Xxx अंकल चुदाई स्टोरी में मैं जवान हुई तो मुझे भी सेक्स की तलब लगी. मेरे एक फूफा जी मुझसे 9 साल बड़े थे, बड़े स्मार्ट थे, मैंने उन्हें पटाने की सोची.
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम दिव्या है. मेरी उम्र 19 साल है, गोरा बदन और साढ़े पांच फुट की हाइट है. मैं काफी गदराई हुई हूँ और सेक्सी फिगर वाली लड़की हूँ.
यह Xxx अंकल चुदाई स्टोरी तब की है जब मैं कॉलेज जाया करती थी और दूसरी लड़कियों के ब्वॉयफ्रेंड को देखकर यह सोचती थी कि काश मेरा भी कोई बॉयफ्रेंड होता.
एक दिन मैं और मेरी सहेली कॉलेज जा रही थीं.
मैंने देखा कि एक लंबा चौड़ा लड़का मेरी तरफ घूर घूर कर देख रहा था.
पास आने पर पता लगा कि वह कोई और नहीं मेरे फूफा जी थे, जिनकी उम्र 28 वर्ष है. उनका एकदम गोरा बदन है और वे काफी स्मार्ट लग रहे थे.
मेरी सहेली ने मुझसे कहा कि तुम अपने फूफा जी से मेरी सैटिंग करा दो.
मैंने कहा- तुम शाम को मेरे घर आकर खुद बात कर लेना. वैसे भी मेरे फूफा जी कहते रहते हैं कि मेरी कोई साली नहीं है. मैं किससे मजाक करूं.
जब कॉलेज से मैं वापस आ रही थी, तो मेरे मन में ख्याल आया कि सहेली से तो अच्छा है कि मैं खुद ही अपने फूफा जी से सैटिंग कर लूँ.
घर आकर शाम को मैं फूफा जी से मजाक करने लगी.
फूफा जी भी समझ गए कि अब यह जवान हो गई है.
वे मेरी गोल गोल चूचियों की तरफ देखते हुए मुस्कुरा रहे थे.
तभी बुआ जी ने हमें देख लिया और उन्होंने मुझे डांट कर वहां से भगा दिया.
लेकिन मैंने मन ही मन तय कर लिया था कि अब मुझे फूफा जी के साथ सेक्स करना है.
मुझे जब भी मौका मिलता था, तो फूफा जी से फोन पर बात कर लिया करती थी.
एक दिन फूफा जी का फोन आया कि तुम्हारी बुआ बीमार हो गई हैं और उनका ऑपरेशन कराना पड़ेगा. मैं तुम्हारी बुआ को अस्पताल लेकर जा रहा हूं. तुम अपने भाई के साथ घर आ जाना और बच्चों का ख्याल रखना.
मैंने कहा- आप मेरी मम्मी से पूछ लो.
उन्होंने कहा कि तुम्हारी मम्मी ने हां कर दी है.
मैं भी हामी भर दी.
मम्मी से पूछा तो उन्होंने मुझे भाई के साथ जाने के लिए कह दिया.
भाई मुझे फूफा जी के यहां छोड़ आया.
बुआ जी को कोरोनावायरस की वजह से ऑपरेशन के 2 दिन बाद छुट्टी मिल गई और फूफा जी बुआ जी को घर ले आए.
शाम को मैंने खाना बनाया और सभी लोग खाना खाकर सोने जा रहे थे.
तभी बुआ जी ने कहा कि हम सब एक ही कमरे में सो जाते हैं.
मैंने कहा- ठीक है.
बुआ जी एक चारपाई पर और मैं फूफा जी और फूफा जी के दो बच्चे एक बेड पर सो गए.
रात को करीब साढ़े ग्यारह बजे सभी सो रहे थे, तब फूफाजी उठकर टॉयलेट गए और वापस आए तो उन्होंने एक बच्चे को उठाकर साइड में कर दिया और मेरे बगल में लेट गए.
उनके बच्चे काफी छोटे थे और गहरी नींद में सो रहे थे.
पांच मिनट बाद अचानक फूफा जी मुझसे लिपट गए और मेरे बूब्स पर हाथ रख दिया.
वे ऐसे एक्टिंग कर रहे थे जैसे मानो वह सो रहे हों और गलती से हाथ रख दिया हो.
मैं भी चुपचाप लेटी रही और कुछ नहीं कहा.
थोड़ी देर बाद फूफा जी ने मेरे बूब्स को धीमी धीमी सहलाना शुरू कर दिया.
फिर भी मैंने कुछ नहीं कहा और सोने की एक्टिंग करती रही.
अब फूफा जी ने मेरी चूचियों को और तेज मसलना शुरू कर दिया.
मुझे बेहद सनसनी हो रही थी और काफी मज़ा भी आ रहा था, तो मैं सोने की एक्टिंग करती रही.
फूफा जी भी समझ गए कि यह सोने की एक्टिंग कर रही है.
तब फूफा जी ने अपना हाथ मेरी पजामी के अन्दर डालने की कोशिश की.
तभी मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और धीमे से कहा- नहीं हाथ अन्दर मत डालो … मुझे छोड़ दो.
फूफा जी ने कहा- चलो मैं हाथ नहीं डालूंगा मगर मुझे अपने चूचे पीने दो.
मैंने कहा- नहीं, बुआ जी को पता चल जाएगा.
फूफा जी ने कहा- किसी को पता नहीं चलेगा, सब सो रहे हैं.
ज्यादा जिद करने पर मैंने हां कर दी और अपनी कुर्ती और समीज ऊपर कर दी.
फिर फूफा जी मेरी मोटी मोटी चूचियों को बच्चे की तरह चाट चाट कर पीने लगे.
कुछ ही देर बाद अचानक मेरे शरीर में बिजली सी दौड़ गई और मैंने फूफा जी को कस कर पकड़ लिया, उनके होंठों को चूमने लगी.
फूफा जी ने भी मुझे कस कर पकड़ लिया और मेरे होंठों को चूमने लगे.
दस मिनट तक ऐसे ही चलता रहा.
फिर फूफा जी मुझसे पजामी उतारने के लिए ज़िद करने लगे.
मेरे काफी मना करने के बावजूद फूफा जी ने मेरी पजामी और पैंटी उतार दी और मेरी छोटी सी बुर को चाटने लगे.
थोड़ी देर बुर चाटने के बाद उन्होंने मुझे चोदने के लिए कहा तो मैंने मना कर दी.
वे मेरी बुर को और जोर से चाटने लगे और मुझे भी बहुत मजा आ रहा था.
आखिर मैंने उन्हें चोदने के लिए कह दिया.
फूफा जी ने अपना अंडरवियर उतारा और मेरे ऊपर लेट गए.
वे मुझसे बोले- अपनी जीभ मेरे मुँह में दे दो.
मैंने अपनी जीभ फूफा जी के मुँह में दे दी और वह मेरी जीभ चूसते हुए एक हाथ से अपने लौड़े को मेरी बुर पर रगड़ने लगे.
वे पूछने लगे- तुमने कभी सेक्स किया है?
मैंने कहा- नहीं.
वे बोले- तो तुम सील पैक हो?
मैंने कहा- सील क्या होती है?
वे बोले- थोड़ी देर रुक जाओ, जब टूटेगी तो पता लग जाएगा.
उन्होंने ढेर सारा थूक मेरी बुर पर डाल दिया और अपने लौड़े को बुर के मुँह पर रखकर अन्दर घुसाने की कोशिश करने लगे.
मुझको काफी दर्द होने लगा.
ऐसा लग रहा था कि अगर यह लौड़ा मेरी बुर के अन्दर घुस गया तो मेरी बुर को फाड़ डालेगा.
फूफा जी ने काफी कोशिश की.
उन्होंने अपने लौड़े को अन्दर घुसाने भरसक की मगर वह जैसे ही अन्दर घुसाने की कोशिश करते, मेरी दबी हुई आवाज में चीख निकल जाती.
काफी देर कोशिश करने के बावजूद भी वह नाकामयाब रहे और उन्होंने अपना सारा माल मेरी बुर के ऊपर ही छोड़ दिया.
वे बोले कि कभी एकांत में तुम्हारी सील तोडूंगा.
अगले दिन बुआ जी फूफा जी से बोलीं- तुम दिव्या को मार्केट ले जाओ और इसे कुछ कपड़े दिलवा लाओ.
मैं भी काफी खुश हुई कि आज फूफा जी के साथ घूमने को मिलेगा.
दोपहर को हम दोनों बाजार चले गए.
सबसे पहले फूफा जी मुझे सिनेमा दिखाने ले गए.
हम दोनों ने मूवी देखी मूवी देखने के बाद रेस्टोरेंट में खाना खाया.
फिर मार्केट में शॉपिंग करने लगे.
फूफा जी बोले- सारे कपड़े तुम्हारी पसंद के लेंगे, मेरी पसंद से सिर्फ एक कपड़ा ले लेना.
मैंने कहा- वह क्या?
वे बोले कि एक पैंटी और ब्रा मेरी पसंद की ले लेना.
मैंने कहा- मैंने ब्रा नहीं पहनती हूँ.
वे बोले कि मेरे लिए पहन लो.
मैंने कहा- बुआ जी को पता लगेगा तो क्या कहूँगी?
‘तुम कह देना कि समीज में मुझे अजीब सा लगता है, इसलिए मैं ब्रा ले आई हूं.’
मैं कुछ नहीं बोली.
वापस आते समय फूफा जी मेडिकल से नींद की गोलियां ले आए.
मैं समझ गई थी कि आज फूफा जी मेरी सील तोड़ ही देंगे.
शाम को जब हम घर पहुंचे तो मैंने बुआ जी को कपड़े दिखाए.
बुआ जी ने कहा- यह ब्रा किसके लिए लाई हो?
मैंने कह दिया कि अपने लिए.
बुआ जी ने कहा- पर तुम तो समीज पहनती हो?
मैंने कहा- मुझे समीज में अजीब सा लगता है, इसलिए इस बार ब्रा लाई हूं.
बुआ जी बोलीं- ठीक है. अब खाना बना लो.
मैंने खाना बनाया और सभी को खिलाया.
फूफा जी ने बुआ जी को एक नींद वाली गोली दवाई के साथ में मिलाकर दे दी.
हम सभी सो गए.
बुआ जी भी काफी गहरी नींद में सो गईं.
फिर फूफा जी मुझे उठा कर अन्दर वाले कमरे में ले गए और मुझसे बोले- तुम अपनी बुआ की साड़ी पहन कर दुल्हन की तरह सज जाओ … और हां जो पैंटी ब्रा लाए हैं न, उनको पहन लेना.
फूफा जी ने अन्दर वाले बेड को सैट किया और नई चादर बिछाई.
इतनी देर में मैंने नई पैंटी ब्रा और बुआ जी की साड़ी और ब्लाउज पहन लिया.
मैंने साड़ी अपनी जिंदगी में पहली बार पहनी थी.
मैं फूफा जी के सामने गई तो फूफा जी मुझे देखते ही रह गए.
वे बोले- तुम साड़ी में गजब लग रही हो.
वे मुझे अपनी बांहों में भरकर चूमने लगे.
फिर मुझे गोद में उठाकर अन्दर ले गए और मेरे सारे कपड़े उतार दिए.
मेरे बदन पर सिर्फ पैंटी और ब्रा रह गई.
अब Xxx अंकल ने मुझे बेड पर लिटाया और काफी देर तक चूमते रहे.
फिर उन्होंने मेरी पैंटी और ब्रा भी निकाल दी.
वह मुझे इस तरह से चूमे जा रहे थे मानो वह पागल से हो गए हों.
कभी मेरी चूची को चूमते, तो कभी मेरी बुर को चाटते.
मुझे भी बहुत मजा आ रहा था. मैं भी अपनी बुर देने के लिए उतावली हो रही थी.
फिर वे सरसों का तेल लेकर आए और मेरी बुर में मल दिया.
जैसे ही उन्होंने अपना अंडरवियर उतारा, तो उनका लंबा लौड़ा देखकर मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं.
फिर उन्होंने अपना लंड मेरी बुर पर रगड़ना शुरू कर दिया. लंड रगड़वाने से मुझे भी मजा आ रहा था.
अचानक से उन्होंने एक जोर का धक्का मारा और आधा लंड मेरी बुर के अन्दर घुस गया.
मेरी चीख निकल गई.
फूफा जी ने मेरा मुँह दबा दिया और बोले- थोड़ी देर की बात है, दर्द शांत हो जाएगा … और तुम्हें मजा भी आने लगेगा.
एक दो मिनट के बाद उन्होंने धीरे-धीरे हल्की-हल्की ठोकर मारना शुरू कर दिया.
Xxx अंकल चुदाई में मुझे दर्द तो हो रहा था लेकिन मजा भी आने लगा था.
करीब 15 मिनट की बुर चुदाई के बाद फूफा जी ने अपना माल मेरे अन्दर ही छोड़ दिया.
चोदने के बाद फूफा जी खड़े हो गए और बोले- जाओ बाथरूम में जाकर इसे साफ कर लो.
मैंने देखा कि बेड की चादर पर खून और सफेद सफेद कुछ फैला हुआ था.
मेरी चूत से भी कुछ कुछ निकल रहा था.
मैंने फूफा जी से पूछा- यह क्या है?
तो वे मुस्कुराते हुए बोले- अब तुम्हारी सील टूट गई है.
Xxx अंकल चुदाई के बाद मुझे काफी दर्द हो रहा था.
मैंने फूफा जी को बताया.
तो उन्होंने कहा कि दर्द की गोली ले लो.
मैंने दर्द की गोली ले ली जिससे मुझे कुछ हद तक आराम मिल गया.
दो-तीन दिन तक मुझे दर्द होता रहा.
इसके बाद हम दोनों मिले तो सही, मगर सिवाय चुम्मा चाटी के कुछ नहीं किया.
उसके बाद हम दोनों रोज रात को सेक्स किया करते थे.
मुझे तो सेक्स की इतनी आदत पड़ गई थी कि बिना सेक्स के मुझसे रहा नहीं जाता था.
मैंने फूफा जी से बोल दिया कि आप मुझसे भी शादी कर लो और मुझे अपने पास ही रख लो.
फूफा जी ने भी हां कर दी.
हम दोनों सेक्स करते रहे.
कभी-कभी तो हम दिन में भी सेक्स कर लिया करते थे.
1 महीना गुजर जाने के बाद मुझे मासिक नहीं हुआ.
मैं डर गयी और मैंने फूफा जी को बताया कि मैं प्रेग्नेंट हो गई हूं.
तो फूफा जी ने मुझे मेडिकल स्टोर से दवा दिला दी.
मगर उस दवा का मुझ पर कोई असर नहीं हुआ, मुझे रक्तस्राव नहीं हुआ.
मैं और फूफा जी काफी चिंतित थे कि अब आगे क्या होगा?
फूफा जी ने कहा- अगर यह बच्चा नहीं गिरा, तो मैं तुम्हें भगा कर ले जाऊंगा.
मैंने कहा- भगा कर ले जाने से तो अच्छा है कि मुझसे शादी कर लो.
फिर मैं गांव चली गई लेकिन मुझे चिंता रहती थी कि इस बच्चे के बारे में जब घर वालों को पता चलेगा तो क्या होगा.
मैंने फूफा जी को फोन किया और कहा कि आपने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी. अपनी हवस का शिकार बनाकर प्रेग्नेंट करके मुझे छोड़ दिया. मैं अपनी जान दे दूंगी … नहीं तो, कुछ करो.
फूफा जी घबरा गए और कुछ गलत ना हो जाए, इस डर से उन्होंने बुआ जी को सब कुछ बता दिया.
फिर एक दिन बुआ जी और फूफा जी हमारे घर आए.
बुआ जी एक प्रेगनेंसी किट साथ लाई थीं.
तब बुआ जी ने प्रेगनेंसी किट से मेरा टेस्ट किया तो उसमें कुछ नहीं आया.
लेकिन फूफा जी को विश्वास नहीं था.
वे बोले कि चार महीने हो गए हैं, अगर सच में यह प्रेग्नेंट हुई … तो लोगों को पता लग जाएगा.
फिर बुआ और फूफा जी ने प्लान बनाया.
हम सब दर्शन के लिए मंदिर गए.
मंदिर हमारे गांव से 10 किलोमीटर दूर था.
हम तीनों दर्शन के बजाए सीधे हॉस्पिटल पहुंचे और हॉस्पिटल में मेरा टेस्ट कराया.
टेस्ट में मुझे पता चला कि मैं प्रेग्नेंट नहीं थी.
मामला रफा दफा हुआ. एमसी किसी और वजह से रुक गई थी, जिसकी दवा ले ली.
उस दिन से मेरा और फूफा जी का ब्रेकअप हो गया और बुआ जी ने फूफा जी का मेरे घर आना जाना बंद कर दिया.
उन्होंने फूफा जी का मुझसे बोलना भी बंद करवा दिया.
लेकिन इतना सब कुछ होने के बाद एक बार मेरे फूफा जी मेरे चचेरी बहन की शादी में आए थे.
तब हम दोनों ने मौका पाकर रात को खूब सेक्स किया और मजे लिए.
अब हम दोनों को जब भी मौका मिलता है, तो हम चुपके से सेक्स कर लेते हैं और अपनी हवस मिटा लेते हैं.
यह मेरी Xxx अंकल चुदाई स्टोरी में एकदम सच है.
आप सभी लोग कमेंट बॉक्स में बताना कि मैंने और फूफा जी ने गलत किया या सही!