दोस्तो, मुझे कहानी लिखने का कोई अनुभव नहीं है लेकिन फिर भी मैंने लिखने की कोशिश की है।
लेखक तो सोच के समुन्दर में डूब कर शब्दों के मोती निकाल लेते हैं।
खैर मैं यहाँ बिल्कुल नयी हूँ तो आप सभी को मेरा परिचय देना मेरी नैतिक जिम्मेदारी बनती है जिससे आप सभी मुझे जान सकें।
मेरा नाम चित्रा है और उत्तर प्रदेश के एक बड़े व्यवसायी की 23 साल की इकलौती लड़की हूँ और मेडिकल कॉलेज से एम बी बी एस कर रही हूँ।
मैं एकदम दूध जैसी गोरी हूँ और मेरी हाइट 5 फुट 6 इंच है। मेरा फिगर 36-26-34 है।
क्या मैं आप सभी को बोर तो नहीं कर रही हूँ?
चलिए मैं अपनी वर्जिन कॉलेज गर्ल Xxx कहानी पर आती हूँ।
बात आज से एक साल पहले की है। मैं शहर में नई थी तो मैंने हॉस्टल के बजाय एक प्राइवेट कॉलोनी में रेंट पर रूम ले लिया।
उस घर में अंकल, आंटी और एक बेटा रहता था.
मुझे उन्होंने पहली मंज़िल पर कमरा दिया था।
मेरा एक साल बड़े ही मुश्किलों से आंटी के साथ गुजरी क्योंकि आंटी से मैं हर तरह की बात नहीं कर सकती थी।
खैर, 04 अगस्त 2021 को आंटी (घर मालकिन) के बेटे की शादी हुई और बहू आ गई जिस से मेरी कुछ ही दिनों में उनकी बहू से मेरी पक्की वाली मित्रता हो गई।
रस्मो रिवाज़ में दिन बड़ी जल्दी गुजर गए और आनन फानन में पलक को अपने मायके जाना पड़ा।
पगफेरा के बाद जब पलक अपनी ससुराल आई तो फिर हम दोनों घंटों के हिसाब से बैठकर गप्पें मारा करती थीं।
मैं- भाभी, आपकी सुहागरात कैसी रही?
पलक कुछ उदास होकर बोली- चित्रा जी, मेरी तो ज़िन्दगी ही बर्बाद हो गई ऐसे आदमी से शादी करके!
मैं- क्यों ऐसा क्या हुआ? परिवार तो अच्छा खासा पैसे वाला है और भैया का स्वभाव भी काफ़ी अच्छा है!
पलक- चित्रा जी, सुहागरात पर कोई पत्नी पति के पैसे के साथ पति से कुछ और भी चाहती है क्योंकि सुहागरात सिर्फ दो शरीर का ही नहीं दो आत्माओं का मिलन भी होती है लेकिन जब पति पत्नी के सामने नपुंसक हो तो पत्नी की जिंदगी बर्बाद नहीं तो क्या आबाद होगी? चित्रा जी, मैंने आपके भैया का लंड हर तरह से खड़ा करने की कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अब तुम ही बताओ कि ऐसी सूरत में सुहागरात कैसे मना सकती थी?
मैं- भाभी, इसका मतलब … आप तो वर्जिन ही रह गई?
पलक- नहीं चित्रा जी, मैं वर्जिन नहीं हूँ।
मैं- समझी नहीं पलक भाभी कि आप क्या कह रही हो?
पलक- चित्रा जी, कॉलेज के समय मैं और मेरी कुछ सहेलियां अन्तर्वासना पर सैक्स कहानियाँ पढ़ती थीं और तो हमारा मन भी सैक्स के लिए करता था और हमारे हॉस्टल कि ज्यादातर सीनियर लड़कियां सैक्स पार्टी के लिए मार्केट से कॉल-बॉय बुलवाती थीं.
मैं- कॉल-बॉय?
पलक- हाँ … एक दिन हमारे हॉस्टल में एक कॉलबॉय आया जिसका लंड काफी लम्बा और बहुत मोटा था. वो लगातार देर तक बिना झड़े चुदाई करता था. मेरी चूत की सील उसी ने तोड़ी थी. लेकिन दूसरी बार उसको बुलाने पर पता चला कि वो बहुत महंगा पड़ता है. इसलिए किसी किसी कॉलबॉय से चुदवाया लेकिन खास मजा नहीं आया क्योंकि उन में से कोई भी उस जैसा नहीं चोद पाया जैसा वो पहले वाला चोदता था। तब से मैं उसे ही बुलाती हूँ बदले में अगर ज्यादा पैसे लेता है तो मजा भी अच्छा खासा देता है।
मैं- पलक भाभी, आप तो बहुत एडवांस हो?
पलक- चित्रा जी, पेट की आग तो रोटी से बुझ जाती है लेकिन चूत के लिए तो लंड ही चाहिए ना!
मैं- हाँ, यह तो सही बात है. लेकिन मैं तो अपनी आग को उंगली से बुझाने की कोशिश करती हूँ. मैंने आज तक लंड के बारे में सोचा भी नहीं!
पलक- इसका मतलब तुम अभी तक वर्जिन कॉलेज गर्ल हो?
मैं- हाँ भाभी!
पलक- सच में तुमने अभी तक लंड का स्वाद नहीं चखा?
मैं- नहीं भाभी।
पलक- लेना चाहोगी या नहीं?
मैं- नहीं भाभी मुझे बहुत डर लगता है अगर मेरी फट गई तो?
पलक- आज नहीं तो कल फटेगी … क्योंकि लंड तो चूत या गांड को फाड़कर ही घुसता है।
मैं- हाँ भाभी, बात तो सही है लेकिन डर लगता है कि पता नहीं उस लड़के का कितना बड़ा होगा?
पलक- यार चित्रा, उसका बड़ा तो बहुत है और काफ़ी मोटा भी। मानती हूँ कि शुरू में आपको बहुत दिक्कत होंगी लेकिन अगर शुरू का दर्द झेल सको तो मुझे यकीन है कि बाद में बहुत मजा आएगा।
मैं पहले तो मैं कुछ देर के लिए शांत रही लेकिन पलक भाभी ने काफ़ी जोर देकर बार बार पूछा तो बोल दिया- ओ के, आप बुक करके उसे बुलाओ जो होगा देखा जायेगा।
थोड़ी ही देर में पलक भाभी ने उस लड़के को कॉल किया और उसे सब कुछ बता दिया.
उस लड़के का नाम नितिन था.
तो फोन पर वो लड़का बोला- मैडम, मैं अभी एक अन्य क्लाइंट अटेंड करने जा रहा हूँ। अगर आपका फोन 2 दिन पहले आया होता तो मैं आपकी बुकिंग कर लेता। खैर कोई बात नहीं, मैं आपके पास कल परसों में फ्री होकर आता हूँ।
मैं- भाभी अपने उसे आने के लिए तो बोल दिया लेकिन घर में सभी लोग हैं और ये सब कैसे होगा?
पलक- डरो नहीं, इसका भी मेरे पास इंतज़ाम है। हज़रतगंज में मेरी एक सहेली रहती है. हम दोनों ही नितिन को बुलाकर उसके फार्महाउस पर खूब चुदवाती थी। मैं उसे अभी फोन किये देती हूँ. ओ के।
मैं यह जान चुकी थी कि उस कॉलबॉय का नाम नितिन है.
अब मैंने और पलक भाभी ने अपनी अपनी बातें बंद की और मैं अपने कमरे में आई.
आते ही सबसे पहले मैंने अपनी सलवार और चड्डी उतरी और वीट क्रीम से अपनी चूत को चिकना किया और कपड़े पहनकर सो गई।
अगले दिन सुबह ही करीब 10 बजे पलक भाभी मेरे कमरे में आई और बताया कि नितिन कुछ ही समय में मेरी सहेली के फार्महाउस पर पहुँचने वाला है. इसलिए आप फटाफट से रेडी हो जाओ, हमें निकलना है।
मैं तुरंत ही तैयार हुई और मैंने सभी कपड़े (ब्रा, पैंटी, ब्लाउज, पेटीकोट और कॉटन की साड़ी) गुलाबी रंग के पहने और पलक भाभी के साथ कार से चली गई।
थोड़ी ही देर में मैं और पलक भाभी अपनी सहेली मान्या के घर पहुँच गई और तुरंत ही मान्या को साथ लेकर उसके फार्महाउस पर पहुँच गए।
ऐसा मॉडर्न फार्महाउस मैंने पहली बार देखा था जिस में हर तरह का सामान मौजूद था।
उस फार्महाउस पर मान्या का केयरटेकर और उसका एक दोस्त था जिसे मान्या ने तुरंत ही छुट्टी पर भेज दिया.
20 मिनट बाद ही वो नितिन नाम का कॉलबॉय आ गया।
वह एकदम से लम्बा चौड़ा मिलिट्री जैसा जवान था।
सबसे पहले वो मान्या और पलक भाभी से गले मिला.
और बाद में मान्या और पलक भाभी ने नितिन से मेरा परिचय करवाया.
तो उसने मुझसे औपचारिकता पूर्वक मुझसे हाथ मिलाया.
पलक भाभी और मान्या ने कहा- नितिन, चित्रा भी तुम्हारी नई क्लाइंट है इसलिए उससे हाथ नहीं मिलाओ बल्कि अपने गले लगाओ!
तो नितिन ने मुझे अपने गले लगाया और अपने सीने से मेरे दूध रगड़ दिए जिससे मुझे एकदम अजीब सा लगा।
खैर 10 मिनट में पलक भाभी और मान्या दोनों ही बिल्कुल नंगी हो गई और उन दोनों ने नितिन को भी बिल्कुल नंगा कर दिया।
जैसे ही मेरी नज़र नितिन के नंगे बदन पर पड़ी तो उसे देखकर एकदम दंग रह गई उसका सिकुड़ा हुआ लंड काफ़ी बड़ा और मोटा था।
मैं सोचने लगी कि जब सिकुड़ा हुआ ही इतना बड़ा है तो खड़ा होने के बाद कितना बड़ा होगा?
तो मैं तुरंत ही पलक भाभी के पास गई और बोली- भाभी, मुझे नहीं करना क्योंकि इनका (नितिन का) लंड बहुत बड़ा है. मैं तो मर ही जाऊँगी और मैं अभी मरना नहीं चाहती।
मान्या, नितिन और पलक भाभी ने समझाया- चित्रा, लंड से कोई नहीं मरती. और ना ही कोई आज तक मरी है। मुझे और मान्या को देखो, हम दोनों की चूत का भोसड़ा ऐसे ही नहीं बना है। पहले हमारी चूत भी तुम्हारी तरह ही थी. लेकिन आज हमें हर तरह का लंड लेने में कोई दिक्कत नहीं होती बल्कि उल्टा मजा आता है. लेकिन पहली बार में तो सबको दर्द होता है। अगर छोटे लंड से चुदती तो भी दर्द होता लेकिन वो ज्यादा मजा नहीं दे पाता क्योंकि वो तुम्हारी बच्चेदानी तक नहीं पहुँच पाता और चुदाई का असली मजा लड़की की बच्चेदानी तक लंड की चोट पहुंचना है इसलिए मेरी सलाह मानो और कम से कम एक बार इसके लंड से चुदकर देखो. बस थोड़ा सा तुमको दर्द बर्दाश्त करना है उसके बाद मजे ही मजे हैं।
पलक भाभी के कहने से मैं डरती डरती तैयार हो गई।
तब तक मान्या ने नितिन का लंड अपने मुँह में ले लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी।
इधर मेरे मानते ही पलक भाभी इस तरह से लेटी कि मान्या नितिन का लंड चूस रही थी और नितिन पलक भाभी की चूत चाटने लगा।
ये सब देखकर मेरे शरीर में भी चीटियाँ सी रेंगने लगी.
तो मैंने भी अपनी साड़ी उतार दी और ब्लाउज, पेटीकोट में हो गई.
तभी पलक भाभी नितिन से अलग हुई और उन्होंने फटाफट ही मेरे पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया तो मेरा पेटीकोट मेरी कमर से खुलकर नीचे गिर पड़ा.
तो मैं ब्लाउज और पेंटी में रह गई.
फिर पलक भाभी ने मेरा ब्लाउज और ब्रा उतारी।
नितिन ने मेरी पेंटी उतार दी।
थोड़ी ही देर में मैं बिल्कुल नंगी हो गई तो पलक भाभी ने पहले वाली पोजीशन में लेट गई और नितिन से अपनी चूत चटवाने लगी और वो खुद मेरी चूत चाटने लगी।
जैसे ही पलक भाभी की जीभ मेरी चूत के दाने पर लगी तो मुझे ऐसा लगा जैसे कि मुझे 1000 वाट का करंट लगा हो और मैं जन्नत की सैर करने लगी।
मैं मजे में इतनी मस्त हो गई कि पलक भाभी का सिर अपने दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी।
थोड़ी देर बाद मान्या ने लात मारकर मुझे बोला कि मैं उसकी चूत को चाटूं लेकिन मैंने मना कर दिया।
मान्या के बार बार लात मारने से मैंने मान्या की चूत चाटने की कोशिश की क्योंकि मेरे लिए ये सब पहली बार था, मैंने कभी भी ये सब नहीं किया था।
खैर अन्ततः नितिन ने बारी बारी से मान्या और पलक भाभी की चुदाई अलग अलग आसन में करीब एक एक घंटे तक की।
जब मान्या चुदी तो पलक भाभी ने मेरी चूत और दूध पिए और पलक भाभी चुदी तो मान्या ने मेरी चूत और दूध पिए।
उन दोनों को निपटाने के बाद नितिन ने बहुत देर तक मेरे साथ ओरल सैक्स तसल्ली के साथ किया और उस दौरान उसने मेरे शरीर के हर हिस्से को चूमा चाटा.
जिससे मैं अत्यधिक गर्म हो गई और अपने आप मजे में बड़बड़ाने लगी- नितिन, अब और मत तड़पाओ, जल्दी से अपना मूसल मेरी चूत में डालकर इसकी प्यास बुझा दो।
निति सैक्स में एक मंझा हुआ खिलाड़ी था, उसने मान्या और पलक भाभी को बुलाया और कहा- मान्या, तुम चित्रा के होंठों को चूसो और पलक तुम चित्रा की टांगों को कस कर पकड़ लो।
वो दोनों भी आज्ञाकारी बच्चे की तरह अपनी अपनी जगह अपनी अपनी जगह का मोर्चा सँभाल कर बैठ गई।
तभी नितिन ने अपनी जेब से एक कंडोम निकाला और पहनने लगा.
तो पलक भाभी ने नितिन को कंडोम पहनने से रोक दिया और बोली- नितिन, इसे भी तुम बिना कंडोम के ही चोदो. और अपना बीज भी अंदर ही छोड़ना जिससे चित्रा को बहुत अधिक मजा आये क्योंकि अभी ये पीरियड से निवृत हुई ही है.
बस फिर क्या था … नितिन मेरी दोनों टांगो के बीच आ गया और अपने लंड का गुलाबी सुपारा मेरी छोटी सी चूत पर घिसने लगा.
करीब 2 मिनट तक उसने ऐसा किया होगा कि अचानक से उसने एक जोरदार धक्का लगा दिया जिससे उसका लंड मेरी चूत में घुस गया और मुझे बेतहाशा दर्द होने लगा।
ऐसा लगा जैसे कि कोई धारदार हथियार मेरी चूत में घुस गया हो.
लेकिन मान्या के होंठों में मेरी आवाज़ भिंच कर रह गई और मेरी टाँगें दर्द से काँपने लगी।
इधर नितिन ने मेरे ऊपर कोई तरस ना करके धीरे धीरे धक्के लगाने लगा.
और पलक भाभी ने मेरी टाँगें छोड़कर मेरे दूध चूसने और दबाने लगी जिससे मेरा दर्द धीरे धीरे कम होने लगा और मैं भी नीचे से अपनी कमर उठाने लगी.
तो नितिन ने फिर से अपना लंड मेरी चूत से बाहर खींचा और दुगुनी ताकत से फिर से जोरदार धक्का मारा.
पर इस बार मेरे होंठ खुले होने के कारण एक जोरदार चीख निकल गई और तुरंत ही बेहोश हो गई.
मेरा पूरा बदन पसीने से भीग गया.
तो मान्या तुरंत ही पानी लेकर आई और मेरे मुँह पर पानी मारकर मुझे होश में लाने लगी.
लेकिन मेरे होश में आने पर भी मैंने देखा कि उस निर्मोही नितिन ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर नहीं निकाला बल्कि धीरे धीरे धक्के लगाने में लगा रहा.
और कुछ देर धक्के लगाने के बाद एक तीसरा जोरदार धक्का पूरी ताकत से लगाया जिससे उसका पूरा भीमकाय लंड मेरी चूत में घुस गया क्योंकि उसके दोनों पोते (लंड के नीचे लटकने वाली गोलियाँ) मेरी गांड के छेद पर टकराने लगी थी।
पूरा लंड डालने के बाद वो 2 से 3 मिनट तक रुका, फिर उसने पहले धीरे धीरे और बाद में तेजी से अपने धक्कों कि स्पीड बढ़ाई और शताब्दी ट्रेन की तरह तेजी से चोदने लगा।
पलक भाभी ने बिल्कुल सही कहा था कि बाद में मजा आएगा.
कसम से उसकी स्पीड से मुझे बहुत मजा आ रहा था।
उसने एक एक करके कई आसन बदले और हर आसन में मुझे आर्गेज़्म कराया।
उस दौरान मुझे बहुत मजा आ रहा था.
और अंत में उसने मेरे गर्भाशय में अपना लावा गिराया।
दोस्तो, मैं आप लोगों को वो अहसास शब्दों में बयां नहीं कर सकती कि उस दौरान मुझे कितना मजा आया।
जिन लड़कियों ने किसी लड़के का बीज अपने गर्भाशय में गिरवाया होगा वो इस अहसास को अच्छे से महसूस कर सकती हैं।
नितिन के मेरी चूत में निचुड़ने के बाद वो मेरे ऊपर गिर गया और हम दोनों एक दूसरे से चिपके बिस्तर पर पड़े रहे।
कुछ देर बाद मुझे अपने नीचे कुछ गीला गीला सा लगा.
तो मैंने अपने आपसे नितिन को अलग किया.
मैंने देखा कि बिस्तर पर मेरी परछाई के समान आकार में पूरा बिस्तर पसीने से गीला था और मेरे चूतड़ों के नीचे मेरी चूत का रज और खून और नितिन का बीज का मिक्सचर था और मेरी चूत का छेद काफ़ी हद तक खुल गया था।
तो दोस्तो, बताइये आप सभी को मेरी सच्ची कहानी कैसी लगी?
दोस्तो, मैंने आपको पहले भी बताया था कि मैं कोई लेखिका नहीं हूँ. मैंने तो सिर्फ वो ही लिखा है जो मेरे साथ हुआ था।