कॉलेज सेक्स Xxx कहानी में मैंने अपनी पसंद की लड़की को पटाया. फिर कॉलेज का टूर गया तो मैंने उसे अपने होटल के कमरे में उसकी बुर की सील तोड़ी.
मेरा नाम चंद्र है.
मेरे लंड का साइज अच्छा खासा है जो किसी भी चूत को शांत करने में सफल है।
मेरे पापा और भैया की पूरे शहर में चलती है और सब उनसे डरते थे.
पर मैं अपने दम पर कुछ बनना चाहता था.
यह कॉलेज सेक्स Xxx कहानी उन दिनों की है जब मैं कॉलेज में गया तो मैंने तय कर लिया था कि कॉलेज में अच्छी सी लड़की पटाकर उसको चोदूँगा.
अभी मुझे कॉलेज में प्रवेश लिये हुए 8 – 10 दिन ही हुए थे जब मेरी चित्रलेखा से मुलाकात हुई.
वो क्या कयामत लग रही थी।
पहली नजर में ही मैंने अपना सब कुछ उसे दे दिया।
अब मैं उससे दोस्ती करना चाहता था।
एक लड़की अंजलि जो मेरी साथ ही पढ़ती है, मेरी पुरानी दोस्त थी, उससे मैंने कहा- मुझे चित्रा से दोस्ती करनी है, वो तुम्हारे साथ बात करती है.
तो उसने बोला- तुम केंटीन में मिलो, वहीं मैं तुम्हारी दोस्ती उससे करवा दूगी।
अब मैं कैंटीन में बैठा था।
अंजलि और उसकी 3-4 सहेलियां आई.
अब अंजलि ने मुझसे हाय बोला.
मैंने भी उसे हाय बोला.
उसने मेरा उन सबसे परिचय देते हुए कहा- यह मेरा दोस्त अमित है. हम दोनों बचपन से एक साथ पढ़े हैं.
इस तरह हमारी दोस्ती शुरू हुई।
एक दिन हमारे कॉलेज का टूर जयपुर जा रहा था.
अंजलि ने मुझसे पूछा तो मैंने उसे मना कर दिया.
उसने बोला- चित्रा भी चल रही है।
तो मैंने पूछा- सच्ची?
उसने कहा- हां सच में!
मैंने कहा- ठीक है, मैं भी चलूँगा.
अब 24 की रात में हमें 8 बजे निकलना था पर मैं लेट हो गया था.
जब मैं बस में गया तो देखा कि बस फुल है, सिर्फ पीछे की 3 सीट खाली थी.
मैं विंडो सीट पर बैठ गया.
अब मैंने चित्रा को देखना चाहा कि वह कहाँ बैठी है.
पर वह मुझे पूरी बस में नहीं दिखी.
मुझे अंजलि पर गुस्सा आने लगा कि उसने मुझसे झूठ कहा.
पर अचानक मुझे बस में चित्रा चढ़ते दिखाई दी.
उसे भी मेरे पास वाली सीट खाली दिखाई दी. वो मेरे पास आकर खाली सीट पर बैठ गई.
अब मैं मोबाइल चला रहा था तो उसने मुझसे कहा- मुझे वो बगल वाला लड़का छेड़ रहा है.
मैंने उसे अपने वाली सीट दी और उस लड़के को धमकाया.
मेरे भैया और पापा का पूरे शहर में दबदबा था इसलिए सब मुझसे भी डरते थे.
इसलिए उसने चित्रा से माफी मांगी.
अब मैं सो गया.
फिर मेरी नींद रात में खुली तो मैंने चित्रा को देखा तो वह बहुत सुंदर लग रही थी.
अचानक बस में एक झटका लगा जिससे उसकी नींद खुल गई और वो मेरे ऊपर आ गई.
उसने मुझे सॉरी बोला.
मैंने कहा- कोई बात नहीं.
अब मैंने उससे कहा- मैं तुम्हें पसंद करने लगा हूँ.
उसने मुझे बोला- मैं भी तुम्हें पसंद करती हूं.
हम थोड़ी बहुत बात करने लगे. अभी मैंने अंजलि को यह बात नही बताई की मैंने चित्रा को परपोज कर दिया है
जब हम होटल पहुंचे तो मैंने देखा जो होटल बुक किया था वो मेरे पापा के दोस्त का था. जब मैं उनसे मिला तो वे बहुत खुश हुए और पहले तो घर चलने के लिए कहने लगे.
मैंने बोला- अभी नहीं!
फिर अंकल ने मेरे रहने का अलग VIP इंतजाम करवाया.
मेरे साथ पढ़ने वाले सभी नीचे वाले फ्लोर पर थे.
मैंने फ्रेश होकर चित्रा को अपने रूम में बुलाया.
वो आ गई.
आते ही उसने बोला- तुम्हारा रूम तो सबसे शानदार है.
मैंने उससे कहा- यह मेरे अंकल का होटल है.
अब मैं उसे देखने लगा.
वो जींस टॉप मे क्या मस्त लग रही थी.
मैं उसे किस करने लगा पर वो अभी इसके लिए तैयार नहीं थी इसलिए मेरा विरोध करने लगी और बोलने लगी- आह आह … ओह ओह … छोड़ो … ये क्या कर रहे हो प्लीज!
परन्तु मैंने उसे नही छोड़ा और किस करता रहा.
थोड़ी देर में उसने हार मान ली और मेरा सहयोग देने लगी- आह आह … आह ओह … ओह ओह … मजा आ रहा है प्लीज!
और 10 मिनट बाद मैं धीरे धीरे मुंह से होता हुआ उसके स्तनों पर आ गया.
अब मैं टॉप के ऊपर से ही उसके स्तन दबाने लगा.
कुछ देर बाद मैंने अपने हाथों से उसका टॉप उतार दिया और स्तनों को दबाने लगा.
वो सिसकारियां निकालने लगी- आ आ आ … आह आह आह … उई उई उई मां … धीरे धीरे दबाओ दर्द होता है!
अब मेरे ऊपर वासना का भूत चढ़ गया था, मैं उसकी एक नहीं सुन रहा था.
मैं उसके स्तनों को पीने लगा.
वो बोलने लगी- आह आह ओह ओह मां … मजा आ रहा है. ये तुम्हारे ही हैं … पी लो आज इनका सारा दूध … पी जाओ … आ आ ओह … ओह ओह आह आह ओह!
15 मिनट तक मैंने उसके स्तन पिए फिर मैंने उसकी जींस और अपने कपड़े उतार दिए.
अब वो मेरा मोटा लंड देख कर डर गई, बोलने लगी- नहीं मुझे नहीं करना. तुम्हारा बहुत मोटा लंड है.
मैं उसे समझाने लगा तो वो मान गई.
अब मैंने अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया और मुंह को चोदने लगा.
मेरा पूरा लंड उसके मुंह में नही जा रहा था. उसको सांस लेने में दिक्कत आने लगी.
मैंने थोड़ा लंड बाहर निकाला.
वो सिस्कारियां भरने लगी- आआ ओऊ ई मां ई आह आह आह आ ओह ओह ओह माई!
5 मिनट में में उसके मुंह में झड़ गया.
उसने वीर्य को मुंह से थूक दिया.
अब बारी थी उसकी चूत की!
मैंने उसकी कोमल चूत के दोनों गुलाबी होटों पर अपना मुंह रखा.
वो सिसक उठी- आह आह आह!
अब मैं उसे पीने लगा.
वो सिसकारियां भरने लगी और अपने दोनों हाथ मेरे सर पर रख बोलने लगी- आह आह आह … ओह ओह … पी लो आज … बहुत तड़पाती है ये … हाँ ऐसे ही पियो … आज इसकी सारी गर्मी निकाल दो. आह आह आह ओह ओह!
ऐसा बोलते बोलते वो झड़ गई और मैं उसका सारा पानी पी गया.
अब वो मेरे लंड को पकड़ कर मुठ मारने लगी.
मेरा लंड तैयार हो गया.
अब वो उसे देख कर कहने लगी- मेरा पहली बार है, मुझे डर लग रहा है.
मैंने कहा- मैं धीरे धीरे ही डालूंगा.
उसने मान लिया और तैयार हो गई लंड लेने को!
उसकी चूत के ऊपर लंड रख कर मैंने एक झटका दिया पर मेरा लंड फिसल गया.
अब मैंने अपने बैग में से कोल्ड क्रीम निकाली और चूत लंड दोनों पर लगाई.
फिर लंड सेट कर के जोरदार धक्का दिया.
उसकी चीख निकली- आह मां मर गई … आह आह … बाहर निकालो. आह आह ओह … मुझे नहीं करना. आह नहीं … प्लीज़!
मैं उसे चूमने लगा.
जैसे ही उसका दर्द कम हुआ, मैंने एक और जोरदार धक्का मारा.
अब मैंने अपने होटों से उसके होंठ दबा लिए.
उसकी चूत से खून निकलने लगा. उसकी आंखों में आंसू आ गए, वो बिन पानी की मछली की तरह छटपटाने लगी.
पर अभी भी मेरा लंड काफी बाहर ही था.
मैंने एक और धक्का दिया.
अब मेरा पूरा लंड अंदर था.
वो तो जैसे बेहोश हो गई.
पर मैंने उसकी परवाह नहीं की और मैं उसकी चूत चोदता ही रहा.
वो बोल रही थी- आह आह … ओह ओह ओह … मर गई … छोड़ दो … नीचे दर्द हो रहा है. आह आह आह!
परन्तु मैं चोदता ही रहा.
धीरे धीरे उसे मज़ा आने लगा और वो मेरा साथ देने लगी.
अब वह बोल रही थी- हाँ और जोर से … पूरा … आह आह आह ओह … ऐसे ही चोदो. मुझे चोदते रहो, बहुत मज़ा आ रहा है. हाँ!
मैं लगातार काफी देर तक उसे चोदता रहा.
इस बीच वो एक बार झड़ गई.
अब मैंने कहा- मेरा निकलने वाला है.
उसने कहा- बाहर निकालना है.
मैंने कहा- मैं गोली दे दूँगा, उसे खा लेना.
ऐसा बोलते हुए मैं उसकी चूत में ही झड़ गया.
अब मैं कुछ देर तक ऐसे ही पड़ा रहा.
फिर मैंने कहा- मजा आया?
उसने कहा- हां! पर शुरू में चुदाई में दर्द भी हुआ.
तो दोस्तो, यह थी मेरी और चित्रा की कॉलेज सेक्स Xxx कहानी.
जरूर बताएं कि आपको कैसी लगी?