मेरे मुंह से बहुत ही गंदी आवाज निकल रही थी। मेरे मुंह से पानी और लार बह रही थी। जीजू के मुंह से आह आह की आवाज आने लगी।
जीजू अब जोर-जोर से मेरे मुंह को चोदने लगे। शायद जीजू बेकाबू हो रहे थे। वो लगातार मेरे मुंह में अपना लंड डाल रहे थे। मैं खुद को नहीं रोक पा रही थी और घचा-घच जीजू के लंड को अपने मुंह में अंदर-बाहर ले रही थी। अब मुंह से लंड बाहर निकाल कर मैंने बोला-
मैं: जीजू आपका लंड बहुत बड़ा और रसीला है!
तो जीजू बोले: चूसो जान चूसो।
और फिर से मेरे मुंह में लंड डाल दिया। मैं गले तक जीजू का लंड ले रही थी और चूस रही थी। शायद जीजू को भी बहुत मज़ा आ रहा था। जीजू का लंड मैं अपने मुंह में अन्दर-बाहर कर रही थी, और बीच-बीच में रुक कर अपने थूक से उसे अच्छी तरह गीला कर रही थी। जीजू अपने हाथों से मेरे बालों को सहला रहे थे।
मैं झुक कर जीजू के लंड को चूस रही थी। मैंने जीजू के लंड को पूरा बाहर निकाल कर कहा-
मैं: जीजू मार ही डालोगे क्या? थोड़ा सब्र करो। चूस रही हूं ना मैं तुम्हारे मूसल लंड को।
जीजू मेरे बाल पकड़ कर लंड को अन्दर मेरे मुंह में धकेल रहे थे। मैं पूरा लंड गले तक ले रही थी। मैं समझ गई थी कि जीजू का लंड आज मेरी चूत को फाड़ कर रख देगा, और मैं भी यही चाहती थी।
क्या बताऊं दोस्तों, जीजू का लंड बहुत बड़ा और रसीला था। मैं जल्दी-जल्दी जीजू के लंड को मुंह में भर कर चूस रही थी, और बीच-बीच में जीजू का लंड मेरे मुंह से निकाल कर हाथ से हिलाती, और वापिस मुंह में भर रही थी। मैं घुटनों के बल बैठ कर बड़े ही प्यार से जीजू का गर्म लंड चूसे जा रही थी।
जीजू का लंड बिल्कुल तना हुआ था, और उसकी चौड़ाई के कारण मेरे दांत जीजू के लंड के साथ रगड़ खा रहे थे। जीजू ने मेरे सिर को पीछे से पकड़ लिया, और जोर-जोर से मेरे मुंह को चोदने लगे। मैंने अपने हाथों से जीजू के कूल्हों को जकड़ लिया, और लंड बाहर निकाल कर बोली-
मैं: मैं बहुत दिनों से प्यासी हूं। आज मेरी प्यास बुझा दो। मेरा मुंह अपने लंड के गर्म पानी से भर डालो जीजू।
शायद मेरी ऐसी बातों ने जीजू की उत्तेजना को और भड़का दिया था, तो जीजू ने अपने हाथ से लंड पकड़ कर वापिस मेरे मुंह में डाल दिया और अपने दोनों हाथों से मेरा सिर पकड़ कर ज़ोर-ज़ोर से झटके देने लगे।
जीजू सिसकारियां भर रहे थे, और बोल रहे थे: चूसिये साली जी।
और कस-कस के चूसिये, मजा आ रहा है। आहह आह आह बहुत देर तक लंड चूसने के बाद जीजू ने मेरे मुंह से लंड को बाहर निकाला, और मुझे कंधे पकड़ कर उठाया, और खड़ा करके रसोई की पट्टी की तरफ झुकाया।
फिर पीछे से जीजू का हाथ मेरी सलवार के नाड़े तक आकर जैसे ही मेरे पेट से छुआ, मैं कांप गई। जीजू ने दो उंगली मेरे पेट से अड़ा कर मेरी सलवार का नाड़ा अपनी उंगली से पकड़ कर खींच दिया। नाड़ा खुलते ही मेरी पटियाला सलवार सरक कर मेरे दोनों पैरों के बीच में गिर गई।
जीजू मेरी जांघों पर हाथ फेरते-फेरते अपना हाथ मेरे चूतड़ों तक ले आये। और पीछे से ही एक हाथ मेरी पैंटी के अंदर डाल दिया और मेरी दहकती हुई फूली चूत सहलाने लगे। मेरी सेक्सी चूत बहुत ज्यादा गरम हो रही थी। मेरी चूत पर हल्के-हल्के बाल थे।। मेरी चूत पूरी गीली हो गई थी।
मेरी पेंटी गीली हो गई थी। जीजू ने बड़े प्यार से खड़े-खड़े ही अपनी 1 उंगली मेरी दहकती गर्म चूत में डाल दी, तो मैं उछल गयी। जैसे ही जीजू ने मेरी चूत में उंगली डाली, मेरे मुंह से सिसकारी निकल पड़ी आह आह। मैंने आहें भरी तो जीजू मेरी सेक्सी चूत में ऊंगली देने लगे, और मैं सेक्सी गांड उठा के मचलने लगी।
जीजू ने मेरी चूत में उंगली करनी शुरू कर दी। अब मुझे मजा आने लगा। मैं जोर-जोर से आवाजें निकालने लगी।
मैं: आआहहह आहह आह अहहह आह जीजू, और जोर से।
अब हम दोनों ही बहुत ज्यादा गरम हो गए थे। मैं जीजू के साथ सारी हदें पार करती चली गयी थी। मेरे तन-बदन में आग जल रही थी।
जीजू: क्या मस्त दहकती हुई फूली चिकनी चूत है तुम्हारी अस्मिना। तुम्हें चोदने में तो मजा आ जायेगा जान। मैं तुम्हे पूरी तरह से नंगा करके आज लंड तुम्हारी चिकनी चूत में घुसा कर तुमको कस के चोदना चाहता हूं। सच में तुम्हारी चिकनी चूत तो बहुत रसीली है यार।
मैं: ऐसा मत बोलो जीजू आहह, कितना बड़ा लंड है आपका जीजू! यह अंदर तक जायेगा तो फट जायेगी मेरी चूत आह आहहह आहहह।
जीजू मेरी चूत को अपनी भूखी नज़र से देख रहे थे।
जीजू: तुम्हारी चूत का भोंसड़ा बना दूंगा आज मैं। अस्मिना तुम्हारी चुदाई करने में तो मजा आ जायेगा।
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।
मैं बोली: जीजू अब मुझे चोदिये। मैं आपके लंड की प्यासी हूं। जल्दी से मेरी चूत में लंड डाल दीजिए, जीजू आह आह आह।
जीजू एक हाथ से मेरी चूत में उंगली कर रहे थे, और दूसरे हाथ से मेरी चूंची को कमीज के उपर से ही दबा रहे थे। जीजू मेरी पीठ को चूमते हुए मेरी भरपूर जवानी पर हाथ फेरने लगे। मैं सिसकारियां लेने लगी।
अब हम दोनों कंट्रोल के बाहर होते जा रहे थे। जीजू मेरी चूत में बहुत तेज़-तेज़ उंगली कर रहे थे। पहले एक, उसके बाद दो उंगली डालने लगे। मैं तो एक-दम पागल हो गयी, और कहने लगी-
मैं: जल्दी से डाल दो जीजू, अब रुका नहीं जाता आह आह जीजू।
जीजू अपनी उंगलियों को मेरी चूत में आगे-पीछे कर रहे थे। हर बार जीजू की उंगलियां मेरी चूत में गहराई तक घुस रही थी। मेरी सलवार नीचे मेरे पैरों के बीच में फंसी हुई थी। मेरी पेंटी मेरे माल से गीली हो गयी थी। तो जीजू ने मेरी पैंटी की रेशमी कोमलता के ऊपर अपना हाथ घुमाया, और फिर एक झटके में पेंटी खीच कर नीचे सरका दी।
फिर जीजू ने मेरी कमीज को ऊपर कर दिया और मेरी पेंटी और सलवार जो मेरे पैरों में अटकी हुई थी, उनको मेरा एक पैर उठा कर सलवार और पेंटी बाहर निकाल दी। मेरी गीली माल से तर चिकनी चूत जीजू के सामने नंगी थी।
जीजू ने मुझे मेरी दोनों टांगें चौड़ी करके आगे गैस पट्टी की तरफ झुकाया, और लंड के सुपारे को मेरी चूत की फांकों में रगड़ना शुरू किया। मैं जीजू के गर्म लंड को अपनी चूत पर महसूस करके ज़ोर-ज़ोर से सिसकियां लेने लगी। जीजू के गर्म लंड की रगड़ से मैं और उत्तेजित हो कर मुंह से सिसकारी भरने लगी। मेरा जिस्म अकड़ने लगा। मैं जीजू के मोटे लंड की रगड़न से ही झड़ गयी। मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया था। जीजू का लंड मेरी चूत के पानी से सन गया।
फिर जीजू ने अपने लंड के सुपाड़े को मेरी गरम तड़पती हुई चूत पर रख कर एक कस के धक्का मारा, तो आधे से ज्यादा लंड मेरी कसी हुई चूत में घुस गया। लंड घुसते ही मेरे मुंह से ऊऊऊईईईई ऊफ़फ़फ़ सिसकरियां निकल लगी। मैं लंबी-लंबी सांसें लेने लगी। फिर जीजू ने लंड को चूत से थोड़ा बाहर निकाला, और फिर मेरी चूत पर लंड टिका कर मेरी दोनों चूचियों को अपने हाथों से पकड़ कर एक जोर का धक्का मार दिया।
जीजू का गरमा गर्म लंड मेरी चिकनी रसीली चूत की गहरायी में घुस कर मेरी बच्चेदानी को छू गया। मेरी सिसकारी निकल गई-
मैं: आह आह आह आह जीजू आहह मर गई आह बहुत मोटा है जीजू आपका लंड आह बाहर निकालो जीजू।
फिर जीजू ने लंड को बाहर निकाला, और फिर चूत के मुंह पर रख कर जोर से धक्का दिया, तो जीजू का पूरा लंड मेरी चूत की गहराई में अंदर तक चला गया। मेरी चूत ने जीजू के लंड को जकड़ लिया था। अब जीजू धीरे-धीरे अपने गर्म लंड को मेरी चूत में अंदर-बाहर करने लगे। जीजू का लंड मेरी चूत में रगड़ खाकर अन्दर-बाहर हो रहा था।
आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी मुझे मेल करके जरूर बताएं। आप सब के प्रत्युत्तर से ही मैं आगे और कहानी लिखूंगी। कोई भी सुझाव आप मुझे मेरी मेल आई पर दे सकते है।