बैड वाइफ पोर्न कहानी में पढ़ें कि मेरी बीवी ने अपने पुराने यार से घर में मेरे होते हुए चुदवा लिया. उसने उसे हमारे घर बुलाया, उससे बेडरूम में, बाथरूम में, हाल में चुदी.
नमस्ते दोस्तो, बहुत समय के बाद में कुछ लिख रहा हूँ.
मेरी पुरानी सेक्स कहानी
मेरी बीवी बनी मेरे ऑफिस की रंडी
पर मुझे अभी भी मेल आते हैं, पढ़ कर काफी अच्छा लगता है.
दोस्तो, अब मेरी बीवी को मेरे सामने किसी भी मर्द से चुदने में कोई गुरेज नहीं था.
मैंने उससे एक दो बार कहा, तो वह अकेले में तो कुछ नहीं कहती थी लेकिन जब मेरा बॉस मेरी बीवी की लेने मेरे घर आता था, तो वह उनके सामने एकदम रंडी बन कर चुदाई करवाती थी और उस वक्त मेरा बॉस भी मुझे सामने खड़ा करके मेरी बीवी की लेता था.
वह मुझसे ही मेरी बीवी की चुत चटवाता था और एक दो बार तो उसने मुझसे अपने लंड को भी चुसवाया था.
उस वक्त शराब के नशे में टल्ली होने का ड्रामा करके मेरी बीवी स्वाति मुझे गाली देकर बुलाती थी- ओए गांडू, चुत चाट भोसड़ी के … साले अपने बॉस की इज्जत किया कर. इनके लंड की बदौलत तुझे तनख्वाह मिलती है, जिससे अपना घर चलता है.
अब तो बहुत लोगों के साथ स्वाति का रंडीपना बाहर आ गया था.
आज की यह बैड वाइफ पोर्न कहानी मेरी बीवी स्वाति और उसके दोस्त अमित की है.
उसका दोस्त अमित मुंबई से दो दिन के हमारे शहर अपने किसी इंटरव्यू के काम से आया था और उसे हमारे ही शहर में रुकना था.
अचानक शनिवार शाम को अमित का फ़ोन स्वाति के फोन पर आया कि घर पर मिलने आना चाहता हूँ. मैं जॉब के लिए इंटरव्यू देने आया था, वह कल होगा. अब कल शाम तक मैं यहीं हूँ, तो तुम्हारे घर पर ही मिलेंगे. तुम रात का खाना मेरे साथ कहीं बाहर कर लेना.
तब मैं स्वाति की बातें सुन रहा था.
स्वाति बोली- बाहर खाना खाने से अच्छा है कि तुम घर पर आ जाओ. हम लोग यहीं मिलते हैं. घर पर ही डिनर करेंगे.
स्वाति ने तभी मेरी तरफ़ देखा, मैंने भी हां में सर हिला दिया.
अमित ने सामने से ‘ठीक है.’ कहा और फोन रख दिया.
शाम को ठीक आठ बजे घर पर दस्तक हुई.
मैंने दरवाज़ा खोला, अमित सामने था; मैंने उसे अन्दर आने का कहा.
स्वाति तब खाने की तैयारी कर रही थी.
उसने किचन से ही अमित को बैठने के लिए कहा और उसके लिए पानी ले आयी.
हम सबकी बातें होने लगीं.
स्वाति के पूछने पर अमित ने बताया कि वह अभी किसी होटल में नहीं रुका है. इधर से जाने के बाद कोई होटल देखेगा.
इस बात पर मैंने उसे एक रात के लिए घर में ही रोक लिया.
वैसे भी इतनी रात होटल में रूम मिलना मुश्किल था.
हम सभी ने साथ में खाना खाया.
मेरे लिए शनिवार मतलब लेट नाइट सेक्स और फिर सोना, ये मेरा प्लान रहता था.
अमित अपने लिए बताए गए कमरे में चला गया.
वह कह कर गया था कि उसे इंटरव्यू की तैयारी करना है.
उसके जाने के बाद मैंने स्वाति को हॉल में ही दबोच लिया, उसे वहीं किस करने लगा, उसकी बड़ी बड़ी चूचियां दबाने लगा.
स्वाति भी मूड में लग रही थी … या पता नहीं, वह मुझे खुश करके अपने यार के साथ सेक्स करने की जुगाड़ फिट कर रही थी.
हालांकि वह खुले आम भी मुझसे कह सकती थी कि तुम कमरे में जाओ और सो जाओ. मैं अपने यार अमित से चुदवाने उसके कमरे में जा रही हूँ.
पर स्वाति ने ऐसा नहीं किया.
शायद वह अपनी इस रंडीपना की आदत को अपने यार के सामने छिपाना चाहती थी.
वह उसे जताना चाहती थी कि वह उससे प्यार करती है और पति से छुप कर उससे चुदवा रही है.
इसी लिए जब मैंने स्वाति को हॉल में पकड़ कर चूमना और मसलना शुरू किया, तो वह भी गर्म होकर मेरा साथ दे रही थी.
तभी अमित अचानक रूम से बाहर आया, वह पानी के लिए आया था.
उसने सब देख लिया.
हम दोनों को जैसे ही पता चला, हम अलग हो गए.
अमित ने जैसे अनदेखा कर दिया और स्वाति से पानी माँगा.
स्वाति पानी लाने गयी, तब अमित उसकी गांड देखकर लंड सहलाने लगा.
फिर जैसे ही अमित वापिस कमरे में गया, मैंने स्वाति को बेडरूम में ले जाकर बिस्तर पर धक्का दिया और हम दोनों फिर से चालू हो गए.
मैंने बीवी के सारे कपड़े उतारे, लाइट बंद कर दी और उसे डॉगी स्टाइल में चोदने लगा.
दो मिनट चोदने के बाद मेरा लंड झड़ने लगा.
तभी मैंने स्वाति को मुँह में लंड लेने को कहा, पर स्वाति नाराज़ हो गयी.
उसका मूड ज़्यादा देर तक चुदवाने का था. दो मिनट उसके लिए काफ़ी नहीं थे.
उसने ताना मारकर कहा- इससे अच्छा तो मैं उंगली से काम चला लेती.
वह नीचे बैठकर मुँह में लंड लेने लगी.
तभी मेरा ध्यान दरवाज़े की ओर गया.
जल्दी जल्दी में मैं दरवाज़ा लगाना भूल गया था.
खुले दरवाजे से अमित हमारी चुदायी देख रहा था.
वह खुद का लंड भी हिला रहा था.
उसे देख कर मैं और उत्तेजना में आ गया और स्वाति के मुँह को चुत समझ कर चोदने लगा.
एक मिनट बाद ही मैं उसके मुँह में पानी छोड़कर लेट गया.
बीवी नाराज़ होकर मेरे साथ लेट गयी और अपनी चूत में उंगली करने लगी.
मैंने वापिस दरवाज़े की तरफ़ देखा, तो अमित चला गया था.
उसके बाद हम दोनों सो गए.
आधा घंटा बाद हलचल हुई, शायद मेरा हाथ बीवी की गांड पर गया था.
वह मेरा हाथ हटाकर उठी और पानी पीने किचन में चली गयी.
मैं वापस सो गया.
फिर मेरी नींद खुली कि बीवी अभी आयी क्यों नहीं, तो मैं उठ कर किचन की तरफ गया, तो वह किचन में नहीं थी.
पर अमित के रूम से आवाज़ आ रही थी.
अमित कह रहा था- मेरा पकड़ लिया है तो देख न … यह तेरे पति की लुल्लू से बड़ा और काला सांड जैसा लंड है.
शायद बीवी ने उसका लंड पकड़ लिया था और वह उसे सहला रही थी.
अमित फुसफुसाते हुए बोला- इससे शादी की, पर ये तुझे खुश ना रख पाएगा. मेरी रंडी बन जा, मैं चूत को शांति दे दूँगा.
साले ने मेरे जल्दी झड़ने का फ़ायदा उठाया था और वह स्वाति की चूत में उंगली करने लगा था.
स्वाति बोली- चोद ना इस रंडी को, तुझे किसने मना किया है!
मुझे ग़ुस्सा आया पर मैं कुछ कर नहीं सकता था.
फिर मैंने थोड़ा दूर होकर आवाज़ लगायी- डार्लिंग किचन में हो क्या?
एक मिनट बाद मैं अमित के रूम की तरफ़ गया और बाहर से बोला- अमित जागे हो क्या?
तभी अमित बोला- हां अन्दर आ जाओ.
मैं उन दोनों को रंगे हाथों पकड़ना और देखना चाहता था.
अमित की आवाज सुनकर मैं अन्दर चला गया.
पर वहां मुझे मेरी बीवी नहीं दिखायी दी.
अमित कुर्सी पर बैठा था.
मुझे देख कर वह बोला- कल के इंटरव्यू के लिए तैयारी कर रहा हूँ.
मुझे अचानक उसका चेहरा देख कर पता चला कि टेबल के अन्दर स्वाति उसका लंड मुँह में ले रही है.
मैं जानबूझ कर उससे बातें करने लगा.
एक मिनट बाद बात करते करते उसने अचानक अपने मुँह से आह आह की आवाज़ निकाली.
मेरी बीवी ने उसके लौड़े को ऐसा चूसा कि वह वहीं टेबल के नीचे स्वाति के मुँह में झड़ गया.
मैंने पूछा- क्या हुआ?
अमित नीचे स्वाति का मुँह देख कर बोला- किसी मच्छर ने काट लिया पैर के में … साला बड़ा हरामी है.
यह कह कर वह हंसने लगा और मुझे यह कह कर वहां से दफ़ा कर दिया कि अब आप जाएं, मुझे स्टडी करनी है.
मैं वापिस आ गया.
पाँच मिनट बाद बीवी भी कमरे में आ गयी और सो गयी.
मैं उससे कुछ बोल ही न पाया.
यदि बोलता तो शायद वह रात में अपना नंग नाच शुरू कर देती.
सुबह जब मैं उठा तो स्वाति नहा रही थी.
मैं बाहर जाकर अखबार पढ़ने लगा.
कल रात का सीन अभी भी दिमाग में घूम रहा था.
तभी बाथरूम से आवाज़ आने लगी ‘अहह आह्ह अह्ह्ह …’
मैं समझ गया कि अमित और स्वाति रात की अधूरी चुदायी कर रहे हैं.
मैंने बाहर से आवाज़ दी- स्वाति क्या हुआ?
स्वाति बोली- कुछ नहीं, पानी ज़रा ज़्यादा ठंडा है … तो आवाज़ निकल गयी.
दस मिनट के बाद पहले स्वाति ने बाथरूम का दरवाज़ा हल्का सा खोला और बाहर मुझे देखकर वह मेरे पास आयी.
वह मेरे सामने तौलिया गिरा कर मुझे किस करते हुए मेरा हाथ अपनी चूत पर ले गयी.
वह बोली- कल रात का पानी अभी तक गीला है शायद!
वह पानी अमित ने उसकी चूत में अभी छोड़ा था. वह मेरा हाथ पकड़कर मुझे बेडरूम में ले गयी.
जैसे ही हम दोनों अन्दर गए, अमित बाथरूम से निकला होगा और अपने कमरे में चला गया होगा.
रूम में ले जाकर बीवी ने मुझे एक किस किया और कपड़े पहनने लगी.
वह बोली- आप नहा कर आओ.
हम तीनों सुबह नाश्ता करने बैठ गए.
टेबल के दाईं तरफ़ स्वाति, तो अमित बायीं तरफ़ और मैं सामने.
खाते वक्त भी मेरी बीवी मेरे सामने अमित का लंड हिला रही थी.
मैंने तभी नाटक किया कि मुझे बॉस का कॉल आ रहा है.
ऐसे करके मैं फोन लेकर छत की तरफ़ गया.
ऊपर आधी सीढ़ी पर बैठकर दोनों की चुदायी देखने लगा.
मैं ऐसी जगह बैठा था, जहां से मैं उन्हें ना दिखूँ.
मेरे जाते ही उसने मेरी बीवी को किस करना चालू कर दिया.
दो ही मिनट बाद डाइनिंग टेबल पर उसने मेरी बीवी स्वाति को घोड़ी बना दिया, बीवी की निक्कर नीचे करके वह उसे पीछे से चोदने लगा.
बीवी बोली- यहां नहीं, पति आ जाएगा.
तभी अमित बोला- उस नल्ले को आने दे … उसे भी तो पता चले कि असली मर्द जब आता है, तब उसकी बीवी झुक कर गांड से स्वागत करती है.
यह कह कर वह जोर जोर से चोदने लगा.
पूरी डाइनिंग टेबल हिलने लगी.
मेरी बीबी उसके लंड के नशे में खो गयी.
दस मिनट तक धकाधक चोदने के बाद उसने मेरी बीवी को उठाया और मेरे रूम के बिस्तर पर ले गया.
मैं नीचे आया और अपने रूम के बाहर लॉक वाले की-होल से देखने लगा.
उसने मेरी बैड बीवी को सीधा लिटाया और उसे किस करते हुए चोदने लगा.
उसने जोर जोर से धक्के मार कर मेरी पोर्न बीवी की चूत का भोसड़ा बना दिया.
थोड़े और धक्के मारने के बाद जैसे मैं कल रात स्वाति का मुँह चोद रहा था, वैसे ही वह उसके मुँह में जोर जोर से लंड पेलने लगा.
कुछ मिनट बाद वह मेरी पत्नी के मुँह में झड़ गया.
स्वाति सारा पानी चटखारे लेती हुई बोली- अगली बार आना तो ख़ास मेरी बजाने के लिए ही आना … वर्ना मैं तेरे शहर आकर पति को चकमा देकर तुमसे चुदवा लूँगी.
वे दोनों हंसने लगे.
मैं वापस ऊपर गया.
उनके बाहर आने के बाद मैं नीचे आया. तभी अमित बोला- यहां रोकने के लिए थैंक्यू … नाश्ता और रात का खाना बहुत अच्छा था.
मेरी बीवी बोली- तो आते रहना और मजा लेते रहना … नाश्ता और खाना का.
वे दोनों हंस पड़े.
अब अमित चला गया.
ऐसा था मेरी रंडी बीवी का एक और कारनामा.