फर्स्ट फक वर्जिन गर्ल का मजा मुझे मेरे मामा की जवान कुंवारी साली ने दिया. मैं मामा के घर गया था फंक्शन में … वह भी आई हुई थी. वह मेरे साथ बात कर रही थी.
दोस्तो, मेरा नाम सूर्या है.
मैं गांव का रहने वाला हूँ.
आप लोग जानते ही हैं कि गांव के लोग कैसे होते हैं. जी हां, मैं देखने में बहुत ही ज्यादा तगड़ा और हृष्ट-पुष्ट हूँ.
मेरी लंबाई छह फीट है और मेरे छोटे भाई यानि लौड़े की लंबाई 6 इंच है.
मेरी फर्स्ट फक वर्जिन गर्ल सेक्स कहानी कुछ इस प्रकार है कि मैं एक बार अपने मामा के यहां गया हुआ था.
उनके बेटे के जन्मदिन पर एक बड़ा आयोजन किया गया था.
वहां पर मामा जी की साली भी आई थी.
हालांकि मुझे उससे कुछ लेना देना नहीं था.
तब भी जो होना नहीं चाहिए था, वह हुआ.
मामा की साली शायद मुझको पसंद करती थी. उसका नाम सीमा था.
सीमा के बारे में आपको बताऊं, तो वह भी किसी से कुछ कम नहीं थी.
वह दूध सी गोरी लड़की थी. उसकी लंबाई साढ़े पांच फीट की थी और उसका फिगर 32-28-34 का था.
वह देखने में बड़ी ही कातिल लगती थी.
उस दिन जन्मदिन की पार्टी चल रही थी, तब उसने मुझसे बात करना आरंभ की थी.
उसने मुझसे पूछा- क्या करते हो, तुम्हारी कोई जीएफ है क्या?
मैंने कहा- नहीं?
फिर मैंने भी पूछ लिया- आपका कोई बीएफ है क्या?
उसने भी नहीं कहा.
इस तरह हमारी बातें होना शुरू हुईं.
पार्टी में काफी लोग आए थे तो किसी का हम दोनों पर ध्यान नहीं था.
मैं सीमा से काफी देर तक बातचीत करता रहा.
उससे बात करने में मुझे बड़ा ही अच्छा लग रहा था.
वह भी मुझसे बातचीत करके काफी खुश दिख रही थी.
दूसरे दिन ही उसने कुछ ऐसा किया, जिससे मैं एकदम से चौंक गया.
शायद वह मेरे साथ चुदाई करना चाहती थी.
हुआ यूं कि दूसरे दिन हम लोग सोने के लिए लेटे थे.
मैं आंखें बंद किए लेटा था.
मेरे पास में ही सीमा भी लेटी थी.
उसके पास में मामी जी लेटी थीं.
काफी थकी होने के कारण मामी जी जल्दी ही सो गई थीं.
मैं नहीं सोया था और सीमा भी नहीं सोई थी.
अचानक से उसने मेरे सीने पर हाथ रखा, तो मैं चौंक गया.
मैंने एक आंख खोल कर देखा तो सीमा मेरे एकदम करीब आ गई थी और उसने अपना एक हाथ मेरे सीने पर रखा हुआ था.
मैंने हल्की सी आंख खोल कर नजारा देखा और बंद कर ली.
अब मैं ये देखना चाहता था कि ये चाहती क्या है.
धीरे धीरे सीमा अपना हाथ नीचे ले गई.
उसने मेरे लोवर के ऊपर से ही मेरे लंड को टच किया और हाथ को पेट पर रख कर रोक लिया.
मैं जागा हुआ तो था ही और उसके हाथ की हरकत को महसूस भी कर रहा था.
उसके एकदम से लंड को टच करने से मेरे शरीर में एक करंट सा दौड़ गया और मेरा लंड किसी नाग को छेड़े जाने जैसा हिचकी सा लेने लगा.
उसने पेट से हाथ नीचे किया और लौड़े को सहलाने लगी.
अब लंड खड़ा होने लगा.
जैसे ही मेरा लंड खड़ा हुआ, उसने मेरा लंड पकड़ लिया.
लंड एकदम सख्त हो गया तो उसने लोअर के अन्दर हाथ डाल दिया और लौड़े को पकड़ कर मसलने लगी.
मेरी सांसें तेज होने लगीं जिससे वह समझ गई कि मैं जाग रहा हूँ और लंड को सहलाने का मजा ले रहा हूँ.
अब उसने मेरे लौड़े को छोड़ दिया और बिस्तर में ही नीचे को सरक गई.
मुश्किल से कुछ ही पल बीते थे कि उसने दोनों हाथों से मेरे लोअर को नीचे खिसकाया और मेरे लौड़े को अपनी जीभ से चाट लिया.
आह … लौड़े को तो मानो आग लग गई थी.
मैं बड़ी मुश्किल से अपने हाथों की मुट्ठियां बांधे खुद पर काबू कर पा रहा था.
लंड से प्रीकम वाला लिसलिसा सा पानी निकलने लगा था.
उसने अपना मुँह खोला और मेरे खड़े लंड को अपने मुँह में भर लिया.
इससे तो मेरे लंड की मां चुद गई थी.
उसके मुँह की गर्मी का अहसास होते ही मेरे लौड़े ने गुर्राना शुरू कर दिया था.
मगर किसी सर्कस की रिंग मास्टर के जैसी सीमा ने अपने मुँह में मेरे लौड़े को काबू में किया हुआ था.
अब उसने अपने एक हाथ का इस्तेमाल भी करना आरंभ कर दिया था.
वह लंड को हाथ से पकड़ कर बार बार अपनी जीभ से लौड़े को ऊपर से नीचे तक चाटती और गप से मुँह के अन्दर भर कर उसे किसी कुल्फी के जैसे चुसकने लगती.
मैं मदमस्त हो गया था.
मेरी आवाजें बड़ी मुश्किल से रुक पा रही थीं.
बाजू में मामी जी लेटी हुई सो रही थीं और उनकी बहन मेरे लौड़े को जन्नत का सुख दे रही थी.
मुझसे रहा नहीं जा रहा था.
कुछ देर बाद मैं झड़ गया और उसने मेरे लंड का सारा द्रव पी लिया.
लंड को चाट कर साफ कर देने के बाद सीमा भी अलग हो गई और मेरे बाजू में आकर लेट गई.
हम दोनों सो गए.
अगले दिन मैंने उससे अकेले में पूछा- कल रात में तुम क्या कर रही थीं?
उसने मेरी बात को सुनकर अनसुना कर दिया.
मैंने उससे कई बार पूछा, मगर वह किसी मस्तानी लड़की तरह हर बार कुछ न कुछ ठिठोली करके बात को बदल देती थी.
फिर एक बार मैंने उसका हाथ पकड़ कर पूछा- क्या हुआ … बता तो सही?
उसने धीमे से कहा- हाथ छोड़ो और बात को समझो. ये बात सबके सामने बताने वाली बात नहीं है. अकेले में बताऊंगी.
मैंने कहा- हां तो चलो, अकेले में चलते हैं.
उसने कहा- अभी नहीं … अभी दीदी हैं. तुम छत वाले कमरे में जाओ. मैं वहीं आती हूँ.
मैं चला गया.
उधर मैं उसका इंतजार करते करते सो गया.
आखिर एक घंटा बाद उसने कमरे में आकर मुझे जगाया.
मैं उसे देखा तो फिर से अपना सवाल दाग दिया.
उसने कहा- जानना चाहते हो कि कल रात को क्या किया था?
मैंने कहा- हां बिल्कुल.
वह हंसने लगी और बोली- क्या शुरू से ही ऐसे हो … या बन रहे हो?
मैं अचकचा गया.
मैंने उसकी बात का मर्म समझा और कहा- वह मुझे मालूम था कि क्या किया गया था. पर मैं ये पूछ रहा हूँ कि वह सब क्यों किया था?
वह शोखी से बोली- मुझे आइसक्रीम चूसने का दिल कर रहा था.
मैंने भी समझ लिया कि लौंडिया फिर से मूड में आ रही है तो अब इसको रगड़ ही दिया जाना चाहिए.
मैंने कहा- आइसक्रीम तो ठंडी होती है ना?
वह बोली- हां पहले तो आइसक्रीम ठंडी ही थी, पर बाद में गर्म हो गई और पिघल गई थी.
मैं सुनकर समझ गया कि साली बहुत बड़ी रांड है.
मैं हम्म करके रह गया.
सीमा कहने लगी- कभी सेक्स किया है?
मैं- नहीं.
सीमा- तुम्हारा सेक्स करने का मन करता है?
मैं उसकी इस बात से एकदम चुप हो गया.
वह बोली- बोलो न?
मैं- क्या?
सीमा- सेक्स करोगे?
मैं- नहीं.
सीमा- झूठ क्यों बोल रहे हो. मन है तो मैं रेडी हूँ. मेरे साथ करोगे सेक्स?
मैं- तुम्हारे साथ?
उसने कहा- हां मेरे साथ.
मैंने कहा- यार किसी को पता चल गया तो?
उसने कहा- कुछ नहीं होगा.
मैंने कहा- ठीक है. आज शाम को ही करते हैं.
उसने कहा- नहीं यार, आज नहीं कर सकती.
मैंने कहा- अब क्या हुआ?
उसने कहा- नहीं यार, अभी मेरी सील पैक है. दर्द होगा तो दीदी को पता चल सकता है.
मैं- दूसरे वाले घर चलते हैं.
उसने कहा- पागल हो क्या? दीदी जाने देंगी?
इत्तफाक की बात कि उसी दिन मामी को किसी काम से बाहर जाना पड़ा और हम दोनों को मौका मिल गया.
हम दोनों ने उसी दिन वर्जिन गर्ल फर्स्ट फक का प्लान बनाया और हमारी सेक्स कहानी शुरू हो गई.
सीमा ने मेरे सारे कपड़े उतार दिए.
मैंने भी उसके कपड़े उतार दिए.
वह मेरे सामने अब सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी.
उसकी ब्रा के ऊपर से ही मैंने उसके बूब्स को दबाना शुरू कर दिया.
हमारे पास टाइम कम था तो हम दोनों ने जल्दी से सब किया.
पहले उसने घुटनों पर बैठ कर मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया.
कुछ देर बाद मैंने उसे खड़ी किया और उसके होंठों को चूसने लगा.
वह भी साथ दे रही थी.
मैंने उससे कहा- तुम सीधी लेट जाओ और अपनी टांगें ऊपर कर लो.
वह बिस्तर पर लेट गई और उसने अपनी दोनों टांगें फैलाते हुए हवा में उठा लीं.
मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.
कुछ देर बाद ही वह अपनी चूत से रस टपकाने लगी और कंपकंपाती हुई झड़ने लगी.
उसकी चूत का सारा माल मैं गटक गया.
कुछ देर बाद मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और फांकों में लंड के सुपारे को रगड़ने लगा.
वह तड़प रही थी और कह रही थी- आह डालो प्लीज.
मैंने लंड अन्दर डालने के लिए दाब दिया.
उसकी चूत गीली थी तो लंड रपट गया.
मैंने फिर से कोशिश की, मगर लौड़ा फिर से निशाने से चूक गया और वह गांड की तरफ चला गया.
उसकी चूत काफी कसी थी.
बड़ी मुश्किल से मेरा लंड अन्दर जा सका.
मगर जब लंड अन्दर गया तो आधा घुसता चला गया.
वह इस प्रहार से चीख पड़ी और दर्द से कराहती हुई बोली- आई मम्मी मर गई!
मैंने उसके मुँह को तुरंत अपने हाथ से दाब दिया.
उसी समय मैंने एक और झटका दे मारा. मेरा पूरा लंड अन्दर घुसता चला गया.
वह रोने लगी और कह रही थी- आह छोड़ दो … बहुत दर्द हो रहा है.
मैंने कहा- परेशान मत हो, कुछ नहीं होगा. तू भी जानती है कि वर्जिन गर्ल को फर्स्ट फक में दर्द होता ही है.
वह चुप हो गई.
मैंने देखा कि मेरा लंड खून से सन गया था.
मुझे भी ये पक्का हो गया था कि ये अभी नई है और अगर आज इसे छोड़ दिया, तो फिर ये कभी नहीं मिलेगी.
वह रोती चिल्लाती रही. मैंने उसकी एक न सुनी.
कुछ देर बाद वह भी साथ देने लगी.
धकापेल चुदाई हुई और मैंने अपने लौड़े का माल उसके पेट पर छोड़ दिया.
कुछ देर बाद फिर से अभिसार हुआ और मैंने उसकी चूत का भोसड़ा बना दिया.
चुदाई के बाद हम दोनों नहाने गए और कपड़े पहन कर बातें करने लगे.
तब तक वहां मामी भी आ गईं.
मैंने रात में उससे पूछा- तुम्हारी अभी तक सील क्यों नहीं टूटी थी?
उसने कहा- अब भी कोई शक रह गया है क्या?
मैं अचकचा गया और उसकी तरफ देखने लगा.
वो बोली- मेरे भोले सनम, मेरी सील तुम्हारे लिए ही साबुत थी. आज तुमने ही तो इसे तोड़ी.
मैंने कहा- कोई शक नहीं है लेकिन एक बात हजम नहीं हो रही है.
उसने कहा- क्या?
मैंने कहा- तुम इतनी सेक्सी और हॉट हो, फिर भी कोई बीएफ नहीं … और न अभी तक सेक्स किया. जबकि तुम्हारे अन्दर आग भी काफी है.
उसने कहा- मेरे घर पर बहुत सख्ती है और मुझे कोई पसंद ही नहीं आया अथा. पर पार्टी में तुम्हें देखा तो मन बना लिया था कि तुमसे ही सेक्स करूंगी. मेरे अन्दर जो आग थी, उसे लावा बनाने के लिए तुमको देख कर ही मैं मचल गई थी.
मैं उसे देख कर मुस्कुराने लगा.
उसने कहा- मैंने तो जब से तुमको देखा है, तबसे तुमसे चुदना चाहती थी. लेकिन तुम मिलते ही नहीं थे. काम में ही लगे रहते थे. मैं शाम को जानबूझ कर तुम्हारे पास लेटी थी कि हो सकता है कुछ हो जाए. लेकिन तुम उठे ही नहीं.
मैंने कहा- बगल में तुम्हारी दीदी लेटी थीं. यदि उस वक्त तुमसे सेक्स करता तो मामी सब देख लेतीं.
वह हंसने लगी और मेरे साथ चिपक गए.
दोस्तो, मौका मिला तो सीमा की गांड चुदाई की कहानी भी सुनाऊंगा.
मेरी वर्जिन गर्ल फर्स्ट फक कहानी कैसी लगी? मेल जरूर करें!