नंगी साली फक स्टोरी में पढ़ें कि मेरी कुंवारी साली मेरी बीवी से ज्यादा सेक्सी माल थी. मैं उसे चोदना चाहता था. वह एक बार हमारे घर रहने आई तो मैंने उसकी गांड पहले मारी, चूत बाद में!
मेरा नाम सिद्धार्थ उर्फ सिड है. मैं 6 फुट कद का एक हट्टा-कट्टा मर्द हूँ. लड़कियां मेरी झूमती जवानी पर रीझती हैं.
मैंने भी किसी को निराश नहीं किया.
जो भी लड़की या भाभी मेरे पास चूत चुदाई के लिए आई, मैंने उसकी मनोकामना पूरी की.
एक बार चुदवाने के बाद जब वह दुबारा चोदने के लिए कहती तो मेरा उसूल होता कि मैं दूसरी बार में उसकी गांड मारता.
यदि वह गांड मरवाने को राजी नहीं होती तो उसे मेरे लंड की सेवा से महरूम होना पड़ता.
अब तक करीब चालीस चूतें मेरे लंड के नीचे से निकल चुकी हैं.
मैं जब भी किसी लड़की को चोदता हूँ तो किसी भी तरह की दवा का प्रयोग नहीं करता हूँ. मेरी खुद की शक्ति इतनी अच्छी है कि मैं बीस मिनट से पहले कभी नहीं झड़ा हूँ.
जब मेरी शादी हुई तो मेरी बीवी मेरे साथ सेक्स करके अतिप्रसन्न थी.
उसको मेरे लंड पर नाज था कि मैं उसका पति हूँ.
अब आज की वह सेक्स गाथा सुनिए, जिसको लेकर मैं आपके सामने हाजिर हुआ हूँ.
इस नंगी साली फक स्टोरी की शुरूआत मेरी ससुराल से होती है.
यह पहली बार हुआ था कि मैं किसी दूसरी लड़की पर रीझा था.
वर्ना अब तक तो लड़कियां खुद ही मुझे सामने से कहती थी कि आओ और उन्हें चोद दो.
दरअसल मेरी साली बहुत गदराई हुई माल है. उसके बूब्स बड़े ही रसीले हैं और वह बहुत गोरी भी है.
मेरी बीवी उसके सामने खूबसूरती में पानी भरती है.
उन दिनों मेरी साली मेरे घर में ही रहने आई थी.
वह घर आई तो मैं न जाने क्यों उस पर लट्टू हो गया था.
पहली बार मुझे यह लगता था कि यह किस तरह की लड़की है जो मेरे ऊपर जरा भी मोहित नहीं हुई है.
जबकि यह तो मेरी साली है, इसका तो मेरे साथ हंसी मजाक करना बनता है.
वह मेरे साथ सीमित मजाक करती थी.
मैं उसे छिपी हुई नजरों से देखता रहता था.
उसी के चलते मैंने उसे 2-3 बार नहाती हुई भी देखा था.
पर अब तक मैं उसके साथ कुछ कर नहीं सका था.
वह मुझे घास ही नहीं डाल रही थी.
एक दिन वह नहा रही थी.
उस दिन मुझे उसके पूरे दूध दिख गए.
उसके मम्मे इतने मस्त और तने हुए थे कि क्या ही बोलूं!
उस दिन मैंने उसको चोदने का मन पक्का बना लिया कि अपनी साली की चूत जरूर चोदूंगा.
कुछ देर बाद वह बाथरूम से बाहर निकल आई.
उसके बाहर आते ही मैं बाथरूम में गया और दरवाजा खुला रख कर मूतने लगा.
वह उस वक्त बाथरूम की ओर ही देख रही थी.
मैंने यह भांपा और अचानक से घूम कर उसे अपना लंड दिखा दिया.
वह मेरे लंड को देख कर शर्मा भी गई थी और कुछ गर्मा भी गई थी.
अगले दिन मैंने फिर से उसे लंड दिखाया तो वह सीधा अन्दर आ गई और मेरा बड़ा लंड देख कर मेरे सामने खड़ी हो गई.
मैंने उससे कहा- बाहर जा न … क्या देख रही है?
वह एक बार हंसी और बाहर चली गयी.
मैं समझ गया कि उसको अपने जीजा का लंड पसंद आ गया है.
मैं अगले दिन अपने रूम में था और उसके अन्दर आने का इंतजार कर रहा था.
उस दिन मेरी पत्नी मुहल्ले के एक कार्यक्रम में गई थी.
मेरी साली का अगले दिन एग्जाम था, तो वह नहीं जाएगी, यह मुझे पता था.
मैं भी इसीलिए नहीं गया.
मैंने अपनी तबियत खराब का बहाना बना दिया था.
कुछ देर बाद मेरी साली मेरे कमरे में मुझे खिचड़ी देने आई तो मैंने साइड से उसका एक दूध पकड़ लिया.
उसने डर के मारे प्लेट को नीचे गिरा दिया.
मैं उसको खींच कर बेड पर लाया और बोला- चल जन्नत दिखाता हूँ तुझे!
वह बोली- दीदी आ जाएगी.
मैं तो उसकी कुछ भी नहीं सुन रहा था.
उसके बूब्स दबा कर मैं खड़ा हो गया.
आज मुझे उसकी चूत चोदनी ही थी.
मैंने अपना लंड बाहर निकाल कर उसके सामने दिखाया और आगे होता हुआ उसके मुँह में लगा दिया.
उसने भी मेरी आंखों से आंखें मिलाईं और मेरे लौड़े के सुपारे पर अपनी जीभ फेर दी.
जीभ को लंड के प्रीकम का स्वाद मिला, तो उसने मुँह बनाया और जीभ अन्दर कर ली.
अगले ही पल उसने वापस जीभ निकाली और फिर से जीभ से लंड को चाटा.
शायद उसे मज़ा आने लगा था.
मैंने उससे इशारे में कहा कि हाथ से पकड़ कर मुँह में ले.
तो उसने ठीक से बैठ कर अपने हाथ से लंड पकड़ा और अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.
साली बहन की लौड़ी को लंड चूसना न जाने किसने सिखा दिया था.
वह मेरे लौड़े को बड़ी मस्ती से चूस रही थी और मैं अपने हाथ से उसके दूध मसल रहा था.
कुछ मिनट बाद मैंने उसे उल्टा कर दिया और पीछे से उसकी गांड में लंड पेल दिया.
वह अभी कुंवारी थी इसलिए बहुत शोर कर रही थी.
उसकी गांड का छेद इतना कसा हुआ था कि मेरा लंड घुस ही नहीं पा रहा था. फिर जैसे तैसे घुसा, उसकी गांड से खून भी बहुत आ रहा था.
मैंने उसके खून को एक कपड़े से साफ किया और फिर से लंड पेल कर गांड मारने लगा.
दोबारा में लंड अन्दर गया था, तो उसका दर्द खत्म हो गया था और वह बहुत मज़ा ले रही थी.
इतने में किसी के घर के अन्दर आने आहट आई.
बाहर का मेन गेट खुलने की आवाज आई थी.
मैंने कमरे की खिड़की से देखा तो वह मेरी पत्नी थी.
वह बस चैक करने आई थी कि मेरी तबियत कैसी है.
मैंने दरवाजा खोला और कहा- मैं सो रहा था, फ़ंक्शन खत्म हो गया क्या?
वह बोली- नहीं अभी तो शुरू ही नहीं हुआ है.
फिर उसने अपनी बहन के बारे में पूछा कि बबली किधर है.
तभी बबली ने दूसरे कमरे से आवाज दी- मैं इधर हूँ दीदी पढ़ रही हूँ. क्या हुआ?
मेरी बीवी बोली- कुछ नहीं. तू पढ़ … मैं जा रही हूँ. अपने जीजू का ख्याल रखना. इन्हें किसी चीज की जरूरत हो, तो आ जाना. मुझे आने में एक घंटा लगेगा.
उसने ओके कहा और मेरी बीवी चली गई.
दरअसल मैंने जैसे ही अपनी बीवी के आने की आवाज सुनी थी तो मैंने उसे उसके कमरे में जाने का इशारा कर दिया था.
वह नंगी ही भागती हुई अपने कमरे में चली गई थी और उधर उसने एक मैक्सी पहन ली थी.
इधर मैंने उसके सारे कपड़े चादर के नीचे कर दिए थे और खुद एक तौलिया बांध कर कमरे का दरवाजा खोला था.
जैसे ही बीवी वापस गयी, मैंने फिर से अपनी साली को बुलाया और चालू हो गया.
मैंने 20 मिनट तक अपनी साली की गांड मारी और उसके बाद मेरा वीर्य उसकी गांड में ही निकल गया.
वह आगे चोदने के लिए कहने लगी.
मैंने उससे कहा- फिर से चूस कर खड़ा कर!
वह मस्त लंड चूसने लगी थी.
मुझे तो उससे अपने लंड को चुसवाने में ही बहुत मज़ा आ रहा था.
कुछ मिनट बाद मैंने फिर से नंगी साली फक के लिए रेडी हो गया था.
इस बार मैंने साली को सामने से चोदा.
चूत चुदाई के समय उसके दूध इतने ज्यादा हिल रहे थे कि क्या ही बोलूं.
उसे चोदते हुए मैं उसके निप्पल चूस रहा था.
बाद में मैंने उसके बड़े बड़े मम्मों के ऊपर ही अपने लौड़े का पूरा माल टपका दिया और उससे अपने रूम में जाने का बोल दिया.
मैं अभी अपने लंड को साफ कर ही रहा था कि मेरी बीवी आ गई.
वह भी चुदवाने के मूड में थी, आते ही बोली- चुदाई करें क्या?
मैं तो डर गया था कि हां बोलूँगा, तो इसे संदेह होगा.
इसलिए मैंने कहा- अभी नहीं जान … अभी दवा खाई है. एक घंटा में जरा ठीक हो जाऊं, तब करते हैं.
वह बोली- ओके.
वह नंगी होकर मेरे बाजू में लेट गई.
उसकी नंगी बॉडी आग बरसा रही थी.
न जाने क्यों, मैं गर्म हो गया और उसके ऊपर चढ़ गया.
मैंने उसे चूमा और मेरे लंड को उसने पकड़ कर अपनी चूत में सैट कर दिया.
मैंने उसके ऊपर से पेलने लगा.
उसे मेरे लौड़े की सवारी करना ज्यादा पसंद है.
वह कहने लगी- मुझे राइड करना है.
मैंने कहा- चल आ जा.
वह मुझे पलटा कर मेरे ऊपर चढ़ गयी.
मैं इतनी देर से अपनी साली को चोद चोद कर थका हुआ था.
बीवी मेरे लंड के ऊपर चढ़ गई और उसने अपनी नशीली आंखों से मेरी आंखों में देखते हुए अपनी जीभ को होंठों पर फिराई, तो मैं उसके कामुक भाव देख कर मस्त हो गया और मैंने उसकी चूत में लंड पेल दिया.
हम दोनों में चुदाई शुरू हो गई.
मेरा जल्दी निकल गया जबकि वह कुछ देर और करना चाहती थी.
उसे यह बात मालूम थी कि मेरी टाइमिंग काफी ज्यादा है.
उसे थोड़ा संदेह हुआ कि मैं इतनी जल्दी क्यों झड़ गया.
पहले तो ऐसा कभी नहीं हुआ था.
उसने कहा- यह क्या हुआ?
मैंने कहा- अरे कुछ नहीं … तू जरा चूस दे. मैं इस बार देर तक करूंगा.
उसने मेरा हथियार चूस कर खड़ा कर दिया.
मैंने उसे फिर से चोदना शुरू कर दिया.
इस बार मैंने उसे बहुत देर तक चोदा और सोने लगा.
मेरी साली वह पास वाले रूम से पूरी बातचीत सुन रही थी.
उसकी प्यास भी कम नहीं हुई थी.
वह सुबह 4 बजे मेरे रूम में आई.
उसने मुझे नींद से जगाया और बोली- ऊपर की फ्लोर पर चलो जल्दी!
मैं चुपचाप निकल कर ऊपर गया, वहां मेरी साली मेरे कमरे से वियाग्रा की गोली लेकर बैठी थी.
मेरे आते ही वह बोली- आओ जीजा जी आपके लिये एनर्जी रेडी है. दीदी को चोद चोद कर थक गए होगे. पहली बार में मैं भी पूरा मज़ा नहीं ले पाई. अब मुझे पूरा मजा लेना है.
मैंने उसको बहुत मना किया मगर वह जिद पर अड़ी थी कि करना ही है.
तब मैंने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में अचानक से अन्दर तक पेल दिया.
उसकी चीख निकल गई.
‘साली रंडी चोप्प …!’ मैंने उसका मुँह हाथ से दबाया और बहुत जोर से गांड पर चमाट मारी.
‘चुप रह कुतिया कोई सुन लेगा रंडी!’
मगर मेरी साली को दर्द ज्यादा हो रहा था. वह शांत ही नहीं हो रही थी.
मुझे समझ में आ गया कि यह ऐसे शांत नहीं होगी.
इसलिए मैंने बड़े आराम से नंगी साली की गांड पर तेल लगाया.
वह बोल रही थी कि कहां लगा रहा है, दिख नहीं रहा क्या? उधर की उधड़ी पड़ी है साले जीजू … मत कर उधर … कल रात से ही फटी पड़ी है.
मैंने कहा- रुक ना जरा! बस यह कहते हुए मैंने उसकी गांड में लंड पेल दिया.
तब मैंने बिना रुके बीस मिनट तक चोदा साली रंडी को.
अब तो वह चल भी नहीं पा रही थी और कराहती हुई बोल रही थी- बस कर दो प्लीज़!
मैंने थोड़ी देर उसे अपना लंड चुसाया फिर उसको सहारा देकर उसके कमरे में छोड़ आया.
उसके बाद दो दिन तक मैंने अपनी साली की चूत भी खूब चोदी.