नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अंकित है, मैं प्रयागराज से हूं।
मेरी उम्र 19 साल की है।
मेरी बुआ की उम्र 35 साल की है.
उनका नाम नेहा है। उनका शरीर 32 – 30 – 36 का है।
मैं आपका अपनी कहानी में हार्दिक स्वागत करता हूं.
यह Xxx S3x कहानी 2 साल पहले की है और इस कहानी में कोई भी कल्पना नहीं लिखी गई है.
दो साल पहले जब मैं बुआ के घर गया था और रात का आलम ऐसा हुआ कि मैं वहीं रुक गया.
उनके घर में उनका एक बेटा, बारह साल का … और दस साल की एक बेटी थी. फूफा जी दूसरे शहर में नौकरी करते हैं.
जब मैं बुआ के घर गया तो हम सब एक ही जगह सोते थे, पास-पास … चूंकि वह सर्दी का मौसम था तो पास पास सोने में गर्माहट का अहसास अच्छा लगता था.
जब भी मैं बुआ से मिलता था, उनके साथ अंतरंग होने का ख्याल मेरे मन में लहर बनकर उठता था.
उनकी वह मदमस्त जवानी, वह भरा हुआ जिस्म, सब कुछ मुझे बेकाबू कर देता था.
आखिरकार वह रात एक मौका ले ही आई.
खाना खाकर सब सो गए, मैं भी बुआ के बगल में लेट गया.
रात गहरी होती गई, चारों तरफ सन्नाटा पसर गया और सब गहरी नींद में खो गए.
तभी मेरे मन में एक शरारती ख्याल कौंधा कि क्यों न बुआ के उस नशीले जिस्म को छूकर देखूं?
मैंने धीरे से उनका हाथ छुआ, उनकी सांसें शांत थीं, वे गहरी नींद में थीं.
मेरे दिल की धड़कन तेज हो गई.
फिर भी मैंने हिम्मत जुटाई और अपना हाथ उनके उन्नत, मुलायम उभार पर रख दिया.
कुछ देर तक मैंने वैसे ही हाथ रखा, उनकी सांसों को महसूस करते हुए उनकीइ ओर से होने वाली किसी प्रतिक्रिया का इंतजार करता रहा.
जब उनकी तरफ से कोई हरकत न हुई, तो मेरी हिम्मत और बढ़ गई.
मैंने धीरे-धीरे उनके उभारों को दबाना शुरू कर दिया.
उनके कपड़ों के ऊपर से ही उनकी गर्माहट को महसूस करते हुए मुझे बुआ के दूध दबाने में अप्रितम सुख मिलने लगा था.
बारी-बारी से मैंने उनके दोनों उभारों को सहलाया, उनकी चूचियों की कोमलता मेरे होश उड़ा रही थी.
जब मेरी हरकत को कोई जवाब न मिला, तो मेरी उंगलियां और साहसी हो गईं. मैंने धीरे से अपना हाथ उनके सूट के अन्दर सरकाया, उनकी ब्रा के ऊपर से उनके गदराए उभारों को छुआ.
उनका जिस्म इतना नशीला था कि मैं खुद को रोक न सका.
कुछ देर तक ऐसे ही सहलाने के बाद, मैंने हिम्मत करके अपना हाथ उनकी ब्रा के अन्दर डाल दिया.
अब उनका नंगा उभार मेरे हाथ में था, बुआ के चूचे की गर्मी और कोमलता ने मुझे मदहोश कर दिया था.
मैंने उनके एक निप्पल को धीरे से खींचा, उनके साथ खेला और मन में उनके दूध को चूमने की तीव्र इच्छा जगी.
मगर डर के मारे मैं रुक गया और आखिरकार नींद के आगोश में चला गया.
अगली सुबह जब आंख खुली, तब तक बुआ के दोनों बच्चे स्कूल जा चुके थे.
मैं उठा तो बुआ ने मुझे अपनी मधुर मुस्कान के साथ चाय थमाई.
चाय पीते हुए मैंने जाने की बात कही, मगर बुआ ने कहा- रुक जाओ, बाद में जाना.
मैंने हामी भर दी और घर फोन करके बता दिया.
फिर बुआ नहाने चली गईं.
जब वे नहाकर लौटीं, तो मैं उनके कमरे में लाइट बंद करके लेटा हुआ था और मोबाइल पर कुछ देख रहा था.
बुआ सिर्फ ब्रा और पैंटी में थीं.
उनका वह गीला, चमकता जिस्म, भरे हुए कर्व्स, सब कुछ मेरे सामने था.
शायद उन्हें नहीं पता था कि मैं वहां हूं, या फिर वह जानबूझकर अनजान बनी रहीं.
वे कपड़े पहनने लगीं.
फिर अचानक उन्होंने अपनी ब्रा उतारी और दूसरी पहनने लगीं.
यार, वह नजारा देखकर मेरे जिस्म में आग सी लग गई, मैं जैसे पागल हो उठा.
तभी बुआ की नजर मुझ पर पड़ी.
वे बोलीं- तुम यहां क्या कर रहे हो?
मैंने हड़बड़ाते हुए कहा- मैं तो बस मोबाइल चला रहा था.
बुआ ने थोड़ा शरारती लहजे में कहा- तो जो मैं कर रही थी, सब देख लिया?
मैंने शरमाते हुए कहा- हां, थोड़ा-बहुत!
वे मुस्कुराकर वहां से चली गईं.
मैं कुछ कुछ समझ गया था कि शायद बुआ का मन भी बेचैन है.
उसके बाद हम दोनों ने खाना खाया और आराम करने लगे.
बुआ सो गईं और उनकी नींद में खोई हुई खूबसूरती को देखकर मेरी हिम्मत फिर से जाग गई.
मैंने धीरे से उनके उभारों पर हाथ रखा, उनकी गर्माहट को फिर से महसूस करना चाहा.
मगर तभी बुआ ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोलीं- ये क्या कर रहे हो?
मेरे जिस्म में डर की लहर दौड़ गई और मैं सन्न रह गया.
बुआ बोलीं- रात में भी मैं जाग गई थी, जब तुम ये सब कर रहे थे!
मैंने कहा- मुझसे रहा नहीं गया.
बुआ बोलीं- तो क्या मैं ही मिली थी!
मैं चुप हो गया.
कुछ देर बाद बुआ हंसने लगीं.
मैंने सोचा कि यह क्या हुआ!
तब बुआ ने कहा- जब शुरुआत कर ही ली है तो बाकी का भी कर ही लो!
इतना सुनते ही मैंने बुआ को बिस्तर पर लिटा दिया और उनके होठों से होंठ मिला लिए.
वे भी मेरे होंठों को चूमने लगीं और हम दोनों बेकाबू होकर किस करने लगे.
कुछ मिनट बाद बुआ बोलीं- यही बस करोगे या और भी कुछ!
मैंने तुरंत बुआ के सूट को ऊपर करके उनकी ब्रा को भी ऊपर कर दिया और उनके दूध के साथ खेलने लगा.
फिर मैं उनके एक दूध को पीने लगा, तो वे खुद ही मेरा सिर पकड़ कर दूध पिलाने लगीं.
वे कहने लगीं- आह आज पी ले पूरा!
मैंने उनके निप्पल को काटा और उनके दोनों मम्मों को बारी बारी से पिया.
कुछ मिनट दूध पीने के बाद मैंने अपना हाथ बुआ की सलवार में डाल दिया और उनकी चूत में अंगुली करने लगा.
बुआ अपनी गांड उठा कर सीई सीई करने लगीं.
हम दोनों की आँखों में वासना का ज्वर भर चुका था और एक दूसरे को देखते हुए हम दोनों प्यासे नर मादा की तरह संभोग के लक्ष्य को पाने की ओर बढ़ने लगे थे.
बुआ ने अचानक से इशारा किया और मैंने झट से उठ कर उनके सारे कपड़े निकाल दिए.
बुआ मस्त लग रही थीं. वे सिर्फ पैंटी में रह गई थीं.
मैंने उनके दूध देखते हुए अपने पैंट को भी निकल दिया और लंड हवा में लहराने लगा.
बुआ मेरे तन्नाए हुए लौड़े को आश्चर्य मिश्रित निगाहों से देखने लगीं.
शायद उन्हें इस बात का अहसास ही न था कि मेरा लंड इतना बड़ा और मोटा होगा.
मैंने बुआ से कहा- लंड चूसो!
पहले तो बुआ ने मना किया, फिर न जाने क्या हुआ, वे मान गईं.
अब मेरा 6 इंच का लंड जैसे ही बुआ के मुँह में गया, बुआ एकदम मस्ती से चूसने लगीं.
कुछ देर बाद मैंने बुआ के मुँह में ही कुछ झटके देकर अपना रस छोड़ दिया.
बुआ किसी नल्ली की तरह मेरे लौड़े को चुसुक चुसुक कर रस कहा गईं.
उनकी रस पीने की अदा बता रही थी कि पुरानी Xxx S3x लंडखोर हैं.
बुआ ने मेरे लौड़े को सहलाते हुए कहा- अब देर मत करो और शुरू हो जाओ.
मैंने कहा- मैं तो सोच रहा हूँ कि एक बार पेलूँ तो कभी निकालूँ ही नहीं!
वे हंस दीं और बोलीं- फिर देरी क्या है!
मैंने कहा- इसके खड़े होने की देर है बुआ!
बुआ ने झट से लंड को अपने मुँह में भर लिया और मेरे टट्टों को सहलाते हुए उसे कड़क करने में जुट गईं.
जल्दी ही लंड कड़क हो गया और मैंने तुरंत अपने लंड को उनके मुँह से निकाल लिया.
मैंने अपने लंड में थूक लगाते हुए उसे मुठियाया और उनसे कहा- लेटो!
बुआ झट से पीठ के बल लेट गईं और उन्होंने अपनी दोनों टांगें ऊपर उठा कर चड्डी हटाने का इशारा किया.
मैंने उनकी चड्डी को एक टांग से निकालते हुए बाहर किया और टांगों को हवा में ही फैला दिया.
मैं अपने लौड़े को बुआ की चूत पर सैट करने लगा.
मैंने पहले तो चुत के रसीले होंठों के मुँह पर लिसलिसा सुपारा रख कर घिसा तो बुआ ने गाली दी- अब पेल दे ना भोसड़ी के!
मैंने तुरंत शॉट मारा और जैसे ही पहला झटका दिया, वैसे ही आधा लंड उनकी चूत में घुसता चला गया.
वे दर्द से चिल्लाने लगीं- ओए … हरामी साले ने फाड़ दी!
मैंने उनकी दोनों चूचियों को पकड़ा और तुरंत ही दूसरा झटका दे दिया.
मेरा पूरा लंड बुआ की चूत में चला गया और मैं बिना रुके उनको दे दनादन चोदने लगा.
मैंने कई शॉट लगाए.
बुआ अब तक सहज हो गई थीं और वे लंड से चुदने का मजा लेने लगी थीं.
बुआ बोलने लगीं- आह और चोदो मेरे राजा … कब से ऐसा सुख नहीं मिला मुझे!
मैं जोश में आ गया और उन्हें धकापेल पेलने लगा.
लगभग 15 मिनट बाद बुआ झड़ गईं.
मैं उन्हें अभी भी चोद रहा था.
लगभग 15 शॉट लगाने के बाद मैं भी झड़ने को हुआ और मैंने बुआ की चूत में ही अपना माल गिरा दिया.
उसके बाद हम ऐसे ही लेट गए और अपनी सांसें नियंत्रित करने लगे.
कुछ देर बाद मुझे फिर से जोश आ गया और मैं पुनः तैयार हो गया.
लेकिन बुआ बोलीं- अब बस बाद में!
मेरे बार बार कहने पर बुआ मान गईं और हम दोनों फिर से शुरू हो गए.
इस बार मैंने बुआ को डॉगी स्टाइल में चोदा और हम दोनों ने उनके ब/च्चों के आने से पहले 4 बार अलग अलग स्टाइल में सेक्स किया.
उसके बाद उनके ब/च्चे आ गए तो हम दोनों सोने का नाटक करने लगे.
हम दोनों ने एक ही चद्दर ओढ़ी थी और उनको लगा हम सो रहे हैं तो वे लोग दूसरे वाले कमरे में चले गए और हम दोनों चद्दर में ही मजा लेने लगे.
मैं उनके दूध को दबा और पी रहा था.
उसके बाद हम उस वक्त उठे, जब ब/च्चों को ट्यूशन पर जाने का टाइम हुआ.
तो वे लोग चले गए.
मैंने बुआ को एक बार और करने के लिए मनाया और लगातार 2 घंटे तक मैं और बुआ सेक्स करते रहे.
मैंने उनकी चूत में लंड डाला और आगे पीछे करने लगा. इस बार चुदाई की यह आवाज पूरे घर में गूंज रही थी.
मैंने ऐसे ही बुआ को उस 2 दिन में बहुत बार चोदा.
बुआ ने कहा- इस अच्छे काम के लिए क्या इनाम लोगे?
मैंने कहा- अभी तो जा रहा हूं, पर मन नहीं भरा है तो एक बार और चोद लूं?
उस वक्त बच्चे स्कूल गए थे, तो बुआ हंस कर मान गईं.
हम दोनों शुरू हो गए.
इस बार मैं बुआ की गांड में लंड डालने लगा.
बुआ मना करने लगीं.
लेकिन मैं नहीं माना और मैंने 3 ही धक्कों में पूरा लंड बुआ की गांड में अन्दर पेल दिया.
Xxx S3x से बुआ रोने लगीं और मुझसे अलग होने की कहने लगीं.
लेकिन मुझे कोई असर नहीं हो रहा था.
फिर जब मेरा झड़ने को हुआ तो मैंने बुआ की गांड में ही सारा माल डाल दिया.
जब मेरे जाने का समय हुआ तो मैंने बुआ को वापस पकड़ लिया और उनका ब्लाउज खोल कर उनकी चूचियों को दबाने लगा और पीने लगा.
बुआ हंस कर बोलीं- लगता है मुझे छोड़ कर जाने का मन नहीं कर रहा है न!
वे भी प्रेम से अपना दूध पिलाने लगीं.
फिर मैं चला गया.
अब हम जब भी मिलते हैं, ऐसे ही सेक्स करते हैं.
इस समय तो बुआ को ब/च्चा भी होने वाला है.
सबको लगता है वह ब/च्चा फूफा जी का है लेकिन वह ब/च्चा मेरा है.
अब तो मैं हमेशा बुआ की चूत पेलता रहा हूं और गांड भी मारता हूं.
हम दोनों एक दूसरे से बहुत खुश हैं.
बाकी की सेक्स कहानी अगले भाग में.