जवान देसी गर्ल चुदाई का मजा मेरी पड़ोसन कुंवारी लड़की ने दिया. उसने मुझे अपनी सहेली के घर बुलाकर मेरे लंड से अपनी सीलबंद बुर में लंड लिया.
फ्रेंड्स, मैं लव आपको अपनी सैटिंग बन चुकी एक कुंवारी लड़की ट्विंकल की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
कुंवारी ट्विंकल की कमसिन मचलती जवानी
में अब तक आपने पढ़ा था कि ट्विंकल मुझसे चुदने के लिए मचल रही थी और छत पर चुदाई होना सम्भव नहीं थी.
इसलिए मैंने उसे समझा बुझा कर वापस भेज दिया.
अब आगे जवान देसी गर्ल चुदाई:
उसके जाने के बाद मैं उठा तो देखा कि उसकी ब्रा वहीं छूट गई थी.
मैंने उसे वहीं छत पर पड़ी रहने दिया कि कल आएगी तो ले जाएगी.
सुबह सुबह उसकी मम्मी मेरी छत पर आ गईं. उन्हें कुछ अनाज सुखाना था.
दरअसल उनकी छत पर धूप कम आती थी, तो वो मेरी छत पर आती थीं.
ऊपर छत पर आकर उन्होंने देखा कि पूरी छत गंदी है, तो ऊपर वाली छत पर सुखा लेंगी.
दरअसल सर्कस की वजह से पूरी छत पर कुर्सी और मूंगफली के छिलके फैले थे.
वो लकड़ी की सीढ़ी से ऊपर जाने लगीं, तो मेरा दिमाग ठनका कि छत पर उनकी बेटी की ब्रा पड़ी है.
मैं जल्दी से रूम से बाहर आया लेकिन वो खुद आधी सीढ़ी से उतर गईं और मुझे देख कर कहने लगीं कि जरा मेरी मदद कर दे.
वो मुझसे अनाज का बोरा चढ़ाने को कहने लगीं.
चाची- बेटा लव, जरा बोरा ऊपर चढ़ा दे. लकड़ी की सीढ़ी से मुझसे नहीं चढ़ा जाएगा.
मैं- ठीक है चाचीजी.
मैं जल्दी से बोरा लेकर ऊपर चढ़ा और उसकी ब्रा को अपने अंडरवियर में लंड के पास डाल लिया क्योंकि मैंने सिर्फ हाफ पैंट और गंजी पहन रखी थी और छत पर कहीं जगह छुपाने की नहीं थी.
ब्रा तो छोटी ही थी लेकिन उससे मेरे लंड के पास कुछ उभरा हुआ लग रहा था.
फिर चाची ऊपर चढ़ने लगीं और मुझे आवाज दी.
चाची- लव बेटा, जरा हाथ देना.
मैं हाथ देने लगा, तो मुझे उनके बड़े बड़े बूब्स ऊपर से साफ दिख रहे थे, एकदम गोरे गोरे.
ऊपर आते ही चाची ने मेरी पैंट में उभार देख लिया.
चाची- क्या बेटा, चाची का नजारा देख रहे थे … कैसा लगा. लगता है, तेरी शादी जल्द ही करानी पड़ेगी.
शायद उन्हें लगा मेरा लंड उनके बूब्स देख कर खड़ा हो गया है.
चाची मुझे हमेशा छेड़ती रहती थीं.
मैं कुछ नहीं बोला और उधर से चला गया.
अब शाम को जब मैं ट्विंकल से मिला, तो हम दोनों फिर से वहीं कोने में बैठ गए.
मैंने उसे सारी बात बता दी और उसकी ब्रा उसे दे दी.
वो हंसने लगी.
मैं- हंस क्यूं रही है, आज मैं तेरी वजह से पकड़ा जाता?
ट्विंकल- पकड़े कैसे जाओगे, वैसे भी मेरी मम्मी कभी तुम पर शक नहीं करेंगी. वैसे क्या तुम सच में मेरी मम्मी के बूब्स देख रहे थे?
मैं- क्या पागल हो गई है, मैं नहीं देख रहा था.
ट्विंकल- कैसे लगे मेरी मम्मी के बूब्स?
मैं- अरे मैंने देखा थोड़े ना, वो तो अचानक से नजर पड़ गई. वैसे काफी बड़े बूब्स हैं.
मैंने हंसते हुए कह ही दिया.
ट्विंकल- मुझे भी मम्मी के जैसे बूब्स बनाने के लिए क्या करना होगा?
मैं- वो बड़ी उम्र की हैं और 4 बच्चों की मां हैं. जब तुम उतने साल की हो जाओगी, तो तेरे भी हो जाएंगे.
ट्विंकल- पर मेरी दीदी के तो कोई बच्चा नहीं है और वो मुझसे सिर्फ 3 साल बड़ी हैं. उनके भी तो काफी बड़े हो गए हैं.
मैं- उनकी शादी हो चुकी है. तेरे जीजा ने बड़े कर दिए होंगे.
ट्विंकल- कैसे बड़े होते हैं, तुम मेरे भी बड़े कर दो ना प्लीज!
मैं उसके होंठों को चूसते हुए उसकी शर्ट के ऊपर से उसके चूचे सहलाने लगा.
वो आह आह की आवाज निकालने लगी.
आज भी वो स्कर्ट और शर्ट पहनकर आई थी.
मैंने उसकी शर्ट के सारे बटन खोल दिए और ब्रा खोल कर उसके चूचों को चूसने लगा.
मैं उसकी पूरी चूची मुँह में डाल कर चूसता, फिर दूसरे को चूसता. वो काफी आवाज कर रही थी.
उसे शांत करने के लिए मैं उसके होंठ चूसने लगा; फिर कान गर्दन कंधे पर से होते हुए उसके बूब्स के बीच में चूसने लगा; बीच बीच में दांतों से काट भी देता था, जिससे वो सिहर जाती थी.
उसके बाद उसके पेट को चाटते हुए उसे छत पर लिटा दिया और उसके पैर को चूमते हुए उसके सेक्सी जांघों पर पहुंच गया.
कुछ ही पल बाद मैंने उसकी पैंटी उतार दी.
उसकी जांघों पर मैंने जैसे ही काटा, उसने चीख दे मारी.
मैंने एक हाथ से उसका मुँह दबाया और उसकी चूत पर जीभ को लगा दिया.
बुर चाटते ही वो अकड़ने लगी और जोर जोर से आह भरने लगी.
मैंने जल्दी से अपने हाथ उसके मुँह पर रखा और दो बार उसकी चूत पर जीभ फिरा दिया.
वो भल्ल से झड़ गई.
मैंने उसे बांहों में बिठा कर शांत किया और किस करने लगा .
पांच मिनट बाद वो नॉर्मल हो गई तो मुझे लिटा कर किस करने लगी, मेरी टी-शर्ट निकाल कर मेरे सीने पर मुझे किस करने लगी. वो मेरे निप्पल चूसने चाटने लगी और काट भी रही थी.
फिर मेरे पेट से होते हुए उसने मेरी पैंट खोल दी.
मैंने आज ही अपनी झांटें साफ़ की थीं.
मेरे चिकने लंड को देख कर वो काफी खुश थी.
वो मेरे पेड़ू के ऊपर से किस करने लगी.
मैंने उसे मना किया क्योंकि मैं जानता था कि इसे कुछ आता-जाता नहीं है, साली लंड पर दांत लगा देगी, जैसे कल नाखून लगा दिया था.
मैं- रहने दो, क्या कर रही हो?
ट्विंकल- तुमने मुझे इतना प्यार किया, अब मैं भी करूंगी, मुझे मत रोको!
मैं- करना है तो प्यार से करो.
ट्विंकल- मुझे सिखाओ.
मैं- पहले मुँह खोलो और धीरे से जीभ से सुपारे को चाटो, ध्यान देना दांत नहीं लगना चाहिए.
उसने वैसा ही किया.
मेरा सुपारा काफी मोटा है तो उसके छोटे से मुँह में जा नहीं रहा था.
फिर मैंने उसे सुपारे को मुँह में लेकर ऊपर नीचे करने को कहा, वो वैसा ही कर रही थी.
आधा लंड ही उसके गले तक पहुंच रहा था.
फिर मैंने उसे बाहर से बाकी बचे लंड को चाटने को बोला.
वो मेरे बॉल्स भी चूस रही थी और सुपारे पर रेगुलर जीभ फिरा रही थी.
मुझे काफी मजा आ रहा था.
मैं खड़ा हो गया और उसे घुटने के बल बैठा कर लंड चूसने को कहा.
कुछ मिनट बाद मैं झड़ने वाला था, तो मैंने उसे चूसने से मना कर दिया और बाहर झड़ गया.
फिर मैं उसे किस करने लगा और उसकी पीठ पर हाथ घुमाने लगा.
ट्विंकल- कैसा लगा?
मैं- बहुत मजा आया, तुम्हें कैसा लगा?
ट्विंकल- मुझे भी बहुत मजा आया, एक बार और करते हैं.
मैंने टाइम देखते हुए कहा- अभी 9 बजे हैं.
वो हम्म बोल कर लंड से खेलने लगी.
इस बार मैं उसकी चूत पर एकदम से टूट पड़ा और वो हड़बड़ा कर आह आह करने लगी.
मैंने जल्दी से उसके मुँह पर हाथ जमाया और उसकी चूत को भंभोड़ कर चाटता चला गया.
कुछ ही मिनट की बुर चुसाई में वो झड़ गई.
फिर मैंने उसे अपनी गोद में बिठा लिया और किस करने लगा.
जैसे ही वो संयत हुई, मेरे लंड को पकड़ने लगी.
मैंने इस बार उसे गोद में इस तरह से बिठाया था कि मेरा लंड सीधा उसकी चूत में जा लगे.
उसे किस करते हुए मैं उसके मम्मों से खेल रहा था और वो कमर हिला हिला कर अपनी चूत को मेरे लंड पर घिस रही थी.
अचानक से वो जल्दी जल्दी बुर घिसने लगी, तो मैंने उसके चूतड़ों को हाथ में भरा और मसलने लगा.
उसके कोमल चूतड़ मेरे पूरे हाथों में फिट हो रहे थे मानो वे मेरे लिए ही बने हों.
फिर मैं लंड को उसकी जांघों के नीचे से डाल कर उसकी चूत पर घिसने लगा, जिससे वो अकड़ कर झड़ गई और मैं भी उसकी जांघों को चोदते हुए झड़ गया.
मैंने उसको किस किया और बांहों में समेट कर बैठ गया. मैं बड़े प्यार से उसके नंगे बदन को सहलाने लगा.
वो मेरे सीने पर एकदम बेजान सी टिकी थी.
कुछ देर बाद वो कुछ सामान्य हुई, तो उसके सारे कपड़े देकर उसे जाने को बोला.
वो भी अपने कपड़े पहनने लगी और मुझे एक लंबा स्मूच करके कल फिर आने का बोलकर चली गई.
फिर जब तक सर्कस चला, उसने हर रोज मुझे मजा दिया.
उसके साथ चुदाई वाला खेल नहीं हो पाया, बाकी लंड बुर चुसाई आदि सबका मजा मिल गया था.
सर्कस जाने के एक महीने तक तो कुछ नहीं हो पाया, सिर्फ दूर से कुछ इशारे होते थे.
कुछ दिन बाद उसने किसी सहेली के नंबर से फोन किया और कहा कि अपना काम उसकी सहेली के रूम पर हो सकता है.
मैंने पूछा- वो कैसे?
उसने बताया कि उसकी सहेली अपने पति के साथ अकेली इस कमरे में रेंट पर रहती है. उसका पति 9 बजे काम पर चला जाता है और शाम को 7 बजे आता है. उसकी सहेली 10 बजे ब्यूटी पार्लर चली जाती है, वो 2 बजे आती है.
उसके कहने का मतलब मैं समझ रहा था.
मैंने ट्विंकल से पूछा कि क्या तुम्हारी सहेली राजी है?
ट्विंकल- उसने मुझसे कहा कि मैं अपना काम 4 घंटे में खत्म कर लूँ.
मैंने उसके बारे में सब पूछा, वो जगह ज्यादा दूर नहीं थी.
मैंने हामी भर दी और अगले दिन बाइक लेकर उधर पहुंच गया.
वो पहले ही पहुंच गई थी.
दस बजे वो मुझे मार्केट में मिली और हम दोनों उसकी सहेली के रूम पर पहुंच गए.
वो एक कमरे वाला फ्लैट था.
अन्दर पहुंच कर मैंने देखा कि पहले हॉल उसके लेफ्ट में किचेन और राइट में रूम था.
रूम से ही अटैच बाथरूम था.
मैंने बॉथरूम के लिए पूछा.
मैं- बाथरूम किधर है?
ट्विंकल- बाथरूम चोक कर गया है, काफी बदबू आती है. ये नीचे का बाथरूम यूज करते हैं, वैसे किसलिए जाना है?
मैं- सुसु करना है.
ट्विंकल- यहीं हॉल में बेसिन में कर लो.
मैंने नहीं किया.
मैं रूम में जाते हुए बोला- अब शुरू करें?
ट्विंकल- वहां नहीं, उसने हॉल में ही करने को कहा है.
मेरे रूम से आते ही उसने रूम का दरवाजा सटा दिया.
हॉल में एक बेड लगा था.
अब हम हॉल में थे.
जब मैं रूम में गया तो मुझ कोई बदबू नहीं आई थी. मैं समझ गया कि उसकी सहेली ने मना किया होगा.
अब मैं बेड पर बैठ गया और ट्विंकल को अपनी गोद में बिठा लिया. मैं उसकी आंखों में देखने लगा. उसकी आंखों में मुझे घबराहट और उत्सुकता दोनों दिखी.
मैंने उसके माथे पर चूमते हुए कहा- आज पहली बार तुम मेरे पास दिन के उजाले में इतने नजदीक हो, इसलिए घबराहट हो रही है.
ट्विंकल- नहीं ऐसा नहीं है वो …
मैं- अगर तुम तैयार नहीं हो, तो बाद में करते हैं. मुझे कोई दिक्कत नहीं है.
ट्विंकल- मुझे सुसु करना है.
मैं- तो नीचे चली जाओ.
ट्विंकल- नहीं.
मैं उसे किस करने लगा और उसके कपड़े उतारने लगा.
उसने समीज सलवार पहन रखी थी.
मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए.
उसने कोई विरोध नहीं किया, बस मेरे सीने में अपना मुँह छुपा लिया.
वो सच में कमाल की माल थी. आज पहली बार दिन में उसे पूरी नंगी देख रहा था.
उसके गुलाबी निप्पल उसकी बिना बालों की गोरी चूत, एकदम फूली हुई थी.
मैं- क्या हुआ, शर्मा क्यों रही हो? आज पहली बार तुम्हें नंगी तो नहीं देख रहा हूं!
ट्विंकल- तुम भी अपने कपड़े उतारो.
मैंने भी अपने सारे कपड़े उतारे और बिल्कुल नंगा हो गया.
मैं- तुम्हें सुसु करनी है?
ट्विंकल- हां.
मैंने उसे गोद में उठाया और बेसिन पर बिठा कर उसकी चूत को सहलाते हुए कहा- कर लो.
वो मुझसे लिपट गई और सुसु करने लगी.
मैंने अपना हाथ हटा लिया.
खत्म होने पर मैंने उसकी चूत पर पानी डालकर साफ किया और उसे उठा कर बेड पर लिटा दिया.
उसने मुझ बांहों में भर लिया.
ट्विंकल- तुम कितने ताकतवर हो, तुमने तो मुझे यूं उठा लिया, जैसे मैं कोई फूल हूं.
मैं- मेरे लिए तो तुम फूल ही हो.
ये कह कर मैंने उसके होंठों पर चूम लिया और सुसु करने जाने लगा.
ट्विंकल- कहां जा रहे हो?
मैं- सुसु करने.
मैंने बेसिन के पास पहुंच कर अपना लंड बेसिन पर रखा.
उसने मेरे लंड को पकड़ कर मुझे सुसु कराई.
फिर मैं उसको बेड पर लाकर उसके होंठों को चूसा और गर्दन चूचे खूब चूसे.
फिर चूत चाटी और अपने सुपारे को उसकी चूत पर घिसते हुए बोला- डाल दूं?
उसने हां में सिर हिलाया.
मैंने उसके होंठ बंद किए और सुपारे को उसकी चूत में घुसा दिया.
वो दर्द से छटपटा गई.
मैं वहीं रुक गया और उसके होंठ बंद किए रहा, हाथ से उसके चूचे मसलने लगा.
एक मिनट बाद वो कुछ शांत हुई, तो मैंने एक धक्का और लगा कर कुछ लंड और अन्दर सरका दिया.
वो फिर से मचल उठी.
फिर कुछ देर बाद मैं उतने ही लंड को आगे पीछे करने लगा, तो उसे अब मजा आने लगा.
मैंने जोर का धक्का दिया और इस बार मेरे होंठ उसके होंठ पर नहीं थे तो वो कस कर चिल्लाई.
जल्दी से मैंने उसका मुँह बंद किया और ऐसे ही पड़ा रहा.
कुछ देर बाद वो गांड उठाने लगी, तो मैंने भी हल्की रफ्तार से चुदाई चालू कर दी.
वो आह आह करने लगी.
अब मैंने उसके होंठ छोड़ दिए और एक पैर अपने कंधे पर रख कर उसकी कमर पकड़ कर चोद रहा था.
जवान देसी गर्ल चुदाई में वो मुझे अपने सीने से लगाने लगी और कांपते हुए झड़ गई.
मैं कुछ देर रुका और फिर से चुदाई करने लगा. उसे काफी दर्द होने लगा.
मैंने फिर से लंड निकाला और देखा, तो वो खून से सना था.
मैं उसको अपने सीने से लगा कर सहलाते हुए प्यार करने लगा.
वो काफी थक गई थी, तो वो सो गई.
मेरा लंड अभी झड़ा नहीं था मगर फिर भी मैं सो गया.
तो दोस्तो, आपने पढ़ा कि किस तरह से ट्विंकल की कुंवारी बुर को मैंने चोदकर फाड़ दिया था.
अगले भाग में मैं उसकी दीदी की चुदाई की कहानी भी लिखूँगा.
मेरी जवान देसी गर्ल चुदाई कहानी कैसी लग रही है, अपने कमेंट्स जरूर करें प्लीज़!