मेरी पहली कामवासना पूर्ति मौसी ने की

सेक्सी मौसी की हॉट बॉडी का मजा मैंने तब लिया जब मैं अपनी मौसी के घर गया था। एक दिन मैंने मौसी को बहाने से सोते हुए अपना लंड दिखा दिया। फिर मौसी ने क्या किया?

दोस्तो, मेरा नाम रणजीत है। मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं।
मेरी उम्र 27 साल है।

ये कहानी मेरी पहली कामवासना की है जोकि मेरे साथ घटित हुई।
ये कहानी उस वक़्त की है जब मैं 20 साल का था।

मुझे सेक्स का अच्छा ज्ञान था क्योंकि आप सभी जानते हो आज की दुनिया में 20 साल का लड़का सब कुछ जान लेता है।
वैसे मैंने अपनी जिंदगी में रियल सेक्स कभी किसी के साथ नहीं किया था।

मेरी स्कूल की छुट्टियां चल रही थीं और मुझे घूमने का बहुत मन था।
तब मेरे घर वालों ने मुझे मेरी मौसी के यहां जाने को बोल दिया।

मेरी मौसी की उम्र 38 साल की है। उनका फिगर 34-30-36 है।
उनकी लम्बाई मेरे बराबर है।

जब मैं उनके घर पहुंचा तो वो मुझे देख कर बहुत खुश हुई।
मेरी मौसी के एक भी बच्चा नहीं है जिस वजह से वो मुझसे बहुत प्यार करती है।

मेरे मौसाजी का काम गांव से बाहर ही रहता था।
उनके यहां सब कुछ ठीक चल रहा था।

दो दिन के बाद मौसाजी अपने काम पर निकल गये और मैं मौसी के साथ हंसी-खुशी रहने लगा।

एक दिन सुबह के वक़्त वो घर में झाड़ू लगा रही थी।
मैं तब सोकर उठा था।

उन्होंने मैक्सी पहन रखी थी। मेरी नज़र उनके गोरे बूब्स पर पड़ी।
मैंने पहली बार मौसी के बूब्स इस तरह से नंगे लटकते हुए देखे थे।

चूचियों का ऐसा नजारा देख मेरे मन में एकदम से सेक्स उठा।
सेक्सी मौसी की हॉट बॉडी देख मेरा दिल तो किया कि उन्हें पकड़ कर अभी उनके वे बोबे चूस लूं, मगर मैं ऐसा नहीं कर सकता था।
उन्होंने मुझे उठा देख कर कहा कि मैं जाकर नहा लूं।

फिर मैं उठकर चला गया।
मौसी ने नाश्ता बना दिया।

मैं उस रोज पूरा दिन उनके बारे में ही सोचता रहा।

रात को जब वो किचन में खाना बना रही थी तो मैं उनके पीछे जाकर खड़ा हो गया और उन्हें पीछे से पकड़ कर बोला- मौसी क्या बना रही हो?
उन्होंने बड़े प्यार से मुझसे कहा- तुम्हारी मनपसंद सब्जी बना रही हूं।

मैंने मौका पाकर उनके गालों पर किस कर लिया।
इससे वो खुश हो गयी।

फिर हम लोगों ने खाना खाया और फिर सोने चले गये।
सुबह जब मैं उठा तो मैंने सोचा क्यों न आज मौसी को अपने लंड के दर्शन कराये जायें।

मैंने जाबूझकर अपना लंड निकाल कर निक्कर से बाहर कर दिया।

मेरा लंड अभी खड़ा नहीं था, वो सोया हुआ था।
फिर मैं भी सोने की एक्टिंग करने लगा।

मगर एक्टिंग करते हुए इतने में मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया।
लेकिन फिर भी मैंने उसको अंदर नहीं किया।
मैंने ठान लिया था कि आज मौसी को लंड के दर्शन करवाने ही हैं।

मौसी जैसे ही कमरे में आयी तो उन्होंने उठाने के लिए मुझे हाथ लगाया जिससे उनकी नज़र मेरे खड़े लंड पर पड़ी।
वो एकदम पीछे हट गयी और मेरे ऊपर चादर डाल कर कमरे से बाहर चली गयी।

थोड़ी देर बाद मैं उठकर बाहर गया तो वो मुझसे नज़रें नहीं मिला रही थी।

मैं उनका फोन चलाने लगा तो मौसी ने कहा- एक फोल्डर छोड़ कर तुम कुछ भी देख लो, वो तुम्हारे मौसाजी के काम का फोल्डर है।
तो मैंने कहा- ठीक है।

मगर मैं उस फोल्डर को देखे बिना रुकने वाला कहां था। उनके वहां से जाने के बाद मैंने वो फोल्डर खोला तो उसमें बहुत सारी गंदी वीडियो पड़ी हुई थीं। मैं समझ गया था कि ये सब मौसी देखती होंगीं।

फिर थोड़ी देर में वो वहां आ गयी तो मैंने उनका फोन उन्हें वापस दे दिया।

फिर उनके मुझसे ना बोलने का कारण मैंने पूछा।
लेकिन मेरे पूछने पर भी उन्होंने कुछ नहीं बताया।

फिर शाम को मैंने मौसी से कहा- चलो खेत पर घूमने चलते हैं।
तो हम दोनों खेतों की तरफ घूमने निकल गए।

आगे चलकर उन्होंने अचानक से मुझसे पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है क्या?
मैं ये सुनकर एकदम चौंकते हुए उनसे बोला- नहीं मौसी, आज तक मैंने किसी लड़की से बात नहीं की है।

फिर वो कहने लगी- तुम बड़े हो गये हो, और आजकल तो ये सब गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड वगैरह नॉर्मल है।
मैंने हँसते हुए बात को टाल दिया और उनके पीछे-पीछे चलता रहा।
थोड़ा सा आगे जाकर हमें कुछ आवाज़ें सुनाई दीं।

वो सुनकर मौसी ने मुझे शांत होने का इशारा दिया।
वो थोड़ा आगे जाकर खेत में झांक कर देखने लगी।

कुछ देर तो मैं दूर रुका रहा लेकिन फिर मैं भी उनके पास जाकर देखने लगा।

वहां का नजारा देख मेरी तो आंखें खुली रह गईं।

खेत में एक आदमी गांव की एक लड़की को चोद रहा था।

आदमी ऊपर था जिसका पजामा उसकी जांघों से नीचे था, और उसके चूतड़ नंगे थे।

नीचे लड़की लेटी हुई थी जो उस आदमी के नंगे चूतड़ों पर टांगें लपेटे हुए चुद रही थी।
उसने उस आदमी को दोनों बांहों में जकड़ रखा था।

दोनों आह्ह … आह्ह की आवाजें कर रहे थे और अपनी चुदाई में मग्न थे।

यह नजारा देखकर मौसी और मैं एक दूसरे को देखते रह गए और फिर चुपचाप वहां से चले आये।
हमने पूरे रास्ते कोई बात नहीं की।

मैं अपने कमरे में जाकर खेत में हो रही चुदाई को सोचकर मुठ मारने लगा।

इतने में मौसी ने आकर दरवाजा खोल दिया और उन्होंने मुझे उस हालत में देख लिया।
मेरी गांड फट गयी।
मुझे कुछ समझ में नही आ रहा था कि मैं क्या करूं।

फिर मौसी चुपचाप वहां से चली गयी।
मैंने अपने कपड़े ठीक किये और उनके पीछे जाने लगा। मैंने सोचा कहीं मौसी मेरी मम्मी को फोन करके मुठ वाली बात बता दे।

इसलिए मैं उनसे रिक्वेस्ट करने लगा।
मेरे बहुत कहने पर वो मान गयी और दोबारा कभी ऐसा ना करने को बोला।

दो दिन बाद मौसाजी का फोन आया कि उनके दोस्त और उनकी वाइफ हमारे गांव में किसी काम से आ रहे हैं और वो हमारे ही घर पर रुकेंगे।

मैं और मौसी खुशी-खुशी उनके लिए खाने पीने की चीज़ें लेने बाज़ार चले गये।

वो दोनों लोग सही समय से घर आ गये।

फिर हम लोगों ने रात को खाना खाया और फिर सोने के लिए जाने लगे।
तो मौसी ने मेरे कमरे में उनको सुला दिया और मुझे बोला कि तुम बाहर सो जाओ आज के लिए।
तो मैं तैयार हो गया और बाहर जाकर मैं सोने लगा।

थोड़ी देर बाद मौसी उठकर मेरे पास आयी और बोली- तुमने मेरी बात बिना कुछ कहे मान ली, तुम सच में बहुत अच्छे लड़के हो, चलो यहां से … तुम मेरे साथ सो जाना।
फिर मैं खुशी-खुशी उनके साथ सोने लगा।

मगर दोस्तो, उनको अपने पास पाकर मुझे कहाँ नींद आने वाली थी।
मैं उनके सोने का इंतज़ार करने लगा।

थोड़ी देर बाद जब वो सो गयी तो मैंने उनके ऊपर ऐसे हाथ रखा जैसे नींद में रख दिया हो।
उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई।
मैंने धीरे-धीरे उनके मम्मों की तरफ हाथ आगे किया तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरी तरफ घूम कर बोली- मैंने तुमको मना किया था ये सब करने को, मगर तुम नहीं मान रहे।

मैंने उनको सॉरी बोला और उनसे बातें करने लगा।
फिर अचानक से मैंने उनको पूछा- मौसी, क्या सच में सेक्स करने में बहुत मज़ा आता है?
पहले तो वो चुप रहीं।

फिर थोड़ी देर बाद वो बोलीं- हां, ये बात सच है मगर तुम किसी और से ये बातें मत कहना कि मैंने तुमसे ऐसी कोई बात की है।
मैंने कहा- ठीक है, तुम बहुत अच्छी हो मौसी।

कहते हुए मैंने उनके गाल पर किस कर लिया।
फिर वो मुझे और भी बातें बताने लगीं।

इतने में ही मैंने रजाई के अंदर से अपने लंड को हल्के-हल्के मसलना शुरू किया।

थोड़ी देर बाद उनको शक हुआ तो उन्होंने मुझसे पूछा- क्या कर रहे हो तुम?
तो मैंने उनको बोला- आप इतनी सारी बातें मुझे बता रही हो तो मेरा बहुत मन किया, इसलिए मैंने अपनी निक्कर में हाथ डाल लिया था।

वो इस बात पर हंसने लगी और कहने लगी- तुम बहुत जल्दी ही भावुक हो जाते हो!

ये बातें हम बहुत धीरे-धीरे कर रहे थे ताकि दूसरे कमरे में आवाज़ ना जाये।

मैंने अचानक से मौसी से पूछा- क्या मैं आपको किस कर सकता हूं।
उन्होंने कहा- गाल पर कर सकते हो, इससे ज्यादा आगे नहीं।

तो मैं उनको जैसे ही किस करने के लिए आगे हुआ तो मेरा लंड उनके हाथ से छू गया।
उन्होंने हाथ तुरंत पीछे कर लिया।

मैंने उनसे कहा- मौसी आपने बचपन में मुझे इतनी बार नहलाया है, तब क्या ऐसे ही हाथ पीछे कर लेती थीं?
तो उन्होंने बोला- तब तुम छोटे थे।

फिर मैं उनसे बार-बार कहने लगा- मौसी एक बार हाथ लगाओ! फिर कभी नहीं कहूंगा।
पहले तो वो हाथ नहीं पकड़ने दे रही थी।

फिर उन्होंने अपना हाथ ढीला छोड़ दिया।
मैंने तुरंत ही रजाई के अंदर हाथ ले जाकर अपने तने हुए लंड पर उनका हाथ रखवा दिया।

जैसे ही उन्होंने लंड को पकड़ा उनकी साँसें तेज होने लगीं।
मैंने उनके गाल पर किस किया।

जैसे-जैसे मैं किस करता, वैसे ही वो और तेज हाथ चलाने लगतीं।
उनके हाथ का स्पर्श पाकर मैं बहुत देर नहीं टिक सका और उनके हाथ में ही पिचकारी मार दी।

उसके बाद उन्होंने मुझसे कहा- तुमको शांति मिल गयी अब?

मैंने मुस्कराते हुए उनको देखा और उनको सॉरी बोल दिया।
फिर हम दोनों एक दूसरे से बातें करने लगे।

थोड़ी देर बाद मैंने उनको बोला- आपने मुझे बचपन में अपना दूध पिलाया है।
इस पर वो हंसने लगी और बोली- तेरी मम्मी जब नहीं होती थी, तब तुझे चुप करने के लिए ऐसा करती थी।

तब मैंने कहा- मुझे आज भी आपका दूध पीना है।
मगर उन्होंने मना कर दिया।

फिर मेरे बार-बार कहने पर वो मान गयी और बोली- ठीक है, लेकिन यह बात किसी को बोलना नहीं।

मैंने कहा- ठीक है।
उन्होंने अपनी मैक्सी के बटन खोल कर दोनों मम्में बाहर निकाल लिए और मैंने एक को चूसना शुरू कर दिया।

ऐसा करते हुए मेरा लंड फिर खड़ा हो गया।
तभी मौसी ने कहा- क्या हुआ?
तो मैंने कहा- मेरा लंड खड़ा हो गया है, निक्कर में परेशान कर रहा है।

वो बोलीं- तो निक्कर को उतार दो।
मैंने वही किया।

मैंने रजाई के अन्दर ही निक्कर को उतार दिया, फिर मैं उनके मम्मे चूसने लगा।

जब मैं उनके मम्में चूस रहा था तो वो बहुत तेज-तेज साँसें ले रही थीं।
मैं समझ गया था कि मौसी गर्म हो गई है।

थोड़ी देर बाद मैंने उनको बोला- मुझे दूसरा दूध भी पीना है, इस तरफ से कैसे पियूं?

तो उन्होंने मुझे अपने ऊपर आने को बोला।
जैसे ही मैं उनके ऊपर आया, उनकी मैक्सी ऊपर उठ गयी।
फिर मैंने दूसरे मम्में को चूसना शुरू कर दिया।

मगर ऐसा जोर से करने पर उनकी मैक्सी और ऊपर उठ गयी, जिससे मेरा लंड उनकी चूत से टकरा गया।
मुझे पहली बार इतनी गर्मी का अहसास हुआ।

मैंने उनसे तुरंत पूछा- आपने नीचे कुछ नहीं पहना है?
उन्होंने हां में सिर हिला दिया।

अब मैंने उनकी चूत पर हाथ लगाया।
सच बताऊं दोस्तो, ऐसा लग रहा था जैसे मैंने किसी मक्खन की टिक्की पर हाथ रख दिया हो।

उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था और उनकी चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी।
मगर मौसी ने मेरा हाथ वहाँ से हटा दिया।

मेरा लंड जो उनकी चूत के पानी से भीग गया था, अब वो इधर-उधर फ़िसल रहा था।

फिर मौसी ने अपने आप ही हाथ नीचे ले जाकर मेरा लंड पकड़ लिया।
वो लंड को अपनी चूत पर कभी टच करती तो कभी हटा लेती, मगर अंदर नहीं जाने दे रही थी।

फिर अचानक से मैंने मौसी का हाथ पकड़ कर ऊपर कर दिया।
ऐसा करने पर उनकी चूत से निकलता हुआ रस मेरे लंड पर लग रहा था।

उनके पैर खुले होने की वजह से उनकी चूत थोड़ी खुल गयी थी।

फिर अचानक ही मेरा लंड खुद ही उनकी चूत के बीच में फँस गया और मैं थोड़ा सा आगे हो गया।
जिस वजह से मेरा लंड पूरा सेक्सी मौसी की हॉट बॉडी के अंदर घुसता चला गया।

इस बात पर मौसी गुस्सा होने लगी।
मगर मैंने किस करना बंद नहीं किया।

तब मौसी ने कहा- मैं सिर्फ आज के लिए तुम्हारी हूं, फिर दोबारा कभी मत बोलना ये सब करने को।
मैंने कहा- ठीक है।

बोलकर मैंने जोर-जोर से धक्के लगाने शुरू कर दिये जिससे मौसी को चुदने का मजा आने लगा।

मौसी सिसकारते हुए बोलने लगी- तेज … और तेज … आह्ह और तेज कर रणजीत!
मुझे भी मौसी की चूत मारने में बड़ा मजा आ रहा था और मैं पागल कुत्ते की तरह उनकी चूत में धक्के मारे जा रहा था।

कुछ देर चोदने के बाद मैंने उनको अपने ऊपर आने को कहा तो वह मेरे ऊपर आ गयी।
फिर खुद ही मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत पर रखकर बोली- तेरा लंड बहुत मस्त है, मैंने इसे पहले भी देखा था। मन तो किया था कि पकड़ लूं मगर मुझे डर था कि तुम सबको बोल दोगे।

तब मैंने उनसे कहा- मैं आपको पहले ही चोदना चाहता था मगर कभी हिम्मत नहीं हुई।

फिर वो जोर-जोर से मेरे ऊपर उछलने लगी।
कुछ समय के बाद वो शांत हो गयी।

शांत होते हुए मौसी मेरे ऊपर ही लेट गयी।
मैं समझ गया कि मौसी की चूत झड़ चुकी है।

फिर मैंने उनको घोड़ी बनने के लिए बोला और पीछे से ही लंड को पेल दिया।

उन्होंने कहा- तुम पहले भी एक बार झड़ चुके हो इसलिए तुमको इतना टाइम लग रहा है।
मैंने धक्के लगाते हुए कहा- पता नहीं मौसी लेकिन बहुत मजा आ रहा है।

मैं लगातार मौसी की चूत में लौड़ा पेलता चला गया।
वो भी कुछ देर के बाद चूत में दर्द से कराहने लगी।

वो छोड़ने को कहने लगी लेकिन जितना वो मना करती मुझे चोदने में उतना ज्यादा मजा मिल रहा था।

फिर दस मिनट की चुदाई के बाद मैं मौसी की चूत में खाली हो गया।
अब मैं भी बहुत थक गया था।

फिर हम दोनों एक दूसरे के साथ चिपक कर सो गए।

सुबह जब हमारी आंखें खुलीं तो मौसी मुझसे नजरें नहीं मिला रही थी।
मैंने मौसी के गाल पर किस कर दिया।
वो बोली- कल जो कुछ भी हुआ वह आगे नहीं होगा।

उस वक्त मैंने भी मौसी की हामी भर दी।
लेकिन उनके घर पर रहते हुए मैंने मौसी को गर्म कर करके आगे भी बहुत बार चोद डाला।

आगे की कहानी मैं आपको अपनी अगली स्टोरी में बताऊंगा।

दोस्तो, यह थी मेरी पहली चुदाई की कहानी जो एकदम से रियल सेक्स स्टोरी है।
आपको मेरी सेक्सी मौसी की हॉट बॉडी की चुदाई की कहानी कैसी लगी कमेंट्स में जरूर मुझे बताएँ।
या फिर आप मुझे मेरी ईमेल पर भी मैसेज कर सकते हैं।

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