कॉलेज गर्ल की न्यू चूत का मजा मैंने लिया अपनी गर्लफ्रेंड की चुदाई करके. मैं उसे होटल के कमरे में ले गया था. वो तब तक किसी से नहीं चुदी थी.
नमस्कार दोस्तो, मैं राहुल फ्री सेक्स कहानी.कॉम के सभी पाठकों का तहे दिल से स्वागत करता हूँ.
इस सच्ची सेक्स कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को सारी रात चोदा.
आज मैं आपको अपनी वो घटना सुनाने जा रहा हूँ, जिसे पढ़ने में आपको बहुत ही आनन्द आने वाला है; आपकी अन्तर्वासना को आत्मतृप्ति प्राप्त होगी.
ये बात तब शुरू हुई थी, जब मैं अपने कॉलेज के फाइनल ईयर में था.
उस वक्त मेरी उम्र 22 साल की थी.
मैं देखने में ठीक-ठाक ही हूँ.
मेरी कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं थी पर मेरे अन्दर जो वासना की आग भड़क रही थी उसे शांत करने के लिए मैं सिर्फ मुठ ही मार सकता था.
पर कब तक मैं अपनी काम वासना को ऐसे ही शांत करता.
इसी बीच मेरी एक लड़की से ऑनलाइन बात शुरू हुई, उसका नाम रिया था.
रिया की उम्र 20 साल थी. वो दिखने में ज्यादा सुंदर तो नहीं थी पर कहते हैं ना कि खूबसूरती तो देखने वाले की आंखों में होती है.
बस मैंने भी उसके जिस्म में लगी हुई कामवासना की आग को महसूस कर लिया था.
जल्द ही रिया मेरी गर्लफ्रेंड बन गई और ऐसे ही धीरे धीरे हमारी बात आगे बढ़ती रही.
एक दिन हमने मिलने का प्लान बनाया. पहले तो वह काफी देर नखरे करती रही, मना करती रही पर थोड़ा जोर देने पर वह मान गई.
हम दोनों ने एक रेस्तरां में मिलने का प्लान बनाया.
मुझसे मिलने के बाद तो मानो वह पागल हो गई थी.
मैं उसको कुछ ज्यादा ही पसंद आ गया था.
वह तो मेरे प्यार में बिल्कुल पागल हो चुकी थी.
मैंने उससे अगली बार मिलने के लिए पूछा तो वह बोली- जब आप बोलोगे, जहां आप बोलोगे वहां मिल लूंगी.
यह बात सुनकर तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा.
मैंने उसी वक्त होटल में एक रूम बुक कर लिया और हम दोनों कमरे में चले गए.
वहां जाकर हम एक दूसरे के काफी करीब आ गए.
हमने बहुत किस किए, हग किया.
पर उस दिन उसने मुझे इससे आगे नहीं बढ़ने दिया.
मैं जरा मायूस हो गया था, पर क्या कर सकता था.
मैंने उसकी भावनाओं को समझा और हम दोनों घर आ गए.
हमारी बातें चलती रहीं और हम दोनों ही एक बार फिर से मिलने के लिए अधीर हो गए.
आखिरकार अब वो पल आ ही गया था, जब मेरा चूत चुदाई का सपना पूरा होने वाला था.
अगली बार हम दोनों ने होटल में मिलने की सोची … और उसने भी हां कर दिया.
मैंने फिर से वही होटल बुक कर लिया. इस बार मैंने पूरी रात के लिए उसके साथ बिताने का प्लान बनाया था.
उस दिन शाम को मैं जाने के लिए तैयार हुआ और बाइक पर निकल गया.
रास्ते में मैंने बहुत सारे कंडोम और सेक्स की गोली भी ले लीं.
मैंने उसके लिए एक अंगूठी भी ले रखी थी और साथ ही एक स्पेशल बियर की बॉटल भी ले ली थी.
आखिरकार हमारी पहली चुदाई थी, इसे खास तो बनाना ही था.
सब तैयारी होने के बाद मैं तय स्थान पर पहले से आकर उसके आने का इंतजार करने लगा.
करीब शाम के सात बज चुके थे और पन्द्रह मिनट बाद मेरी जान आ गई.
मैं उसे देख कर मुस्कुरा दिया.
वो जल्दी से बाईक के पीछे बैठ गई और हम दोनों चल दिए. वो अपने मुँह पर दुपट्टा बांध कर आई थी.
बाइक के बैठ कर उसने मुझे ज़ोर से पीछे से पकड़ लिया और मेरे कंधे पर सर रख कर बड़े प्यार से बोली- बेबी आई लव यू.
मैंने भी सर को घुमा कर प्यार से ‘आई लव यू टू बेबी …’ कह कर जवाब दिया.
रात करीब आठ बजे तक हम दोनों पहुंच गए.
रूम में पहुंचते ही पहले मैंने दरवाजा अच्छे से लॉक किया.
मैं पीछे मुड़ा तो जैसे ही उसने अपने मुँह पर बांधा कपड़ा उतार दिया था.
उसे देख कर मेरी आंखें खुली की खुली रह गई थीं.
सच में क्या कयामत लग रही थी; आज तो रिया बहुत ही हॉट लग रही थी.
हम दोनों बेड पर बैठ गए और इधर उधर की बातें करने लगे.
हमने बहुत से फोटोज खींचे, कुछ फोटो किस करते हुए भी खींचे.
उसने मुझसे कहा- तुम्हारे लिए एक सरप्राईज है जान.
मैंने कहा- दिखाओ!
तो वो बोली- पहले तुम थोड़ी देर के लिए बाथरूम में जाओ.
मैं चला गया.
करीब दस मिनट तक उसने मुझे बाहर नहीं आने दिया.
इसी बीच मैंने अपने पर्स में से वायग्रा की गोली निकाल कर खा ली.
फिर मैं जब बाहर आया, तो मेरे तो होश ही उड़ गए.
वह मेरे सामने साड़ी पहने खड़ी थी.
वो नशीली आवाज में बोली- कैसी लग रही हूँ?
मैंने सीधे जाकर उसको अपनी बांहों में भर लिया और कहा- मेरी जान, तुम बहुत प्यारी लग रही हो.
हम दोनों ने फिर से शीशे के सामने खड़े होकर फोटोज खींचे.
उसके बाद मैंने उसे अपनी गोद में उठा लिया और इसी तरह उठा कर उसे बेड पर ले गया.
हम दोनों आमने-सामने बैठ गए और प्यार भरी बातें करने लगे.
इसी बीच मैं जो उसके लिए अंगूठी लाया था, उसकी उंगली में पहना दी.
वो अंगूठी देख कर बहुत खुश थी.
फिर हम दोनों ने रूम में ही खाना मंगाकर खाया और बियर भी पी.
अब तक हम दोनों के जिस्मों में आग लग चुकी थी. हम दोनों से ही सब्र करना बहुत मुश्किल हो गया था.
मैंने पहल की और इस सब्र के बांध को तोड़ते हुए उसे अपनी बांहों में भर लिया.
हम दोनों एक दूसरे के जिस्म की आग को महसूस कर सकते थे.
उसने मेरी आँखों में वासना से देखा तो मैंने देर न करते हुए अपने होंठों को उसके होंठों के पास ला दिए.
आगे बढ़ते हुए मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और एक दूसरे में खो जाने लगे.
हम दोनों होंठों से होंठ लगा कर जीभ भी एक दूसरे के मुँह में डालने लगे.
मेरे शरीर में तो बिजली सी दौड़ गई थी.
उस समय मुझे जो आनन्द आ रहा था, उसे शब्दों में बयान करना मुश्किल है.
मेरी जान का तो मेरे से भी बुरा हाल हो रहा था; वह बहुत ही मस्त और कामुक भरी आहें भर रही थी.
दस मिनट बाद हम दोनों के होंठ अलग हुए.
फिर मैंने उसे बेड के नीचे खड़ा कर दिया और खुद उसके पीछे उससे चिपक कर खड़ा हो गया.
मैं अपना लंड पैंट के ऊपर से ही उसकी गांड पर लगाने लगा.
उसने भी अपनी गांड मेरे लंड पर घिस कर मुझे और भी ज्यादा बेकाबू कर दिया.
फिर मैंने उसकी साड़ी उसके कंधे से नीचे सरका दी.
उसके भी बिना किसी विरोध के साड़ी नीचे गिर जाने दी.
मैंने उसे घुमा कर उसकी साड़ी उसके पेटीकोट से निकाल कर साइड में रखी टेबल पर रख दी.
उसने मेरी शर्ट के बटन खोले और मेरी शर्ट भी उतार दी.
मैं ऊपर से बिल्कुल नंगा था और वो ब्लाउज और पेटीकोट में थी.
हम दोनों बेड पर लेट गए और वो मेरे ऊपर लेट गई.
हम फिर से किस करने लगे, एक दूसरे के होंठ चूसने लगे.
इसी बीच वह मेरी गर्दन पर चूमने लगी.
मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि मानो मुझे जन्नत प्राप्त गई हो.
उसके ऐसे करते करते मैंने पीछे से उसके ब्लाउज के हुक खोल दिए और उसकी नंगी पीठ पर हाथ फिराने लगा.
उसकी मदमस्त आंह निकलने लगी.
अगले ही पल मैंने उसका ब्लाउज भी निकाल कर अलग कर दिया.
उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी.
जैसे ही हम दोनों के नंगे जिस्म एक दूसरे के स्पर्श में आए तो मानो हम दोनों कामसागर में बह गए थे.
अपने आपको इस हालत में पाकर वह थोड़ा शर्माने लगी और कंबल में छिप गई.
मैंने अपनी पैंट भी उतार दी और सिर्फ अंडरवियर में कंबल में घुस कर उसको बांहों में भर कर जोर से हग करते हुए उसके होंठों पर किस करने लगा.
वह तो बहुत ही ज्यादा गर्म हो चुकी थी और बहुत मादक सिसकारियां निकाल रही थी, आहें भर रही थी.
फिर मैं उसके मम्मों पर हाथ ले जाकर उन्हें एक-एक करके दबाने लगा.
मेरे ऐसा करते ही वह सीत्कार भरने लगी- आह … आह … बेबी आह.
इस बीच हमारे होठों का चुम्बन जारी था.
फिर मैंने अपना एक हाथ नीचे ले जाकर उसके पेट पर फेरा और नीचे उसके पेटीकोट के अन्दर हाथ डाल दिया.
वो मस्त हो रही थी.
मैंने एक पल की भी देरी न करते हुए उसकी पैंटी के अन्दर हाथ डाला और सीधा उसकी कामुक और कामरस में भीगी हुई चूत पर रख दिया.
उसकी चूत पर हाथ रखते ही वह उछल सी गई और बहुत ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां भरने लगी.
मैं उसकी चूत को ऊपर से ही रगड़ने लगा.
वो मेरे होंठ चूस रही थी और आंह आंह कि आवाज कंठ से निकाल रही थी.
अब देर न करते हुए मैंने उसके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और उसके पेटीकोट को भी नीचे खींच कर उतार दिया.
मैं सिर्फ अंडरवियर में था और वह सिर्फ पैंटी में थी.
मैं उसकी टांगों के बीच आ गया और उसके होंठों से चूमना जारी रखते हुए उसके गले तक आ गया. फिर नीचे आते हुए उसके मम्मे चूसने लगा. उन्हें जीभ से चाटने लगा.
जब उसका एक दूध मेरे मुँह में होता, तो मैं दूसरे चुचे को हाथ से दबाता.
मेरी जान तो इस समय सब कुछ भुला कर सेक्स का पूरा आनन्द ले रही थी.
फिर मैं और नीचे आया.
उसके पेट पर आकर पहले मैंने किस की, फिर धीरे से अपने होंठ घुमाए. फिर जीभ से उसकी गहरी नाभि को चाटने लगा.
मैं कुछ ऊपर उठा और उसकी पैंटी को उतारने के लिए पैंटी को किनारों से पकड़ा.
उसने अपनी गांड उठा कर बड़े आराम से पैंटी उतर जाने दी.
फिर मैंने भी तुरंत अपना अंडरवियर भी उतार दिया.
अब हम दोनों पूरी तरह नंगे जवान जिस्म एक कंबल में लिपटे हुए थे.
मैंने उसके पेट पर अपना मुँह रखा और धीरे से नीचे उसकी चूत के पास ले गया.
वह बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी.
उसने अपनी टांगों को पूरी तरह से ऊपर उठा लिया ताकि मेरा मुँह उसकी टांगों के बीच में आराम से चल सके.
तभी मैंने अपनी उंगली उसकी चूत पर लगाई तो वह तड़पने लगी और बोलने लगी- नो बेबी … प्लीज वहां पर नहीं … आह आ आह!
मैंने एक पल के लिए सोचा कि चूत उठा कर मना कर रही है, अजब की अदा है.
उसी वक्त मैंने अपना मुँह उसकी न्यू चूत पर लगा दिया और उसकी चूत को जीभ से चाटने लगा.
वह कामुक सिसकारियां भरने लगी.
चूत को चाटते हुए मैंने एक उंगली भी उसकी चूत में डाल दी और अन्दर बाहर करने लगा.
उसकी चूत का कामरस मुझे घायल कर रहा था.
फिर मैं उसकी चूत को बहुत ज़ोर से चाटने लगा.
वह कुछ ही देर में झड़ने को हो गई और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.
क्या स्वाद था उस चूतरस का … अद्भुत.
फिर मैं उसकी टांगों के बीच आ गया और उसके होंठों को चूसने लगा.
मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और चूत के ऊपर ही आगे पीछे करने लगा.
वह तो मेरे लंड का स्पर्श अपनी न्यू चूत पर पाकर फिर से गर्म हो गई थी.
मैंने उससे पूछा- अपना अन्दर डाल सकता हूँ बेबी!
उसने आह भरते हुए हां में अपना सिर हिला दिया.
तभी मैं कंबल से बाहर गया और जल्दी से बैग से कंडोम निकाल कर लंड पर लगा लिया.
मैं जल्दी से फिर से कंबल में घुस गया.
मैंने उसकी टांगों के बीच आकर लंड उसकी चूत के ऊपर रखा और अन्दर डालने की कोशिश करने लगा.
जैसे ही मैंने अन्दर डालने के लिए ज़ोर लगाया तो कोरी चूत में लंड थोड़ा सा अन्दर घुस गया.
लंड का मुखड़ा अन्दर लेते ही उसकी चीख निकल गई और मैं वहीं पर रुक गया.
कुछ पल बाद मैंने जोर लगाया तो मेरा आधा लंड अन्दर चला गया.
वह जोर लगाकर मुझे धक्का देने लगी, पर मेरी पकड़ मजबूत थी.
मैंने देर ना करते हुए उसे जकड़ कर पूरा लंड उसकी नयी चूत में घुसा दिया.
वह चिल्लाने लगी और मुझे धक्का देने की कोशिश करने लगी पर मैंने उसे अलग नहीं होने दिया.
मैंने उसे चूमते हुए समझाया कि जान थोड़ी देर बाद सब ठीक हो जाएगा.
वो चुप हो गई लेकिन कसमसाती रही.
मैं उसे किस करने लगा.
कुछ ही देर बाद वह नॉर्मल हो गई, तो मैंने नीचे से धक्के लगाने शुरू किए.
वह मीठी सिसकारियां भरने लगी.
अब उसे भी दर्द नहीं हो रहा था.
कुछ देर धक्के लगाने के बाद वह भी नीचे से ज़ोर लगाने लगी और लंड को और अन्दर लेने की कोशिश करने लगी.
उसकी ये हरकत देख कर मैं बहुत जोश में आ गया था और उसे बहुत ज़ोर से चोदने लगा था.
वह भी मस्ती से अपनी गांड उठा उठा कर चुदाई का आनन्द ले रही थी.
मेरी रिया चुदती हुई बोल रही थी- आंह जान … मस्त लग रहा है … आई लव यू हनी … आह आई लव यू जानू.
ये मेरी पहली चुदाई थी और शायद उसकी भी.
करीब पन्द्रह मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था.
ऐसे ही ज़ोर से चोदते हुए मैं झड़ गया और वह भी नीचे से झड़ गई.
मेरे झड़ने के बाद भी वह नीचे से चूत को ऊपर उठा कर झड़ रही थी.
कुछ समय बाद मैं उठा और कंडोम को उतार कर डस्टबिन में फेंक दिया और लंड को धोकर फिर से बेड पर आकर हम दोनों चिपक कर लेट गए.
दोस्तो, मेरी जवान गर्लफ्रेंड की होटल में चुदाई की कहानी में अभी काफी रस बहना बाकी है.
आप मेल करें और सेक्स कहानी के अगले भाग का इंतजार करें.