हॉट गर्ल किस करने का मौक़ा मुझे मिला जब मेरी दोस्ती एक पिकनिक में एक सेक्सी लड़की से हो गयी. एक बार हम एक रेस्तरां में मिले तो वहां केबिन में मैंने उसे बांहों में लिया.
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम कमल है.
मैं आपके लिए अपनी और अपनी गर्लफ्रेंड की पहली चुदाई की कहानी लेकर आया हूँ.
कोई गलती हो, तो माफ कीजिएगा.
यह हॉट गर्ल किस लव कहानी तब की है, जब मैंने 12 वीं का एग्जाम पास कर लिया था.
मेरी उम्र उस समय 20 साल की रही होगी और मेरी गर्लफ्रेंड की उम्र 19 की थी.
मैं कुछ बढ़ा चढ़ा कर नहीं कहूंगा कि मेरी गर्लफ्रेंड कोई अप्सरा थी.
हां वो देखने में सच कहूं तो अच्छी थी, पतली थी. उसका साइज 26-24-28 का रहा होगा.
आप सोच सकते हो कि वो कैसी दिखती होगी.
दोस्तो, मैं आपको अपनी गर्लफ्रेंड के बनने से लेकर उसकी पहली चुदाई तक की कहानी को विस्तार से लिख रहा हूँ, मजा लीजिए.
मैं हर साल के आखिरी महीने में बस बुक करके सभी लोगों को पिकनिक पर ले जाया करता था.
हर साल की तरह इस साल भी मैंने गाड़ी बुक की थी. पर इस बार मैंने छोटी गाड़ी बुक की थी, जिसमें बस दस लोग ही जा सकते थे.
पिकनिक जाने वालों में मेरे छह दोस्त थे और एक मैं था. अभी 3 सीट खाली थीं.
हमारे पास में रहने वाले अंकल मेरे पास आए और मुझसे बोले- क्या पिकनिक पर जाने के लिए बस में कोई सीट खाली बची है?
मैंने अंकल से पूछा- आपके यहां से किस किस को जाना है?
अंकल बोले- मैं, मेरी वाइफ और साली. मैंने अंकल को हां बोल दिया.
अंकल मुझे कुछ पैसे देकर चले गए.
फिर जिस दिन हम सभी को जाना था, वो दिन आ गया.
अंकल ने मुझे फोन किया और कहा- आंटी को कुछ दिक्कत है, इसलिए वे नहीं आ सकती हैं. क्या मैं उनकी जगह अपनी दूसरी साली को ला सकता हूँ?
मैंने अंकल को हां बोल दिया- आप किसी को भी ला सकते हैं.
रात को हम जाने की तैयारी करने लगे.
मेरे सभी दोस्त और बाकी सब लोग गाड़ी में आ गए और अंकल के आने का इंतजार करने लगे.
बहुत टाइम के बाद अंकल आए और उनके साथ दो लड़कियां भी आई थीं.
वो दोनों दिखने में ठीक-ठाक ही थीं, पर मैंने कोई ज्यादा ध्यान नहीं दिया.
मैंने अंकल से कहा- आप जल्दी से आओ और गाड़ी में बैठ जाओ.
मैंने अंकल और उन दोनों लड़कियों को गाड़ी की पीछे की सीट में बैठा दिया.
वहां चार लोग आसानी से बैठ सकते थे.
मेरे सभी दोस्त आगे बैठ गए थे.
अब गाड़ी में सिर्फ एक सीट बची थी जहां मुझे बैठना था.
वो सीट अंकल के साथ वाली थी. मैं, अंकल और दो लड़कियां पीछे की सीट पर बैठ गए.
गाड़ी चलने लगी और हम लोग अगली सुबह पिकनिक वाली जगह में पहुंच गए.
हम सब मस्ती करने लगे.
फिर मैंने ध्यान दिया कि उन दोनों लड़कियों में से बड़ी वाली लड़की मुझे देखे जा रही है.
पर मैंने उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और दोस्तों के साथ मस्ती करने लगा.
पूरा दिन हम लोगों ने मस्ती की.
रात को फिर हमें घर वापस आना था तो हम सभी लोग गाड़ी में बैठ गए और वापस आने लगे.
रास्ते में मैंने गाड़ी रुकवाई और सभी से बोला कि जिसे जिसे खाना खाना है, खा लें.
सभी लोग खाना खाने के लिए आने लगे थे. सभी लोग उस होटल में एक साथ बैठ कर खाना खाने लगे.
सब लोगों ने खाना खा लिया था.
मैंने सभी को गाड़ी मैं बैठने को कहा और मैं बिल देने चला गया.
बिल चुकाकर मैंने गाड़ी वाले से चलने को बोला.
तभी अंकल की बड़ी साली बोली- मेरा दुपट्टा होटल में रह गया.
मैंने अंकल से कहा- जाओ अंकल, आप ले आओ.
पर अंकल ने मना कर दिया और अपनी साली से बोले- तू खुद ले आ!
वो गाड़ी से उतरी और होटल की तरफ जाने लगी. नीचे थोड़ा अंधेरा था, तो मैंने सोचा कि ये अकेले कैसे जाएगी.
तो मैंने उससे कहा- मैं भी साथ चलता हूँ.
वो बोली- ठीक है चलो.
हम दोनों होटल की तरफ जाने लगे.
वहां बहुत देखने के बाद उसका दुपट्टा मुझे दिख गया और मैंने उठा कर उसे दे दिया.
अब हम दोनों गाड़ी की तरफ जाने लगे.
वापस जाते समय उसने मुझे थैंक्स बोला.
मैंने उससे वेलकम बोल कर गाड़ी की तरफ चलने का कहा.
जब उसने मुझसे थैंक्स कहा तो उसने अपना हाथ बढ़ा कर मेरे हाथ में दे दिया था.
मैं उससे हाथ मिला कर अपना हाथ वापस लेने लगा.
मगर वो मेरा हाथ छोड़ ही नहीं रही थी.
मैंने उससे पूछा- क्या हुआ?
वो मुस्कुराती हुई बोली- कुछ नहीं, अकेले में डर लग रहा था, इसलिए हाथ पकड़ा हुआ है.
मैंने उनके हाथ को अपने थामे रखा.
हम दोनों अभी आगे कुछ करते कि तभी बस के ड्राईवर की आवाज आई- क्या हुआ … दुपट्टा मिल गया?
मैं एकदम से उससे अलग हुआ और हम दोनों बस में आ गए.
गाड़ी में पहुंच कर हम अपनी अपनी जगह पर बैठ गए और गाड़ी चलने लगी.
रात के करीब 2 बजे हम लोग घर पहुंच गए.
सभी दोस्त अपने अपने घर चले गए.
आखिर में अंकल और उनकी दोनों सालियों को अंकल के घर छोड़ा.
अंकल ने पैसे सुबह देने के लिए कहा.
मैंने हामी भर दी और घर आ गया.
सुबह मैंने अंकल को रुपए के लिए फोन किया.
फोन किसी लड़की ने रिसीव किया.
मैंने उस लड़की से पूछा- अंकल कहां हैं.
वो बोली- जीजा जी घर पर नहीं हैं, किसी काम से घर के बाहर गए हैं. कुछ काम है, तो मुझे बता दो, मैं जीजा जी को बता दूँगी.
मैंने उसे अपना नाम बताया और कहा कि अंकल को बोल देना कि मेरा फोन आया था.
उसने मुझसे बोला- ठीक है.
मैंने फोन रख दिया.
फिर कुछ टाइम बाद अंकल मुझे रास्ते में मिल गए. मैंने अंकल से पैसे लिए और गाड़ी वाले को दे दिए.
जब रात हुई मैं सोने लगा तो,बार बार मुझे अंकल की बड़ी साली की शक्ल सामने दिख रही थी. जिस वजह से मैं सो नहीं पा रहा था.
मैं बस यही सोच रहा था कि काश उससे अभी फोन पर बात हो जाती.
ऐसा सोचते हुए मुझे नींद आ गई.
फिर जब दूसरे दिन मैं उठा और उसके बारे में सोचना छोड़ दिया.
मैं रोज की तरह अपना काम करने लगा.
ऐसे ही दो दिन बीत गए.
फिर तीसरे दिन मेरे नंबर पर किसी नए नंबर से कॉल आया.
मैं काम में बिजी होने की जगह से कॉल रिसीव नहीं कर सका.
रात को जब मैं फ्री हुआ तो मैंने उस नंबर पर कॉल की.
कॉल किसी लड़की ने रिसीव की.
मैंने उससे कहा- आपका कॉल आया था, आप कौन हो और किससे बात करनी थी?
वो बोली- नहीं पहचाना मुझे, मैं ममता बोल रही हूँ … आप तो इतने जल्दी भूल गए?
सॉरी दोस्तो मैं आप लोगों को उस लड़की का नाम बताना ही भूल गया. उसका नाम ममता था.
ममता के ऐसा बोलने से मैं उसे पहचान गया.
मैं बोला- हां ममता, मैं पहचान गया. हां बोलो, क्या काम था और तुम्हें मेरा नबर कहां से मिला?
वो बोली- मैं क्या तभी कॉल कर सकती हूँ जब कुछ काम होगा? अगर आपको बात नहीं करनी है, तो मैं फोन रख रही हूँ.
मैंने उसे जल्दी से सॉरी बोला और कहा- हां हां हम बात क्यों नहीं कर सकते हैं, बिल्कुल कर सकते हैं. मगर ये तो बताओ यार कि तुम्हें मेरा नंबर कहां से मिला?
उसने मुझे बताया कि जीजा जी के फोन से लिया.
फिर बहुत देर तक हम दोनों में बातें हुईं.
उस दिन से हम दोनों के बीच रोज बातें होने लगीं.
वो अपने जीजा जी के घर से अपने घर चली गई थी.
उसका घर उसी शहर में कुछ किलोमीटर दूर था.
एक दिन मैंने उससे पूछा कि तुम्हारा कोई ब्वॉयफ्रेंड है?
वो बोली- नहीं … तुम्हारी तो कोई ना कोई तो गर्लफ्रेंड जरूर होगी?
मैंने उसको बताया कि मेरी भी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.
वो हम्म करके चुप हो गई.
मैंने उससे कहा- हम दोनों फ्रेंड बन सकते हैं क्या?
वो बोली- क्यों नहीं, जरूर बन सकते हैं. फ्रेंडशिप करने के लिए ही तो मैं तुम्हें कॉल करती हूँ, पर डर की वजह से आज तक बोल नहीं पाई.
मैंने भी उससे हां बोला और हम दोनों के बीच बहुत सारी बातें होने लगीं.
धीरे धीरे हम एक दूसरे से प्यार करने लगे.
ऐसे ही समय बीतते एक साल हो गया.
फिर एक दिन उसका कॉल आया.
वो बोली- मैं मार्केट जा रही हूँ. क्या तुम मेरे साथ चल सकते हो?
मैंने उससे हां बोला और उससे मिलने के लिए मार्केट में पहुंच गया.
थोड़ा इन्तजार करने के बाद मुझे पीछे से किसी ने आवाज लगाई.
मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो मैं सन्न रह गया.
वो और कोई नहीं मेरी जान ममता थी.
आज क्या माल लग रही थी वो … मैं तो समझ ही नहीं पाया कि ये इतनी जोरदार माल कैसे बन गई.
पिकनिक के बाद से मैं आज उसे पहली बार इस तरह से सजा धजा देख रहा था. पिकनिक पर भी वो एक सामान्य लड़की सी ही दिख रही थी.
आज उसे देख कर तो ऐसा मन कर रहा था कि अभी इसके कपड़े खोल कर यहीं पर इसका काम उठा दूँ.
इतने मैं वो बोली- क्या हुआ, कहां खो गए?
मैं बोला- कहीं नहीं बस ऐसे ही. आज तुम बहुत अच्छी लग रही हो.
वो हंसती हुई बोली- आज तुम्हारा इरादा क्या है मिस्टर …. मैं तो हमेशा की तरह ही हूँ.
मैं बोला- इरादा तो बहुत कुछ करने का है, पर इस समय बता नहीं सकता.
हम दोनों हंसने लगे.
फिर हम दोनों एक होटल में आ गए.
अन्दर जाकर मैंने देखा कि उस होटल में हम दोनों के अलावा कोई और कस्टमर नहीं था.
मैं अन्दर से बहुत खुश था, मेरा मन पागल हो चुका था.
मैं उसे लेकर एक केबिन में आकर बैठ गया और उसे देखने लगा.
तभी घंटी बजा कर वेटर अन्दर आ गया.
मैंने उसे खाने का ऑर्डर दे दिया और उसके जाते ही हम दोनों फिर से अपनी गुटरगूं करने लगे.
कुछ देर में ही वेटर हमारा ऑर्डर ले आया और हमें देकर चला गया.
हम दोनों एक दूसरे को प्यार से खाना खिलाने लगे.
फिर जैसे ही खाना खत्म हुआ, वो उठ कर अपना हाथ धोने के लिए जा रही थी.
वैसे ही मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे अपनी तरफ खींच लिया.
वो हंस कर बोली- क्या हो गया?
मैं बोला- आई लव यू.
वो बोली- आई लव यू टू.
उसके इतना बोलते ही मैंने उसे खींचा और वो आकर मेरी गोद में गिर गई.
मैंने उसे सही से गोद में बैठाया और उसके गाल में किस कर दिया.
उसने भी मेरे गाल पर किस किया.
उसके ऐसा करने से मुझमें थोड़ी हिम्मत आ गई.
मैंने देर न करते हुए अपने होंठ उसके होंठों पर लगा दिए और उसे किस करने लगा.
मुझे हॉट गर्ल किस करने में बहुत अच्छा लग रहा था.
पर तभी उसने मुझे धक्का दे दिया और बोली- ये क्या कर रहे हो? तुमसे मुझे ऐसी उम्मीद नहीं थी.
मुझे बहुत बुरा लगा.
मैं उससे कुछ नहीं बोला और अपना सर नीचे करके बैठ गया.
बहुत देर ऐसे ही रहने पर वो मुझसे बोली- सॉरी. तुम्हें जो करना है कर लो. मैं कुछ नहीं बोलूँगी.
पर उसके ऐसा बोलने पर भी मैं कुछ नहीं बोला.
वो मुझे देखे जा रही थी.
अचानक उसने मेरी गर्दन पकड़ी और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख कर जोर जोर से किस करने लगी.
मुझे भी मजा आने लगा.
हम एक दूसरे का साथ देने लगे. हम दोनों बहुत गर्म हो गए थे.
धीरे धीरे मेरा एक हाथ उसके मम्मों पर जाने लगा.
मैं एक हाथ से उसके एक दूध को दबाने लगा, उसे भी मजा आने लगा.
तभी अचानक से मैंने अपना एक हाथ लड़की की चूत के ऊपर रख दिया और मसलने लगा.
वो भी पूरी गर्म हो गई.
हम दोनों इतना खो गए थे कि हमें होश ही नहीं रहा कि हम कहां हैं.
अचानक बाहर से आवाज आई- और कुछ चाहिए क्या?
इतने मैं हम अलग हो गए और होटल के बाहर आ गए.
मैं उससे बोला- चलो कहीं और चलते हैं.
वो बोली- अभी नहीं, किसी और दिन … अभी मुझे बहुत देर हो गई है. कुछ दिन बाद मैं अपनी दीदी के घर आने वाली हूँ, वहीं मिलेंगे.
फिर हम दोनों अपने अपने घर चले गए.
दोस्तो आगे क्या हुआ, वो आपको हॉट गर्ल किस कहानी के अगले भाग में बताऊंगा.
अभी के लिए धन्यवाद.