं आ सकता. फिर भी मैं कोशिश करूंगा कि जितनी जल्दी हो सके मैं आ जाऊं.

तब मेरी मम्मी ने कहा- बेटा, तुम चिंता मत करो. मैं एक-दो दिन में अजय को फ्री करके भेज दूंगी. यह तुम्हारे कामों में मदद करेगा.
अतुल भैया ‘ठीक है’ बोलकर चले गए।

उसके बाद 2 दिन बाद मम्मी ने मुझे भी जाने को बोला.
मैं भी अपना सामान पैक करके निकल गया.

गांव पहुंचकर सबसे पहले अपने घर गया, उसके बाद फ्रेश होकर अपने दोस्तों से मिला.

फिर दोस्तों के साथ अतुल भैया के घर गया और उनसे हाल-चाल लिया, उनसे पूछा- भैया जी, मैं आ गया हूं. बताएं क्या काम करना है.
मुझे उन्होंने बोला- बेटा अजय ज्यादा कुछ काम नहीं है बस मेहमानों को खाना खिलाने की जिम्मेदारी तुम्हारी है.
मैंने कहा- ठीक है।

आप सभी को पता ही होगा कि गांव में अगर कोई शादी होती है तो 1 हफ्ते पहले से ही लोगों को मोहल्ले वालों को खाना खिलाना होता है.
तो मेरी ड्यूटी यही थी, सुबह उठना, सब्जी मंडी जाना, वहां से सब्जी लेकर आना. दोपहर तक खाना बनवाना और शाम को खाना सभी को खिलाना. जो मेहमान आए हैं उन्हें … और मोहल्ले वालों को!
मैं और मेरे दोस्त सभी इसी काम में लगे हुए थे।

रात को हम सभी दोस्त मिलकर मस्त पार्टी करते थे, दारू वगैरह पीते थे.

शादी के 3 दिन पहले शिवानी दीदी की एक सहेली आने वाली थी जोकि किसी वजह से नहीं आ पाई तब शिवानी दीदी ने मुझसे बोला- अजय, मेरी एक फ्रेंड है वह अपने ससुराल में है. उसने मुझसे वादा किया था कि वह मेरी शादी में 1 हफ्ते पहले आएगी. लेकिन वह किसी कारणवश नहीं आ पा रही है तो तुम जाओ और उसके घर से उसको बुला कर ले आओ.

मैंने हां बोल कर उनकी सहेली का पता लिया और निकल गया।

1 घंटे का रास्ता था.

वहां पहुंचकर मैंने दीदी की सहेली के ससुराल वालों से मिला और अपना परिचय दिया.
उन लोगों ने मुझे अपने घर पर अंदर बुलाया और चाय नाश्ता के लिए पूछा.

चाय नाश्ता करने के बाद शिवानी दीदी के सहेली और उनके साथ एक लड़की और आई.
मैं उन दोनों को लेकर रास्ते से आ रहा था तो रास्ते में मैंने शिवानी दीदी के फ्रेंड से पूछा- दीदी, यह कौन है? शिवानी दीदी ने तो बताया था कि सिर्फ उनकी एक ही सहेली आएगी.

तब उन्होंने बताया कि यह मेरी ननद है.
उसके बाद मैंने उन्हें घर लाकर छोड़ दिया।

फिर शाम को जब मैं सभी को खाना खिला रहा था.
तभी वहां उस लड़की की एंट्री होती है जो शिवानी दीदी के फ्रेंड के साथ आई थी.
उसका नाम था दिव्या.

मैं आप सभी लोगों को दिव्या के बारे में बता देना चाहता हूं दिव्या का रंग गोरा और बहुत ही साफ था उसकी हाइट लगभग 4 फुट 7 इंची.
वह दिखने में बहुत ही खूबसूरत है जिसकी जितनी तारीफ की जाए वह कम है.

दिव्या का फिगर 32 28 38 का था जिससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि दिव्या दिखने में कितनी ही खूबसूरत रही होगी.
उसकी चाल कसम से … किसी भी इंसान की जान ले ले.

वह दिखने में तो खूबसूरत थी लेकिन उसकी बनावट और गठन बहुत ही ज्यादा खूबसूरत थी।

जब वह आई, तब सभी लोग मतलब हम सभी दोस्त लोग उसी को देखते रह गए.

तब मेरे दोस्त ने कहा- अबे अजय, तुम तो इसको साथ लेकर आए थे, तब तुमने इसे नहीं देखा था?
तब मैं बोला- यार, उस टाइम मैंने इतना ध्यान नहीं दिया था. और उस समय यह बहुत ही ढीला ढाला सलवार सूट पहने हुए थी. और इस समय देखो यह लोअर और टीशर्ट में है. कसम से यार … बवाल लग रही है.

सभी लड़के हम दोस्त लोग हंसने लगे.

फिर मेरा एक दोस्त बोला- यार अजय, अगर तू कहे तो मैं इस पर ट्राई करूं?
तब मैंने कहा- अबे हरामखोर … लेकर मैं आया हूं और ट्राई तू करेगा? नहीं, मैं ही इसको पटा लूंगा और मैं ही इसको चोदूंगा.
तब सभी दोस्त हंसने लगे।

उसके बाद मैं दिव्या के पास गया और उससे बोला- दिव्या जी, चलिए खाना खा लीजिए.
उसके बाद उसने खाना खाया और वहीं बैठ कर मोबाइल चलाने लगी.

सभी के खाना खाने के बाद हम सभी दोस्त लोग रोज के तरीके दारू पीकर साउंड बजाकर म्यूजिक सिस्टम पर डांस कर रहे थे.
वह भी वहीं बैठ कर देख रही थी.

मैंने यह नोटिस किया कि वह चोरी चोरी मुझे देख रही है.

तब सभी के सो जाने के बाद रात को मैं उसके पास गया.
क्योंकि मैंने दारु पी रखी थी और नशे में था. और नशे में तो जोश होता ही है जिसकी कमी नहीं होती.

मैं उसके पास गया, उसे जगाया और बोला- मुझे तुमसे कुछ बात करनी है. क्या तुम थोड़ी देर के लिए मुझसे अकेले में मिल सकती हो?
तब उसने इधर उधर देखा और बोली- तुम्हारा दिमाग खराब है? यहां सब इतने लोग हैं. अगर किसी ने देख लिया तो मेरी कितनी बदनामी होगी.

मैंने कहा- उसकी तुम चिंता मत करो. कोई तुम्हें कुछ नहीं बोलेगा. मुझे सिर्फ तुमसे 2 मिनट चाहिए.
तब उसने बोला- ठीक है, तुम बाहर चलो, मैं आती हूं।

मैंने बाहर आकर सिगरेट जलाई और कश लगाने लगा.
इतनी देर में वह आई, उसने कहा- बोलो जल्दी से क्या कहना है तुम्हें?
मैंने कहा- मुझे घुमा फिरा कर बात करनी नहीं आती. मुझे तुमसे दोस्ती करनी है. अगर तुम हां बोलती हो तो यह लो मेरा फोन और उसमें अपना नंबर डायल करो.

तब बिना कुछ बोले ही वह वहां से चली गई और शादी के दिन तक मतलब 2 दिन तक ना मुझसे बात की और ना ही मेरे सामने आती थी.

शादी वाले दिन सभी लोग शादी में बिजी थे.
मैं अपने दोस्तों के साथ बिजी था, हमारी तो बस पार्टी चल रही थी.

हम, हमारे दोस्त और दारू!
क्योंकि मेरे पापा आ चुके थे तो मुझे शादी का कोई टेंशन नहीं था सारा कामकाज और देखभाल मेरे पापा ही कर रहे थे.
मैं अपने दोस्तों के साथ मस्त था।

फिर मैंने देखा कि दिव्या अकेली शादी के पंडाल से बाहर जा रही है.
मैंने यह बात किसी को नहीं बताई और मैं चुपके से उसके पीछे गया.

वहां जाकर देखा, वह फोन पर किसी से लड़ रही थी.
मैं उसके करीब गया और उसके पीछे से कंधे पर हाथ रखा जिससे वह अचानक से डर गई.
और जब उसने मुझे देखा तो फोन काट दिया.

मैंने पी रखी थी, मैंने उससे पूछा- क्या हुआ दिव्या? तुम इतनी घबराई हुई क्यों हो? तुम्हें अगर कोई दिक्कत है तो तुम मुझसे बता सकती हो.
उसने मुझसे कहा- नहीं … ऐसी कोई बात नहीं है.

मैंने कहा- अगर तुम मुझसे दोस्ती नहीं करना चाहती तो मत करो. लेकिन अपनी दिक्कत तो मुझे बताओ हो सकता है कि मैं तुम्हारी इस दिक्कत परेशानी का हल निकाल सकूं.
तब उसने बताया कि उसकी एक फ्रेंड है जो अपने बॉयफ्रेंड के साथ कई सालों से रिलेशनशिप में थी और अब वह उससे ब्रेकअप करना चाहती है. लेकिन उसका बॉयफ्रेंड उसको ब्लैकमेल कर रहा है और कहता है कि अगर उसने उसको छोड़ दिया तो वह उसकी प्राइवेट फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर देगा.

मैंने दिव्या से कहा- बस इतनी छोटी सी बात? ठीक है, तुम कल उस लड़के को बुलाओ और अपनी फ्रेंड को भी बुलाओ. बाकी मैं संभाल लूंगा.
तब दिव्या ने कहा- अजय, तुम नशे में हो. तुम्हें पता है तुम क्या बोल रहे हो?
मैंने कहा- मेरी जान, तुमने सिर्फ अजय का नाम ही सुना है. अजय चीज क्या है वह तुम्हें कल पता चलेगा।

दूसरे दिन उस लड़के को बुलाकर मेरे दोस्तों ने कायदे से समझाया.
कायदे से समझाने का मतलब आप सभी लोग समझ ही गए होंगे.

उसके बाद उसका फोन ले लिया जिसमें उसकी फ्रेंड की प्राइवेट फोटो और वीडियो थी.

वहां से आने के बाद मैं दिव्या को बोला- दिव्या जी, पता चल गया? तुम बोल रही थी कि मैं नशे में हूं. तो कुछ नहीं कर पाऊंगा!
इस पर दिव्या ने मुझे हग कर लिया और बोली- अजय, सच में तुम जैसे कुछ अच्छे लड़के भी इस दुनिया में हैं जो लड़कियों की इज्जत करते हैं.

तब मैंने उससे कहा- एक लड़के की गलती की वजह से तुम सारी लड़कियां हर लड़के को गलत समझती हो.
इस पर हम दोनों हंसने लगे.

उसने मुझे अपना नंबर दिया.
यहां से हमारी दोस्ती शुरू हो गई.

उसके बाद वह अपने घर चली गई।

महीनों तक हमारी ऐसे ही फोन पर बातें होती रही.
मैं उससे जब भी सेक्स के लिए बोलता तो वह बात को काट दिया करती थी.
और एक ही बात बोलती थी- अगर समय आया तो देखा जाएगा. अभी जो है उसको देखो.

काफी महीने बीत गए.

फिर एक दिन उसका कॉल आया और उसने कहा कि उसका बोर्ड पेपर है जो कि मेरे ही गांव के करीब के स्कूल का था.
तब मैंने कहा- ठीक है, मैं तुम्हें वहीं मिलूंगा।

फिर जब वह पेपर देने आती अपनी सहेली के साथ तो मैं उसे घुमाने ले जाता.
और एक दिन मैं उसे अपने घर ले गया.

घर ले जाकर मैंने उससे थोड़ी देर बातें की.

उसके बाद मैंने उसे किस करना चाहा.
तब उसने रोक दिया और कहा- अजय यार, यह सब ठीक नहीं है, गलत है.

मैंने कहा- जब तुम मुझसे प्यार करती हो तब क्या दिक्कत है?
फिर उसने मुझसे कहा- मैं तुम्हें किस करूंगी. लेकिन तुम वादा करो कि जब तक मैं नहीं चाहूंगी तब तक तुम मुझे सेक्स के लिए फोर्स नहीं करोगे?
मैंने कहा- ठीक है.

और फिर हम दोनों की किस शुरू हो गई.
मैं उसके होठों को चूम रहा था.

कसम से उसके होंठ बहुत ही रसीले थे.
कभी मैं उसके होठों को चूमता, कभी वह मेरे होठों को.

मैं उसके होठों को चूस रहा था और काट भी रहा था.

स्वीट गर्ल किसिंग से धीरे-धीरे वह गर्म होने लगी और मैं उसकी चूचियों तक हाथ ले जाने लगा.
जिस पर उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोलने लगी- अजय नहीं!
लेकिन मैं समझ रहा था लो उसकी ना में ही हां छुपी हुई है.

इसलिए मैंने उसकी बातों को नजरअंदाज करते हुए उसकी चूचियों को उसके टॉप के ऊपर से ही दबाने लगा.

थोड़ी ही देर में उसकी सहेली का फोन आ गया और उसने कहा- दिव्या, घर नहीं चलना है क्या?
तब उसने बोला- अजय, रुकना तो मैं भी चाहती हूं. लेकिन आज नहीं, फिर किसी दिन!

मैं मरता क्या न करता … मैंने उसे जाने दिया और एक लंबी किस के साथ उसे विदा कहा.
और फिर वहां अपने घर चली गई.
मैंने मूठ मार कर खुद को संतुष्ट किया.

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