देसी लड़की हॉट इंडियन सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरी रिश्तेदार कमसिन लड़की ने मुझे प्रोपोज़ किया. मेरा मन भी उस था. हम दोनों के सेक्स सम्बन्ध कैसे बने.
दोस्तो, मैं आपका दोस्त राहुल आप सबकी सेवा में हाजिर हूँ.
मैं एक छोटे से गांव में रहता हूँ.
मेरी हाईट 5 फुट 4 इंच है. मैं दिखने में काफी आकर्षक हूँ. मेरे लौड़े की साइज 7 इंच है.
यह देसी लड़की हॉट इंडियन सेक्स कहानी एक साल पुरानी है.
मैं गांव में जब टहलने निकलता, तो मेरे घर से थोड़े दूर पर उस फूल का घर है, जिसकी चुदाई की ये कहानी है.
उसका नाम शीतल है और वो मेरे निकट संबंधी की लड़की है.
उस वक्त वह लड़की कमसिन उम्र थी.
मेरे मन में ऐसा कुछ नहीं था कि मैं उसे चोदूं, पर परस्थितियों के चलते ये सेक्स घटना आपको सुनाने योग्य बन गई.
एक दिन वो अकेली थी.
मैं वहां गया और मैंने उससे पूछा- तेरा भाई कहां है?
उसने कहा- पता नहीं.
फिर मैंने कुछ देर इधर उधर की बात की और वहां से चला गया.
उसके साथ मेरा ऐसा ही चलता रहा.
मैं जब भी उसके घर से निकलता … मेरी उससे बात हो जाती.
कभी वो मुझसे बोल लेती, तो कभी मैं उससे बोल लेता.
धीरे धीरे हम दोनों के बीच एक अजीब सा रिश्ता बन गया था.
हम दोनों आंखों ही आंखों में कुछ कुछ बातें करते हुए एक दूसरे के लिए कुछ अलग सा महसूस करने लगे थे.
उस अनजाने से अहसास को शब्दों में किस तरह से लिखूँ, मुझे खुद समझ नहीं आ रहा है. बस ऐसा लगता था कि उसे देखता रहूँ.
अपने इस अहसास को लेकर मैं बहुत सोचता था कि उसके सामने मैं कैसे कहूँ.
लेकिन कुछ समझ ही नहीं आ रहा था. बस ऐसा लगता था कि उससे बातें करता रहूँ.
अब जब भी मेरी उससे बात होती थी तो ऐसा लगता था कि बस उसके सामने से हटूँ ही नहीं.
शायद उसके मन में भी ऐसा ही कुछ चलता रहता था.
फिर 2 साल बाद उसने मुझे सामने से प्रपोज किया.
उसके इस कदम से मैं चौंक गया.
मैंने उसे मना कर दिया और उधर से उठ कर आ गया.
अब मैं घर आ गया और उसके 32-26-34 के फिगर को अपनी आंखों में याद करके सोचने लगा.
बार बार मेरी आंखों में उसका खूबसूरत बदन और उसकी 5 फुट की हाईट नजर आने आने लगी.
मैंने मना इसलिए किया था कि उसका भाई मेरा दोस्त था और उसके घर वाले मेरे सगे संबंधी थे.
फिर चार दिन बाद उसने मुझे एक लेटर लिखा कि मैं आपसे मिलना चाहती हूँ. यदि नहीं मिलोगे, तो मैं कुछ कर लूंगी.
ये उसने एक कागज पर लिख कर मेरे सामने फैंक दिया और मुझसे उस कागज को उठाने का इशारा किया.
मैंने कागज उठाया और उसे पढ़कर उसकी तरफ देखा.
वो अपनी आंखें झुकाए अपने नाखून देख रही थी.
लैटर में उसने मिलने का जो पता लिखा था, मैं उधर समय पर पहुंच गया.
ये गांव से कुछ दूर वीराने में बना एक खंडहर था, जहां कोई आता जाता नहीं था.
ये प्रेमियों के मिलने की जगह थी.
वहां वो बिल्कुल अकेली थी.
मैं उसके पास को गया और उससे बात की कि क्या काम था … मुझे इधर क्यों बुलाया है?
वो मेरे सीने से लिपट गई और बोली- आई लव यू. मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकती हूँ.
वो जैसे ही मेरे सीने से लिपटी, मैंने भी अपनी बांहों में भर लिया और उसे अपने कलेजे से लगाए रखा.
सच में मुझे बड़ा सुकून मिल रहा था.
मैं सब कुछ भूल गया था कि मुझे उसके साथ ऐसा नहीं करना चाहिए था.
कुछ पल बाद मैंने सोचा कि ये मुझे प्यार करती है. मुझे भी ये पसंद है मैं रात दिन इसी के सपने देखता हूँ … तो हो सकता है कि ये मेरे लिए ही बनी हो.
बस, अब मैंने मन पक्का कर लिया था और मैं उसकी पीठ को सहलाने लगा.
उसने भी मुझे जकड़ लिया.
कुछ देर बाद हम दोनों ने बात की.
फिर मैंने उसे माथे पर एक किस किया.
वो बहुत खुश हुई.
मैंने उसको अपनी गोदी में खींच लिया और उसके होंठों को अपने होंठों में दबा कर उसे चूमने लगा.
वो भी मेरा साथ देने लगी.
मैं उसके मम्मों को दबाने लगा और उसके साथ काफी देर तक रोमांस किया.
वो मुझसे मिल कर बहुत खुश थी.
हम दोनों सेक्स करने के लिए आतुर थे मगर वो जगह शायद सेक्स के लिए ठीक नहीं थी’ कोई भी हमें देख सकता था.
फिर हम दोनों वहां से चले गए.
कुछ दिन हमारा यूं ही चलता रहा.
अब तक मैं उसके दूध चूस चुका था और मेरे लंड को सहला चुकी थी बस इससे ज्यादा कुछ नहीं हो पा रहा था.
ये सब लगभग एक साल तक चला.
एक दिन मैंने सोचा के ये सब गलत है, मुझे उसके साथ ऐसा नहीं करना चाहिए.
बस उसके बाद मैंने उसे नजरअंदाज करना शुरू कर दिया और हमारा ब्रेकअप हो गया.
ये ब्रेकअप जरूर हुआ था लेकिन मेरे दिल में उसके लिए अभी भी बहुत कुछ चल रहा था.
शायद उसके मन में तो अलग होने की बात आई ही नहीं थी.
मतलब हमारी प्यार की अग्नि में अभी भी चिंगारी सुलग रही थी.
एक महीने बाद उसका कॉल आया.
वो बोलने लगी- मैं तुम्हें बहुत मिस करती हूँ.
मैंने एक बार तो सोचा कि हां जान, मैं भी तुम्हारे बिना नहीं रह पा रहा हूँ. मगर अपने दिल पर पत्थर रख कर मैंने उसे मना कर दिया कि मुझे फोन मत किया करो.
मगर इस बार मेरी आवाज में वो बात नहीं थी कि मैं सच में उसे मना कर रहा हूँ.
शायद वो इस बात को समझ गई थी और वो मेरे पीछे पड़ गई.
फिर मैंने सोचा कि अब जो होगा, सो देखा जाएगा.
मेरा 7 इंच का लौड़ा भी छेद मांग रहा है. उसकी चूत में पेलना तो पड़ेगा ही.
मैंने अब मन बना लिया था कि अपने फूल का रस चूसना ही है.
धीरे धीरे मैंने उससे बात करना शुरू की. हम दोनों वापस से अपनी प्रेम स्थली पर मिलने लगे.
एक दिन मैंने उससे कहा- मैं तुम्हारी चूत को चोदना चाहता हूँ.
वो शर्मा गई और मना करने लगी कि ये शादी से पहले ठीक नहीं है.
मैंने कहा- तो मैं तुमसे बात नहीं करूंगा.
अब उसने हां कर दी और वो मेरे सीने से चिपक गई.
मैंने सोचा कि अब इसे कहां ले जाकर चोदूं!
मेरी किस्मत ने भी मेरा साथ दे दिया.
मैं अब दिल्ली में काम करने लगा था. वहां मैंने एक रूम किराये पर लिया था.
मैंने उससे कहा- तुमको मेरे साथ दिल्ली चलना पड़ेगा.
वो बोली- दिल्ली तो मुझे अगले हफ्ते वैसे भी जाना ही है.
उसका कोई एग्जाम था.
उसके घर में कोई फ्री नहीं था, जो उसके साथ जा सके.
उसके भाई ने मुझसे कहा कि यार ऐसा ऐसा मामला है. मेरी बहन का एग्जाम है इसे दिल्ली जाना पड़ेगा. घर में सब बिजी हैं. तुम दिल्ली में इसे अपने रूम पर रह कर इम्तिहान देने की व्यवस्था करो.
मैंने ओके कह दिया.
मगर मैंने उससे कहा- यार, मैं कमरे में अकेला रहता हूँ और वो लड़की है. कोई कुछ कहे ना!
उसने बोला- कोई कुछ नहीं कहेगा. हम सब संबंधी तो हैं ही.
मैंने हामी भर दी और दूसरे दिन हम दोनों दिल्ली के लिए रवाना हुए.
वो मेरे साथ चल कर बहुत खुश थी और मैं भी!
वो मेरे साथ पूरे बीस दिन रहने वाली थी. उसका एग्जाम तीन दिन बाद शुरू होना थे और कुल चार पेपर थे, जो बीस दिन में होने थे.
हम दोनों कमरे पर पहुंच गए.
कमरे में आते ही हम दोनों आपस में लिपट गए और काफी देर तक हमने चूमाचाटी की.
फिर मैंने उससे अलग होकर कहा- जान तुम फ्रेश हो जाओ.
कुछ ही देर में हम दोनों नहा-धो कर तरो ताजा हो गए.
मैं जब तक कुछ नाश्ता ले आया था, तो हम दोनों नाश्ता करते हुए आपस में बात करने लगे.
मैंने बातों ही बातों में उससे कह दिया कि मैं आज तुम्हारी चुदाई करूंगा.
मुझे लगा कि वो मुझे मना करेगी. लेकिन उसने कहा- मैं आपकी ही हूँ, आप जो करना चाहेंगे, वो कर सकते हैं.
मैंने उससे कहा- तुम अभी सो जाओ, मैं अपनी काम वाली जगह से होकर आता हूँ और कुछ खाना बनाने का सामान आदि लेकर आता हूँ.
वो हामी भर कर सो गई और मैं मार्केट चला गया.
पहले मैंने अपनी उस फैक्ट्री में जाकर अपनी हाजिरी लगाई और कुछ दिन की छुट्टी लेकर चला आया.
बाजार से सामान लिया और मेडिकल स्टोर से मैंने कंडोम, बेबी ऑइल, गोली आदि सब ले लिया.
फिर मैं रूम में गया, तो वो मुझे दिखी नहीं.
मैंने बेडरूम में जाकर देखा, तो उसने गुलाबी रंग की साड़ी पहनी हुई थी.
तो मैंने उससे कहा- अभी से क्यों साड़ी पहनी है?
वो मुस्कुराई और बोली- आज आपके साथ पहली रात है.
मेरा मन खुशी से फूला नहीं समा रहा था.
हम दोनों ने खाना खा लिया.
फिर हम कमरे में चले गए.
उसने मुझसे कहा- आज आप मेरे साथ कुछ भी कर सकते हो.
मैंने कहा- सच!
वो बोली- हां.
मैंने कहा- तुम मना तो नहीं करोगी ना!
उसने कहा- नहीं.
मैंने एक हाथ उसके गाल पर रख दिया और उसके रसीले होंठों को अपने होंठों में दबा कर धीरे धीरे चूसने लगा.
मुझे ऐसा लग रहा था मानो एक भंवरा किसी कली का रस पी रहा हो.
वो बड़ी ही मादक कली थी और उसके होंठों का रस मुझे मदहोश कर रहा था.
मैंने उसकी साड़ी को धीरे धीरे निकाल दिया.
उस बदन एकदम गोरा था.
मैंने उसके सारे शरीर पर किस किया.
वो पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी.
मैंने उसकी ब्रा को खोल दिया और उसके मध्यम आकार के दूध बाहर आ गए.
उसके एक दूध को मैंने मुँह में भर लिया, वो कराह उठी और मचलने लगी.
मैंने बूब्स को जोर जोर से दबाया और भूखे शेर की तरह उस पर टूट पड़ा.
कुछ देर बाद मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी.
उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था. उसकी कमसिन चूत किसी गुलाब के बंद फूल की तरह दिख रही थी.
मैंने उसकी चूत पर अपनी जीभ रख दी और चूत को चाटने लगा.
वो जोर जोर से सिहरने लगी और कराहने लगी- आह आह … ऐसा मत करो … मुझे कुछ अजीब सा लग रहा है.
मैंने उसकी बात को नहीं सुना और जोर जोर से चूत को चाटता रहा.
उसकी चूत एकदम रस छोड़ने लगी थी.
वो भी लंड के लिए मचलने लगी थी और मेरे लंड पर हाथ मारने लगी थी.
मेरा लंड भी बाहर निकलने को तड़प रहा था.
मैंने अपने सारे कपड़े उतारे और नंगा हो गया.
उसने मेरा मूसल लौड़ा देखा, तो बोली- उई मम्मी इतना बड़ा … ये मेरी में कैसे जाएगा?
मैंने कहा- इसी लिए तो मैं तुम्हें मना कर रहा था कि मेरे साथ रिश्ता मत रखो लेकिन तुम तो मानने को तैयार ही नहीं थीं. मगर अब तुझे लेना ही पड़ेगा.
मैंने उसके बाल पकड़े और उसका मुँह मेरे लौड़े पर रख दिया और जबरदस्ती अन्दर पेल कर आगे पीछे करने लगा.
उसने लंड बाहर निकालने को कहा, मैंने निकाल लिया.
वो लंबी सांस लेती हुई बोली- आह ऐसा मत करो.
मैंने कहा- मेरी जान, ये तो शुरूआत है, तुमने कहा था ना कि मैं सब कुछ कर सकता हूँ. अब मना मत करो.
मैंने फिर से उसके मुँह में पूरा लंड दे दिया.
मैंने मुँह चोदते हुए सोचा कि ये पहली बार में अपनी बुर में मेरा हथियार नहीं ले पाएगी. इसको कुछ ज्यादा गर्म करना पड़ेगा.
फिर मैंने दूध गिलास में भर लिया और उसमें एक गोली डालकर उसे पिला दी.
अब मैंने उसे दवा के असर होने तक चूमा और उससे बात करता रहा.
कुछ पंद्रह मिनट के बाद वो मेरे लंड को खुद अपने मुँह में लेने लगी.
मैं समझ गया कि माल रेडी हो गया है.
मैंने उसके मुँह को बेड के नीचे किया और उसके मुँह में पूरा लंड डाल कर अन्दर बाहर करने लगा.
उसके मुँह में से लार निकल रही थी.
फिर मैंने उसको बेड की किनारे पर उसकी चूत को किया और दोनों पैर ऊपर कर दिए.
इस पोज में उसकी चूत साफ दिख रही थी.
मैंने उसकी चूत की फांक में लौड़ा रखा और घिसने लगा.
वो भी गर्म होने लगी और लंड अन्दर लेने की जल्दी मचाने लगी.
मैंने लंड का सुपारा पेलने की थोड़ी सी कोशिश की लेकिन लंड अन्दर नहीं गया.
फिर मैंने उसकी दोनों टांगें फैला कर लंड पेल दिया तो दो इंच अन्दर चला गया.
वो चिल्लाई- उई मम्मी रे मर गई.
मैंने उसकी पैंटी उसके मुँह में डाल दी और जोर लगाते हुए पूरा लंड अन्दर पेल दिया.
वो तड़प रही थी लेकिन मैंने उसे छोड़ा नहीं. उसकी आंखों से आंसू निकल रहे थे.
मैंने उस पर रहम खाया और उसे छोड़ दिया.
उसकी चूत से खून निकल रहा था.
मैंने उसे साफ किया और उसे सीधा लेटा दिया.
कुछ देर बाद मैंने फिर से लंड पेल दिया.
वो फिर से चिल्लाई मगर अब मैं नहीं रुका और दस मिनट तक ताबड़तोड़ चोदता रहा.
मेरा रस निकल गया और मैं उसी के ऊपर पड़ा रहा.
थोड़ी देर बाद लंड फिर से अकड़ गया, तो मैंने दूसरा राउंड खेला.
इस बार उसने भी मजा लिया और चुदाई में पट पट की आवाज मजा देने लगी थी.
सच कहूं तो मेरी जान में काफी जान थी इतनी कम उम्र में उसने मेरा 7 इंच का मूसल ले लिया था.
उस रात मैंने केवल दो पारी ही खेलीं और हम दोनों नंगे ही सो गए.
बाद में मैं मेडिकल से दर्द ना हो, ऐसा स्प्रे ले आया.
दूसरे दिन जब रात हुई तो मैंने उससे कहा- आज मैं तुम्हारे सभी छेद खोलूंगा, तुम तैयार हो न मेरी रानी?
उसने कहा- आपकी जैसी मर्जी.
मैंने कहा- दर्द बहुत होगा … तुम झेल लोगी?
उसने हां कहा.
मैंने उसके ऊपर के कपड़े निकाल दिए और उसकी ब्रा को और पैंटी को फाड़ दिया.
उसे बेड पर जोर से पटका और उसके बूब्स को जोर से दबाने लगा. उसकी चूत को चाटा और वो स्प्रे लगा दिया.
मैंने अपना लौड़ा निकाला, उसके मुँह में डाल कर बहुत देर मुँह को चोदा.
फिर उसको चुदाई की पोजीशन में लेटा दिया और दोनों पैर ऊपर करके पूरा लंड डाल दिया.
उसकी चूत में स्प्रे लगाया था इसलिए दर्द कम हुआ लेकिन फिर भी चीख निकल गई.
‘उई मां मरी …’
मैं नहीं रुका और चोदता रहा.
फिर मैंने उसे डॉगी बना कर पीछे से लंड पेल और जोर जोर से दे दनादन पेलने लगा.
वो झटकों के कारण आगे चली जाती थी, इसलिए मैंने उसके बालों की चोटी पकड़ ली और धकापेल चोदता गया.
उस रात भी मैंने दो बार चुदाई की.
देसी लड़की हॉट इंडियन सेक्स के बाद उसकी चूत सूज गई थी और अब वो मना कर रही थी.
मैंने उसकी गांड को चाटा और स्प्रे लगा दिया.
थोड़ी देर बाद मैंने उसकी गांड में पूरा लंड डाल दिया. वो रोने लगी. मैंने उसको चुप कराया और फिर से दे दनादन देर तक ठोका.
वो पूरी तरह थक चुकी थी.
मैंने उसे दर्द निवारक दवा देकर सुला दिया.
सुबह उसको बुखार आ गया था.
मैंने उसे कुछ खिलाकर फिर से दवा पिलाई और सोने दिया.
हार्ड चुदाई की वजह से उसे बुखार चढ़ गया था.
अभी तो दो दिन ही हुए थे. शीतल तो मेरे पास बीस दिन तक रहने वाली थी.
आगे क्या क्या हुआ, वो सब अगली सेक्स कहानी में लिखूँगा.
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