शादी में मस्त लौंडिया की धकापेल चुत चुदाई

हॉट कुड़ी सेक्स कहानी में पढ़ें कि एक शादी में मुझे एक मस्त माल लड़की दिखी. पहली मुलाकात के बाद उसी दिन मेरे लंड ने उसके जिस्म का मजा कैसे लिया?

दोस्तो, मेरा नाम अमित है और मैं मुंबई से हूँ.
अन्तर्वासना पर ये मेरी दूसरी Xxx कहानी है.

आप लोगों को मेरी पहली स्टोरी
नए घर की छत पर चूत का मजा
पसंद आई, इस बात की मुझे बहुत खुशी है.

यह हॉट कुड़ी सेक्स कहानी सन 2018 की है, तब मैं सिर्फ बीस साल का था और मैंने पहले कभी सेक्स नहीं किया था.

मैं और मेरा एक खास दोस्त जिसका नाम रोहन था, दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ते थे.
मेरे दोस्त ने एक गर्लफ्रेंड पटा ली थी. उस लड़की का नाम जैनब था.

अब बस मैं ही सिंगल बचा था. कभी कभी जब मेरा घर खाली रहता, तो रोहन अपनी जुगाड़ जैनब को मेरे घर लाकर इसके साथ मस्ती करता था.

वो अप्रैल का महीना था. उसी दौरान मेरे दोस्त के भाई की शादी तय हो गई. एक अच्छा सा होटल देख कर बुक कर दिया गया था.
मेहमानों के रहने और खाने का काफी अच्छा इंतजाम किया गया था.

मैं भी शादी से एक दिन पहले उस होटल पहुंच गया था.
रोहन ने जैनब को भी बुलाया था.

मैं रोहन के साथ काम में उसको हाथ बंटा रहा था. तभी मुझे एक बहुत ही सेक्सी सी लड़की दिखी जिसने जींस और टी-शर्ट पहनी हुई थी.
मैंने उसे एक नजर देखा और इतना ज्यादा ध्यान नहीं दिया कि ये मेरे किसी काम की हो सकती है.
मैं बस अपने काम में लगा रहा.

अब चूंकि वो लड़की एक माल जैसी थी तो जब भी वो मेरे सामने से निकलती तो मेरी नजरें उस पर टिक जातीं और मैं उसे अपनी आंखों से चोद लेता.

फिर अचानक से मैंने उस लड़की को देखा तो इस बार वो जैनब के साथ बैठ कर बातें कर रही थी.
मेरी खोपड़ी ठनक गई कि इसका उसका क्या गठजोड़ है.

थोड़ी देर बाद जब जैनब मुझसे मिली, तब मैंने उससे उस लड़की के बारे में पूछा.
जैनब ने बताया कि वो एक पंजाबी कुड़ी है, उसका नाम दिलप्रीत है. और ये भी बताया कि वो उसकी स्कूल की सहेली है. आज इत्तफाक से वो उससे बड़े दिनों बाद मिली है.

मैंने हंसते हुए उससे कहा- मेरी अपनी सहेली से बात करा दे.
वो बोली- अभी खाना खाते वक्त मेरे साथ बैठ जाना, मैं तेरी बात करा दूंगी.

मैं भी जल्दी से रूम में जाकर फ्रेश होकर नीचे आ गया और जैनब के साथ बैठ गया.

कुछ देर बाद दिलप्रीत भी हमारे साथ आ गई. हम सबने खाना लिया और खाते हुए बातें करने लगे.

हॉट कुड़ी दिलप्रीत जितनी सेक्सी थी, उतनी ही सेक्सी उसकी आवाज थी.
उससे बात करके पता चला कि वो पुणे से एम बी बी एस कर रही है.

मेरी नजर बार बार उसके गोल गोल मम्मों पर जा रही थी और उसने मुझे उसके मम्मों घूरते हुए देख लिया था.

कुछ देर में हमारा खाना हो गया.
वो मुझे कुछ गुस्से में लग रही थी.
मैं थोड़ा सहम गया.

मैंने जैनब को सब बता दिया तो उसने कहा- कोई बात नहीं, कल उसको सॉरी बोल देना.
मैं चुपचाप अपने कमरे में आ गया और सो गया.

अगले दिन सुबह उठ कर मैं रोहन के साथ ऐसे ही छोटे मोटे कामों में लगा रहा.
मैंने दिलप्रीत को सुबह सिर्फ एक बार देखा.

ऐसे ही शाम हो गई.
मैं बस मौका देख रहा था कि कब मुझे वो अकेले में मिले और मैं उसको सॉरी बोल दूँ.

फिर मैं भी नहा धोकर अच्छे कपड़े पहन कर नीचे आ गया.

शाम को सात बजे सब मेहमान नीचे हॉल में प्रोग्राम में शामिल होने आने लगे.

मैं दिलप्रीत को ढूंढ रहा था.
उसी समय मुझे जैनब दिखी.
मैंने उससे पूछा- दिलप्रीत कहां है?
तो वो बोली- वो अभी तैयार हो रही है और आराम से उसको देखना, पागल मत हो जाना.

वो हंसकर चली गई.

करीब दस मिनट बाद दिलप्रीत मुझे दिखाई दी.
वो पिंक कलर की बैकलैस ड्रेस पहन कर आई थी.

मैं वहीं खड़े खड़े उसको देखने लगा.
उसने मुझे देख कर छोटा सा स्माइल दिया और जाकर एक कुर्सी पर जैनब के साथ बैठ गई.

मैं थोड़ी देर के लिए दंग रह गया कि इसे अचानक से क्या हो गया. मैं भी हिम्मत करके उसके बाजू में जाकर बैठ गया.

अगले ही पल मैंने अपनी जेब में रखा हुआ गुलाब का फूल उसकी तरफ बढ़ाते हुए सॉरी बोला.
उसने हंसते हुए गुलाब ले लिया.

मैं उससे बात करते हुए उसकी तारीफ करने लगा और वो मेरी हर बात पर हंस कर मुझे जवाब देने लगी.
अब तक उसे भी समझ में आ गया था कि मैं उसे लाइन मार रहा हूँ.

थोड़ी देर बाद सब प्रोग्राम में बिजी हो गए थे मगर हम दोनों एक दूसरे को ही देख कर स्माइल कर रहे थे.

मैंने उसे इशारे में होटल के बाहर बुलाया और वो आ भी गई.
बाहर पार्किंग में थोड़ा अंधेरा था तो मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और प्रपोज कर दिया.

उसको स्माइल करता देख मैंने उसको किस कर लिया.
वो जल्दी से हट गई और बोलने लगी- इधर कोई देख लेगा.

मुझे समझ आ गया कि इसको भी चुल्ल हो रही है.

तभी उसने मेरा नंबर ले लिया और बोली- मैं फोन करूंगी.
इतना कहते हुए वो चली गई.

मैं उसकी हिलती हुई गांड देखता रहा.
उसने भी पलट कर स्माइल दिया और होटल के अन्दर चली गई.

मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा था ये क्या हुआ, इतनी जल्दी मामला सैट हो गया.

उसके जाने एक मिनट बाद मैं भी अन्दर आ गया और इधर उधर घूमते हुए दिलप्रीत को खोजने लगा.

करीब ग्यारह बजे दिलप्रीत ने मुझे कॉल किया और उसने मुझे अपने रूम के बाहर आने को कहा.
मैं सब छोड़ कर भागता हुआ ऊपर चला गया.
उसका रूम बाहर से लॉक था.

तभी लिफ्ट से दिलप्रीत आई.
उसने मुझे देखे बिना अपने रूम का दरवाजा खोला और अन्दर जाकर मुझे अन्दर आने का इशारा कर दिया.
मैं भी अन्दर चला गया.

उसने दरवाजा बंद करने का कह दिया.
मैंने दरवाजा लॉक किया और घूम गया.

वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी.
मैंने उसके करीब आते ही दिलप्रीत को अपनी बांहों में भर लिया और उसे दीवार से चिपका कर चूमने लगा.

वो भी मेरा साथ देने लगी.
मुझे ऐसा लग रहा था कि ये तो मुझसे भी ज्यादा अधीर थी.

हम दोनों एक दूसरे को पागलों की तरह चूमने लगे थे.
हमारा ये चुम्बन दस मिनट तक चला.

फिर हम दोनों अलग हुए तो मेरा पूरा मुँह उसकी लिपस्टिक से लाल हो गया था.
वो मुझे देख कर हंसने लगी.

मैंने उसे अपनी गोद में उठाया और बेड पर पटक कर उस पर चढ़ गया.
मैं उसके मम्मों को दबाने लगा और ड्रेस के ऊपर से ही उसके मम्मों को किस करने लगा.

मैंने जैसे ही उसकी चूत को हाथ लगाया, वो आंह कहती हुई उछल पड़ी.
मैं उसकी चूत को ड्रेस के ऊपर से ही रगड़ने लगा.

फिर मैंने उसकी ड्रेस उतार दी.
वो बस ब्रा पैंटी में मेरे सामने थी.
मैंने ब्रा को भी उतार दिया और उसके मम्मों को देखकर पगला गया.

मुझसे रहा नहीं गया और में उसके दोनों मम्मों को बारी बारी से चूसने लगा.
उसके मुँह से आह आह की आवाज निकलने लगी.

कुछ पल बाद मैं उठा और नीचे आकर उसकी पैंटी को भी खींच कर अलग कर दिया.
उसकी चूत देख कर मैं पूरा हिल गया.
एकदम गोरी टमाटर सी फूली लाल गुलाबी चूत मेरे सामने थी और पूरी पानी में भीगी हुई थी.

जैसे ही चूत मैंने पर जीभ लगाई, वो उई करके पीछे खिसक गई.
मैंने उसकी जांघों को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और दोनों पैर खोल कर उसकी चूत को नीचे से ऊपर तक चाटने लगा.

उसने अपना हाथ मेरे सिर पर रखा और चूत में दबाने लगी.
मैं आंख बंद करके उसकी चूत चाटे जा रहा था, वो आह आह कर रही थी.

फिर मैं चूत में उंगली डाल कर जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगा.

उसने मेरा हाथ पकड़ा और बोली- आह बेबी मेरा निकल जाएगा … प्लीज़ छोड़ो.

मैंने उंगली और तेज कर दी और कुछ ही पलों में उसकी चूत से पानी निकल गया.
वो तेज सिसकारी लेती हुई शांत हो गई. वो लम्बी लम्बी सांस लेती हुई मुझे देख रही थी.

अचानक से उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और किस करने लगी.
उसने मेरी शर्ट को खोल दिया, पैंट भी खोल दी और अंडरवियर के ऊपर से लंड पकड़ लिया.

फिर उसने मेरा अंडरवियर भी उतार दिया और लंड हिलाने लगी.
उसने चूड़ियां पहनी हुई थीं तो वो जितनी तेजी से लंड हिला रही थी, उतनी जोर से छन छन की आवाज आ रही थी.

उसने मुझे बेड के कोने पर बिठा दिया और घुटने पर बैठ कर मेरा लंड चूसने लगी.
मेरा तो मुँह खुल गया, पहली बार किसी लड़की ने मेरे लंड को मुँह में लिया था.

मैंने सामने आईने देखा तो दिलप्रीत की मोटी मोटी गांड बहुत सेक्सी लग रही थी.
वो आंख बंद करके मेरा लंड बहुत प्यार से चूस रही थी.

कुछ मिनट में मेरा हालत पतली हो गई और मेरा पानी निकल गया.

मैंने उसे खड़ा किया और पीछे घुमा कर उसकी गांड को चूमने लगा.
क्या सॉफ्ट गांड थी उसकी!

मुझे और कंट्रोल नहीं हुआ तो मैंने उसे बेड पर लिटा दिया.
वो मेरी तरफ वासना से देखने लगी.

मैं उसके पैरों के बीच में आ गया. मैंने उसके दोनों पैर हाथ में लेकर ऊपर को उठा लिए और लंड उसकी चूत पर घिसने लगा.

उसकी चूत पूरी गर्म महसूस हो रही थी. उसने अपनी टांगें मेरे कंधों पर रख दीं.

मैंने उसकी चूत थोड़ी खोल कर लंड के टोपा अन्दर फंसा दिया. उसने आह करते हुए आंखें बंद कर लीं.

मैंने धीरे धीरे पूरा लंड अन्दर डाल दिया और उसे प्यार से चोदने लगा.
धीरे धीरे मैंने रफ्तार बढ़ाई तो दिलप्रीत भी लंड का मजा लेने लगी.
वो ‘आह बेबी … आह …’ करने लगी.

ये मेरा पहली बार था इसलिए दस मिनट में मैं थक गया और रुक गया. दिलप्रीत ने मुझे धक्का देकर बाजू में सुला दिया और मेरे ऊपर चढ़ गई.

उसने फटाक से लंड पकड़ कर चूत में ले लिया और गांड आगे पीछे करने लगी.
मैंने उसका निप्पल पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच लिया और गले लगा लिया.

मैं इतनी ज्यादा जोश में आ गया था कि मैंने उसकी कमर पकड़ी और नीचे से उसे स्पीड में चोदने लगा.
उसने उठने की कोशिश की लेकिन मैं उसे पकड़ कर लंड पर खींच रहा था.

पूरे रूम में उसकी गांड से लंड के गोटे लगने से थप थप की मधुर आवाज आ रही थी.

मैंने कुछ मिनट तक उसे फुल स्पीड में चोदा. वो भी आह आह करती रही.

जब मुझे लगा कि मेरा होने वाला है तो मैंने लंड बाहर निकाल लिया और माल बेड पर गिरा दिया.
हम दोनों पूरे पसीने से भीग गए थे और पूरा चादर गीला हो गया था.

कुछ देर बाद मैं फिर से तैयार हो गया. ये आज तक कभी नहीं हुआ था कि मुठ मारने के बाद इतनी जल्दी मेरा लंड फिर से तैयार हो गया हो.

मैंने उसे डॉगी बना दिया और उस पर चढ़ कर उसे चोदने लगा.
उसकी गोल गोल गोरी गांड देख कर मुझसे रहा नहीं जा रहा था.

मैंने उसकी गांड पर जोर से चांटा मार दिया. मैंने महसूस किया कि उसे वो चांटा बहुत जोर से लगा था इसलिए वो उन्ह करती हुई जल्दी से आगे हो गई और चूत में से लंड निकल गया.

वो थोड़ी सी गुस्सा हो गई.

मैं उसका हाथ पकड़ कर उसे बाथरूम में लेकर आ गया और शॉवर चालू करके उसे किस करने लगा.
मैंने खड़े खड़े उसकी चूत में लंड डाला और चोदने लगा.

मैंने उसकी गांड पकड़ ली और उसकी आंखों में देखते हुए उसकी चूत पेलने लगा.
ये पल सबसे बेस्ट पल था.

हमने बाथरूम में बीस मिनट तक सेक्स किया और एक दूसरे को साफ़ करके बाहर आ गए.

रात के दो बज चुके थे.
सेक्स के चक्कर में हमने खाना भी नहीं खाया था.

मैंने कपड़े पहने और नीचे खाना लाने चला गया. नीचे लगभग सभी लोगों का खाना हो चुका था.

उधर मुझे जैनब दिखी.
वो मुझे देख कर हंसती हुई मेरे पास आई.
उसे शायद सब पता था.

मैंने उससे हमारे लिए खाना लाने के लिए कहा और उसने लाकर भी दिया.

मैं ऊपर चला आया, तब तक दिलप्रीत ने सब साफ करके रखा था.
हम दोनों ने साथ में खाना खाया और मैं उसको लंबी सी किस करके दुबारा करने के लिए कहने लगा.
मगर उसने मना किया और थकान के कारण अब वो सोना चाहती थी.

मैं अपने कमरे में आ गया.

अगले दिन सब सामान्य था. मेरी उससे दोस्ती काफी समय तक चली, मगर सेक्स नहीं हो सका.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *