कॉलेज़ में मेरी कुंवारी चूत लंड ने फाड़ी

मैं देसी कॉलेज सेक्स गर्ल हूँ. मेरा कद छोटा होने के कारण मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं था और मुझे लंड नहीं मिला था. मेरी एक सहेली ने मदद की, उसके कारण मुझे पहली बार लंड मिला जिसने मेरी चूत फाड़ी.

मेरा नाम नूरी है. मैं 22 साल की हूँ.
मेरी हाइट बहुत कम है. बस साढ़े चार फिट ही है, इसलिए मुझे सब बच्ची समझते हैं.

ये घटना मेरे कॉलेज में हो रहे फेयरवेल के समय की है.

मेरे कॉलेज में कई हैंडसम लड़के हैं और बदनसीबी यह कि मुझे कभी किसी ने डेट के लिए नहीं पूछा.
जबकि मेरी सारी फसहेलियों के पास बीएफ थे.

वह सब भी मुझे गंदी नज़र तक से नहीं देखते थे.
मैं बहुत ही ज्यादा दुखी रहती थी.

फिर मेरी एक सहेली ने कहा- कोई ऐसा लड़का फंसाओ, जो औसत सा दिखता हो.

कुछ ही दिनों बाद मेरी नजर में एक ऐसा लड़का आ गया. वह हमारे कॉलेज टीम के लिए फुटबॉल खेलता था.
साढ़े पाँच फिट लंबा और औसत सा दिखने वाला लड़का था.

मैंने उससे बात करने की कोशिश की लेकिन वह बिल्कुल भोला सा लड़का निकला.
वह मेरे हिंट्स को समझ ही नहीं पाता था.

इन्हीं सब कोशिशों में कॉलेज के दो साल निकल गए.

फिर फाइनल ईयर में फेयरवेल पार्टी के दिन मेरी सहेली उस लड़के को काम के बहाने से स्टोररूम में बुलाया और मुझे अन्दर भेज कर बाहर से लॉक कर दिया.

मुझे तो पता था पर मैंने नाटक किया.

मैंने सहेली को कॉल किया तो वह बोली- अब तो गेट पार्टी खत्म होने के बाद ही खुलेगा. तुम लोग अपनी पार्टी रूम में सेलीब्रेट करो.

ये कह कर मेरी सहेली ने कॉल कट कर दिया.
अब हम वहीं पड़े एक सोफे पर बैठ गए.

मैंने उसके खेल की बात बात आरम्भ की जिससे हमारे बीच की दूरी कम हो सके.
उसको क्या पता था कि मेरे दिमाग़ में तो उसका लंड ही घूम रहा है.

कुछ देर बात करने के बाद मैं पानी के बहाने से उठी और पास में रखी कुर्सी से जानबूझ कर टकरा कर गिर गयी.

मैं अपने पैर पकड़ कर रोने का बहाना करने लगी.
उसने मुझे अपनी गोद में उठाया और सोफे पर लिटा कर मेरे पैर की चोट देखने लगा.

मैं बोली- दर्द कर रहा है.
वह हल्के हाथ से मसाज करने लगा और फूँक मारने लगा.

मुझे अपनी शरीर में करेंट सा फील होने लगा.
मेरी चोट घुटने के ऊपर लगी थी.

पहली बार मुझे मेरी हाइट छोटी होने का फायदा मिला.
मैंने स्कर्ट पहन रखी थी.

मैं उसकी उंगलियां अपनी जांघ पर महसूस करके रुक ही नहीं पा रही थी.

जब देसी कॉलेज सेक्स गर्ल से और सहा नहीं गया तो मैंने उसकी कॉलर को पकड़ कर उसे अपने तरफ खींचा और उसके होंठों को किस करने लगी.

वह मेरे इस कदम से एकदम शॉक में आ गया था.
लेकिन 30 सेकंड के बाद वह भी मुझे किस करने लगा.

लगभग 10 मिनट तक ऐसे ही लेटे लेटे ही हम दोनों एक दूसरे को किस करते रहे.
उसके बाद मैंने उसे छोड़ दिया तो वह उठ कर खड़ा हो गया और मैं वहीं लेटी रही.

मैंने उसे सॉरी बोला और कहा- मुझे तुम पसन्द हो.
तो उसने बोला- मुझे भी तुम पसंद हो.

यह सुन कर मुझे बड़ा अच्छा लगा.

वह बोला- आई लव यू नूरी.
फिर मेरे करीब आकर मुझे थोड़ा जोर से जकड़ कर स्मूच करने लगा.

मेरी वासना की आग भी जाग गयी.
मैं उसकी जींस के ऊपर से ही लंड पर हाथ फेरने लगी.

वह समझ गया कि मेरा प्लान सिर्फ़ मेकआउट का नहीं बल्कि फुल चुदाई का है.
वह भी मेरे मम्मों को मेरे टॉप के ऊपर से मसलने लगा.

मुझे थोड़ा दर्द का अहसास हुआ लेकिन वह मुझे लगातार स्मूच किए जा रहा था.
मैं कुछ ही बोल नहीं पाई.

उसने मेरा टॉप उतार दिया.
मेरे दूध छोटे छोटे ही समोसे जैसे हैं. वह लगातार अपने दोनों हाथ से मेरे दूध मसल रहा था.

मैं आंखें बंद करके बस इस मीठे दर्द के सुख का अनुभव लिए जा रही थी.

फिर वह मेरी स्कर्ट को उतारने लगा.
मैं उसके साथ सहयोग करने लगी.

अगले ही पल मैं केवल पैंटी में सोफे पर लेटी हुई थी.

उसने फिर से मेरे बाजू में लेट कर मुझे होंठों पर किस करना शुरू किया.

उसके होंठों का स्पर्श मुझे ऊपर से नीचे तक तरंगित करता जा रहा था.
मेरे चूचे कड़क होने लगे थे.

तभी उसने मेरे मुँह अपनी जीभ ठेल दी.
आह … ऐसा लगा कि न जाने क्या रसमलाई सी चीज मुँह में डाल दी हो.

मैंने उसकी जीभ को चूसना शुरू कर दिया.
उसी समय उसका एक हाथ मेरे नंगे दूध पर जम गया और उसने मेरे दूध को दबाते हुए उसके निप्पल को मींज दिया.
सच में चूत में लहर सी दौड़ गई.

एक ही दिन में इतना सुख मिल गया था कि मैं बार बार अपनी उस सहेली को धन्यवाद दे रही थी जिसकी वजह से मुझे अपनी सीलपैक चूत में एक लंड नसीब होने वाला था.

कुछ टाइम तक चुंबन करने के बाद उसने अपना मुँह मेरे मम्मे पर लगा दिया.
वह एक दूध को चूस रहा था और दूसरे के निप्पल को मींज रहा था.

मेरी चूत से निरंतर रसधार बही जा रही थी.

कुछ ही देर में उस औसत और भोले से दिखने वाले लड़के ने मेरे दोनों चूचों को लाल कर दिया था.

फिर वह नीचे सरकने लगा और मेरे पेट को चाटते हुए नीचे सरकता गया.
इतनी देर मेरी पैंटी गीली हो चुकी थी.
तभी उसने मेरी पैंटी को अपने दांतों से खींच कर उतारा.
मुझे उसका ये स्टाइल बहुत अच्छा लगा.

कुछ ही पलों में मेरी पैंटी आगे से मेरी जांघों में आकर फंस गई और पीछे से मेरी गांड की चौड़ाई ने फंसा लिया था.

अब मैंने खुद ही अपनी गांड उठाई और उसी समय उसने अपने दांतों से पकड़ कर मेरी पैंटी को नीचे खींच दिया.

मैंने भी अपने हाथ से पैंटी को पकड़ कर उतार दिया.

एक बार पैंटी उतरी तो मैंने टांगें फैला दीं.

मेरी एक टांग सोफ़े की पुश्त के ऊपर थी और दूसरी सोफ़े से नीचे … इससे मेरी चूत पूरी खुल गई.

उसने मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया.
जैसे ही उसने अपनी जीभ मेरी चूत में लगाई, मेरी चूत में झनझनी सी होने लगी.

उसने जीभ चूत के अन्दर डाल दी और चाटना चालू कर दिया.
मेरा तो मानो अपने ऊपर कोई कंट्रोल ही नहीं रह गया था.

चूत चटवाने में इतना आनन्द आता है, ये मुझे आज पहली बार मालूम हुआ था.

उसकी जीभ निरंतर मेरी चूत के अन्दर जा जाकर अपने खुरदरेपन का अहसास दे रही थी और मेरी चीखें निकलने लगी थीं ‘आहह ऊओ यसस्स ऐसे ही चाटते रहो ऑश आआह आईहह.’
बाहर पार्टी के डीजे की वजह से मेरी आवाज़ कोई सुन नहीं सकता था.

कुछ ही देर उसके चाटने में झड़ गयी.
उसने मेरा सारा पानी पी लिया.

मैं झड़ने के बाद एक अजीब सा सुकून महसूस करने लगी थी. ऐसा लग रहा था मानो जिस्म की सारी ऐंठन निकल गई हो.

मैंने पहले भी अपनी चूत को उंगली से रगड़ कर झाड़ा था, मगर आज का स्खलन बहुत ही आनन्द देने वाला था.
मैं निढाल हो गई थी.

कुछ देर बाद मैं उठी और अपने टॉप को पहनने को हुई.
वह बोला- बस हो गया?
मैं बोली- हां.

वह बोला- ऐसे नहीं, अभी तो शुरू किया है.
मैं हल्का सा डर गयी लेकिन याद आया कि ये मेरा ही तो प्लान था.

मैं ना करने का नाटक करने लगी.
वह बोला- वह कुछ नहीं.

उसने मेरे होंठों को चूमना शुरू कर दिया और मेरी चूत में उंगली डाल कर चूत रगड़ने लगा.

जल्दी ही मेरा भी मूड बन गया.
मैंने उसके किस का जबाव देना शुरू किया तो वह खड़ा हुआ और मेरे सामने अपने लंड को करके मूक भाव से जींस खोलने की कहने लगा.

मैं सोफे पर बैठे बैठे ही उसकी जींस को खोलने लगी.
उसने भी अपनी जींस खोलने में मदद की.

जींस खोल कर मैं रुक गई. उसने जींस को नीचे सरकाने का इशारा किया.
मैंने उसकी जींस नीचे कर दी.

अन्दर सफेद रंग की अंडरवेयर में से उसके लंड का उभार साफ दिख रहा था.
मैंने उसकी अंडरवियर नीचे की तो उसका लंड देख कर घबरा गयी.

मेरी सहेलियां बताती थीं कि लंड 5-6 इंच के ही होते हैं.
मगर उसका लंड तो काफी बड़ा दिख रहा था.

उसका लंड मेरे मुँह के पास था, तो मैं हल्की सी झुक गई.
उसने भी लौड़े को मेरे मुँह के सामने सैट कर दिया.

मैं उसके मोटे लंड को अपने मुँह लेने की कोशिश करने लगी.
उसका लंड काफी मोटा था और मेरे मुँह में नहीं जा रहा था.

मैं उसके लौड़े का आगे का पिंक टोपा जीभ से चाटने लगी थी.

तभी उसने मेरे एक दूध को जोर से दबा दिया, तो मेरा मुँह एकदम से खुल गया … और मैं आह करने को हुई.
उसी समय साले ने अपना लौड़ा मेरे मुँह में पेल दिया.
मैं गों गों करके रह गई.

वह हंसने लगा और बोला- चूसो बेबी.
मैंने आंखों में नकली गुस्सा करके उसे देखा तो उसने होंठ गोल करके चुम्मी करने का इशारा कर दिया.

मैं मुस्कुरा दी मगर उसे मेरी मुस्कान दिखाई नहीं दी.
मुँह में लंड जो फंसा था.

अब मैं लंड चूसने लगी.
वह भी मेरे बाल पकड़ कर लंड अन्दर बाहर करने लगा.

कुछ देर चूसने के बाद मैंने कहा- तुम सोफे पर लेटो.
वह लेट गया.

मैं उसके ऊपर बैठ कर उसके लंड को पूरा मुँह में लेने लगी.
हम दोनों 69 की पोजीशन में थे तो वह भी चूत चाट रहा था.

उसके कुछ देर चूत चूसने से मैं फिर से झड़ गयी.
झड़ते समय मेरी जांघें कंपकंपा रही थीं.

उसने मेरा पानी पी लिया पर मैं फिर भी उसका लंड लगातार चूसे जा रही थी.

कुछ टाइम के बाद वह झड़ने लगा और मेरे मुँह में उसका पूरा रस भर गया.
उसने लंड अन्दर पेल रखा था, तो मुझे उसका रस पीना पड़ा.

कुछ देर मैं ऐसे ही उसके ऊपर पड़ी रही.
फिर उसने मुझे गोद में उठाया और किसी गुड़िया की तरह मुझे झूला झुलाने के साथ मेरे दूध चूसे और वापस मुझे सोफे पर लिटा दिया.

वह खुद खड़ा होकर मुझे देख रहा था.

मैंने पूछा- क्या हुआ?
वह बोला- मेरे पास कंडोम नहीं है.

मैंने कहा- उधर वह जो पास में एक डेस्क है, उसमें देखो. पक्का रखा होगा. मेरी फ्रेंड्स यहां आती रहती हैं.

उसने देखा तो उधर कंडोम थे.
उसने एक चॉकलेट फ्लेवर वाला कंडोम निकाला.

चॉकलेट फ्लेवर मेरी पसंदीदा है. मैं आइसक्रीम भी चॉकलेट फ्लेवर की ही लेती हूँ.

अब उसने सोफे के साइड में आकर मेरे मुँह में लंड डाला और अन्दर बाहर करने लगा.
मैं उस समय उत्तेजना के सातवें आसमान पर थी.

मेरे मुँह से बस गों गों की आवाज़ निकल रही थी.

कुछ ही देर में ही उसका लंड टाइट हो गया.
वह मेरी चूत की ओर आ गया और मेरी चूत को अपने थूक से गीली करने लगा.

मैंने कहा- मेरा पहली बार है, आराम से करना.
वह मेरी चूत को फिर से चाटने लगा.

कुछ देर चाटने के बाद मेरी चूत ढीली हो गयी.
उसने कंडोम को अपने लंड पर चढ़ाया और मेरी चूत के ऊपर रगड़ने लगा.

अति उत्तेजना से मेरा मूड खराब होने लगा.
मैं बोली- अब डाल भी दे ना और शांत कर दे जल्दी से … मुझसे अब और नहीं रहा जाता!

वह धीरे धीरे अन्दर डालने लगा लेकिन उसके लंड के लिए मेरी चूत छोटी थी.

मुझे दर्द सा हो रहा था तो मैंने उसे रुकने का इशारा किया.
वह रुक गया और निकालने का इशारा करने लगा.

मैं बोली- नहीं, रूको नहीं … मुझे दर्द अच्छा लगता है. तुम चालू रहो.

बस फिर क्या था. उसने मेरी कमर पकड़ी और धक्का दे मारा.
उसका लंड मेरी बुर जैसी चूत फाड़ता हुआ अन्दर घुस गया.

मैं झटके से हुए दर्द को झेल ही न पाई और सोफे के हत्थे से बाहर आधी लटक गयी.

ये देख कर वह रुक गया और मुझको ठीक करने को हुआ.

मैंने हाथ के इशारे से रोक दिया और कहा- पहले मेरी चूत को शांत करो.
वह बोला- ओह नूरी, तुम इतनी बड़ी चुदक्कड़ निकलोगी, मुझे पता ही नहीं था. तुम लगती तो छोटी हो … पर लंड लेने में किसी रंडी से कम नहीं हो!

ये बोल कर उसने सोफे का हत्था पकड़ कर दुबारा से धक्का मारा.
अब मुझे समझ में आया कि अभी लंड पूरा अन्दर नहीं गया था.

इस बार मेरी चीख निकल गयी थी.
डीजे की आवाज़ की वजह से मैं खुल कर चीख पा रही थी.

मेरी चूत दर्द की वजह से सुन्न सी हो गयी थी और वह कमीना धक्के पर धक्के देता रहा.
मैं ऐसे ही सोफे पर आधी लटकी चुदवाती रही.

उसके बाद मुझे कुछ याद नहीं कि उसने मुझे कितनी देर तक चोदा.

जब आंख खुली, तो देखा वह मेरे बगल बैठा था. मैं सोफे पर लेटी थी.
उसने मुझे कपड़े पहनाए.

देसी कॉलेज सेक्स करते करते हम दोनों को दो घंटे हो चुके थे.

मैंने अपनी फ्रेंड को कॉल किया तो उसने गेट खोला.

चुदाई की वजह से मेरी हालत खराब दिख रही थी.

सहेली ने पूछा- क्या हुआ?
मैंने चोट का बहाना बता दिया.
हाकांकी जानती तो वह भी सब कुछ थी.

उसने मुझे घर तक ड्रॉप किया.
मैंने रास्ते में उसको कई बार शुक्रिया कहा.

अगली बार मैंने ग्रुप में चुदाई की थी उसमें बड़ा मजा आया था.

उस देसी कॉलेज सेक्स गर्ल कहानी को अगली बार लिखूँगी.
लव यू गाइस.

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