मेरी गर्लफ्रेंड श्रुति बहुत ही अच्छी है। वो दिखने में दुबली-पतली और थोड़ी सावली सी है। उसकी सबसे अच्छी बात है जिस तरह से वो मेरा लंड चूसती है। मैं उसे एक-दम पोर्नस्टार जैसा ही ट्रीट करता हूं। और जब मर्जी तब उसके मुंह में अपना लंड ठूस देता हूं। वो भी मेरे लंड की प्यासी है और बड़े प्यार से मेरा लंड चूसती है। उसको बड़ा मजा आता है लंड चूसने में।
दुनिया में शायद कोई भी लड़की उसके जितना अच्छा लंड नही चूसती होगी। मुझे उसकी बेस्टफ्रेंड अनु भी बहुत अच्छी लगती थी। वो थोड़ी गोरी थी और उसकी बॉडी कर्वी थी। उसकी गांड और बोबे अच्छे बड़े और मुलायम थे। दोनो सहेलियां एक-दूसरे से एक-दम विपरीत थी।
मैं कई बार अपनी गर्लफ्रेंड को बोलता था तुम दोनों को साथ चोदने में क्या मजा आयेगा और हम थ्रीसम करेंगे। वो शुरुआत में मेरे ऐसी बात बोलने पर गुस्सा भी करती थी, पर मैं फिर भी हमेशा उसको लेकर मजाक करते ही रहता था।
मैं उसको मजाक में कहता था, अनु की गांड मरूंगा तो क्या आवाज़ आएगी। अनु के बोबे दबाने में क्या मजा आयेगा। अनु को भी बुला ले साथ में रात का मजा लेंगे। एक बार चुदवा दे, फिर मैं पूरा दिन तेरी चूत चाटूंगा।
जब हम बाहर जाते कभी साथ में, तो मैं जान कर के अनु से खूब बाते करता था, और उसके साथ में खूब मस्ती भी करता था। मैं उसको छेड़ता भी था काफी। श्रुति को इस सब से बहुत जलन होती थी। पर धीरे-धीरे उसे आदत पड़ गई ये सब सुनने और देखने की।
फिर एक दिन श्रुति का जन्मदिन था, जिसके लिए मैं अनु के साथ मिल कर सरप्राइज़ पार्टी की प्लानिंग कर रहा था। हमारा प्लान था कि हम उसे रात को विश करेंगे। मैं पहले से ही चले जाऊंगा उसके घर पर, और फिर 12 बजे उसकी फ्रेंड भी आ जायेगी केक लेकर।
मैं टाइम से पहले ही श्रुति के घर पहुंच गया, और मैंने उसके सारे कपड़े उतार कर उसे चोदना शुरू कर दिया। 12 बजने में करीबन 20 मिनट थे। तब तक मैं उसको कुत्तों को तरह चोदता रहा। जैसे ही 12 बजने वाले थे, मैंने उससे कहा-
मैं: कैंडल ब्लो करने का टाइम आ गया है।
ये बोलते ही मैं उसको घुटनों पर बिठा कर, लोड़ा उसके मुंह में डाल कर चोदने लगा। उसने अपने दोनों हाथों से मेरी गांड पकड़ी हुई थी, और मैं अपने दोनों हाथों से उसका सिर पकड़ कर उसको जाहिलों जैसे चोद रहा था। जैसे ही 12 बजे, अनु सरप्राइज़ के लिए केक लेकर आई, और हमें ऐसी स्तिथि में देख खुद ही सरप्राइज़ हो गई। अनु के चिल्लाने की वजह से श्रुति ने एक-दम से पलट कर देखा।
मैंने कहा: अरे अनु तू आ गई। सही टाइम है। श्रुति बस कैंडल ब्लो ही कर रही थी। फिर केक ही कट करना है।
ये कहते हुए मैं अनु के पास गया, और उसका हाथ पकड़ कर बिस्तर पर बिठा दिया। फिर वापिस पलट कर मैं श्रुति के मुंह को चोदने लगा। अनु ये सब देख कर भौचक्की थी। मैं श्रुति के मुंह को चोदते हुए अनु से बोला-
मैं: क्या हुआ अनु, तुम भी तो अपने ब्वॉयफ्रेंड का लंड चूसती होंगी। ऐसे हैरान हो कर क्यूं देख रही हो?
अनु ने कहा: मैंने कभी लंड नही चूसा, और मेरा बॉयफ्रेंड भी नहीं है।
मैंने फिर श्रुति से कहा: तुम कितनी गंदी हो, तुम्हारी बेस्ट फ्रेंड अकेली है। उसको आज तक लंड चूसने को भी नई मिला, और तुम रोज-रोज मेरा गन्ना चूस जाती हो। कोई बात नहीं अनु, मैं तुम्हे अकेला महसूस नई होने दूंगा।
ये कहते ही मैंने श्रुति के मुंह से अपना लंड निकाला, और अनु के मुंह में भर दिया। अनु कुछ सोच समझ पाती, उसके पहले ही उसके मुंह में मेरा लंड गले तक घुस चुका था।
ये देख कर श्रुति पीछे से बोली: ये तुम क्या कर रहे हो?
इतने में मैंने श्रुति का सिर पकड़ा, और अपनी टांग उठा कर उससे अपने गोटे चाटने लगा दिया। अब अनु मेरा लंड चूस रही थी, और श्रुति मेरे गोटे चाट रही थी। काफी देर के बाद मैंने अनु को उठाया, और उसके कपड़े उतारना शुरू कर दिया। पीछे से श्रुति बोली-
श्रुति: तुम मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते। मेरी बेस्टफ्रेंड को तुम नहीं चोद सकते।
मैंने उसकी एक ना सुनी। फिर मैं अनु को नंगा करके उसे घोड़ी बना कर चोदने लगा। और मैंने उसकी गोरी-गोरी गांड पर चांटे मार-मार के लाल कर दी।
फिर मैं बिस्तर पर लेट गया। अनु मेरे लंड पर उछलने लगी। श्रुति कोने में बैठ कर रो रही थी। मैंने श्रुति से कहा-
मैं: यह आओ। मैं भले ही अनु को चोद रहा हूं, पर प्यार तुम्हें ही करता हूं। तुम्हें नहीं छोड़ रहा मैं। यह आओ और मेरे मुंह पर बैठ जाओ।
मेरी बात मान कर श्रुति आकर मेरे मुंह पर बैठ गई, और मैं उसकी चूत चाटने लगा।
अनु मेरा लंड चोद रही थी, और श्रुति अपनी चूत को मेरे मुंह पर रगड़ रही थी। फिर दोनों ने अपनी-अपनी जगह बदल कर चोदना शुरू कर दिया। जब तक दोनों को चरम सुख नहीं मिला, हमारी चुदाई चलती रही। उसके बाद दोनों सहेलियां ने हसी-खुशी मेरे लंड को गन्ने की तरह चूस कर उसका रस निकाला। और फिर एक दूसरे पर से वो मेरा रस चाटने लगी।
इसके बाद अनु और मैंने श्रुति को रात भर चोदा, और उसकी चूत चाटते रहे। हमने एक मिनट भी उसकी चूत को खाली नहीं रहने दिया। कभी मैंने अपने लंड से पेला तो कभी अनु ने श्रुति की चूत चाटी, तो कभी मैंने।
श्रुति का ये सबसे बेस्ट जन्मदिन था। पूरी रात श्रुति सिसकियां लेती रही। श्रुति की चूत फट भी चुकी थी, और सूज भी गई थी। ये दिन सिर्फ श्रुति का ही नहीं, बल्कि मेरी जिंदगी का भी सबसे बढ़िया दिन था। इसके बाद से श्रुति मैंने और अनु ने जम कर चुदाई करी। दोनो रंडियों की तरह चुदती है, और मेरा लंड चूसा करती है।
तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी। अगर आपको कहानी पढ़ कर मजा आया हो, तो अपनी फीडबैक मुझे जरूर दीजियेगा। कहानी पढ़ने के लिए आपका बहुत धन्यवाद।