मेरा नाम अमन है और मुंबई से हूँ. मैं एक वेडिंग फोटोग्राफर हूँ.
यह अभी जो X दुल्हन पोर्न कहानी मैं लिख रहा हूँ, वह शत प्रतिशत सच पर आधारित अनुभव है!
इसमें लड़की का नाम बदला हुआ है.
इस एक घटना के बाद मेरा कॉन्फिडेंस बहुत बढ़ गया.
इसके बाद और भी घटनाएं घटित हुईं.
अगर आपको यह पसंद आती है … तो बाकी की घटनाएं भी जल्द ही लिखूँगा.
उन दिनों मैं इंदौर एक शादी शूट करने गया हुआ था.
दरअसल हुआ यह था कि मेरी फोटोग्राफी की एड देखकर मुझे इंदौर से एक कॉल आई थी.
सामने से दुल्हन की बहन ने मेरे साथ डील फिक्स कर दी थी.
शादी से पहले मेहंदी एवं संगीत भी शूट करना था तो हम लोग पूरी टीम के साथ दो दिन पहले ही पहुंच गए थे.
यहां मैं यह भी बता दूँ कि इससे पहले मैं इस क्लायंट से कभी नहीं मिला था.
तो वहां पहुंचने के बाद मेरी दुल्हन और उसकी फैमिली के साथ जान पहचान हो गयी और हम सब अपने काम में लग गए.
अब तक मेरे दिमाग में कुछ भी नहीं था, इतना ही नहीं, मैंने दुल्हन को गौर से देखा भी नहीं था.
दुल्हन का नाम सावनी था और वह दिल्ली की थी और एक सामान्य घर से थी.
वह काफी खूबसूरत थी.
मैंने उसे बोल रखा था कि जैसे वह ड्रेस पहनकर तैयार हो, मुझे बुला लेना ताकि मैं ‘गेटिंग रेडी’ वाले शॉट्स ले सकूँ.
तो उसने मुझे बुला लिया.
लेकिन उसने अब तक ड्रेस पहनी नहीं थी तो मैं दरवाजे के बाहर खड़ा रहा.
उसने मुझे फिर भी अन्दर बुला लिया.
मैं अन्दर गया तो वह एक शॉर्ट्स पर ब्लाउज पहने अपना मेकअप कर रही थी.
मैंने जैसे ही शॉट्स लेना शुरू किया, तो वह नैचुरल एक्टिंग करने का दिखावा करने लगी.
तब जाकर मैंने उसे गौर से देखा. क्या सही लग रही थी यार वह …
उसकी चौड़ी छाती, छोटी हाइट, भरे हुए बूब्स और चिकनी जांघें!
ये सब नोटिस करके मेरा तो पैंट में तंबू बन गया था.
मैंने जैसे तैसे खुद को रोका और अपने शूट पर ध्यान देने लगा.
तब मैंने उसे कुछ एक्शन करने को बोला.
तो उसका ब्लाउज खिसक गया.
शायद हुक टूट गया था.
उस वजह से उसके बूब्स मेरे सामने एक्सपोज हो गए.
उसने जैसे तैसे हाथ रख कर निप्पल छिपा लिए, पर मैं कैमरा पकड़े हुए था तो मुझे सब दिख गया.
अब वह शर्मा रही थी और मैं भी अजीब सा महसूस कर रहा था.
लेकिन इधर अन्दर से मेरी हालत और खराब होती जा रही थी.
वह खुद को संवार रही थी तो तब तक मैंने उससे बाथरूम यूज करने की पूछी.
उसने अजीब सी स्माइल दे दी.
मैं कैमरा वहीं छोड़कर उसी के बाथरूम में घुस गया और जो देखा था, उसे याद करके मुठ मारने लगा.
तभी मेरा ध्यान दरवाजे की तरफ गया तो कोई तो बाहर से झांक रहा था, ऐसा महसूस हुआ.
बाहर सावनी के सिवा कोई और था भी नहीं … तो मुझे कोई आश्चर्य नहीं हुआ.
मैंने जैसे तैसे मुठ मारी और बाहर आ गया.
वह हड़बड़ाहट में दूसरी तरफ सैट हो गयी.
उसने ब्लाउज सैट कर लिया था और मुझसे हुक लगने बोली.
मुझे हुक लगाते समय लग रहा था कि इसको पकड़ कर यहीं पेल दूँ, बहुत हॉट लग रही थी.
हुक लगाने के बाद उसने अच्छा स्माइल दिया और फिर से शूट शुरू हुआ.
काम निपटकर संगीत खत्म कर हम सोने जा रहे थे.
तभी उसने कॉल करके मुझे बुला लिया.
वह मुझसे मेरी फोटोग्राफी के बारे में बातें करने लगी.
फिर इधर उधर की बातें छेड़ते हुए उसने सुबह का ब्लाउज वाला किस्सा कहीं शूट हुआ हो तो किसी को न दिखाते हुए डिलीट करने को कहा.
मैंने भी उसके सामने ही वह वीडियो प्ले करके उसको दिखाते हुए डिलीट कर दिया.
जब मैं उसे वीडियो दिखा रहा था, तो वह मेरे बिल्कुल बाजू में बैठी थी और बार बार उसके बूब्स पर मेरा हाथ लग रहा था लेकिन वह कुछ नहीं बोल रही थी.
अब मैं अपने हाथ पर थोड़ा जोर देकर उसके बूब्स को टच कर रहा था.
तभी उसने पूछा- तुम सुबह इतनी देर बाथरूम में क्या कर रहे थे?
मेरे लिए ये सवाल उम्मीद से विपरीत था तो मैं हड़बड़ा गया.
वह समझ गयी और मुस्कुरा दी.
तभी उसने उसके रूम में पड़ी दारू की बोतल उठा कर पैग बना कर मुझे ऑफर किया.
तो मैंने ना कहा.
इस पर वह खुद पीने लग गयी.
दारू पीते हुए ही वह मेरे नजदीक आ गयी और मुझे किस करने लगी.
पहले तो मैं शॉक हो गया लेकिन फिर मुझे भी तो यही चाहिए था.
बहुत देर तक हम एक दूसरे को किस करते रहे, फिर मैंने उसे बेड पर धकेल दिया.
उसके ऊपर झपकते हुए मैं उसे किस करता रहा.
धीरे धीरे उसका लहंगा जो उसने संगीत के लिए पहना था, वह ऊपर खींच कर उसके पैरों चूमने लगा.
उसकी सांसें तेज हो गयी थीं.
मैं धीरे धीरे ऊपर चढ़ने लगा, जांघों को सहलाते हुए धीरे से मैंने उसकी चूत पर उंगली फिराई.
तो वह सिहर गयी और उसकी चीख़ निकल गयी.
मैंने थोड़ी और ऊपर जाते हुए उसकी चूत को सहलाना शुरू रखा.
उसकी जांघों को चूमते चूमते मैंने उसकी चूत पर अपनी जीभ फेर दी, तो वह और तड़पने लगी.
अब मैंने उसका लहंगा उतार दिया और उसने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिए.
वह सिर्फ ब्लाउज में थी और कहर ढा रही थी.
मैंने फिर उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.
रसीली चिकनी और कुंवारी चूत मिल जाए उससे ज्यादा खुशी क्या होगी भाई.
कुछ देर बाद मैं चूत को छोड़ कर उसके रसीले आमों पर आ गया था.
मैंने उसका ब्लाउज निकाल दिया.
भाई … क्या टाइट दूध थे उसके … उस पर गुलाबी निप्पल ऐसे लग रहे थे मानो चेरी का ही लुक दे रहे थे.
मैंने उन्हें निचोड़ना शुरू किया तो उसने मेरा खड़ा हुआ लंड मुँह में लेना शुरू कर दिया.
अब रूम में बस हमारी मादक आवाजें थीं.
वह तो पहले ही पानी छोड़ चुकी थी और मैं इतनी जल्दी छोड़ने वाला नहीं था.
मैंने उसको बेड पर सीधा लिटाते हुए उसके पैर अपने कंधों पर रख दिए और निशाना लगाते हुए उसकी चूत में बड़े प्यार से लंड घुसा दिया.
उसकी चीख निकल गयी और उसकी आंखों में पानी आ गया.
लेकिन वह ये सब एन्जॉय कर रही थी.
मैंने और थोड़ा जोर लगाना चाहा तो खून निकलने लगा और वह दर्द के मारे चीखने लगी.
मैंने उसे अपनी बांहों में कसकर किस किया और धीरे धीरे ऊपर नीचे करने लगा.
अब पूरे कमरे में उसकी मादक सिसकारियां गूंज रही थीं.
फच फच की आवाज से पूरा रूम भरा हुआ था.
कुछ 15 मिनट तक उसको पेलने के बाद मैं झड़ने वाला था, उसने बाहर निकलने को कहा और मैं बाहर झड़ गया.
उसे चोदने के बाद मैंने उसकी दारू की बोतल ली और एक गिलास बना कर चुस्की लेने लगा.
वह हंसी और बोली- पहले क्यों नहीं पी थी?
मैंने कहा- उस वक्त मुझे कुछ हिचक थी.
वह हंसी और बोली- और अब?
मैंने कहा- अब तो सब कुछ खुल गया है न!
वह बोली- हां तुमने मेरी सील भी खोल दी है!
मैंने कहा- हां … इसी को सेलिब्रेट करने का मन हुआ तो पीने लगा.
वह बोली- तो मिल कर सेलिब्रेट करते हैं न!
मैंने दूसरा गिलास लेने के लिए इधर उधर देखा तो वह बोली- एक ही गिलास से सेलिब्रेट कर लेते हैं!
मैंने उसके होंठों से गिलास लगा दिया.
वह फिर से बोली- बाथरूम में मुठ मारने गए थे न?
मैंने कहा- हां तुमने देखा भी तो था!
वह जोर से हंस पड़ी, फिर जल्दी से अपने होंठ दबाती हुई शांत होती हुई बोली- मैं तो भूल ही गई थी कि तेज आवाज से कोई जाग भी सकता है!
आजू बाजू के कमरों की याद आते ही एक पल के लिए हम दोनों शांत हो गए.
मैंने गिलास को जल्दी से खत्म किया और उसके कमरे से निकल जाने की सोचने लगा.
वह बोली- क्या जाने की सोच रहे हो?
मैंने कहा- हां, क्यों अभी और चाहिए क्या?
वह बोली- हां, एक बार फिर से करते हैं न!
मैंने कहा- क्या तुम्हें इस बात का डर नहीं है कि सुहागरात पर तुम्हारा पति तुम्हें कुंवारी नहीं पाएगा तो क्या सोचेगा?
वह हंस दी और बोली- उसको ऐसा लगता है कि दिल्ली की लड़की चुदी चुदाई होती हैं. जब उसे ऐसा लगता ही है, तो मुझे उसका लगना सही कर देना चाहिए … है न!
मैं चुप था.
वह एक गिलास और बना कर एक लंबा घूंट लेकर X दुल्हन पोर्न के लिए उतावली होकर बोली- लो इसे जल्दी से बाटम अप करो और मुझे अपने लंड पर कुदवाने के लिए रेडी हो जाओ.
मैंने झट से दारू का गिलास खत्म किया और बोतल से दारू को अपने लौड़े पर डाल कर कहा- लो चूसो!
उसने भी लंड चाटते हुए दारू चूसी और लंड को खड़ा कर दिया!
मैंने उससे पूछा- जब तुम कुंवारी थी, तो तुम्हें लंड चूसने का अनुभव कैसे हो गया?
वह बोली- मुँह में लेने का अनुभव है मुझे!
उसकी साफ़गोई से मुझे अच्छा लगा. फिर उसने पूछा- क्या तुम्हें मैं अच्छी लगी या तुमको अपनी गर्लफ्रेंड?
मैंने कहा- मैंने किसी को अपनी गर्लफ्रेंड नहीं बनाया है.
वह चौंक कर बोली- फिर सेक्स किसके साथ किया?
मैंने कहा- सबसे पहला सेक्स तुम्हारे साथ ही किया.
वह हैरानी से मेरी तरफ देखने लगी.
अब वह कुछ सोचने लगी थी.
मैंने पूछा- क्या सोच रही हो?
वह बोली- मैं भी कुंवारी और तुम भी कुँवारे! तो इसका मतलब यह हुआ कि आज हम दोनों ने सच्ची सुहागरात मनाई थी न!
मैंने कहा- हां यही सच समझना चाहिए!
वह खुश हो गई और मेरे कड़क हो चुके लंड पर अपनी चूत फंसा कर बैठने लगी.
उसको दर्द हो रहा था लेकिन वह बैठ गई.
मैंने नीचे से धक्के देना शुरू कर दिए.
कुछ ही देर में अब वह सहज हो गई थी और मेरे साथ सेक्स का मजा ले रही थी.
इस बार दारू का नशा था, एक बार झड़ चुके थे और सबसे बड़ी बात यह कि हम दोनों ही अपनी पहली सुहागरात का मजा ले रहे थे.
लगभग आधा घंटा तक हम दोनों ने सेक्स किया और एक दूसरे में ही झड़ गए.
इस बार यह उसका निर्णय था कि वह मेरे वीर्य को अपने अन्दर लेगी.
यदि वह प्रेग्नेंट हो गई तो मेरे बच्चे को ही जन्म देगी.
सेक्स के बाद हम दोनों आधी रात तक हमबिस्तर हुए पड़े थे.
ऐसा लग रहा था मानो मैं जन्नत की सैर करके आया हूँ.
ऊपर से उसके मेहंदी वाले हाथ पैर, उसकी चमचमाती स्किन चेहरे पर तेज … ऐसा लग रहा था जैसे अपनी ही दुल्हन को चोदा हो.
हम दोनों का यह पहला ही सेक्स था, हम दोनों ने उसे बहुत एन्जॉय भी किया था.
यहां पर मैंने पहली ही बार लिखा है तो कुछ गलत लिखा हो या फिर कुछ रह गया हो तो भूल माफ कर दीजिएगा.