सीधी सादी क्लासमेट को सेट करके चोदा- 2

देसी कॉलेज गर्ल Xxx कहानी मेरी क्लासमेट की कुंवारी बुर की पहली चुदाई की है. मैंने कैसे उसके घर में ही चोद कर मजा किया. पढ़ें इस कहानी में!

मेरी कहानी के पिछले भाग
कुंवारी बुर की पहली चुदाई करने की लालसा
में आपने पढ़ा कि मैंने अपनी क्लास की एक सीधी सादी लड़की को सेट करके चुदाई के लिए तैयार कर लिया था.
एक दिन उसने मुझे अपने घर बुलाया कंप्यूटर ठीक करवाने के बहाने!

अब आगे देसी कॉलेज गर्ल Xxx कहानी:

उसी वक्त उसके पापा उठ गए और फ्रेश होने के लिए चले गए।

फिर भूमि उठकर अपने पापा को खाना खिलाने चली गई।
तब तक मैं कम्प्यूटर के सामने ही बैठा अपना काम कर रहा था।

लगभग आधे घंटे से भी ज्यादा समय बीत गया था।

इधर मेरा ध्यान सिर्फ भूमि के पापा पर था कि वो क्या कर रहे हैं।

थोड़ी देर बाद पता चला कि अंकल को अभी काम पर जाना है आज उनकी बारी दूसरी शिफ्ट में काम करने की है।

जैसे ही मुझे इस बात का पता चला तो मेरे मन में लड्डू फूटने लगे और एक बार फिर से मेरे लंड में हलचल होने लगी।

मैं अब मेरा काम जल्दी-जल्दी निपटाने की कोशिश करने लगा ताकि आज ज्यादा समय एक कच्ची, कुंवारी कली को दे सकूं।

ऐसा सोच ही रहा था तभी अचानक भूमि के पापा मेरे पास आए और मुझे पूछा- क्या गड़बड़ है इसमें … और इसे ठीक होने में कितना समय लगेगा?
मैंने अंकल को बताया कि वायरस के वजह से कम्प्यूटर स्लो हो गया है लेकिन अभी मैं इसको स्कैन कर रहा हूं और थोड़ी देर में हो स्कैन हो जाएगा। अगर नहीं हुआ तो मैं कम्प्यूटर को पूरा फॉर्मेट कर दूंगा।

उसके कुछ देर बाद अंकल अपने काम पर चले गए।

अंकल के जाने के बाद जैसे ही भूमि ने घर का दरवाजा अंदर से बंद किया और मेरे दिल की धड़कन बढ़ने लगी।

अब घर सिर्फ हम दोनों ही थे।

भूमि दरवाजा बंद करके मेरे पीछे वाले बेड पर आकर बैठ गई।

अब मेरा शैतान मन भी कम्प्यूटर के काम में नहीं ही लग रहा था।
लेकिन फिर भी मैंने जैसे-तैसे काम अपना काम खत्म किया।

अंकल के जाने के बाद अभी तक हम दोनों खमोश थे।

अपना काम खत्म करके मैं भी भूमि के पास जाकर बैठ गया।
हम अब भी चुप थे।

मैं पहल करते हुए उठा और अपने साथ भूमि को भी उठाया.
अब हम दोनों आमने सामने थे एक दूसरे को देख रहे थे।

मैंने ज्यादा देर ना करते हुए झट से भूमि को गले लगा लिया।
उधर भूमि भी अपनी बांहें फैला कर मेरे सीने से लग गयी।

अब हम दोनों एक दूसरे की सांस, धड़कन महसूस कर रहे थे।
उसकी तेजी से बढ़ती हुई धड़कन मुझे महसूस हो रही थी।

वो अब भी मेरे बाहों में थी और मैंने उसे गर्दन की पिछली तरफ चूम लिया।
उसी वक्त वो सिहर उठी और उसने मुझे और जोर से कस कर पकड़ लिया।

मैं भी ऐसे ही चूमते चूमते गर्दन से उसके गाल पर आ गया और फिर माथे पर किस किया और धीरे धीरे मैंने दोनों हाथों से उसके दोनों गालों के नीचे पकड़कर उसका सिर ऊपर उठाया।
वो बिल्कुल किसी नई नवेली दुल्हन की तरह शर्मा रही थी, उसकी आँखें बंद थी और उसकी सांसें तेजी से चल रही थी।

मैं कुछ क्षण रुका और उसे देखता रहा फिर मैंने धीरे धीरे अपने होंठ उसके गुलाबी होंठ पर लगाए।

कुछ समय तक तो वो सिर्फ अपनी आंखें बंद करके खड़ी थी, मेरा साथ नहीं दे रही थी.
लेकिन होठों के मिलन के बाद वो मेरा साथ देने लगी और हम दोनों लंबे समय तक ऐसे ही स्मूच किस कर रहे थे।

धीरे धीरे किस करते करते मैंने एक हाथ से उसकी चूची मसलनी शुरू कर दी।
इस कारण वो और भी ज्यादा उत्तेजित होने लगी।

ज्यादा देर न करते हुए और समय की नज़ाकत को समझते हुए अब मैं उसके पीछे गया और दोनों हाथों से उसका टॉप आगे से ऊपर किया.

उसने अंदर एकदम मस्त स्पोर्ट्स वाली ब्रा पहनी थी, उसके ऊपर से ही मैं चूचियां मसलने लगा।
उसकी वो बड़ी बड़ी चूचियां ब्रा से बाहर आने को मचल रही थी।

मुझे भी उन पर दया आ गयी और मैंने उन चूचियों को बिना देर करते हुए ब्रा से आज़ाद कर किया।
उसके काले काले निप्पल बहुत ही कड़क हो गए थे।

अब मेरे हाथ निप्पल को धीरे धीरे छेड़ रहे थे.
मैं कभी उसे चूची को जोर से दबा देता तो कभी मालिश करता था तो कभी निप्पलों को मसल देता।

अब तक मैं पीछे से ही उसकी चूचियां मसल रहा था, उसने दोनों हाथ ऊपर करके मेरे सिर को पकड़ रखा था।
वो कभी मेरे बालों को नोच रही तो कभी मेरे सिर को अपनी ओर खींचती।

ऐसा करते करते पूरे कमरे में अब सिर्फ हम दोनों की मादकता भरी सांसों की आवाज गूंज रही थी।
हम दोनों भी बहुत कामुक हो गए थे।

मेरा लंड एकदम तना हुआ था जो उसकी गांड में घुसने की कोशिश कर रहा था।

अब उसने अपना एक हाथ नीचे किया और पीछे मेरे लंड के ऊपर रख दिया और पैंट के ऊपर से ही उसे दबाने लगी.

जैसे ही भूमि ने अपना हाथ मेरे लंड पर रखा और दबाने लगी, मेरे शरीर में एक करंट जैसा कुछ महसूस हुआ और इसी जोश ने मुझे और उकसा दिया और मैंने उसकी चूचियां और जोर से, ताकत लगा कर मसलने लगा।
उसके बड़े संतरे जैसे बोबे मेरे हाथों में भी नहीं समा रहे थे।

मैं बार उसके निप्पल बाइट कर रहा था उसकी वजह उसे दर्द हो रहा था.
लेकिन वो भी पूरे मजे ले रही थी और मादकता भरी आवाज़ में बोल रही थी- आहह … आआआ … धीरे करो ना, दर्द हो रहा है!

उसकी ऐसी आवाज सुनकर मेरा जोश दोगुना और बढ़ गया.
मैंने इस बार ज्यादा ताकत लगा कर उसके बूब्स मसलने शुरू कर दिए।

फिर उसने भी जोश में आकर मेरा लंड जोर से मसलना शुरू कर दिया।

अब मेरा भी बुरा हाल होने लगा, मेरे मुंह से ‘आह हहह …’ वाली आवाज निकलने लगी।

फिर मैं एक हाथ धीरे से नीचे ले गया और उसके पेंटी के अंदर डाल दिया।
अंदर जाते ही मुझे उसकी चूत जो भट्टी की तरह भभक रही और गीली भी महसूस होने लगी शायद भूमि की चूत का रस निकल गया था।

मेरे हाथ की अंगुलियाँ अपनी गीली चूत के दाने पर महसूस करते ही वो चिहुंक उठी।
अब उससे रहा नहीं जा रहा था अब वो मेरा लंड मसलना छोड कर पैंट की जिप खोलने लगी।

मैं अब भी उसके पीछे खड़ा था और वो अब भी अपने दोनों हाथ पीछे करके मेरा लंड जिप से बाहर निकालने की कोशिश कर रही थी।

मेरा हाथ अब भी उसकी पैंटी में था और अभी भी उसकी गीली चुत में आगे पीछे उंगली कर रहा था और दूसरे हाथ से मैं उसकी चूची मसल रहा था।

इससे वो खुद का होश खो बैठी और जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी- आह … आह … आआ … आआ ऊऊऊ … हम्मम … आहह … ओहह … आआह … उऊऊ उफ आआआ!

उसकी ऐसी चुदासी आवाज सुनकर अब मुझसे भी रहा नहीं गया और मैं झट से उसके सामने आया और उसे बेड पर गिरा दिया.
बिना देर किए मैं एक भूखे शेर की तरह उस पर टूट पड़ा और उसकी लेगीज पैंटी एकसाथ उतार दी।

अब उसकी गीली, गुलाबी पखुड़ियो वाली, कच्ची,कुंवारी, रस टपकती हुई चूत मेरे सामने थी।

उसकी चूत पर थोड़े थोड़े बाल थे, चूत की गुलाबी पंखुड़ी आपस में जुड़ी हुई थी।
उसमें से रस ऐसे टपक रहा मानो किसी नदी से पानी बहता हुआ नीचे होते हुए गांड की तरफ छेद की ओर जा रहा था।

ऐसा कुंवारा बिनाचुदा माल देख कर मेरी वासना और भड़क गयी।

फिर मैंने भी अपनी पैंट ओर कच्छा एक साथ उतार फैंका और अपना लंड उसके मुंह में ठूँस दिया और मैंने भी अपना मुंह उसकी गीली चूत पे रख दिया।
अब हम लोग 69 पोजीशन में थे।

मेरी जीभ गीली चूत में अपना कमाल दिखा रही थी।
मैं एक उंगली चूत में आगे पीछे कर रहा था और मेरी जीभ कभी चूत पे फिराता तो कभी चूत के दाने को हल्के से सहलाता।

उधर उसके मुंह में मेरा लंड था और कमर हिला कर मुंह चोद रहा था।

अभी मैं खुद को सातवें आसमान पर महसूस कर रहा था, साथ ही मेरा माल छूटने वाला था.

मैं अब जोर जोर से जोश में उसका मुंह तेजी से चोदने लगा।
4-5 झटके बाद मेरा पूरा माल उसकी मुँह में छोड़ दिया जो उसने बाद में थूक दिया।

अभी मेरा माल तो गिर गया था लेकिन वो अभी भी तड़प रही थी.

उसको शांत करने के लिए मैंने उसे बेड से नीचे उतारा और उसके कमर को पकड़ कर बेड के किनारे ले आया.
मैंने उसकी टांगें और चौड़ी की जिसकी वजह से उसकी चूत का मुंह खुल गया. उसकी गुलाबी चूत से टपकती पानी की बूंद चमक रही थी।

अब मैंने भी अपनी जीभ चूत पर हल्की सी नीचे से ऊपर की तरफ फिराई ओर चूत के दाने पर लाकर रोक दी।
जैसे ही मैंने ऐसा किया उसकी सिसकारियां और तेज होने लग गयी।

अब मैं चूत के दाने को जीभ से रगड़ने लगा।
मैं अपनी एक उंगली भी चूत में आगे पीछे कर रहा था और एक हाथ से मैं उसकी चूचियां सहला रहा था।

वो अब भी मादकता वाली सिसकारियां ले रही थी- आहह … आआ … आआह हहह … ओहह … ईईई … उई मां … आह … आहा!

उसकी ऐसी आवाजों से मेरा लंड फिर से तैयार हो गया।

मैंने उसको बेड से नीचे उतारा ओर घुटनों के बल बिठा कर फिर से लंड मुह में दे दिया।
वो उसे लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी।

अब मेरा लंड उसकी चूत में जाने के लिए बेताब था.
मैंने उसको उठाया और बेड पे लिटा दिया।

मैं बैड के बाजू में खड़ा था और मेरा लंड टावर की तरह बिल्कुल सीधा खड़ा हो गया था जिस पर भूमि का थूक लगा था, जिसकी वजह से पूरा लंड चमक रहा था।

अब मेरे सामने भूमि की चमकती हुई चूत थी।

मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मैंने बिना देर किए झट से भूमि को कमर से पकड़ा और अपनी और खींच लिया; फिर उसकी गुलाबी चूत को अपने लंड पर सेट किया।

अभी मुझे और मजे लेने थे तो मैंने अपना लंड उसकी चूत में नहीं डाला सिर्फ उसकी चूत के दाने पर रगड़ने लगा।

इससे वो तड़प उठी और अपनी मादक आवाज़ में बोली- बेबी प्लीज यार चूत में लंड डालकर चोदो मुझे! तड़पा क्यों रहे हो?

मैंने भी उसको ज्यादा तड़पाना ठीक नहीं समझा और बिना देर किए अपना लंड चूत पर रख कर एक जोरदार झटका दे दिया।

लंड और चूत दोनों पहले से ही गीले थे तो एक झटके में मेरा पूरा लंड चूत में उतर गया।

तभी उसके मुँह से एक लंबी ‘आहह …’ निकल गई।

अब उसकी कच्ची, गुलाबी चूत में अब मेरा लंड अंदर बाहर हो रहा था.

उसकी चूत बहुत कसी हुई थी तो पहले शुरुआत में लंड अंदर बाहर करने में थोड़ी परेशानी हुई थी.
लेकिन कुछ देर बाद मक्खन जैसे लंड चूत को चोद रहा है।

भूमि भी उछल उछल कर बहुत मजे लेकर चुद रही थी.
बीच बीच में वो बड़बड़ा भी रही थी- आहा … आहहह … ऐसे ही … ओहह … चोदो … ज़ोर से … चोदो मुझे! जोर लगा कर! ओहहह रजत … चोदो मुझे … और ज़ोर से … आहह … फक हार्ड … फाड़ दो आज मेरी चूत!

धकापेल चुदाई के बीच भूमि का शरीर अकड़ने लगा.
उसने ख़ुद के दोनों हाथ से मेरे पीठ पर जोर से पकड़ा और मुझे अपने ओर खींचने लगी, मुझसे लिपटने लगी.
उसके दोनों पैर मेरे कमर पे लिपट गए थे.

वो बोलने लगी- हां … आहहह.. ज़ोर से… और ज़ोर से ओहह … चोदो … ज़ोर से … चोदो मुझे! चूत पानी छोड़ने वाली है। जोर से चोदो … आआ आआआ आहह हहहह … आहा … मेरे राजा … आहा … आ रहा है … आ रहा है … पानी आ रहा है … आह!

उसकी ऐसी आवाज सुनकर मुझे और जोश आ गया और मैंने भी चोदने की स्पीड बढ़ा दी।
मेरा भी अभी पानी निकालने वाला था तो मैं भी जोर जोर से झटके मार रहा था।

मैं- हां … मेरा भी निकलने वाला है आहाहा … ले ले पूरा का पूरा लंड ले ले!

भूमि– अपने वीर्य से मुझे भर दो। मेरी चूत की गहराई में पिचकारी मारो। आहा… आ… आहा!

फिर 5-6 झटकों के बाद हम दोनों एकसाथ झड़ गए।
मेरे माल से उसकी पूरी चूत भर गयी थी।

हम दोनों ही थक चुके थे तो हम लोग वैसे चूत में लंड डाले पड़े रहे।

मैंने भूमि को बांहों में भरकर अपने ऊपर ले लिया।

थोड़ी देर ऐसे पड़े रहने के बाद मैंने भूमि को बोला- मैं कम्प्यूटर चेक करने आया था पर अब चूत चैक हो चुकी है। एकदम मस्त काम करती तेरी चूत। कोई प्रॉब्लम नहीं है चूत में!
हम दोनों हँसने लगे।

उसके बाद हमको जब भी मौका मिलता था तब हमने चुदाई करते थे।

अब उसकी शादी हो गयी है और मैं अभी किसी और को चोद रहा हूं. उसकी कहानी भी फिर कभी लिखूंगा।

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