भाई की साली की चुदाई का मजा लिया

मेरा नाम एडी है, मैं 23 साल का हूँ. आपको और ख़ास तौर से लड़कियों को बताना चाहता हूँ कि मैं बचपन से ही थोड़ा कमीना किस्म का रहा हूँ और सेक्स में काफ़ी इंटरेस्ट लेता रहा हूँ. बहुर साल पहले से ही मैंने अन्तर्वासना की गर्म कहानियाँ पढ़ना शुरू कर दिया था और आज तक पढ़ रहा हूँ.
मैं जब जवान हुआ ही था तब से सेक्स के बारे में सोचता आ रहा हूँ लेकिन किस्मत ऎसी कि चूत के दर्शन काफी बाद में हुए.

यह मेरी असली चुदाई की कहानी है, मैं आशा करता हूँ कि मेरी कहानी को पढ़ कर सभी लड़कियों भाभियों और चाचियों की चूत गीली हो जाएगी और लड़कों के लंड भी मुठ मारने पर मजबूर हो जाएंगे.

यह बात जब की है, जब मैं 18 साल का हुआ ही था. मेरे घर में मेरी दी की शादी थी. मेरे घर पर बहुत सारे मेहमान आए हुए थे. उन मेहमानों में मेरे बड़े भाई की साली भी आई थी. उसका नाम सीमा था वो उस टाइम 21 साल की थी और मैरिड थी. सीमा के पति शादी में नहीं आये थे.
सीमा काफी खूबसूरत थी, उसका 34-28-36 का फिगर भी बड़ा लाजवाब था. मैंने कभी नहीं सोचा था कि हम दोनों के बीच में ऐसा भी कभी होगा.

इससे पहले हम लोग नॉर्मली ही बातें किया करते थे, थोड़ी बहुत मस्ती भी हो जाती थी.

अब मैं मेन पॉइंट की बात करता हूँ. ये बात उस रात की है, जब शादी की सभी रस्में संपन्न हो चुकी थी और मेरी दीदी विदा होकर अपनी ससुराल चली गई थीं. दिन की शादी थी तो शाम अन्धेरा होने से पहले ही विदाई हो गई थी.

उसके बाद रात के 12 बजे तक हम सब लोग ऐसे ही मस्ती करते रहे फिर हम लोग भाई के रूम में ही सो गए. भाई और भाभी अपने रूम के बेड पर सो रहे थे और हम दोनों ने नीचे बिस्तर लगाया हुआ था. कुछ देर बाद हम लोग सो गए.

तभी मेरी नींद अचानक खुल गई थी. उस वक्त रात के करीब 2 बजे होंगे. वो मेरे पास में ही लेटी थी, उसने मेरी तरफ करवट ले ली. मैं उसके रसीले होंठों को देखने लगा. पता नहीं क्यों मेरा दिल किया कि उसके होंठों का रस पान कर लूं. फिर मैंने धीरे से उसके होंठों पर किस किया. मुझको लगा कि वो जाग गई है, तो मैं जल्दी से हट गया. हालांकि कुछ नहीं हुआ वो सोई हुई ही थी.

पर अब मुझको नींद कहां आने वाली थी. मेरे अन्दर तो सेक्स की आग जलने लगी थी. मेरा शेर लंड जाग चुका था. उसके फिर मैंने धीरे से देखा तो वो अब भी सो रही थी. इसके बाद मैंने उसके दूध को हल्के हाथ से टच किया. कुछ प्रतिक्रिया न पाकर फिर मैंने धीरे धीरे उनको दबाया और वो मज़े से मुझको दबाने दे रही थे. ये बात मुझको उसने बाद में बताई थी.

फिर वो गरम होने लगी थी. उसने अचानक से अपनी आँखें खोल दीं. मेरी तो जान ही निकल गई. मैंने सोचा अब तो मेरी बैंड बज गई, घबरा गया मैं… मुझे लगा कि ये भाई और भाभी को सब बता देगी. मैं जल्दी से चुपचाप आँखें बंद करके लेट गया.

फिर वो मुझ से धीरे से बोली- एडी, क्या मैं तुमको अच्छी लगती हूँ?
मेरे ऊपर तो उस टाइम पर उसको चोदने का भूत सवार था. मैंने उससे बोला- हां सीमा, तुम मुझको बहुत पसन्द हो.
उसने मुस्कुरा दिया.

अब मुझे लगा कि लड़की राजी है, तो मैंने उसको होंठों को चूसना चालू कर दिया और वो मेरा साथ देने लग गई. मैं उसके होंठों का पूरा रस पी जाना चाहता था. वो भी मेरे होंठ ऐसे चूस रही थे जैसे कई साल से प्यासी हो. मैं पहली बार किसी लड़की को किस कर रहा था.

फिर मैंने उसके ब्लाउज के ऊपर से ही उसके मम्मों को दबाना चालू किया. मैं उसका एक आम दबा रहा था और उसकी रसभरी जीभ को चूस रहा था. उसकी जीभ में सच में काफ़ी रस भरा था.

फिर मैंने उसके होंठों को बाईट किया तो उसके मुँह से हल्की से चीख निकल गई. पर मेरे मुँह से उसका मुँह दबा होने के वजह से आवाज बाहर नहीं आ पाई.

फिर मैंने उसका ब्लाउज उतारा और उसको अपने ऊपर लेटा लिया. अब दोनों हाथों से उसके आमों को पकड़ा और उसके एक निप्पल को मुंह में ले कर चूसने लगा. उसके निपल्स ब्राउन थे जो मैंने अपने मोबाइल की लाइट जला कर देखे. उसके बाद में एक हाथ से उसके चूचे को मसल रहा था और दूसरे हाथ से दूध को चूसने का मजा ले रहा था. उसके मुँह से मादक सिसकारियां निकल रही थीं, जो वो भैया और भाभी के डर की वजह से निकलने से बचा रही थी.

उसके मम्मे चूसने में मुझको बहुत मजा आ रहा था. उधर उसकी चूत पूरी तरह गीली हो चुकी थी.

इसके बाद मैंने उसके निप्पल को काटना चालू किया, वो इस प्यार भरे दर्द को बड़े मज़े ले कर सह रही थी. कुछ देर बाद मैंने उसके दूसरे आम को चूसना चालू किया और उसके दोनों मम्मों को चूस चूस कर लाल कर दिया.

ये असली चुदाई का मेरा पहला मौका था तो मैं देखना चाहता था कि एक पूरी तरह से तैयार लड़की या औरत की चूत कैसी लगती है. सबसे पहले मैंने मोबाइल उठाया और उसकी चूत देखने लगा. उसकी चुत एक फूली हुई पाव ब्रेड की तरह लग रही थी. ब्राउन कलर की चूत थी, जो अन्दर से लाल थी. उसमें से एक ऐसी महक आ रही थी, जो मुझको मदहोश कर रही थी.

फिर मैंने सोचा क्यों ना चूत का टेस्ट लिया जाए लेकिन पहले इससे लंड को चुसवा लेता हूँ.

मैंने कहा तो वो मना करने लगी और बोलने लगी कि उसका पति भी उससे करवाता है लेकिन उसको पसन्द नहीं है ओर उल्टी सी आती है.

पर मेरी ज़िद करने पर वो मान गई. उसने अपने मुँह में मेरा लंड ले लिया और उसको चूसने लगी. मुझको तो ये फील होने लगा, जैसे मैं आसमान में उड़ रहा हूँ और लंड चुसवाने जैसा मजा किसी और चीज़ में नहीं है.

मैंने उसके बाल पकड़े और उसका मुँह चोदने लगा. उसने मुझको लंड निकालने के लिए बोला कि हट जाओ उसको उल्टी आ रही है, पर मैं कहां मानने वाला था. मैं उसको लंड चुसवाता रहा.

फिर मैंने सोचा कि अब बहुत लंड चुसवा लिया है, अब इसको चोदना भी तो है. आख़िर मेरी ये पहली असली चुदाई थी

मैं नीचे आ गया और उसकी चूत पर अपनी जीभ लगा कर चुत चाटने लगा. अपनी जीभ कभी चुत के अन्दर डालता, तो कभी उसके भगनासा पर ऊपर से नीचे तक जीभ फेर देता था. वो अति उत्तेजना में मेरे बालों को सहला रही थी और मेरे सर को अपनी चूत में दबा रही थी. वो इतनी गर्म हो गई थी कि जैसे वो मेरा सर अपनी चूत में डाल लेगी. मैं उसकी चूत को बीच बीच में काट भी रहा था.

वो बोलने लगी- प्लीज़ अब मुझको और ना तड़पाओ, मैं बहुत दिनों से प्यासी हूँ. मेरा पति का अफेयर किसी और के साथ है और वो मुझको ज्यादा टाइम नहीं देता है.
अब मैंने कहा- कोई बात नहीं मेरी जान.. तेरी चूत के लिए मेरा ये शेर है ना..

जब उसने मेरा लंड चूसा था तो वो तभी से काफ़ी खुश हो गई थी. उसने मुझसे बोला कि यार तेरा लंड तो काफ़ी मोटा और लंबा है.
मैंने बोला-  क्या है ना कि इंसान के लंड कितना भी बड़ा हो जाए, उसको छोटा ही लगता है.

मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया और धीरे धीरे उसकी चूत में पेलने लगा. दर्द की वजह से उसकी आखों से आंसू आने लगे थे. वो बीच बीच में बोल रही थी- आह.. लग रही है.. आराम से डालो.. मुझको इतना बड़ा ओर मोटा लंड लेने की आदत नहीं है, मेरे पति का पतला सा लंड है.

मैंने कहा- आदत डाल लो.. अब हमेशा यही लंड तुमको मजा देगा.

वो बोली- आह.. तुम एक बार में ही लंड डालने की कोशिश करो, मैं ये दर्द बर्दाश्त कर लूँगी.. पता नहीं ये मौका बाद में मिले या ना मिले.

मैंने एक बार में ही उसकी चूत में लंड पेल दिया. उसकी दबी हुई चीख निकल गई. मैंने झट से अपने मुँह से मुँह उसका मुँह बंद कर लिया.

फिर उसकी चूत के छेद में मेरा लंड समाता चला गया और मैं उसकी ज़ोरदार चुदाई करता रहा. हर धक्के के साथ उसके चेहरे पर एक सुख और दर्द के भावों को देखता रहा. वो पूरे मज़े के साथ मेरा लंड से चुदवा रही थी.

मैं उसके ऊपर आ गया था और उसको धकापेल चोद रहा था. बीच बीच में उसके गालों को काटता तो कभी उसके मम्मों को चूसता. फिर मैंने उसको अपने ऊपर आने को बोला.

वो मेरे लंड पर सवारी गांठने लगी. मैं नीचे से उसको ठोकर लगा कर चोद रहा था. मुझको काफ़ी मज़ा आ रहा था. मुझको पता चल गया था कि चुदाई का मज़ा लाजवाब होता है. मैं उसको काफी देर तक इसी पोजीशन में चोदता रहा.

कुछ देर बाद मैंने उसको कुतिया बनाया और पीछे से उसकी चूत में लंड पेल दिया.

वो- अहह आराम से.. तेरा पूरा लंड जा रहा है.. आह मजा आ गया..

फिर मैंने उसके बाल पकड़ कर उसको चोदना शुरू किया.

उसकी आवाज़ निकलती रही- अह ओह ह्म्म्म् उम्म्ह… अहह… हय… याह… यस्स यस कम ऑन.. और तेज और तेज.. आज मुझको अपने रंडी बना लो.. मैं जिन्दगी भर के लिए तेरे लंड की गुलाम हो गई हूँ.

मैं रात के 3:30 तक उसको ऐसे ही चोदता रहा, फिर मैंने उससे एक बार फिर से लंड चुसवाया और गांड मारने के लिए बोला.

पर उसने बोला- पागल हो क्या.. दीदी और जीजू हैं यहां, मुझको दर्द होगा, मैं ज्यादा चिल्लाना नहीं चाहती हूँ.. और तुमने अपना लंड देखा है.. मेरी फूल सी गांड फट जाएगी. वैसे भी मैं काफ़ी थक गई हूँ.

मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और उसको चोदने लगा. जब मेरा माल आने वाला था, तब मैंने लंड निकाल कर उसके मम्मों के ऊपर अपना पूरा जूस निकाल दिया.

तो दोस्तो, ये थी मेरी पहली असली चुदाई की पूरी पोर्न कहानी. यहां आप लोगों को कहानी अच्छी लगी हो तो मुझको आप लोगों के जवाब का इन्तजार रहेगा.

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