भाई के बॉस के लड़के से चुद गयी मैं

टीन वर्जिन बुर Xxx कहानी में मेरा भाई जॉब करता था और मैं पढ़ती थी. एक दिन मेरा भाई घर से लेट निकला तो उसके मालिक का बेटा घर आ गया. हम दोनों एक दूसरे को देख कर मुग्ध हो गए.

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम मीनाक्षी है और मेरी उम्र 22 साल की है.
मेरे भाई का नाम गौरव है.
हम पंजाब के एक बड़े शहर के रहने वाले हैं.

जो टीन वर्जिन बुर Xxx कहानी मैं आपको बताने जा रही हूँ, वह अभी कुछ महीने पहले की ही है.

हम दोनों भाई बहन एक साथ एक ही घर में रहते हैं.
मैं स्टडी करती हूँ और मेरा भाई जॉब करता है.

हमारे मां बाप नहीं हैं. वे दोनों कुछ साल पहले एक दुर्घटना में नहीं रहे थे.
हम अकेले ही रहते हैं.

चूंकि हम दोनों पैसे से कमजोर हैं तो मेरा भाई मेरी शादी को लेकर बड़ा चिंतित रहता है.

घर में सारा काम मैं ही करती हूँ.
मेरा भाई सुबह 9 बजे तक जॉब पर चला जाता है और मैं 10 बजे तक कॉलेज चली जाती हूँ.

एक दिन मैं घर पर थी.
कॉलेज से छुट्टी थी और उस दिन मेरा भाई जॉब पर नहीं पहुंचा था क्योंकि वह लेट हो गया था.

उसके बॉस का बेटा उसको लेने घर आ गया.

जब उसने घर के गेट पर दस्तक दी तो मैं गेट के पास गई.
मैंने देखा एक हैंडसम सा लड़का खड़ा था.

तो मैंने उसको बोला- हां जी कौन?
वह कुछ नहीं बोला, बस मुझे देखता रहा था.

उसकी आंखों में वासना थी क्योंकि मैंने उस टाइम एक कैप्री और छोटा सा टॉप पहना हुआ था.
उस ड्रेस में मैं बहुत सेक्सी दिख रही थी.

वह कुछ देर के बाद मेरे भाई गौरव के बारे में पूछने लगा.
मैंने कहा- गौरव तो घर पर नहीं है. लेकिन आप कौन हैं?
तो वह बोला- मेरा नाम नरेन्द्र है और आपका भाई हमारे पास जॉब करता है. आज वह जॉब पर नहीं आया तो मैं उसको लेने आया हूँ.

फिर मैंने कहा- नरेन्द्र जी, वह तो जॉब के लिए अभी अभी ही घर से निकला है, कुछ देर में पहुंच जाएगा.
तो नरेन्द्र बोला- ओके.

फिर नरेन्द्र ने जाते जाते मेरा नाम पूछ लिया.
मैंने कहा- नरेन्द्र जी, मेरा नाम मीनाक्षी है.

वह सिर्फ मेरा नाम बुदबुदाते हुए कुछ सोचने लगा.
फिर मैंने उससे कहा- आप मेरा मोबाइल नंबर ले जाओ, अगर मेरा भाई आपके पास नहीं पहुंचा हो, तो एक कॉल कर देना.

नरेन्द्र मुझसे फोन नंबर लेकर जाने को हुआ.

मैंने देखा कि वह हल्का सा मुस्कुरा कर मेरे नंबर को देख रहा था.
मानो उसे कोई अमर बेल की जड़ी बूटी मिल गई हो.

मुझे भी उसे यूं मुस्कुराता देख कर अन्दर से बड़ी शांति सी मिल रही थी.

करीब एक घंटे के बाद मुझे किसी की कॉल आई.

जब मैंने कॉल उठाई तो उधर से नरेन्द्र की आवाज़ आई.
वह बोला- मीनाक्षी जी, आपका भाई हमारे पास आ गया है.
मैंने कहा- ओके नरेन्द्र जी … थैंक्यू.

नरेन्द्र मुझसे बोला- मीनाक्षी जी, मैं कुछ कहना चाहता हूँ यदि आपको बुरा न लगे तो कहूँ?
मैंने कहा- हां प्लीज कहो न!

वह- मैं आपसे मिलना चाहता हूँ, यदि आप फ्री हो तो प्लीज बताएं.

मैं समझ गई कि यह मुझसे क्यों मिलना चाहता है.
शायद मैं उसको अच्छी लगी, इसलिए वह मुझसे मिलना चाह रहा था.

उस तरफ से वह मुझ पर फिदा था तो शायद इस तरफ से मेरा भी उस पर दिल आ गया था तभी तो मैंने उसे अपना नंबर दिया था.
मैंने शर्माते हुए उससे घर पर आने को बोल दिया.

वह बड़ा खुश हुआ और उसने कहा- मैं बस अभी एक घंटा बाद आ रहा हूँ.

उससे फोन पर बात खत्म होते ही मैं झट से अपने कपड़े लेकर बाथरूम में घुस गई.
उधर मैंने जल्दी जल्दी अपने बदन को चिकना किया.

आप समझ रहे हैं न कि मैंने अपने बदन को किस तरह से चिकना किया.

हां आप सही समझे … मैंने अपनी चूत की झांटों को और बगल के अनचाहे बालों को वीट क्रीम की मदद से साफ कर लिया और नहा कर खुशबूदार महक से खुद को सुवासित कर लिया.

बाहर आकर मैंने एक सेक्सी ड्रेस पहन ली और उसके आने का इंतज़ार करने लगी.
कुछ देर बाद मेरे फोन पर नरेन्द्र का कॉल आया.
मैंने उसका कॉल उठाया और लरजते होंठों से हैलो कहा.

वह बोला- मैं घर के करीब आ गया हूँ. आप दरवाजा खोल कर रखना ताकि कोई टोका टाकी न करे.
मैंने ओके कहा और उसे अन्दर आने के लिए कह दिया.

फोन काट कर मैंने जैसे ही दरवाजा खोला, वह अन्दर आ गया और उसने दरवाजा बंद कर दिया.

उसकी तेज तेज चलती साँसों से साफ समझ आ रहा था कि उसे मुझसे मिलने में कितनी उत्तेजना भर आई थी.
मैंने उसकी तरफ अनुराग से देखा.

वह मुझसे कहने लगा- मीनाक्षी, आई लव यू … मुझे आपसे प्यार हो गया है.
यह कह कर उसने अपनी बांहें पसार दीं.

मैंने भी नरेन्द्र को ‘आई लव यू टू’ बोल दिया और उसकी बांहों में समा गई.

हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे.
हमारी चूमाचाटी चलने लगी.

मुझे उसके होंठों से अपने होंठों को निचुड़वाने में बेहद सुकून मिल रहा था.

वह भी मेरे होंठों को इस कदर से चूस रहा था मानो उसे शहद चूसने को मिल रहा हो.
कुछ मिनट तक चली यह चुंबन प्रक्रिया ने हम दोनों को नीचे से द्रवित कर दिया था और हम दोनों के मन और पाने को लालायित हो उठे थे.

वह मेरी आंखों में वासना से देख रहा था और मैं उसे देख रही थी.
कुछ पल बाद ही मैंने उसके हाथ को पकड़ा और उसे अपने कमरे में ले गई.

उस वक्त मुझे किसी का डर भी नहीं था क्योंकि मेरा भाई तो जॉब पर गया हुआ था.
फिर नरेन्द्र मुझसे कहने लगा- मीनाक्षी, तुम बहुत सेक्सी हो … मैं तुम्हें पाना चाहता हूँ.

मैं उसकी बात सुन कर उसके सीने में अपने सर को छिपा कर चूमने लगी.
वह मुझको फिर से किस करने लगा.

मेरे कपड़ों के ऊपर से मेरे बूब्स दबाने लगा.
मैं भी सेक्स के नशे में मस्त हो गई और उसको चूमने लगी.

धीरे धीरे उसने मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए और खुद भी पूरा नंगा हो गया.
हालांकि मैंने अभी पैंटी पहनी हुई थी.

उसने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और किस करने लगा.
वह ज़ोर ज़ोर से मेरे बूब्स दबा रहा था.
मेरे एक दूध को वह चूसने लगा और निप्पल को अपने होंठों से दबा दबा कर खींचने लगा.

वह खींच तो मेरे निप्पल को रहा था, पर नीचे चूत में सुरसुरी हो रही थी.

आज ज़िंदगी में पहली बार मैं किसी के सामने बिना कपड़ों की लेटी हुई थी.

अब उसने मेरी पैंटी उतार दी और चूत को सहलाना शुरू कर दिया.
वह मेरी चूत की फांक को अपनी उंगली से रगड़ रहा था तो चूत से लिसलिसा पानी निकलने लगा.

उसकी चिकनाहट पाकर उसने मेरी चूत में अपनी एक उंगली डाल दी और तेज़ तेज़ अन्दर बाहर करने लगा.
मुझे मजा आने लगा.

फिर उसने अपनी दूसरी उंगली भी चूत में पेली तो मैं तड़प उठी.
मेरी टीन वर्जिन बुर बहुत टाइट थी तो मुझे उसकी दो उंगलियों से बेहद दर्द हो रहा था.

मैंने उससे रुकने को बोला लेकिन वह नहीं रुका. वह तो बस अपनी मस्ती में लगा हुआ था.

कुछ देर बाद नरेन्द्र ने उंगलियां निकालीं तो मुझे उस पर गुस्सा आने लगा कि जब मजा आना शुरू हुआ तो उंगलियों को क्यों निकाल लिया.

मगर वह मेरा प्रेमी मुझे और सुख देने की कोशिश में था.
उसने अब अपना मुँह मेरी चूत पर लगा दिया और मेरी चूत को चाटने लगा.

उसकी जीभ का अहसास अपनी चूत पर पाते ही मैं एकदम से खिल उठी और आह आह की मादक ध्वनि से उसके सर को अपनी चूत पर दबाने लगी.
वह मेरी चूत के दाने को अपनी जीभ से कुरेदने लगा और होंठों से दबा कर मसलने लगा.

सच बोलूं दोस्तो, मुझे मीठा मीठा दर्द भी हो रहा था और मज़ा भी मिल रहा था.

कुछ देर बाद मेरी चूत से पानी निकलने लगा.
नरेन्द्र ने अपना मुँह और जोर से मेरी चूत पर लगा दिया और उसने मेरी चूत से निकलने वाला सारा पानी चाट लिया.

अब उसने नशीली आंखों से मुझे देखा तो मैं उसकी आंखों में से टपक रही वासना के तूफान में बह गई.

उसने भी मेरी नजरों को शायद पढ़ लिया था.

नरेन्द्र ने मेरी चूत को उठाने के लिए गांड के नीचे एक तकिया लगा दिया और मेरे दोनों पैर खोल दिए.
अब मेरी टीन वर्जिन बुर उभर कर उसके सामने लपलप कर रही थी.

वह मेरी चूत को अपने लंड से सहलाने लगा.
सच में लंड का गर्म सुपारा मेरी चूत को झुलसा रहा था.

मुझे ऐसा ल रहा था कि जल्दी से यह सुपारा मेरी चूत में घुस जाए और चूत की धज्जियां उड़ा दे.

मैंने गांड उचका कर लंड के मुँह को चूत से चूमा ही था कि उसी वक्त उसने मेरी चूत में अपने लंड का थोड़ा सा भाग पेल दिया.
मुझे सुपारे की गर्मी और उसकी सख्ती से चूत में चिराव सा हुआ.
हालांकि उस समय दर्द नहीं हो रहा था बस चूत फैल सी रही थी.

फिर नरेन्द्र कहने लगा- मीनाक्षी, ध्यान रखना, थोड़ा सा दर्द होगा तुम्हें … लेकिन कुछ ही पलों के अन्दर सब सही भी हो जाएगा और तुमको बहुत मजा आएगा.
मैंने कहा- ठीक है नरेन्द्र लेकिन आराम से करना.

उसने मेरी बात पूरी होने से पहले ही एक ज़ोर का झटका दे मारा.
मेरी Xxx बुर में उसका पूरा लंड समाता चला गया. मैं ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी ‘आअंह आअंह निकालो इसको … मेरी चूत फट गई …’

मुझे बहुत दर्द हुआ.
वह रुक गया लेकिन उसका लंड मेरी चूत में ही घुसा रहा था.

मेरी चूत की सील टूट चुकी थी.
वह मुझसे चिपक गया और मुझे किस करने लगा.

कुछ देर बाद उसने झटके मारने शुरू कर दिए और मेरी चिकनी प्यारी सी छूट उसके झटके सहन करने लगी.
उसके लौड़े से लगने वाले झटकों की आवाज़ ऐसी आ रही थी, जैसे कोई मशीन चालू हो गई हो.

तप थपा तप थप.

मैं आहें भर रही थी ‘उंह आअंह सस्शह आअंह आअंह श …’

कुछ देर के बाद मुझे मजा आने लगा और मैं भी अपनी गांड उठा उठा कर उसके लंड से लोहा लेने लगी.

अब उसने मुझे घोड़ी बना दिया और मेरी चूत पर थूक कर चूत को चाटने लगा.

उस वक्त मुझे सेक्स का पूरा मजा मिल रहा था. नरेन्द्र भी मेरे कमनीय बदन का पूरा मजा ले रहा था.
उसने मेरी चूत में लंड पेल दिया और मुझे चोदने लगा.

मैं आहें भरने लगी ‘उंह आअंह आअंह शह …’
उसका लंड मेरी चूत की जड़ तक पहुंच रहा था.

दस मिनट तक उसने मुझे हचक कर चोदा.
उसके बाद नरेन्द्र बिस्तर पर लेट गया और वह मुझसे लंड चूसने का कहने लगा.

मैंने भी देरी ना करते हुए उसका लंड चूसना शुरू कर दिया.
मैंने उसके लंड को चूस कर उसका पानी निकाल दिया.

लंड का पानी बड़ा ही स्वादिष्ट था, तो मैं सारा पानी निगल गई.

फिर हम दोनों ने कपड़े पहने.
कुछ देर बात की.

उसने मुझे कुछ ज्यादा से रुपये दिए और बोला कि तुम अपने लिए कुछ ड्रेस ले लेना.

वह जल्दी ही मुझे बाहर घुमाने ले चलने की कह कर चला गया.

दोस्तो, अब नरेन्द्र मेरे पास आता जाता रहता है.
जब मेरा भाई घर पर नहीं होता तब वह मेरी चूत के मजे ले लेता है.

अब जल्दी ही हम दोनों गोवा जाकर मस्ती करने वाले हैं. शायद नरेन्द्र मुझसे शादी भी करने को राजी है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *